“तुमने पिछली बार बाइक कब चलाई थी?” पीटर ने मेल्विन से पूछा, “क्योंकि इसी बात पर ये निर्भर करता है कि तुम हाईवे पर बाइक चलाने के काबिल हो या नहीं।”
“मुंबई में मैंने कभी बाइक नहीं चलाई। हां कभी-कभी बीच में घर गया हूं तो वहां थोड़ी दूर के लिए बाइक जरूर चलाई है। बाइक चलाना तो मुझे अब भी आता है लेकिन लंबे सफर के लिए शायद अब जल्दी थक जाऊं।” मेल्विन ने कहा, “तुम मेरी बस इतनी मदद कर दो कि मैं बाइक को अच्छे से संभल पाऊं। और हां, अगर कोई फार्मूला हो बिना थके हुए लंबे सफर पर जाने का तो वो भी मुझे बता देना।”
“ऐसा कोई फार्मूला नहीं है मेल्विन। ये भी भला कोई फार्मूला हुआ कि बिना थके हुए लम्बा सफर किया जा सके।” पीटर ने मुस्कुराते हुए कहा, “चलो, तुम बाइक पर आगे बैठो मैं तुम्हारे पीछे बैठता हूं। तुम बाइक चलाओगे तो अपने आप ही तुम्हें प्रैक्टिस हो जाएगा। याद रखना पुणे में मैं तुम्हारी कोई मदद नहीं कर पाऊंगा। जहां तक मुझे लगता है मिस रेबेका तुम्हें बाइक राइडिंग ही सीखना चाहती हैं। तुम्हें बाइक पर इतनी दूर बुलाने का यही रीज़न होगा ताकि वो जान सके कि तुम्हें बाइक राइडिंग आती है या नहीं। आजकल लड़कियों को बाइक न चला सकने वाले लड़के पसंद नहीं आते। ऊपर से तुम्हारी उम्र भी अब लड़कों वाली नहीं रह गई है। जल्दी ही तुम बुजुर्गों की गिनती में आने लगोगे।”
“क्या बात करते हो पीटर। मैं अभी सिर्फ 42 साल का हूं। गॉड ने अगर मुझे पूरी लाइफ दी तो मैं अब भी 42 साल और जी सकता हूं। इस हिसाब से तो ये मेरा बचपन हुआ पीटर।” मेल्विन ने कहा।
उसकी बात सुनकर पीटर को हंसी आ गई। “अच्छा ठीक है। चलो, अब बाइक पर बैठो। ये पल्सर की नई मॉडल बाइक है। मैं जानबूझकर ये बाइक तुम्हारे लिए ले आया हूं। ये बाइक पहले से थोड़ी हल्की है लेकिन अब भी दूसरी बाइक के मुकाबले काफी भारी है। अगर इस बाइक पर रेबेका तुम्हें देखेगी तो तुम्हारा इंप्रेशन अच्छा जाएगा।”
“मुझे वहां रेबेका को कोई इंप्रेस नहीं करना है। मुझे तो फिलहाल उस पर गुस्सा आ रहा है। मैं पुणे सिर्फ इसलिए जा रहा हूं ताकि मैं अपने सवालों के जवाब उससे मांग सकूं। दूसरी वजह ये है कि मुझे अब तक मेरे सवालों का जवाब नहीं मिला है।”
“जवाब भी मिल जाएगा मेल्विन।” पीटर ने मेल्विन के पीछे बाइक पर बैठते हुए कहा, “चलो, अब क्लच दबाव और सेल्फ स्टार्ट करो।” पीटर मेल्विन को समझाते हुए कहा।
उधर मेल्विन के ऑफिस में इस बात का हड़कंप मच चुका था कि मिस्टर कपूर मेल्विन को ऑफिस से निकाल रहे हैं। ये खबर मिस्टर कपूर ने खुद महेश को उसके केबिन में जाकर दिया था।
“लेकिन सर, आप ऐसा कैसे कर सकते हैं? महेश ने पूछा, “मैंने अभी-अभी आपको बताया कि मेल्विन को इतनी छोटी बात के लिए आप कंपनी से नहीं निकाल सकते। मेल्विन इसका कड़ा विरोध करेगा।”
“मैं जानता हूं महेश कि मेल्विन इसका विरोध करेगा। लेकिन कंपनी के लिए यही अच्छा है कि मेल्विन को अब यहां से विदा कर दिया जाए।”
तभी एक दूसरे एंप्लॉई ने मिस्टर कपूर से कहा, “सर, अगर मेल्विन को आपने काम से निकाल ही दिया है तो फिर इसकी जानकारी आप हमें क्यों दे रहे हैं? ये जानकारी आप सीधे मेल्विन को ही दे देते।”
*नहीं सक्सेना जी! मेल्विन हमारे साथ 17 साल तक रहा है। ठीक उसी साल उसने इस ऑफिस को ज्वाइन किया था जब इस कंपनी को पूरे 10 साल हो गए थे। आज इस कंपनी को 27 साल पूरे हो गए हैं। मैं चाहता था कि आज के दिन ही मेल्विन को इसकी जानकारी हो।”
“सर, मेल्विन एक जरूरी काम के लिए पुणे गया है। उसने कोई भी अधूरा काम पीछे नहीं छोड़ा।” महेश ने कहा, “फिर भी आप उसके अगेंस्ट इतना बड़ा फैसला ले लिया। ये ठीक नहीं है सर!”
