मीरा कितनी देर से रो रही थी, इस बात का उसे अंदाजा बिल्‍कुल भी नहीं था, आंखे लाल होकर सूज चुकी थी, पर आंसू नहीं रूके। उसका दिल उदास था, किसी अपने ने आज उसे बहुत बड़ा धोखा दिया था।

इतना दुख तो उसे तब भी नहीं हुआ था जब उसकी शादी टूटी थी...वह रिश्‍ता तो कुछ ही समय का था, बना और टूट गया। पर आज उस इंसान ने धोखा दिया है जिसे वह दुनिया में सबसे ज्‍यादा प्‍यार करती थी।

उसके पापा अमरीश मीरा के लिए उत्तम उदाहरण थे कि आदमी कैसा होना चाहिए। 

राघव ने एक बार पूछा था कि क्‍या मैं तुम्‍हारा पहला प्यार हूं क्‍या मेरे अलावा भी तुम्‍हारी जिंदगी में कोई आया था, जिसे तुमने अपना दिल दिया हो? 

मीरा चहकते हुए बोली थी...हां बिल्‍कुल, मेरा पहला प्‍यार मेरे पापा हैं, और वो मेरी जिंदगी में नहीं आए मैं उनकी जिंदगी में आई हूं।

‘’तो फिर मैं दूसरा प्‍यार.?’’

‘’नहीं नहीं एकदम नहीं...दूसरा प्‍यार तो मेरी मम्‍मी हैं, फिर भैया उसके बाद दादी दादाजी...’’ मीरा की लम्‍बी लिस्‍ट सुनकर राघव ने कहा, ‘’बस बस बस मैं समझ गया मैं कहीं गिनती में हूं ही नहीं, मुझसे पहले तुम्‍हारी लाइफ में जो भी आया वह सब तुम्‍हारा प्‍यार है।‘’ 

मीरा को उस फार्महाउस के एक कमरे में बांधकर बैठा दिया गया था।

अमरीश उसे अचानक यहां देखकर गहरे तनाव में आ गए, नैना उन्‍हें घूर रही थी। वे अफसोस और दुख से सिर झटकते हुए बोले, ’’आखिरकार वही हो गया जिसका डर था...मैंने इतने सालों में अपने इस काम को मीरा से छुपाकर रखा, करोड़पति होते हुए भी खुद को मिडिल क्‍लास की तरह रखा वरना मुझे लोगों को और अपने परिवार को बताना पड़ता की आखिर मैं करता क्‍या हूं...।

आज से नहीं बल्‍कि बहुत पहले से ही मेरी इतनी औकात हो गई थी कि मैं देश के किसी भी शहर में बड़ा सा बंगला खरीद सकता था, खुद का प्राइवेट प्‍लेन, दुनिया के किसी भी कोने में घूमना, कोई भी कार खरीद लेना, पर मुझे पता है कि इस काम के लिए मेरी फैमिली मुझे कभी नहीं स्‍वीकार करेगी।’’ 

नैना ने कहा, ‘’वो बातें हम बाद में करेंगे, यह बात हमारे चीफ तक पहुंच गई है...उन्‍होंने मीरा को रास्‍ते से हटाने के लिए कहा है।‘’ 

अमरीश, नैना पर चीख उठे…’’इस बात का मतलब भी पता है तुम्‍हें, तुम यह चाहती हो कि मैं अपनी मीरा को जान से मार दूं?‘’ 

‘’उसके अलावा कोई चारा है, सालों पहले तुमने मीरा की मां को भी तो…कहते कहते नैना रूक गई।’’ उसे यह बात नहीं कहनी चाहिए थी, अमरीश को मीरा की मां के बारे में कुछ भी सुनना पसंद नहीं था। 

‘’मैं ऐसा नहीं कर सकता‘’ अमरीश ने दांत पीसते हुए कहा ‘’कोई और रास्‍ता निकालना पड़ेगा..।’’

‘’और क्‍या रास्‍ता है हमारे पास, यह मीरा है राघव नहीं जिसे हम गायब होने पर मजबूर कर दें। मीरा को तो हम किसी भी तरह से मजबूर  नहीं कर सकते...’’ 

