जैसे ही वरुण और वान्या मिले, वहां अचानक से तेज़ हवा चलने लगी| वान्या ने वरुण को कमरे के अंदर बुलाया। वरुण थोड़ा सा सहम हुआ लग रहा था। उसने सोचा नहीं था कि वो किसी करोड़पति के घर में caretaker के काम के लिए आएगा| उसे अमीर लोग खास पसंद नहीं थे| उसका मानना था कि इन्सान जैसे-जैसे अमीर बनता जाता है, वैसे-वैसे वो रिश्तों की अहमियत को खो देता है| वरुण को देख कर वान्या को कहीं से भी नहीं लग रहा था कि वो कोई caretaker है। वरुण ने फॉर्मल अच्छे कपड़े पहने थे जैसे वो किसी कंपनी में किसी अच्छी पोज़िशन पर हो।
वान्या – मुझे अपने पापा के लिए caretaker की जरूरत है| वो completely bedridden हैं| तुम्हें हर वक्त उनके साथ रहना है और उनका ध्यान रखना है| बोलो कर पाओगे?
वरुण – जी बिलकुल, मैं तैयार हूँ| मैं आप के पापा का अच्छे से ध्यान रखूँगा|
वान्या गौर से वरुण को देख रही थी कि कहीं वो भी राजेश की तरह चोर तो नहीं है| उसे वरुण पर बिलकुल भरोसा नहीं था लेकिन उसे जल्द से जल्द किसी caretaker की जरूरत भी थी| इसलिए उसने वरुण को जॉब पर रख लिया लेकिन उसने वरुण को वार्न करते हुए कहा,
वान्या (वार्निंग देते हुए) – एक बात याद रखना, गलती से भी पापा को परेशानी नहीं होनी चाहिए| उन्हें किसी भी तरह की तकलीफ पहुंची तो तुम उसी समय घर से बाहर हो जाओगे।
वान्या की बात सुन कर वरुण सकपका गया| वो सोचने लगा कि वान्या काफी खडूस है जो काम शुरू करने से पहले ही निकालने की वार्निंग दे रही है हालाँकि वरुण को इन सब चीजों से फर्क नहीं पड़ता था| उसे सिर्फ अपने काम और सैलरी से मतलब था| मिस्टर रायज़ादा भी वरुण को गौर से देख रहे थे। वरुण ने भी उनकी तरफ देखा और हाथ जोड़ लिए।
वरुण (रेस्पेक्टफुल्ली) – नमस्ते सर, मैं आपको कोई तकलीफ नहीं होने दूंगा। आपको कोई शिकायत का मौका नहीं दूंगा।
मिस्टर रायजादा को वरुण से मिलकर अच्छा लगा| वो सोचने लगे कि वरुण बाकियों से अलग है| उसके चेहरे का तेज किसी का भी मन मोह सकता था| उससे नेगेटिव वाईब बिलकुल नहीं आ रही थी| वहीं वान्या ने भले ही वरुण को जॉब पर रख लिया था लेकिन उसे अभी भी उस पर भरोसा नहीं था| वरुण फ़ौरन ही अपने काम पर लग गया| वो मिस्टर रायजादा को जिस भी चीज़ की जरुरत होती तो फ़ौरन लाकर देता| वहीं वान्या ऑफिस आ गयी थी| उसका मन काम में बिलकुल भी नहीं लग रहा था| उसने अपने असिस्टेंट को बुलाया| पहले वो मिस्टर रायजादा के लिए काम करता था लेकिन जब से मिस्टर रायजादा का एक्सीडेंट हुआ, वो वान्या के लिए काम करने लगा था| वान्या ने असिस्टेंट से कहा, तुम्हें मेरा एक काम करना है| मैंने वरुण नाम के एक लड़के को पापा के लिए caretaker के तौर पर हायर किया है| तुम्हें उसकी पूरी इनफार्मेशन निकाल कर देनी है| मैं तुम्हें उसकी एजेंसी का नाम और नंबर देती हूँ| आज के आज ही ये काम पूरा हो जाना चाहिए|
