कुछ घंटे पहले…….
करीब रात के 1 बजे …… महाराष्ट्र के दक्षिण पूर्व में लगे एक स्टेट तेलंगाना में जब पूरी दुनिया सोई हुई थी उस वक्त, उसी के एक गांव नांदेड़ में, खूनी खेल चल रहा था। आस पास की झोपड़िया जल रही थी और औरतें चिल्ला रही थी। बच्चे तेज तेज रोए जा रहे थे। खेतो में जो फसले कुछ देर पहले तक लह लहा रही थी, अब वो आग की चपेट में जल रही थी। गांव में जितने भी आदमी थे सब सिर और शरीर पर चोट लिए कुछ लोगो से लड़ रहे थे। काले कपड़े पहने, राक्षस से दिखने वाले, करीब 50 लोग इस छोटे से गांव में लोगो को बेरहमी से मार रहे थे। चाहे बच्चे हो या बूढ़े, औरते हो या आदमी, किसी को भी यह लोग नहीं छोड़ रहे थे। यहीं से कुछ दूरी पर खड़े होकर कुछ लोग जिन्होंने ऑफिशियल सूट पहना हुआ था, इसका वीडियो बना रहे थे और कुछ लोग देश में बैठकर यह सारा नजारा अपनी आंखों से लाइव देख रहे थे।
करीब 25 - 30 लोग भागते हुए सुबह स्टेशन में आए। इंस्पेक्टर विक्रम इस वक्त अपनी ऑफिस में बैठकर कुछ पुरानी फाइलो को देख रहे थे। बाहर से किसी के चिल्लाने की आवाज आई.। एक दो बार तो विक्रम ने इसे इग्नोर कर दिया पर जब आवाज नहीं रुकी तो, उसने झल्लाते हुए कहा” पाटिल!!....ये बाहर इतनी आवाज क्यों आ रही है?” विक्रम की आवाज देने पर विक्रम का जूनियर भागते हुए अंदर आया और उसने परेशान होते हुए कहा” साहब, पास के गांव में रात भर मार काट हुई है जिसमें, बहुत सारे लोग मारे गए हैं। उसी गांव के लोग बाहर आए हैं। पाटिल की बात सुनकर विक्रम भागते हुए, बाहर गया और वहां का नजारा देखकर हैरान रह गया। कितने सारे लोग अभी भी खून से लथपथ थे पर फिर भी, हिम्मत कर कर वहीं खड़े थे। तभी कोई सरपंच जैसा दिखने वाला आदमी आगे आया और विक्रम को देखकर बोला” साहेब, मैं नांदेड़ गांव का सरपंच हूं। कल रात वहा लुटेरों ने हमला कर दिया और हमारी बहन बेटियों को उठा ले गए। बहुत सारे लोग अभी भी अस्पताल में भर्ती है। कुछ कीजिए साहब!”
सरपंच की बात सुनकर विक्रम तुरंत, रिपोर्ट दर्ज करके अपनी टीम के साथ नांदेड़ गांव पहुंचा। अभी भी पूरे गांव में खून की बदबू आ रही थी। और वहां की जांच करने के बाद विक्रम जैसे ही वहां से जाने लगा तो उसे, खेतों के पास एक महंगी घड़ी पड़ी हुई दिखाई दी। और उसके पास कुछ और सामान भी था, मुझे देख विक्रम का इस केस को देखने का नजरिया ही बदल गया। उसने अपनी टीम को लिया और वापस पुलिस स्टेशन आ गया। उसका दिमाग इस वक्त अलग-अलग तरह से इस केस को सोच रहा था बहुत सी बातें थी जो उसे समझ आ रही थी पर बहुत सी कड़िया अभी भी खुलनी बाकी थी।
राकेश अपनी पुरानी बातो को याद करते हुए ही कल सो गया था। सुबह एक फोन कॉल के साथ उसकी आंख खोली जो काफी देर से बजे जा रहा था। लगभग तीसरी बार जब फोन बजा तब जाकर, उसकी आंख खुली कितने सालों बाद राकेश आज गहरी नींद में सोया था। अभी तक उसकी आंखों में आए हुए उसके आंसू भी सूख गए थे। राकेश कुछ संभालकर बैठा ही था की फिर से उसका फोन बजने लगा। सुबह के 9:00 बज रहे थे। लेकिन जैसे ही फोन की स्क्रीन पर कॉलर का नाम देखा तो उसके चेहरे पर आए हुए सुकून के भाव तुरंत ही सीरियस हो गए और उसने फोन उठाते हुए कहा