“महेश, तुम्हें चिंता करने की जरूरत नहीं है। बहुत ही जल्द एक रेजिग्नेशन लेटर मैं तुम्हारे लिए भी टाइप करने वाला हूं। मुझे अब इस कंपनी में ऐसा कोई भी नहीं चाहिए जो काम से ज्यादा अपनी दोस्ती निभा रहा हो। अब तक तुम इस ऑफिस में सिर्फ इसलिए खड़े हो क्योंकि मैं तुम्हें मेल्विन से बढ़कर मानता हूं। मैं जानता हूं कि उसका आर्ट बेहतर है लेकिन तुम में मुझे फ्यूचर दिखाई देता है। अगर तुम ठीक से काम करते रहो तो हो सकता है मेल्विन के बाद तुम्हें उसका स्थान मिल जाए।”
“आप मुझे कंपनी से बाहर निकालने की धमकी दे रहे हैं या फिर मेरा प्रमोशन करना चाहते हैं?” महेश ने हंसते हुए पूछा, “आप आखिर चाहते क्या हैं सर?”
“मैं बस इतना ही चाहता हूं महेश कि अगर तुम मेरे साथ रहे तो तुम्हारा प्रमोशन होगा लेकिन अगर तुमने मेल्विन का साथ दिया तो तुम्हें भी कंपनी से बाहर निकाल दिया जाएगा। That's it। “
मिस्टर कपूर इतना कहकर अपने केबिन की ओर चला गए। पीछे मेल्विन के कलीग बस उसे जाते हुए देखते रह गए थे।
उधर पीटर ने मेल्विन को बाइक के आगे बिठा दिया था। मेल्विन ने जल्दी ही बाइक को संभाल कर हाईवे पर चलाना शुरु कर दिया।
“मैं जानता था कि एक बार अगर मेरे हाथ में हैंडल आ गया तो मैं इसे कंट्रोल कर लूंगा। जल्दी ही मुझे इस बात का एहसास होना बंद हो जाएगा कि मैं काफी लंबे समय के बाद बाइक चला रहा हूं।” मेल्विन ने कहा।
“अभी इतना कॉन्फिडेंट होने की जरूरत नहीं है मेल्विन। ये एक लंबा सफर है। जल्दी ही तुम्हें थकान भी महसूस होने लगेगी।” पीटर ने कहा, “हम किसी अच्छे से ढाबे पर रुक कर कुछ देर आराम कर लेंगे।”
“नहीं पीटर। हमारे पास आराम करने का टाइम नहीं है।” मेल्विन ने कहा, “मैं क्या कहता हूं, मैंने कुछ किलोमीटर तक बाइक चला ली है। अब यहां से पुणे तक तुम बाइक चलाओ। वहां से मैं फिर ये बाइक लेकर आगे बढूंगा और तुम कोई दूसरी बाइक रेंट पर ले लेना।”
“ये भी ठीक है मेल्विन।” पीटर ने कहा, “हमें जल्दबाजी दिखानी होगी। वरना अगर ज्यादा रात हो गई तो फिर बाइक से पुणे टू मुंबई हाईवे पर निकलना भी खतरे से खाली नहीं होगा। आजकल रात के समय बाइक वालों को लूटने का मामला खूब हो रहा है।”
“अब की न तुमने समझदारी वाली बात।” मेल्विन ने कहा, “चलो अब बाइक तुम चलाओ।”
अभी वे दानों मुंबई से 50 किलोमीटर दूर निकले ही थे कि मेल्विन के फोन पर उसकी मां का कॉल आया।
“कैसे हो मेल्विन? लंच कर लिया तुमने?” मेल्विन की मां ने मेल्विन की फोन उठाते ही पूछा।
“नहीं मां, मैंने अभी लंच नहीं किया है।” मेल्विन ने बताया, “मैं किसी जरूरी काम से ऑफिस से बाहर आया हूं। फुर्सत मिलते ही लंच कर लूंगा।”
“अच्छा, ठीक है। मैंने तुम्हें ये बताने के लिए फोन किया है मेल्विन कि मेरी कल की टिकट कंफर्म हो गई है। तुम मुझे कल स्टेशन पर लेने आ रहे हो न?”
