भले ही विक्की को मारने के लिए उसके सामने कई लोग थे मगर मार्शल आर्ट की कला जो विक्की के पास थी, वो उन गुंडों में से किसी के पास भी नहीं थी। अपने साथी को इस तरह पिटते हुए देख कर सभी गुंडे डर तो गए थे मगर उनके लिए भागने की ज़रा सी भी गुंजाईश नहीं थी। विक्की फालतू में लड़ कर अपनी एनर्जी खराब नहीं करना चाहता था। उसने उन्हें समझाते हुए कहा:
विक्की:
मैं नहीं जानता कि किसने तुम्हे मुझे मारने के लिए भेजा है, मेरी तुम से कोई दुश्मनी नहीं है, मुझे यहाँ से जाने दो।
विक्की की बातो का उन पर कोई असर नहीं हो रहा था। उन सभी गुंडों के चेहरे के भाव कुछ और ही कह रहे थे। उनके हाव भाव से लग रहा था कि आज वो विक्की को जान से मार देंगे मगर ये उतना आसान भी नहीं था जितना वो सोच रहे थे। तभी एक और गुंडा गुस्से से विक्की पर हमला करने के लिए आगे बड़ा मगर विक्की ने एक जोरदार पंच मार कर दूसरी तरफ फ़ेंक दिया। वो पंच इतनी ज़ोर से पड़ा कि उसने खून की उलटी कर दी।
विक्की:
मैं अभी भी तुम्हे वार्निंग दे रहा हूं, अगर तुम्हे अपनी जान प्यारी है तो यहां से नौ दो ग्यारह हो लो ।
अपने दो साथियों को बुरी तरह पिटते हुए देख उन सभी की हालत खराब तो हो गई थी। उन्होंने सोचा एक एक करके उसे मारने के लिए जायेंगे तो पिटना ही पड़ेगा। दो लोगो ने आपस में नज़रे मिलाई और विक्की को मारने के लिए एक साथ दौड़ पड़े। उन्हें अपनी ओर आते हुए देख कर विक्की भी सतर्क हो गया था। जैसे ही दोनो उसके पास आए, विक्की ने अपनी लात को घुमा कर मारा कि वो दोनो वहां रखे खाली ड्रामों के ऊपर जाकर गिरे।
विक्की:
मैं तुम्हे आखिरी बार कह रहा हूं, यहां से चले जाओ, वरना अंजाम इससे भी बुरा हो सकता है।
इस बार भी गुंडों ने विक्की की बात को नज़र अंदाज़ कर दिया। अपने कई साथियों के पिटने पर उन गुंडों की समझ में आ गया था कि विक्की को एक या दो लोगो के बल पर नही हराया जा सकता। इसीलिए सभी गुंडों ने एक साथ विक्की पर धावा बोल दिया।
वो सभी विक्की को इस तरह चिपके जैसे मधुमक्खी का झुण्ड किसी आदमी पर हमला करता है। इसी सीन के साथ रणविजय ने विडिओ को पॉज कर दिया। विक्की के इतने लोगो के चंगुल में फसने के बाद रोज़ी ने बड़ी बेचैनी के साथ कहा:
रोज़ी:
डार्लिंग, अब इसका बचना मुश्किल है, आज तो ये अपनी जान से हाथ धो बैठेगा, आप तो इसकी बहुत तारीफ कर रहे थे। मगर ये तो फुस्सी निकला।
रणविजय रोज़ी की बात सुन कर ज़ोर ज़ोर से हंसने लगा। उसकी हंसी से साफ़ पता चल रहा था कि वो रोज़ी को बेवक़ूफ़ समझ रहा है। उसने टेबल पर रखे लाइटर की तरफ इशारा करते हुए कहा:
रणविजय:
मेरी सिगार बुझ गयी है, ज़रा टेबल के ऊपर से मुझे लाइटर उठा कर दे दो।
रणविजय ने अपनी सिगार जलाई और एक लम्बा कश मारा। सिगार का कश मारने पर जितना धुआँ उसने अपने मुँह के अंदर लिया था वो सभी धुएं को रोज़ी पर निकालते हुए कहा:
रणविजय:
रोज़ी डार्लिंग, अभी तो पिक्चर बाकी है।