‘’चाहे कुछ भी हो जाए, मैं अपनी बेटी को नहीं मार सकता…मैं उसे प्‍यार से समझाऊंगा कि मैं यह सब किसी मजबूरी में कर रहा हूं..।’’ 

‘और तुम्‍हें लगता है कि वह मान जाएगी...उसका बाप नकली दवाईयों और नकली वैक्‍सीन का कारोबार करता है, इस एक्‍सपेरिमेंट में न जाने कितने लोगों की जानें गई है...पुलिस रिपोर्ट में तीन सौ से ज्‍यादा लोग लापता है, जिनकी मौत हमारे कारण हुई है। कभी सोचा है अगर इस फार्महाउस पर पुलिस ने धावा बोल दिया तो, हम सबकी सजा मौत से कम नहीं होगी, ऐसी न्‍यूज से तो आजकल की पब्‍लिक भी पागल हो उठती है, कहीं बीच रास्‍ते में ही हमें पीट पीटकर न मार डाले। 

तुमने सबसे बड़ी गलती आज से पांच साल पहले कि थी...अगर तुमने राघव को उस रात गोली मार दी होती तो आज यह स्‍थिति नहीं आती। राघव को जिंदा छोड़ने का नतीजा यह हुआ कि मीरा के सामने हमारा पर्दाफाश हो गया।

‘’उस राघव को तो मैं जिंदा नहीं छोड़ूंगा, वह तो उस नवजात बच्‍चे पर मुझे दया आ गई थी’’ अमरीश ने कहा। 

‘’दया…हमारे प्रोफेशन में दया नाम की कोई चीज नहीं है अमरीश…अगर दया ही दिखानी होती तो हमारा एक्‍सपेरिमेंट एक सपना ही रह जाता। तुम अच्‍छे से जानते हो अगर मीरा यहां से जिंदा निकली तो सबकुछ तबाह हो जाएगा, हम सबको अंडरग्राउंड होना पड़ेगा, छिपकर रहना होगा, और तो और हमारी माली हालत एक भिखारी जैसी हो जाए। अगर हम पुलिस की पकड़ में आ गए तो जब तक जिंदा रहेगें, जिल्‍लत वाली जिंदगी जिएंगे...नो नो नो... मैं जेल में नहीं सड़ना चाहती और अगर किसी की पकड़ में नहीं आए तो मुझे फिर से वापस वही घटिया लाइफ नहीं जीनी, वो मिडिल क्‍लास वाली बोरिंग लाइफ’’ कहते कहते नैना हांफने लगी। 

‘’मीरा मुझे जेल में जाते हुए नहीं देख सकती, ना ही फांसी पर लटकते हुए…वो मुझे बहुत प्‍यार करती है।‘’ 

‘’एक कोशिश कर के देख लो, पर एक बात याद रखना...मीरा को अगर तुमने छोड़ दिया तो यहां के बाकी डाक्‍टर उसे नहीं छोड़ेगे, और अगर किसी तरह छूट भी गई तो चीफ की नजरों से वह नहीं बच पाएगी। तुम्‍हें पांच साल पहले करन की मौत तो याद ही होगी...? वही करन जो तुम्‍हारी मीरा के बचपन का दोस्‍त था, जिसे हमारे चीफ ने भरी दोपहर में ट्रक से कुचलवा दिया था क्‍योंकि वह हमारे सीक्रेट जान गया था। उसे पता चल गया था कि राघव के गायब होने का यह रीजन है, वह तो उसी समय मीरा को बताने वाला था.…बट थैंक गॉड उससे पहले हमारे चीफ ने अपना काम कर दिया है।‘’

कहकर नैना बाहर चली गई… 

अमरीश, करन की दर्दनाक मौत को याद कर के सिहर उठे...एकाएक उनके सामने मीरा का चेहरा आ गया। खून से लथपथ मीरा सड़क के किनारे पड़ी है...उसका सिर फटा हुआ, पूरे शरीर से खून बह रहा है, वह अपनी आखिरी सांसे गिन रही है, ऐसा लग रहा है कि अब बस किसी भी समय वह दुनिया छोड़ सकती है, उसकी आंखे अमरीश की ओर देख रही हैं और विनती कर रही हैं पापा प्‍लीज मुझे बचा लिजिए, मुझे जीना है...।’’