राकेश : ”क्या बात है विक्रम, इतनी सुबह सुबह क्यों फोन किया? “
फोन के दूसरी तरफ से विक्रम ने उससे कहा” अभी तुमसे मिलना चाहता हूं बहुत बड़ा केस हैं। पुलिस स्टेशन ही आजा।”
कुछ देर बाद राकेश तैयार होकर जैसे ही पुलिस स्टेशन पहुंचा, तो विक्रम ने उसे आज सुबह हुई सारी बात बता दी। राकेश ने थोड़ा हैरान होते हुए कहा”
राकेश : नांदेड़ गांव….? ऐसा लग रहा हैं जैसे पहले भी इस गांव के बारे में कुछ सुना हैं। पर, हैरानी वाली बात हैं, उस गांव में लोग क्या ही लूट कर ले जाएंगे? वहा के लोग साधारण जिंदगी जीते हैं। मुश्किल से 50 परिवार वहा बसे हुए हैं। सब लोग खेती बाड़ी कर के अपना काम चलाते हैं। प्रकृति के बीच बसा वो गांव, जिसके बारे में लोग जानते भी नहीं हैं, वहा इतना खून खराबा कोई क्यों करेगा ? क्या लूट कर ले जाएंगे वहा के लोगो से कोई ?”
इतना कहकर राकेश मन ही मन कुछ याद करने लगा जैसे वह, पहले भी इस नाम के बारे में कुछ सुन चुका हूं पर उसे याद नहीं आ रहा था उसने यह नाम कहां सुना था और क्यों सुना था। विक्रम ने अपनी टीम के साथ मिलकर इन्वेस्टिगेशन शुरू कर दी। उसे बहुत कुछ पता चला था। जिसमे उसका साथ राकेश ने दिया।
करीब 2 दिन बाद ये केस कोर्ट में पहुंचा। कोर्ट का स्वयं संज्ञान था इस मामले पर। जहां इतने निर्दोष लोग मारे गए हो, जिस खबर से पूरा देश दहल गया था। लोग अपने घरों से निकलने से डर रहे थे, उस केस में कोर्ट का संज्ञान लेना लाजिमी था। कोर्ट ने इस कैसे की इन्वेस्टीगेशन करें ऑफिसर विक्रम सिंह से सवाल किए। जज साहिबा मीरा चौहान ने विक्रम से पूछा” नांदेड़ गांव के हालात के बारे में पूरा देश जानता हैं। जिस तरह से वहां के निर्दोष लोगो पर हत्याचार किया जा रहा था। जैसे वहा बच्चो और औरतो की हत्याएं हुई हैं। वो सब काफी ज्यादा दुखद हैं। कोर्ट जानना चाहता हैं, क्या अभी तक पुलिस ने उन लुटेरों को पकड़ा या नहीं ? और इस मामले में क्या अपडेट हैं? “
जज साहिबा का सवाल सुनकर राकेश सरकार और सिस्टम की तरफ से खड़ा होते हुए, उनका पक्ष रखते हुए बोला”
राकेश : मी लॉर्ड, मैं आपके सामने कुछ सबूत पेश करना चाहता हूं जिसके बाद, आपका इस केस को देखने का नजरिया पूरी तरह बदल जाएगा।”
इतना कहकर उसने कुछ तस्वीरें पेश की। जैसे-जैसे जज साहिब उन तस्वीरों को देख रही थी वैसे-वैसे उनकी हैरानी बढ़ती जा रही थी।
राकेश ने अपनी बात जारी रखते हुए कहा
राकेश : “आपके सामने जो तस्वीरें हैं, वह करीब 3 महीने पहले की है। शायद लोगों ने ध्यान नहीं दिया पर, नांदेड़ गांव के बारे में एक खबर छपी थी, जिसमे विज्ञानिको ने इस बात की पुष्टि की थी की, वहा पर बड़ी मात्रा में कॉपर पाया गया हैं। और यहां इतना कॉपर मिलने के संभावना हैं की, अगले 100 साल तक सिर्फ नांदेड़ ही नहीं बल्कि पूरे राज्य का कोई भी इंसान भूखे पेट नहीं सोएगा। यहां लोगों को इतना रोजगार मिलेगा, की उन्हें दूसरे राज्यों में जाकर काम नहीं करना