एक तरफ जहाँ रणविजय की बातो ने रोज़ी के मन में विक्की को लेकर बेचैनी पैदा कर दी थी, वही दूसरी तरफ ध्रुव और बल्ली की समझ में सारा माजरा आ गया था। बल्ली ने अपने चेहरे पर मुस्कान लाते हुए कहा:
बल्ली:
अब आएगा अलसी मज़ा। गुरु, हमें आज ही लखनऊ के लिए निकल जाना चाहिए।
ध्रुव ने बल्ली की बात तो सुनी थी मगर वह किसी अलग ही धुन में था। जिस तरह वो एयर प्लैन के टिकट को अपने दूसरे हाथ की हथेली पर मार रहा था उससे साफ़ मालूम हो रहा था कि उसके दिमाग में कुछ चल रहा है। इससे पहले बल्ली कुछ सवाल कर पाता, ध्रुव ने उसी सोच के साथ अपनी बात को रखते हुए कहा:
ध्रुव:
हाँ बल्ली, मिशन पर जाना तो है मगर उससे पहले मुझे एक ज़रूरी काम को निपटाना है। पता नहीं इस मिशन में हमें कितना टाइम लगे।
बल्ली:
क्या गुरु?? उस काम को बाद में नहीं निपटाया जा सकता।
ध्रुव:
नहीं बल्ली, वो काम बहुत ज़रूरी है।
ध्रुव ने बल्ली के सवाल का जवाब देते तुरंत अपनी जेब से मोबाइल निकाला और उसमे एक नंबर डायल करने लगा।
बल्ली के मन में तुरंत सवाल आया कि आखिर ध्रुव ने किसका नंबर डायल किया। जैसे ही मोबाइल के दूसरी तरफ वाले ने फ़ोन उठाया तो ध्रुव ने तुरंत कहा:
ध्रुव:
तुम शाम के ठीक छः बजे मद्रास कैफ़े में मेरा इंतज़ार करना।
इस बात से बल्ली को ये तो पता चल गया था कि ध्रुव किसी से मिलने जा रहा है मगर किस्से मिलने जा रहा है ये सवाल अभी भी बना हुआ था। उधर रोज़ी भी बड़ी बेचैन थी विक्की का स्टॉप किया हुआ विडिओ को देखने के लिए। अपनी सिगार में कश मारने के बाद रणविजय ने रोज़ी से कहा:
रणविजय:
लो रोज़ी, आगे देखो हमारे सोल्जर ने इन गुंडों का क्या हाल किया।
नेरेटर:
अपनी बात के साथ ही रणविजय ने अपने हाथ के रिमोट से स्क्रीन को पॉज से हटा दिया। एक बार तो रोज़ी को लगा विक्की आज मारा जायेगा मगर अगले ही पल जब उसने स्क्रीन पर देखा कि विक्की ने अपनी ताकत से उन गुंडों को इधर उधर फ़ेंक दिया है। ये नज़ारा देख कर वो ख़ुशी से उछलने लगी। उसने ज़ोर ज़ोर के अपने हाथो से तालियों को बजाना शुरू कर दिया।
रोज़ी:
सच में डार्लिंग, इसमें तो बड़ी ताकत है। अकेले ने ही सभी गुंडों को मार गिराया।
जैसे जैसे गुंडे उस पर हमला कर रहे थे वैसे वैसे विक्की उनकी हड्डियां तोड़ते जा रहा था। विक्की के एक खरोंच तक नहीं आयी। जैसे ही विक्की ने सभी लोगो को धूल चटाई, दूसरी तरफ से ताली के बजने की आवज़ आयी। उस ताली की आवाज़ ने रोज़ी को एक बार फिर चौंका दिया था।
वह रणविजय से इतने सवाल पूछ चुकी थी कि अब कुछ पूछने की उसकी हिम्मत ही नहीं हो रही थी। वह जानती थी कि रणविजय से ज़्यादा सवाल करने वाले उसे बहुत बुरे लगते है और वह उसकी नज़र में हमेशा अच्छी बने रहना चाहती थी। मगर रोज़ी का अपने मन में कण्ट्रोल था। उसने मन ही मन में सोचा और खुद से बात करते हुए कहा:
रोज़ी:
अब ये कहानी में कौन सा नया ट्विस्ट आ गया। कौन है ये आदमी?