अमरीश अपनी सोच में ही डूबे थे कि नैना ने अंदर आकर कहा, ‘’क्‍या सोच रहे हो अमरीश...? हम अपना ड्रीम प्रोजेक्‍ट ऐसे खत्‍म नहीं होने दे सकते, राघव मजबूर था पर मीरा नहीं। मीरा की मौत ही सारी समस्‍याओं का हल है, मैंने अभी बाहर जाकर पता लगाया है कि मीरा किसी को बताकर नहीं आई है, आई मीन अपने आफिस में भी नहीं, शायद तुम्‍हारी वाइफ को भी पता नहीं है, फार्महाउस के बाहर बहुत बड़ा जंगल है, मीरा को मारकर कहीं भी दफन कर सकते हैं।‘’ 

‘’तुम्‍हारा दिमाग खराब हो गया है, केवल मर्डर की बातें, तुम औरत होकर सेंसलेस और हार्टलेस हो सकती हो?‘’ 

नैना ने भी गुस्‍से से कहा, ‘’मैं सेंसलेस और हार्टलेस आज से नहीं जब से होश संभाला है तब से हूं, मेरे बाप ने मेरी मां को छोड़कर दूसरी औरत से शादी करी थी, हमें दर दर की ठोकरें खाने पर मजबूर कर दिया, ऐसा कोई दिन नहीं बीतता था जब मुझे लोगों की बुरी नजरों का सामना न करना पड़ा हो, और भी बहुत कुछ झेला है मैंने जो तुमने केवल किताबों में ही पढ़ा होगा...सच में भुगता होता तो पता चलता।’’ 

‘’प्‍लीज.....मैं यह कहानी कई बार सुन चुका हूं, पर अब तो तुम अमीरों की जिंदगी जी रही हो, मैं मीरा से बात करने जा रहा हूं, तुम फार्महाउस के सारे मेंबर को मीटिंग रूम में इकट्ठा करो, आज रात को हम वो करेंगे जो हमने कभी नहीं किया है‘’ कहकर अमरीश कमरे से बाहर निकल गए।

मीरा कांच की दीवारों से घिरे एक छोटे से रूम में बैठी थी, उसके दोनों हाथ कुर्सी की हत्‍थे से बंधे थे, उसे खुद पर गुस्‍सा आ रहा था…करन की मौत इसी फार्महाउस के राज के कारण हुई थी और राघव का ऐसे छिपकर जीना भी इसी कारण हुआ। 

राघव ने सच में कहा था कि अनुज मामा और अनन्‍या तो केवल प्‍यादे हैं, असली खिलाड़ी तो कोई और है…तो यह हो रहा था असली खेल। मीरा के दिमाग में बहुत कुछ चल रहा था। पिछले दिनों वह अपनी जिंदगी की सबसे बड़ी हकीकत राघव को लगभग भूल ही गई थी...एक नया और सुंदर जीवन बांहे फैलाए उसका इंतजार कर रहा था, पर उसके बाप के किए कुकर्म को भोगने का समय आ गया था। 

तभी अमरीश ने उस रूम में प्रवेश किया…उनके चेहरे पर गहरा तनाव और गुस्‍सा पसरा था।

मीरा ने अपने बेबस और बंधे शरीर की पूरी ताकत लगा दी कि रस्‍सी खुल जाए और सामने खड़े इस आदमी का जो उसका पिता था उसका गला घोंट दे.…मीरा को इतने गुस्‍से में देखकर अमरीश भयभीत हो उठे, मीरा को इमोशनल ब्‍लैकमेल करना होगा। 

