मि. सिंघानिया की बात सुनकर ध्रुवी ने पूरे गुस्से से अपना फ़ोन जमीन पर दे मारा। उसकी वजह से कीमती फ़ोन के पुर्जे चकनाचूर होकर बिखर गए। ध्रुवी ने गुस्से से अपने बालों में हाथ घुमाया और गहरी साँस लेते हुए कुछ पल बाद अपनी गाड़ी की ओर बढ़ गई। गाड़ी में बैठकर वह अपने बंगले से बाहर निकल गई।

            जब ध्रुवी कैफ़े पहुँची, आर्यन वहाँ आ चुका था और एक टेबल पर उसका इंतज़ार कर रहा था। ध्रुवी सीधा आर्यन के पास गई। आर्यन ने ध्रुवी को देखकर वेटर को दो कॉफ़ी लाने का आदेश दिया। ध्रुवी के चेहरे पर आई गंभीरता और गुस्से से वह समझ गया था कि ध्रुवी और मिस्टर सिंघानिया के बीच कोई बातचीत हुई है, जो यकीनन उसके मुतल्लिक ही है। फिर भी, आर्यन ने अपने अंदाज़े को किनारे रखते हुए, ध्रुवी से ही उसकी परेशानी का कारण पूछना ठीक समझा।

 

"क्या हुआ है?? आज टेंपरेचर इतना हाई क्यों लग रहा है???" आर्यन ने ध्रुवी का मूड हल्का करने की कोशिश करते हुए पूछा।

ध्रुवी ने आर्यन की बात सुनकर उसे गुस्से से घूरा।

"उप्स! इतना गुस्सा रे बाबा! थोड़ा तो रहम करो मुझ मासूम पर। बिचारा मेरा मासूम दिल तुमसे इतना डरता है, तुम्हारे सामने थरथर कांपता है। और अगर तुम मुझे ऐसी कातिलाना नज़रों से देखोगी तो बाय गॉड... मुझे तो यही इसी पल मर जाना है!" आर्यन ने एक गहरी आह भरते हुए कहा।

"आर्यन, इस वक्त मैं मज़ाक के मूड में बिल्कुल भी नहीं हूँ, तो तुम अपने ये फ़िज़ूल मज़ाक बंद करो!" ध्रुवी ने आर्यन को घूरते हुए कहा।

"अच्छा ठीक है बाबा। कम से कम मुझे बताओ तो सही कि आखिर मेरी जान को हुआ क्या है और आखिर क्यों वो इतना अपसेट है? और अगर मैं गलत नहीं हूँ, तो इस बार भी तुमने अपना गुस्सा बिचारे अपने मासूम फ़ोन पर निकाल दिया है।" आर्यन ने ध्रुवी के खाली हाथ देखकर कहा। जब ध्रुवी ने कोई जवाब नहीं दिया, तो आर्यन समझ गया कि ध्रुवी ने एक बार फिर से गुस्से में अपना फ़ोन तोड़ डाला है।

"कमऑन बेब, मतलब एक महीने में ये तीसरा कीमती फ़ोन तोड़ा है तुमने अपना। तुम अपना गुस्सा ऐसे चीज़ों पर क्यों निकालती हो?" आर्यन ने एक पल रुककर कहा।

"तो क्या करूँ मैं? जब मुझे गुस्सा आता है, तो मेरा दिल करता है कि... कि बस जो भी मेरे सामने आ रहा है, उसे तोड़-फोड़ दूँ!" ध्रुवी ने आर्यन की ओर देखते हुए कहा।

"अच्छा, और अगर कहीं तुम्हारे गुस्से के वक़्त मैं तुम्हारे सामने आ गया तो? मतलब तो तुम मुझे भी ऐसे ही तोड़-फोड़ दोगी। देखो मैडम, फ़ोन तक का तो ठीक है, वह मार्केट में नए मिल सकते हैं, दोबारा बनाए जा सकते हैं। लेकिन मैं... मैं एक ही पीस हूँ इस पूरी दुनिया में। और अगर कहीं मैं टूट-फूट गया तो मैं दोबारा नहीं रिपेयर होने वाला, और ना ही जुड़ने वाला। फिर तुम्हें अपनी पूरी ज़िंदगी एक लंगड़े-लूले पति के साथ गुज़ारनी पड़ेगी। तो अब सोच लो तुम्हें तुम्हारा गुस्सा ज़्यादा प्यारा है या फिर अपना होने वाला पति!" आर्यन ने ध्रुवी का मूड हल्का करने की कोशिश करते हुए कहा।

आर्यन की बात सुनकर इस बार ध्रुवी के होठों पर भी एक हल्की सी मुस्कान तैर गई। तभी वेटर वहाँ कॉफ़ी ले आया और आर्यन ने एक कप ध्रुवी की ओर बढ़ाकर दूसरा कप खुद उठा लिया।

"ये है मेरी ध्रुवी... जो मुझे बस यूँ ही हमेशा हँसती-मुस्कुराती ही अच्छी लगती है!" आर्यन ने ध्रुवी को मुस्कुराते हुए कहा।

"आर्यन, तुमने मुझे बताया क्यों नहीं? आखिर क्यों छुपाया मुझसे कि ऑफ़िस में डैड से तुम्हारी कोई बात हुई थी... हमारे रिश्ते को लेकर?" ध्रुवी ने अचानक फिर से पूरी तरह गंभीरता के भाव के साथ एक गहरी साँस लेते हुए कहा।