असिस्टेंट फ़ौरन वान्या के बताये काम पर लग गया| वो सब से पहले उस एजेंसी के ऑफिस पहुंचा| वहां से उसने वरुण के घर का एड्रेस निकाला और उसके घर पहुँच गया| वरुण सिर्फ अपनी माँ के साथ रहता था| वो वरुण की माँ से वरुण का दोस्त बन कर मिला| उसकी माँ ने assistant का बहुत अच्छे से स्वागत किया| असिस्टेंट वरुण की माँ से उसके बारे में कई सारे सवाल पूछने लगा| वरुण की माँ बहुत भोली थी और वो एक-एक कर के सारे सवालों के जवाब देने लगी| वान्या के असिस्टेंट ने वरुण के बारे में काफी सारी जानकारी इक्कठा कर ली थी| वो वापस ऑफिस आ गया और वान्या को वरुण के बारे में बताने लगा, “मैम, वरुण के परिवार में सिर्फ उसकी माँ है| उसकी माँ से बात कर के पता चला कि वो काफी पढ़ा लिखा है लेकिन उसे कहीं भी अच्छी सैलरी नहीं मिल रही थी, इसलिए उसने कुछ समय पहले ही ये caretaker वाला काम शुरू किया है। उसने इसकी training भी ली है। उसके घर के हालात ठीक नहीं है और उसे पैसों की सख्त जरूरत भी है|”
वान्या उसकी बात गौर से सुन रही थी| उसे उम्मीद थी कि उसे वरुण के बारे में कोई बुरी बात सुनने को मिलेगी लेकिन उसे सारी अच्छी बातें ही सुनने को मिल रही थी| असिस्टेंट ने आगे बताया, “मुझे एक चीज़ पर डाउट हो रहा है| मैंने उनसे कई बार वरुण के पापा के बारे में पूछा तो उन्होंने ठीक से जवाब नहीं दिया| अडोस-पड़ोस के लोगों से भी वरुण के पापा के बारे में पूछा लेकिन किसी ने भी आज तक उनको नहीं देखा| उन लोगों का कहना था कि वरुण कभी भी अपने पापा के बारे में बात नहीं करता है|”
वान्या अपने असिस्टेंट की बात सुन कर सोच में पड़ गयी| उसे समझ नहीं आ रहा था कि कोई अपने पापा के बारे में कुछ भी क्यों छुपायेगा? वान्या के लिए तो उसके पापा ही इस दुनिया में सबसे स्पेशल हैं। वान्या ने असिस्टेंट को ऑफिस के काम में लगा दिया| वो वरुण के बारे में सोचने लगी कि क्या वो उसके पापा के लिए एक अच्छा caretaker है भी या नहीं? वहीं वरुण पूरा मन लगा कर मिस्टर रायजादा का ख्याल रख रहा था| मिस्टर रायजादा भी एक दिन में ही उसके काम से इम्प्रेस हो गए थे| मिस्टर रायजादा भले ही अमीर खानदान से थे लेकिन वो जमीन से जुड़े हुए थे| मेहनत करने वालों को वो हमेशा मोटीवेट करते थे|
मिस्टर रायजादा – तुमसे एक सवाल पूछूं? तुम मुझे अपना क्लाइंट ना समझ कर परिवार की तरह क्यों ट्रीट कर रहे हो? जिस तरह से तुम मेरा ख्याल रख रहे हो, ऐसे तो कोई अपने पिता का ख्याल रखता है|
वरुण (मुस्कुराते हुए) – तो आप मेरे पिता के समान ही तो हो| मेरी माँ कहती है कि कोई भी काम करो तो पूरा मन लगा कर करो| जिस काम में मन नहीं लगता उस काम का रिजल्ट कभी भी अच्छा नहीं निकलता| आप का खाना हो गया हो तो मैं आप के हाथ धुलवा देता हूँ|
वरुण ने मुस्कुराते हुए कहा| रात को जब वान्या घर पर आयी तो सब से पहले अपने पापा के पास गयी और उनके दिन के बारे में पूछा| मिस्टर रायजादा वरुण की तारीफ करने लगे,'' बेटा, वरुण बहुत अच्छा लड़का है| आज उसने मेरा बहुत ख्याल रखा| किसी भी चीज़ की कमी महसूस नहीं होने दी| मुझे तो ये पसंद है, इसे हम परमानेंट रख सकते है|''
