मेल्विन के कहे अनुसार मिस्टर कपूर ने नवजीवन को उस कम्पटीशन में हिस्सा लेने की अर्जी डाल दी थी जिसके जवाब आने का इंतज़ार अभी दोनों को था। इंतज़ार मेल्विन को किसी और का भी था।
रात के लगभग 10 बजे थे। मेल्विन अपने स्टूडियो के एक कोने में बैठा था, लाइट बुझी हुई थी, बस लैपटॉप की नीली रोशनी उसके चेहरे पर पड़ रही थी। आँखें थकी हुई थीं, लेकिन नींद कोसों दूर थी। तभी फोन की घंटी बजी। स्क्रीन पर नाम उभरा — रेबेका।
मेल्विन ने कॉल रिसीव की, लेकिन कुछ नहीं बोला। कुछ पल की खामोशी रही, फिर रेबेका की धीमी आवाज़ आई, “तुम ठीक हो, मेल्विन?”
मेल्विन ने गहरी सांस ली, "ठीक? नहीं रेबेका, मैं बिल्कुल भी ठीक नहीं हूँ। हर तरफ से इल्ज़ाम, ताने, सवाल... और सबसे बुरा, तुम्हारी खामोशी। बस अभी हालात थोड़े बेहतर जरूर हैं लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि सब ठीक है रेबेका।"
रेबेका की आवाज़ भी काँप रही थी, “क्या कहती मैं? जब टीवी पर तुम्हारी तस्वीर के नीचे लिखा था — 'हीरों का हार चुराने वाला कार्टूनिस्ट'... जब लोग मुझे देखकर फुसफुसाने लगे... जब माँ-बाबा ने मुझसे कहा कि अब वो रिश्ता आगे नहीं बढ़ेगा, क्योंकि तुम 'एक चोर' हो... तब मैं क्या कहती, मेल्विन?”
"तुम कुछ नहीं कहती," मेल्विन की आवाज़ थोड़ी ऊँची हो गई, “बस मेरा साथ देती। जो साथ देने का वादा किया था, उसे निभाती। लेकिन तुमने भी तो मुझे लेकर बस एक ठंडी आस भरी औरों की तरह।”
कुछ सेकंड की चुप्पी के बाद रेबेका की आँखों से आँसू बहने लगे, जो मेल्विन को सुनाई तो नहीं दिए, पर वो जानता था। “मैं डर गई थी मेल्विन। हाँ, मैं डर गई थी। जब श्याम लाल और उनके चम्मचों ने तुम्हारे ऊपर चोरी का इल्ज़ाम लगाया, तब मुझे समझ ही नहीं आया कि क्या सही है, क्या गलत। शुरुआत में तो मुझे लगा नहीं। ऐसा नहीं हो सकता। मेल्विन ऐसी चोरी नहीं कर सकता लेकिन फिर तुम्हारे हावभाव ने इस और इशारा किया कि तुम उस चोरी वाली बात को कबूलते हो तब मैं क्या समझती मेल्विन? मैं किसका साथ देती? मुझे तो अब भी तुम पर भरोसा था पर तुम ही बताओ कि आखिर मेरे हाथ में क्या ही था?”
"मैंने तुम्हें कभी झूठ नहीं बोला," मेल्विन ने थके स्वर में कहा। “तुम जानती थी मैं क्या कर रहा हूँ। बंधे तो मेरे भी हाथ थे रेबेका। पर क्या मैं झुका? नहीं न? श्याम लाल के आगे मैं जो भी कहता, जो भी सबूत देता, वे कहाँ बात मान रहे थे। इसलिए मैंने भी हार मान ली, मुझे भरोसा था कि कम से कम तुम तो साथ दोगी पर तुमने निराश किया। अंकल आंटी की बात को तो फिर भी मैं समझता हूँ पर तुमने निराश किया रेबेका। खैर, अब सब ठीक हो रहा है, मैं अपने ऊपर लगे इल्ज़ामों को हटा तो नहीं सका पर मैंने उन्हें ही अपनी ताकत बना ली है और अब धीरे-धीरे मैं बाकी की समस्याओ को सुलझा लूँगा।”