‘’शांत हो जाओ....एकदम शांत…मैं तुम्‍हें सबकुछ तो नहीं बता सकता लेकिन इतना कह सकता हूं कि मेरी गरदन एक बहुत बड़े नामी आदमी की हाथों में फंसी है…सालों पहले जब मैं कॉलेज का स्‍टूडेंट था तो एक साइंसटिस्‍ट बनना चाहता था…मुझे एक्‍सपेरिमेंट करना बहुत पसंद था, मैं दवाईयां बनाना चाहता था, वैक्‍सीन की दुनिया में अपना धाक जमाना चाहता था…पर यह तो तुम्‍हें भी पता है कि जो चाहो वो आजतक कितने लोगों को मिल पाया है।’’ 

‘’मुझे यह सब कुछ नहीं सुनना, सीधे प्‍वांइट पर आकर बताइए कि अपने ही परिवार से आपने इतनी बड़ी बात कैसे छुपाई?‘’

‘’मुझे एक झूठे केस में फंसाने की धमकी दी गई, वैक्‍सीन की दुनिया में सब लोग मानवता का भला नहीं चाहते, कुछ लोग इंसान की शक्‍ल में राक्षस भी होते हैं…वो मेरा चीफ जिसके लिए मैं काम करता हूं, वो वैक्‍सीन किंग बनना चाहता था, पर सफल नहीं हो पाया तो उसने इल्‍लीगल तरीका अपनाया, मार्केट में मौजूद वैक्‍सीन की कॉपी बनाकर लोगो को बेचना शुरू कर दिया...लोग इसे यूज भी करते हैं, पर इसके साइड इफेक्‍ट भी बहुत होते हैं।‘’ 

 

मीरा उन्‍हें हिकारत भरी नजरों से देखते हुए बोली, ‘’और आप ऐसी वैक्‍सीन बनाने पर मान भी गए...क्‍या मिल रहा है आपको लोगों की जिंदगियों से खेलकर?‘’ 

‘’नहीं मीरा नहीं, यह सब बहुत लम्‍बा नहीं चलने वाला है, अब हम नकली वैक्‍सीन बनाने का काम बंद कर के खुद की असली वैक्‍सीन बनाने का काम कर रहे हैं।‘’

‘’तो फिर नकली वैक्‍सीन और नकली दवाईयां किस लिए?‘’ 

‘’यह तो उन कम्‍पनियों को मार्केट से हटाने के लिए जिससे हम अपना प्रोडक्‍ट मार्केट में उतार सकें... नामी कम्‍पनियां बदनाम होंगी तभी तो लोग दूसरी चीजों की ओर देखेंगे, हमारी बनाई नकली वैक्‍सीन से लोगो को हार्टअटैक आएगा, बच्‍चे मेंटली और फिजिकली विकलांग पैदा होंगे, फिर हम जांच कर के गर्वमेंट को बताएंगे कि मार्केट में जो वैक्‍सीन है यह उसी के बुरे प्रभाव का नतीजा है, फिर उनका लाइसेंस कैंसिल हो जाएगा और तब हम वैक्‍सीन और दवाइयों की दुनिया के बेताज बादशाह बन जाएंगे।‘’ 

‘’घिन्‍न आती है मुझे आपसे और आपकी इस घटिया सोच से....क्‍या करेंगे आप इतने धन दौलत का जिसमें किसी का खून लगा हो, किसी के बिखरे हुए परिवार के आंसू हो, किसी की खत्‍म हो रही दुनिया की चीखें हो, आप केवल एक क्रीमिनल, हत्‍यारे, धोखेबाज, जल्‍लाद, निर्दयी इंसान हैं।‘’

मीरा को ऐसे चीखते चिल्‍लाते देखकर नैना ने उस रूम में आ गई, ‘’मैंने तुमसे पहले ही कहा था इससे बात करने का कोई फायदा नहीं, अब तुम डिसाइड कर लो, वैसे भी इसे कुछ हो गया तो तुम बेऔलाद नहीं हो जाओगे, तुम्‍हारा अपना एक बेटा भी है और सुना है कि वो बाप बनने वाला है, यानि तुम्‍हारा वंश बढ़ रहा है, मीरा के न रहने से कुछ खास फर्क नहीं पड़ेगा।‘’ 