वान्या को अपने पापा की बात पर यकीन नहीं हो रहा था| वो सोचने लगी कि उसके पापा बहुत भोले है और किसी पर भी जल्दी भरोसा कर लेते है| वान्या वरुण की ईमानदारी का टेस्ट लेना चाहती थी| उसने राजेश को जॉब से निकालने के बाद मिस्टर रायजादा के कमरे में एक छोटा सा सीसीटीवी camera इनस्टॉल किया था| इस camera के बारे में सिर्फ वान्या और उसके पापा को ही पता था| वान्या ने जानबूझ कर अलमारी खुली छोड़ दी| वो देखना चाहती थी कि वरुण उसमे से पैसे चोरी करता है या नहीं| वान्या ने अपने पापा को आँखों से इशारा किया कि वो प्लान के लिए रेडी हो जाए| मिस्टर रायजादा ने इशारे में इस टेस्ट के लिए मना करने की कोशिश की लेकिन वान्या नहीं मानी। मिस्टर रायज़ादा ने फिर नींद आने की ऐक्टिंग की और कुछ देर बाद वान्या ने अपने पापा को गुड नाईट कहा और अपने रूम में आ गयी| वो अपने फोन पर मिस्टर रायजादा के रूम का लाइव फुटेज देखने लगी| वरुण भी कुछ देर बाद मिस्टर रायजादा के रूम में एक छोटे से बेड पर सो गया| तभी उसकी नज़र अलमारी पर गयी जो खुली हुई थी| वो उठा और अलमारी बंद करने लगा| उसने देखा कि अलमारी के अन्दर काफी सारा कैश पड़ा है| उसने वापस अलमारी खोली और सारा कैश बाहर निकालने लगा| वरुण को ऐसा करते देख वान्या की आँखें फटी की फटी रह गयी| उसे यकीन था कि वरुण भी राजेश की तरह चोर निकलेगा| वो वरुण को रंगे हाथ पकड़ने के लिए फौरन मिस्टर रायजादा के रूम में पहुंची| उसने लाइट चालू की और ऊँची आवाज में बोली,वरुण , ये क्या कर रहे हो? तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मेरे घर में चोरी करने की?
वान्या की आवाज सुनकर वरुण ने पलट कर देखा| वान्या बहुत गुस्से में दिख रही थी| वरुण अपनी सफाई देने गया तो वान्या ने उसे चुप रहने के लिए कहा| उसने गुस्से में वरुण का हाथ पकड़ा और उसे रूम से बाहर निकालने लगी| वरुण ने अपने हाथ को झटके से वान्या से छुड़ा लिया| उसने अपने ऊपर लगे इलज़ाम के जवाब में कहा, वान्या जी ये आप क्या कर रही हैं? आप इस तरह से मेरे ऊपर चोरी का इलज़ाम नहीं लगा सकती| मैं एक इज्जतदार खानदान से हूँ| मेरी माँ ने मुझे कभी भी चोरी करना नहीं सिखाया है।
वान्या (गुस्से में) – तुम्हारी हरकत देख कर ही पता चल रहा है कि तुम कितने इज्जतदार खानदान से हो| तुम अगर चोरी नहीं कर रहे थे तो कैश अलमारी से बाहर क्यों निकाल रहे थे? अच्छे से जानती हूँ तुम जैसे लड़कों को| तुम लोगों को सिर्फ चीट करना ही आता है|
मिस्टर रायजादा वान्या को हैरानी से देख रहे थे| वो सच्चाई जानते थे और वान्या को बताना चाहते थे| वो वान्या को सच्चाई बताने की कोशिश कर रहे थे लेकिन वान्या उनकी भी बात सुनने को तैयार नहीं थी| वान्या ने सोचा कि वरुण उसके कहने पर रूम से बाहर नहीं निकलेगा| उसने वरुण को घर से बाहर निकालने के लिए सिक्यूरिटी को बुलाया| दो सिक्यूरिटी गार्ड मिस्टर रायजादा के रूम में पहुंचे और वरुण को पकड़ कर रूम से बाहर निकालने लगे| वरुण खुद को बार-बार बेगुनाह कह रहा था लेकिन वान्या उसकी बात को एक कान से सुन कर दूसरे से निकाल रही थी| उसके लिए वरुण भी बाकी लड़को की तरह था जिन्हें सिर्फ चीट करना आता है और भरोसा करने के लायक नहीं है|
क्या वरुण अपनी बेगुनाही साबित कर पाएगा? क्या वान्या की लड़को के प्रति नफरत कभी ख़त्म हो पाएगी?
जानने के लिए पढ़िए कहानी का अगला भाग।
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