रेबेका धीरे से बोली, “हाँ, अब सब समझ में आ रहा है। टीवी में जो कल तक तुम्हें चोर समझते थे अब वे ही लोग तुम्हें हीरो मान रहे हैं, लोग तुम्हें आज के जमाने का रोबिनहूड समझ रहे हैं जो अमीरों से पैसे चुराता है और ग़रीबों में दान करता है, जिसे कानून भी कुछ नहीं कर सकता। तुम फेमस हो रहे हो मेल्विन। और तो और तुम्हारे बच्चों के लिए बनाए स्केचस भी अब काफी फेमस होते जा रहे हैं। अब तो मेरे मम्मी डैडी का भी गुस्सा तुमपर कम होता जा रहा है जो कि हमारे शादी के रिश्ते के लिए काफी अच्छी बात है।”
"लेकिन मेरी ज़िंदगी तो बर्बाद हो गई न रेबेका? तुम चली गईं, समाज ने मुझे चोर बना दिया। मेरे सपने, मेरी साख... सब कुछ छिन गया। मैं जिन चीजों के लिए जाना जाना चाहता था वैसा तो नहीं रहा न? अब इस प्रसिद्धि का मैं क्या करूँ? क्या मैं सारी जिंदगी एक चोर का ठप्पा लेकर घूमूँ? क्या तुम एक चोर से शादी करोगी रेबेका? बताओ।"
रेबेका भी भावुक स्वर में बोल पड़ी- "मैं तुम्हारी बात समझती हूँ मेल्विन। कभी कभी ज़िंदगी हमारे उम्मीदों के हिसाब से नहीं चलता पर इसका मतलब नहीं कि वो बुरा हो। हम गॉड से बेहतर खुद के बारे में नहीं जानते। वो जो रास्ता दिखाते हैं वही हमारे लिए सबसे बेस्ट होता है। तुम एक फेमस रटोस्ट बनना चाहते थे और देखो किस्मत ने तुम्हें वही बना दिया। शायद यह तुम्हारे उम्मीद के अनुसार नहीं हो पर इसका मतलब थोड़ी यह बुरा हो। लोगों का परसेप्शन भी तुमको लेकर धीरे धीरे बदल रहा है जब तुम कुछ अच्छा करने लगोगे तब तुम पर लगी वह बुराई वाली छवि भी छट जाएगी। अभी तुम पर लगे इल्ज़ामों के कारण लोग तुम्हें जाने और उन्होंने तुम्हारे स्केचस को खंगाला, कल क्या पता, तुम्हारे आर्ट ही मैन हाइलाइट बन जाए और लोग तुम्हें तुम्हारे आर्ट से ही जाने। कल किसने देखा है, कल कौन जानता है? भले ही यह वक़्त तुम्हारे लिए कठिन हो। मुश्किल हो।"
रेबेका की आवाज़ में अब और मजबूती हो चली थी, "पर तुम रुके नहीं। तुमने लड़ाई लड़ी। अब भले ही तुम्हारी छवि थोड़ी अलग बन चुकी है पर कौन जानता था कि बंद कमरों में ड्राइंग बनाने वाला अधेड़ आदमी, जो लड़की तक इम्प्रेस करना नहीं जानता है उसके पास कितना चालाक दिमाग है।"
"तो तुम सच्चाई जानती हो?"- मेल्विन ने हैरानी के साथ कहा।
"हाँ मेल्विन जानती हूँ। मैंने जब यह पहली बार सुनी तो मुझे विश्वास ही नहीं हुआ कि अपना मेल्विन ऐसा भी कुछ कर सकता है। जिस तरह से तुमने रेसिग्नशन के नाम पर श्याम लाल के सामने सिंडिकेट को मैदान में उतारा और फिर माफी के नाम पर सिंडिकेट को तुम्हारी मदद को मजबूर करा देना, इतना दूर तक एक आम कार्टूनिस्ट तो नहीं ही सोच सकता। जरा अपनी लिनीअज चेक करना, कहीं तुम शेरलॉक होल्मस या उसी तरह किसी शातिर जासूस के खानदान से तो नहीं?"- रेबेका ने चुटकी लेते हुए कहा।
मेल्विन थोड़ी देर चुप रहा, फिर हल्की मुस्कान के साथ बोला, "तुम्हें पक्का यह पीटर ने बताया होगा। है न? मैं जानता हूँ उसकी हरकतों को। यह सब उसी की करामात है। आखिर उसके ट्रैक रिकॉर्ड रहे हैं ऐसे। खैर, हीरो तो बन गया हूँ, लेकिन कीमत बहुत चुकाई है रेबेका। सबसे बड़ी कीमत — तुम्हारा साथ।"- मेल्विन ने कहा।
रेबेका ने गहरी सांस ली, “क्या तुम अब भी मुझसे प्यार करते हो, मेल्विन?”