ये ताली कोई और नहीं बल्कि रोबिन बजा रहा था। रणविजय ने रोबिन का इंट्रोडक्शन देने के लिए स्क्रीन को एक बार फिर स्टॉप कर दिया था। उसने स्क्रीन की तरफ इशारा करते हुए कहा:
रणविजय:
ये रोबिन है, मेरा एक दम खास और मैंने ही इसे विक्की के पास भेजा था।
स्क्रीन पर रोज़ी ने जब सब पिटने वाले गुंडों को ज़मीन से उठते हुए देखा तो उसकी समझ में कुछ नहीं आया। इससे पहले वो रणविजय से उन लोगो के बारे में कुछ सवाल करती, रणविजय खुद बोल पड़ता है:
रणविजय:
जितने भी लोगो को विक्की मार रहा था वह सभी रोबिन के लोग थे। अब तो तुम्हे विक्की के ताकतवर होने का पता चल गया होगा।
रणविजय की बात सुन कर रोज़ी ने उसके लिए तालियाँ बजायी।
रणविजय ने विक्की को आज़माने के लिए ये सारा खेल रचा था। रोबिन रणविजय के लिए काम करता था और जितने भी लोग विककी से पिटे थे वो सब रोबिन के लिए काम करते थे। रोज़ी ने तालियों से रणविजय की तारीफ करते हुए कहा:
रोज़ी:
डार्लिंग, तुम्हारी पारखी नज़र की दाद देनी होगी। विक्की हमारी टीम के लिए एक दम परफेक्ट है।
रणविजय ने रिमोट से नेक्स्ट बटन पर क्लिक किया। स्क्रीन पर जो अगली तस्वीर थी वो चैन्ग की थी। चैन्ग ने अपनी आँखों में एक मोटा सा चश्मा पहने हुए था। एक ढीली ढाली सी टी शर्ट, जो उसके साइज से काफी बड़ी थी। उसके कानो में इयरफोन्स लगे हुए थे। स्क्रीन पर चैन्ग को देख कर रोज़ी के चेहरे पर अनचाही एक हंसी छूट गयी। उसने अपनी हंसी को दबाते हुए कहा:
रोज़ी:
डार्लिंग, इस लड़के के अंदर तुमने क्या देख लिया। इसकी तो बॉडी भी नहीं है। ये हमारी टीम में कैसे फिट बैठ सकता है।
रणविजय:
रोज़ी, हर लड़ाई ताकत से नहीं लड़ी जाती, उसके लिए एक अच्छे दिमाग की भी ज़रुरत पड़ती है। तुम्हे जान कर हैरानी होगी कि इस लड़के का दिमाग कम्प्यूटर से भी तेज़ चलता है।
रणविजय की ये बात रोज़ी को हज़म नहीं हो रही थी। चैंग ने जो टी शर्ट पहन रखी थी वो इतनी बड़ी थी कि उसमे दो लोगो की टी शर्ट आराम से बन सकती थी। रोज़ी चैंग की फोटो को देख कर बड़ी निराश थी। उसके मन में चैंग के बारे में जानने की कोई इच्छा तक नही थी। उसके मन की बात रणविजय के अगेंस्ट थी। इसीलिए उसका खामोश रहना ही बेहतर था।
रोज़ी के चेहरे पर जो मुस्कान थी वो भी एक दम नकली दिख रही थी। रणविजय ने रोज़ी के मन की शंका तो दूर करते हुए कहा:
रणविजय:
चैन्ग वो कलाकार है जिसकी कलाकारी को देख कर तुम दंग रह जाओगी। उसने वो कारनामा करके दिखाया जो हर किसी के बस की बात नहीं।
रणविजय ने रिमोट से चैन्ग की वीडियो को ऑन कर दिया। वीडियो में चैन्ग एक पॉश एरिया में लगे सिटी बैंक के ऐ टी एम में घुसा। उसके हाथ में एक लैपटॉप था। रोज़ी की समझ में कुछ नहीं आ रहा है। उसने रणविजय से सवाल करते हुए कहा:
रोज़ी:
डार्लिंग, ये ए.टी.एम में क्या करने जा रहा है? लगता है पैसे निकालने गया होगा। मगर इसके हाथ में दो बैग्स क्यों है?
रणविजय:
थोड़ा सबर रखो रोज़ी, अभी तुम्हारे सामने सारी सच्चाई आ जाएगी? कहते है ना की सबर का फल मीठा होता है। बस अभी थोड़ी देर में पूरी पिक्चर तुम्हारे सामने आ जाएगी।
रोज़ी की बात सुन कर रणविजय के चेहरे पर मुस्कान आ गयी। बिना कुछ कहे उसने स्क्रीन पर होने वाले एक्शन की तरफ इशारा किया। रोज़ी बड़ी उत्सुकता से स्क्रीन की तरफ देखने लगी।
आखिर चैन्ग ए टी एम में जाकर क्या करने वाला था?
विक्की के अलावा और कौन रणविजय की टीम में शामिल होने वाला था??
रणविजय का प्लान क्या है?
उधर ध्रुव किससे मिलने वाला था?
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