पड़ेगा। और इससे आगे चलकर बिजनेसमैन को भी बहुत फायदा होगा। आपके सामने जो तस्वीरें हैं उसे किसी व्यक्ति ने उसी रात खींची थी जिस रात यह सब हुआ था। असल में इस मामले को जानबूझकर लूट और चोरी का मामला दिखाने की कोशिश की गई है जबकि, साफ पता चल रहा है कि यह सब कुछ किसी ने जानबूझकर करवाया है। मैं कोर्ट से गुजारिश करना चाहता हूं कि हमें कुछ वक्त की मोहलत दे जिससे, हम सभी पर्याप्त सबूत कोर्ट में पेश कर पाए।”
उन तस्वीरों में क्या था यह आपको आगे चलकर पता चलेगा। राकेश माधवानी की अपील को कोर्ट ने मंजूरी दे दी और उसे 3 दिन की मौहोलत दी गई। कोर्ट डिसमिस हो चुका था। सब लोग अपने-अपने घर जा चुके थे। राकेश माधवानी, विक्रम को पुलिस स्टेशन छोड़कर जब अपने घर जाने लगे तो, बीच रास्ते में सड़क पर अचानक एक बड़ा सा ट्रक काफी तेज स्पीड से उनकी तरफ ही बढ़ रहा था। पहले तो राकेश ने ध्यान नहीं दिया और अचानक ही वह ट्रक जब एकदम उसकी गाड़ी के पास आ गया तो एक बार के लिए राकेश भी काफी ज्यादा घबरा गया। बहुत मुश्किल से उसने गाड़ी के व्हील को घुमाया और टर्न लेकर आगे की तरफ बढ़ गया। और कुछ दूरी पर ले जाकर उसने एकदम से अपनी गाड़ी रोकी। डर और घबराहट के मारे राकेश का पूरा माथा पसीने से भरा हुआ था। राकेश ने खुद को थोड़ा संभाला और मिरर में से उस ट्रक को देखने लगा। तक कुछ दूर आगे जाकर रुक गया और उसका ड्राइवर खिड़की से बाहर की तरफ देखने लगा जैसे वह राकेश को कोई वार्निंग दे रहा हो। ऐसा लग रहा था जैसे उसने जानबूझकर, राकेश को डराने के लिए यह सब किया था। राकेश ने तुरंत अपनी गाड़ी स्टार्ट की और तेज स्पीड से गाड़ी चलाते हुए अपने घर पहुंच गया। राकेश घर में जाकर बैठ ही था कि तभी उसके फोन की घंटी बजने लगी और कॉलर आईडी पर अननोन नेम शो होने लगा। यह देखकर राकेश कुछ सोचने लगा और फिर, तुरंत फोन उठा लिया और उसे रिकॉर्डिंग पर लगा दिया। तभी दूसरी तरफ से, किसी की आवाज आई ” राकेश बाबू , बेटा पहले ही चला गया और बीवी ने साथ छोड़ दिया। पहले ही तुम्हारी जिंदगी भी काम दुख नहीं है और अब तुम मुझसे पंगा लेने की कोशिश कर रहे हो…? एक ही जिंदगी मिली है इसे आराम से जीओ। अगर मेरे मामलों में टांग अड़ाने की कोशिश की या इस केस से मेरे बारे में जानने की कोशिश की, तो मैं तुम्हे ऐसी मौत दूंगा की तुम सोचकर भी कांप जाओगे माधवानी।” इतना कहकर सामने वाले ने फोन कट कर दिया।
नांदेड़ गांव में, सभी गांव वाले मौजूद थे। सभी लोग वहीं जमीन पर बैठे थे और सरपंच सामने की कुर्सी पर बैठा उन सब लोगों से बोला” तुम लोग मानो या ना मानो पर यह सब कुछ उसी ने करवाया है। आज पूरे देश को लगता है कि यह एक चोरी का या डकैती का मामला हैं, पर ऐसा नहीं है हमारी बहन बेटियां अभी भी उन लोगों के कब्जे में है। मेरी बात मानो और हम लोग उनकी शर्त मान जाते हैं। ज्यादा से ज्यादा क्या होगा अभी काम छोड़ देंगे अरे इतनी जगह है दुनिया में कहीं भी बस जाएंगे। तुम लोग मेरी बात क्यों नहीं मानते? कल को अगर कुछ और बड़ा अनर्थ हो गया तो हम क्या करेंगे?”