मेल्विन की आवाज़ कांप गई, “तुम्हें क्या लगता है? इतने तूफानों के बाद भी अगर कोई चेहरा मेरी आँखों के सामने सबसे साफ उभरता है, तो वो तुम्हारा है।”
रेबेका की आँखों से फिर आँसू बहने लगे, लेकिन अब उनमें दर्द की जगह प्यार था। “मैंने भी तुम्हें बहुत मिस किया, मेल्विन। मैं हर रोज़ तुम्हारा नाम गूगल करती थी, तुम्हारे कार्टून देखती थी, वो पुरानी तस्वीरें...”
मेल्विन हँसा, “याद है जब तुमने कहा था कि मेरी बनाई कार्टून लड़कियों की आँखें बहुत बड़ी होती हैं? और फिर मैं हफ्तों तक तुम्हारी आँखें निहारता रहा कि सही माप क्या है।”
रेबेका खिलखिला पड़ी, “तुम पागल हो।”
"तुम्हारा पागल," मेल्विन ने धीमे से कहा।
कुछ पल दोनों चुप रहे। फिर रेबेका बोली, “क्या अब सब कुछ ठीक हो सकता है? क्या हम... फिर से एक शुरुआत कर सकते हैं?”
मेल्विन ने कहा, “अगर तुम्हें यकीन हो कि ये रिश्ता अब किसी अफवाह या डर से नहीं टूटेगा, तो हाँ, मैं तैयार हूँ। फिर से, एक नई शुरुआत के लिए।”
रेबेका बोली, “इस बार ना कोई माँ-बाप रोकेगा, ना कोई इल्ज़ाम। इस बार सिर्फ हम होंगे, और हमारा प्यार।”
"तो चलो," मेल्विन ने मुस्कुराते हुए कहा, “शादी की तारीख तय करते हैं। इस बार कोई दिखावा नहीं। बस हम दोनों, एक छोटी सी रजिस्ट्री, और शाम को छोले-भटूरे।”
रेबेका हँसी, “और तुम्हारे वो पुराने दोस्त जो शादी में कार्टून थीम वाला गिफ्ट लाएँगे।”
"हाँ," मेल्विन ने कहा, “और हमारी शादी के इन्विटेशन कार्ड पर लिखा होगा — 'आइए, दो दिलों के इस कॉमिक रीयूनियन में शामिल हों।'”
रेबेका ने पूछा, “क्या तुम अब भी मेरे लिए वही कार्टून बना सकते हो, जिसमें मैं एक सुपरहीरो हूँ और तुम मेरा साइड किक?”
मेल्विन बोला, “नहीं, अब मैं तुम्हारा साइडकिक नहीं, तुम्हारा पार्टनर बनूँगा — बराबरी का। तुम उड़ोगी, मैं तुम्हारे साथ उड़ूंगा। तुम गिरोगी, तो मैं संभालूंगा।”
रेबेका की आँखें भर आईं, “आई लव यू, मेल्विन।”
“आई लव यू टू, रेबेका।”
उस रात, एक टूटा रिश्ता फिर से जुड़ा। इल्ज़ामों की आँधी थम चुकी थी। अब सिर्फ प्यार की नमी थी, समझदारी की मिट्टी थी, और उम्मीद की धूप।
और इस बार, मेल्विन और रेबेका ने तय किया — कोई भी तूफान उन्हें अलग नहीं कर सकता। उनका प्यार, अब किसी अखबार की हेडलाइन नहीं था, बल्कि एक सच्ची कहानी थी — दो दिलों की जो हर हालात में एक-दूसरे का साथ निभाने को तैयार थे।
वहीं ऑफिस के अपने पर्सनल केबिन में मास्टर कपूर अपने ईमेल्स चेक कर रहे थे। जहाँ एक मेल ने उनका ध्यान अपनी और आकर्षित किया। वो मेल नवजीवन संस्था से था। मेल कुछ इस प्रकार था।
प्रिय मिस्टर कपूर,
नवजीवन संस्था की ओर से आपको हार्दिक धन्यवाद और आभार व्यक्त करते हैं कि आपकी मैगज़ीन कंपनी द्वारा आयोजित टैलेंट हंट प्रतियोगिता के बारे में हमें पता चला। हमें यह जानकर अत्यंत प्रसन्नता हुई कि आप हमारे बच्चों को अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर प्रदान कर रहे हैं।
हमें यह बताते हुए खुशी हो रही है कि हमारी संस्था गरीब और अनाथ बच्चों की देखभाल और उनके सर्वांगीण विकास के लिए काम करती है। हमें विश्वास है कि आपकी प्रतियोगिता हमारे बच्चों को अपनी प्रतिभा और कौशल को प्रदर्शित करने का एक शानदार अवसर प्रदान करेगी।