“कितने बजे की ट्रेन है मां?” मेल्विन ने पूछा।
“कल दोपहर 2 बजे मैं दादर रेलवे स्टेशन पहुंच जाऊंगी।” मेल्विन की मां ने बताया, “तुम ठीक समय पर पहुंच जाना मेल्विन।”
“ठीक है, तुम फ़िक्र मत करो। मैं टाइम पर पहुंच जाऊंगा।” मेल्विन ने कहा, “अभी मैं बाइक चला रहा हूं मां, इसलिए बाद में फोन करता हूं।”
“तुम बाइक चला रहे हो?” मेल्विन की मां को हैरानी हुई, “क्या तुमने बाइक ली है मेल्विन?”
“नहीं मां, मैंने कोई बाइक नहीं ली। आज किसी काम से मुझे बाइक लेकर कहीं जाना पड़ रहा है। ये मेरे एक दोस्त की बाइक है। अच्छा मां, फोन रखो नहीं तो एक्सीडेंट हो जाएगा।”
“नहीं मेल्विन, अब तुम अपनी बाइक सड़क किनारे रोको। मुझे तुमसे बात करनी है।” मेल्विन की मां ने जैसे जिद करते हुए कहा।
पीटर कब से उसे देख रहा था। उसने इशारे से मेल्विन से पूछा, “क्या बात है?”
मेल्विन ने फोन अपने से दूर करते हुए पीटर से कहा, “मां कुछ बात करना चाहती है। हमें बाइक साइड लगानी होगी।”
इतना कहकर मेल्विन ने अपनी बाइक सड़क के एक ओर खड़ी कर दी।
“क्या हुआ मां, कहो क्या कहना है तुम्हें?” मेल्विन ने जल्दबाजी में कहा, “मुझे आज ही पुणे पहुंचकर रात तक वापस लौटना है मां। अगर मैं रात में सोऊंगा नहीं तो फिर अगले दिन काम कैसे करूंगा। तुम तो जानती हो कि मैं संडे को भी घर पर कुछ न कुछ काम करता रहता हूं।”
“हां, मुझे पता है मेल्विन। लेकिन तुम मुझे ये बताओ कि तुम आखिर आप बाइक पर इतनी दूर कहां जा रहे हो? क्या तुम्हारे साथ और भी कोई है?” मेल्विन की मां ने पूछा।
“मां, मेरे साथ पीटर है।” मेल्विन ने बताया।
“कौन पीटर? वही जिसे एक बार इनकम टैक्स वालों ने ट्रेन में नंगा कर दिया था?” मेल्विन की मां ने पूछा।
“नहीं मां, वो पीटर नहीं था। वो पीटर का कोई दोस्त था। तब तो मैं मुंबई में था भी नहीं। आपको भी न जाने कहां-कहां की बातें सूझने लगी है।” मेल्विन ने कहा, “अगर कोई जरूरी बात न हो मां तो हम दोनों अपनी मंजिल की ओर निकले?”