सरपंच की बात सुनकर वहीं बैठा रमेश खड़ा हुआ और थोड़ा गुस्से से बोला “यह जमीन हमारे पुरखों की है हम कभी भी इसे नहीं बेचेंगे, चाहे जो हो जाए। और हम अपना गांव छोड़कर कहीं नहीं जाएंगे चाहे फिर हम मरे या जिए।”
गांव वालों का जोश देखकर सरपंच ने भी उन लोगों से कहा” मैं जानता हूं तुम्हारी पुरखों की जमीन है पर, हमारी जान भी उतनी ही जरूरी है। 3 दिन में फिर से सुनवाई है देखते हैं कोर्ट क्या फैसला लेती है। भगवान करे हम सबके साथ इंसाफ हो।”
अभी तक राकेश ने अपनी कॉल रिकॉर्डिंग के बारे में विक्रम को बता दिया था और विक्रम भी अपनी टीम से कॉल को ट्रेस करने के लिए कह चुका था। पता नहीं क्यों पर उसे इस वक्त काफी ज्यादा टेंशन हो रही थी क्योंकि आज से पहले भी बहुत बड़े-बड़े कैसे राकेश ने और उसने मिलकर लड़े थे पर, कभी भी किसी ने उनकी जान लेने की कोशिश नहीं की थी। विक्रम ने राकेश को परेशान देखकर उससे कहा” इस कॉल को ट्रेस करने में वक्त लगेगा। मुझे लगता है कि इन सब के पीछे कोई बहुत बड़ा आदमी है। चाहे जो भी हो पर तुम अपना ध्यान रखना राकेश। मैं अपना सबसे अच्छा दोस्त नहीं खोना चाहता हूँ। ”
विक्रम की बात सुनकर राकेश ने हल्की सी मुस्कान उसकी तरफ पास कर दि और उसे इस कॉल को ट्रेस करने के साथ साथ, कुछ और नंबर भी ट्रैक करने का कहकर वहा से चला गया।
अपने ऑफिस पहुंचकर राकेश ने सबसे पहले अर्णव को अपने पास बुलाया और उसे आर्डर देते हुए बोला”
राकेश : नांदेड़ गांव पर पूरी नजर रखो और मुझे वहां की एक ही खबर चाहिए। खास करके उसे इंसान की जिसके बारे में मैंने तुम्हें बताया है।”
अपने बॉस की बात सुनकर अर्णव ने थोड़ा सवालिया लहजे में पूछा” पर बॉस वह इंसान तो……” राकेश समझ गया था कि अर्णव क्या पूछना चाहता है इसलिए उसने, बीच में ही उसे टोकते हुए कहा”
राकेश: तुम सही समझ रहे हो। मुझे लगता है कि वह इंसान, उसे बिल्डर से मिला हुआ है और जरूर उनकी कुछ बातचीत होती है। “
अर्णव तुरंत अपने काम में लग गया।
धीरे-धीरे वक्त बीतता जा रहा था। अभी तक एक दिन बीत चुका था पर राकेश के हाथ कुछ भी ऐसा सबूत नहीं लगा था जो उसे क्रिमिनल तक पहुंच सके। कोर्ट की हियरिंग होने में अभी भी 48 घंटे बाकी थे। राकेश के लिए हर बार से ज्यादा यह केस मुश्किल था क्योंकि, इस बार उसकी जान भी इसमें दाव पर लगी हुई थी। राकेश के फोन पर अचानक से एक कॉल आया और उस पर जो बात पता चली उसे सुनकर, राकेश एकदम हैरान रह गया।
अगर ऐसा क्या पता चला था फोन पर राकेश को उसे सुनकर वो इतना हैरान रह गया? किसका फोन आया था राकेश के पास?
जानने के लिए पूरी कहानी पढ़ते रहिए ….
No reviews available for this chapter.