इसलिए, हम आपकी टैलेंट हंट प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए अपनी स्वीकृति प्रदान करते हैं। हमें विश्वास है कि यह प्रतियोगिता हमारे बच्चों के लिए एक प्रेरणादायक अनुभव होगा और उनकी आत्म-विश्वास में वृद्धि करेगा।
हम आपको और आपकी पूरी टीम को एक सप्ताह के भीतर हमारी संस्था में आमंत्रित करते हैं ताकि हम प्रतियोगिता के विवरण और अन्य आवश्यक व्यवस्थाओं पर चर्चा कर सकें। हमें विश्वास है कि यह एक सफल और यादगार आयोजन होगा।
एक बार पुनः, आपकी पहल की सराहना करते हुए, हम आपके साथ सहयोग करने के लिए उत्सुक हैं। यदि आपको कोई और जानकारी चाहिए, तो कृपया हमसे संपर्क करने में संकोच न करें।
धन्यवाद और शुभकामनाएँ।
यह सुनकर मिस्टर कपूर खुशी से उछल पड़े और उन्होंने तुरन्त मेलविन को फोन लगाया।
"हाँ बॉस। बोलिये।"- मेल्विन ने कहा।
"मेल्विन तुम्हारा आइडिया काम कर गया। नवजीवन संस्था ने अपने यहाँ हमारर कम्पटीशन को कराने की अनुमति दे दी है।"- मिस्टर कपूर ने खुशी के साथ कहा।
"ओह। क्या कमाल की खबर सुनाई है आपने। मुझे यह सुनकर बेहद खुशी हुई। मुझे पता था कि आप उन्हें कन्विन्स कर ही लेंगे।"- मेल्विन ने कहा।
"वो सब तो ठीक है। लेकिन तुम्हें जल्द ही अपने बैग पैक करने होंगे। तुम वहाँ आर्ट कंपेटिशन में बतौर आर्ट जज जा रहे हो।"- मिस्टर कपूर ने कहा।
"हां सर। मुझे यह सौभाग्य पा कर बहुत खुशी हुई। मैं जरूर इस कॉम्पटीशन में बतौर जाना चाहूँगा। वैसे कब निकलना है?"- मेल्विन पूछा।
"इसी हफ्ते।"- मिस्टर कपूर ने कहा।
"इसी हफ्ते! यह थोड़ा ज्यादा जल्दी नहीं हो गया सर।"- मेल्विन ने कहा।
"हाँ थोड़ा जल्दी तो है। लेकिन उन्होंने हमें एक हफ्ते के अंदर वहाँ पहुँचने के लिए कहा है। तो जल्दी से अपने बैग पैक करो मैं तुम्हारा बाकियों के साथ फ्लाइट की टिकट बुक करता हूँ।"- मिस्टर कपूर ने कहा।
"वाह। यह तो काफी फ़ास्ट है। वैसे क्या मेरे साथ पीटर भी चल रहा है?"- मेल्विन ने पूछा।
"हाँ बिल्कुल। पीटर भी चल रहा है।"- मिस्टर कपूर ने जवाब दिया।
"वाह तब तो काफी मजा आएगा। मैं अभी अपने यात्रा की खबर मां और रेबेका को देता हूँ।"- मेल्विन ने कहा।
"हाँ बिल्कुल। आखिर इससे तुम्हारी रेपुटेशन देश और दुनिया में और बढ़ेगी। उन्हें तो यह जानकर बेहद खुशी होगी।"- मिस्टर कपूर ने कहा।
"आपका शुक्रिया।"- मेल्विन ने कहा।
इसके बाद मेल्विन अपनी अगली यात्रा की तैयारी करने लगा। उस कम्पटीशन के लिए कुल 5 लोगों को चुना गया था जिसमें पीटर और लक्ष्मण भी थे। मेलविन ने यह खुशखबरी सुनाने के लिए रेबेका और अपनी मम्मी को फोन घुमाया पर दोनों के ही तरफ से कोई जवाब नहीं आया पर मेलविन निश्चिंत था क्योंकि हो सकता था कि इस वक़्त दोनों ही इस वक़्त व्यस्त हो इसलिए उसने दोनों को ही बाद में फोन करने की ठानी और सीधा घर की तरफ निकल चला।
अब आगे उसकी जिंदगी में कौन सा मोड़ आएगा? दिल्ली में उसे कौन सी नई परेशानी का सामना करना पड़ेगा। क्या उसकी चुनौतियाँ उसे इस दायरे में रखेंगी या वो किसी नई जगह भी जा सकता है? अगर हाँ, तो क्या इंतज़ार कर रहा है उसका उस पार? क्या वह नवजीवन से जुड़े राजों को सुलझा पाएगा? जानने के लिए पढिए कहानी का अगला भाग।
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