“तुम्हारी मंजिल क्या है मेल्विन? यही तो मैं जानना चाहती हूं। आखिर तुम अपने ट्रेन वाले दोस्त पीटर के साथ इतनी दूर कहां जा रहे हो? क्या सचमुच ये ऑफिस का काम है?” मेल्विन की मां ने पूछा।
“हां मां, ये ऑफिस का ही काम है।” मेल्विन ने झूठ बोलते हुए कहा, “अगर मैं ये काम करके नहीं लौटा तो शायद बॉस मुझे नौकरी से ही निकाल दे। मुझे ये काम आज ही करके मुंबई वापस लौटना है।”
“ठीक है मेल्विन, मैं तुम्हारा टाइम बर्बाद नहीं करूंगी। अपना ख्याल रखना। मैं तो बस ये कह रही थी कि तुम कभी बाइक चलाते नहीं। इस बार इतने सालों बाद चला भी रहे हो तो इतने लंबे सफर के लिए। पीटर से कहना कि तुम्हारा ख्याल रखें।” मेल्विन की मां ने उसे हिदायत देते हुए कहा।
मेल्विन ने फोन कट करके उसे अपने जेब में रख लिया। तभी पीटर ने उससे कहा, “मेल्विन, बाइक तो चलाना मैं तुम्हें सिखा दिया लेकिन अभी बाइक राइड करते हुए फोन पर बात करना तुम्हें सीखना बाकी है।”
“मुझे ऐसी वाहियात चीज नहीं सीखनी पीटर। ड्राइव करते हुए भला बात करना कौन सीखता है। ये न सिर्फ खतरनाक है बल्कि गैर कानूनी भी है।” मेल्विन ने पीटर को समझाते हुए कहा।
“कानून को इतना फॉलो करोगे तो ऐसे ही लेट पर लेट होगा मेल्विन। मैं कहां कह रहा हूं कि तुम एक हाथ से बाइक चलाओ। बस मोबाइल अपने हेलमेट के बीच में फंसा लो और काम बन गया।” पीटर ने हंसते हुए कहा।
“हंसने की जरूरत नहीं है पीटर। जिंदगी और मौत कोई मजाक बात नहीं है। मां ने अभी-अभी हिदायत दी है कि तुम मेरा ख्याल रखो, ऐसा मैं तुम्हें कहूं। लेकिन तुम तो मुझे उल्टा ही एडवाइस दे रहे हो। चलो, अब बाइक स्टार्ट करो हम आगे बढ़ते हैं।”
उसके बाद लगातार 3 घंटे तक पीटर ने बाइक को 60 से 80 किलोमीटर प्रति घंटे के बीच में दौड़ाई। दोपहर के करीब 12 बजे पीटर मेल्विन को लेकर पुणे पहुंच चुका था।
“पुणे में एक्जेक्टली हमें कहां जाना है मेल्विन क्या तुम्हें पता है?” पीटर ने पूछा।
“हां रेबेका का एसएमएस मुझे मिला है। उसने एक एड्रेस दिया है।” मेल्विन ने पीटर को दिखाते हुए कहा।
“ठीक है, ये जगह यहां से करीब आधे घंटे दूर है।” पीटर ने गूगल मैप पर देखते हुए कहा, “अब बस हमें रेंट पर एक बाइक का बंदोबस्त करना होगा। बाइक मिल जाए तो हम जल्दी ही अपने डेस्टिनेशन पर पहुंच जाएंगे।”
“यहां बाइक रेंट पर कैसे लोगे तुम?” मेल्विन ने पीटर से पूछा, “क्या रेंट पर बाइक मिलती है?”
“ये 2025 है मेल्विन। रेंट पर आज क्या नहीं मिलता। कहो तो मैं तुम्हें एरोप्लेन, हेलीकॉप्टर भी दिला दूं। ये तो फिर भी बाइक है।” पीटर ने मुस्कुराते हुए कहा, “कुछ लोग रेंट पर साइकिल और बाइक देते हैं। बस हमें वो जगह तलाश करनी है जहां रेंट पर बाइक मिलती हो। कुछ पूछताछ करने पर हमें वो जगह भी मिल जाएगी।”
पुणे पहुंचकर पीटर ने कई जगह पूछताछ की लेकिन उसे रेंट पर कहीं भी बाइक नहीं मिली।
“अब हम क्या करेंगे पीटर?” मेल्विन ने पूछा, “तुम तो कह रहे थे कि रेंट पर बाइक मिल जाएगी।”
“हम बुरी तरह फंस चुके हैं मेल्विन। मुझे नहीं लगा था कि पुणे में बाइक मिलना मुश्किल हो जाएगा।” पीटर ने कहा। कुछ देर सोच–विचार करने के बाद पीटर के दिमाग में एक आईडिया आया।
“मेल्विन, अगर मैं किसी से लिफ्ट लेकर पुणे तक चलूं और तुम ये बाइक लेकर आगे बढ़ो तो चलेगा?”
“क्या हमें कोई ऐसा आदमी मिलेगा जो हमारी डेस्टिनेशन तक तुम्हें लिफ्ट दे सके?” मेल्विन ने पूछा।
मेल्विन को बात सुनकर पीटर फिर सोच में डूब गया।
क्या मेल्विन और पीटर रेंट पर बाइक ढूंढ सकेंगे? क्या रेबेका का उन्हें उनके डेस्टिनेशन पर मिलेगी? उसने मेल्विन को बाइक पर इतनी दूर क्यों बुलाया था, क्या इस बात का पता चल सकेगा? क्या मेल्विन और रेबेका की मुलाकात पुणे में होगी? क्या महेश मेल्विन का रेजिग्नेशन लेटर कैंसिल करवा सकेगा?
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