‘’चुप रहो….तेरे कारण मैं इस दलदल में फंसा हूं‘’ अमरीश नैना पर चिल्‍लाए

‘’बात को मत बदलो अमरीश…तुम भी कम स्‍वार्थी नहीं हो, अब जब तुम्‍हारे परिवार पर बात आ गई है तो अपना रंग बदल रहे हो, मत भूलो यह हमारा सपना है, हमें वैक्‍सीन और दवाईयों की दुनिया पर राज करना है, इसके लिए मैंने अपने परिवार को तबाह कर दिया, तो तुम्‍हारी बेटी की जान लेना मेरे लिए कोई बड़ी बात नहीं है।’’ 

कहकर नैना ने अपनी कमर में खोंसी रिवाल्‍वर निकालकर मीरा की ओर तान दी…

‘’आज बाप बेटी दोनों का खेल खत्‍म हो जाना चाहिए, मेरे इस बिजनेस में इमोशन और प्‍यार के लिए कभी कोई जगह न तो थी और ना ही होगी। अमरीश तुम न सही तो मैं तो रानियों वाली जिंदगी जीना चाहती हूं, कभी सोचा ही नहीं था इस फार्महाउस के गटर में तुम्‍हें भी मारकर फेंकना पड़ेगा।‘’ नैना की यह हरकत देखकर अमरीश हक्‍के बक्‍के रह गए       

मीरा के शरीर में एक जोर की सिहरन दौड़ गई, पर नैना यह भूल गई कि अमरीश कराटे में ब्‍लैक बेल्‍ट हैं, आज भी उनके शरीर में वो ताकत थी कि एक साथ चार पांच हट्टे कट्टे लोगों से लड़ सके तो यह नाजुक सी नैना क्‍या चीज थी? उन्‍होंने डर से घबराई मीरा को देखा, अगले ही पल में उसकी दोनों हाथों में बंधी रस्‍सियों की डोर को खींच लिया…मीरा आजाद हो गई…नैना एक्‍शन में आती कि अमरीश ने नैना का वह हाथ पकड़कर उसकी पीठ की ओर मोड़ दिया.......नैना, अमरीश की इस अप्रत्‍याशित हिम्‍मत से चकित रह गई।

‘’छोड़ो मुझे....यह तुम ठीक नहीं कर रहे हो....सब कुछ खत्‍म हो जाएगा…मुझसे बच गए तो भी तुम कुत्‍ते की मौत मरोगे।‘’ 

अमरीश ने मीरा से कहा, ‘’मीरा, भागो यहां से....जल्‍दी...यहां से सीधे दाई ओर एक दरवाजा है, वह सीक्रेट डोर है वहां से तुम फार्महाउस के बाहर निकल जाना, मैं तुमसे बाद में बात करूंगा।‘’

मीरा भारी सदमें में थी...आसपास जैसे सबकुछ सुन्‍न.....’’ 

‘’भागो मीरा.....वरना स्‍टाफ का कोई आ गया तो मैं तुम्‍हें नहीं बचा पाऊंगा, चाहे कुछ भी हो जाए वापस मत आना।‘’ 

नैना अपने आप को छुड़ाने की पूरी कोशिश कर रही थी, पर अमरीश की जकड़ बहुत मजबूत थी। 

मीरा, अमरीश के बताए रास्‍ते से फार्महाउस के बाहर निकल गई, वह बाहर निकलते ही जोर जोर से हांफने लगी।

क्‍या मुझे पुलिस के पास जाना चाहिए या घर पर मां के पास...? मैं मां को यह सब बताऊंगी.....

मीरा यह सब सोच ही रही थी कि अंदर से गोली चलने की आवाज आई ‘’धांय।‘’

मीरा वहीं जम गई।   

 

अपने पापा का सच जानकर मीरा क्‍या करेगी, क्‍या वह अपने पापा को सजा दिलवाएगी? 

कौन है चीफ, जिसने करन को मरवाया? 

क्‍या करन के कातिल पकड़े जाएंगे? 

फार्महाउस के अंदर गोली किसे लगी? 

जानने के लिए पढ़ते रहिए ‘बहरूपिया मोहब्‍बत।’
 

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