"देखो ध्रुवी, मैं यह नहीं कहूँगा कि तुम्हारे डैड गलत हैं या कुछ भी ऐसा। मैं जानता हूँ कि एक पिता होने के नाते वह तुम्हें बेहतर से बेहतर देना चाहते हैं। और अगर हम हकीकत को देखें, तो ध्रुवी तुम्हारी और मेरी ज़िंदगी में ज़मीन-आसमान का फ़र्क है। और कहीं ना कहीं यही वजह भी थी जो मैं हमेशा तुम्हें ना कहकर तुमसे दूर भागता आया था। क्योंकि मैं जानता था कि हम दोनों के बीच एक स्टेटस नाम की बहुत बड़ी खाई है, जिसे शायद ही मैं कभी भर पाऊँ। और इसीलिए मैं नहीं चाहता था कि लाइफ़ के एक मोमेंट पर आकर तुम या मैं कभी भी ऐसी सिचुएशन में पड़े!" आर्यन ने अचानक ही गंभीर भाव के साथ कहा।

"और आर्यन, मैंने भी तुम्हें कहा है और आज भी मैं यही कहूँगी कि मुझे कोई फ़र्क नहीं पड़ता कि तुम्हारा स्टेटस क्या है या हम दोनों के बीच कितना फ़ासला है। मुझे फ़र्क पड़ता है तो सिर्फ़ तुम्हारी मोहब्बत से, तुम्हारे प्यार से। मुझे ये पैसा, ये रुतबा, ये सब कुछ नहीं चाहिए। मैं सिर्फ़ तुम्हें चाहती हूँ आर्यन, बेहद चाहती हूँ और जिसके साथ मैं अपनी पूरी ज़िंदगी बिताना चाहती हूँ। और डैड को भी ये बात समझनी ही होगी!" ध्रुवी ने उसी गंभीरता के साथ कहा।

"देखो ध्रुवी, वो तुम्हारे डैड हैं और वो हर पिता की तरह ही चाहते हैं कि अपनी बेटी के लिए बेहतर से बेहतर हमसफ़र चुने, जो उसके स्टेटस का, उसके काबिल हो और जो हर चीज़ में उनकी बेटी के साथ कदम से कदम मिलाकर चल सके। शायद अगर मैं उनकी जगह होता, तो मैं भी उसी तरह से सोचता जैसे आज तुम्हारे डैड सोच रहे हैं। यह बात तुम जानती हो, तुम समझती हो कि मैं तुम्हें चाहता हूँ, ना कि तुम्हारे पैसे और दौलत को। लेकिन हर सिक्के के दो पहलू होते हैं ध्रुवी और ये पूरी दुनिया, तुम्हारे डैड सब उसी पहलू से सोचते हैं और ज़ाहिर है शायद सोचेंगे भी कि मेरा तुमसे लगाव का मक़सद तुम्हारी दौलत और पैसा ही है!" आर्यन ने ध्रुवी का हाथ थामते हुए कहा।

"तुम्हें मेरे डैड या दुनिया के कहने से फ़र्क पड़ता है या मेरी सोच और मेरे कहने से?" ध्रुवी ने गंभीर भाव से पूछा।

"ऑफ़कोर्स तुमसे और तुम्हारी सोच से!" आर्यन ने कहा।

"तो फिर मैं तुम्हें अच्छे से समझती भी हूँ और जानती भी हूँ आर्यन, तो दुनिया क्या कहती है और क्या सोचती है इस बात को भूल जाओ!" ध्रुवी ने गंभीर भाव से कहा।

"ठीक है, समझो फिर भूल गया। अगर ये बात या तुम्हारे डैड तुम्हारी परेशानी की वजह नहीं है, तो फिर तुम क्यों परेशान हो?" आर्यन ने एक पल बाद कहा।

"कल डैड ने एक लड़के को बुलाया है!" ध्रुवी ने एक पल खामोशी के बाद कहा।

"किस लड़के को?" आर्यन ने पूछा।

"डैड के किसी बिज़नेस पार्टनर का बेटा है और वो चाहते हैं कि मैं उससे मिलूँ और उसे जानू। और फिर अगले हफ़्ते डैड उससे मेरी सगाई करना चाहते हैं!" ध्रुवी ने कहा।

"तो फिर तुमने क्या कहा?" आर्यन ने ध्रुवी की ओर देखते हुए पूछा।

"कहना क्या था? ऑफ़कोर्स मैं डैड से कह चुकी हूँ कि मैं सिर्फ़ तुम्हें चाहती हूँ और अगर मैं किसी से शादी करूँगी तो सिर्फ़ तुमसे ही करूँगी!" ध्रुवी ने नाराज़गी से कहा।

"तुम्हें नहीं लगता कि ये लाइन ज़्यादा टिपिकल हो गई?" आर्यन ने लाइट मूड से कहा। ध्रुवी ने आर्यन को घूरा तो आर्यन ने हमेशा की तरह उसे मेल्ट करने वाली अपनी एक दिलकश मुस्कान दी। “अच्छा, एम सीरियस। तो तुम्हें लगता है कि तुम्हारे डैड मानेंगे?”

"नहीं, अभी के हालात देखकर तो बिल्कुल भी ऐसा नहीं लगता कि वह मानेंगे!" ध्रुवी ने टेंशन में अपने माथे पर अपनी उंगलियाँ फेरते हुए कहा।

"देखो नेहा, डोंट गेट मी रॉन्ग, लेकिन अभी भी तुम्हारे पास वक़्त है सोचने का और अपना फ़ैसला लेने का। अगर तुम चाहो तो मैं अभी भी अपने कदम पीछे हटाने के लिए तैयार हूँ और तुम अपने डैड के कहे अनुसार उस लड़के से मिल लो और..." आर्यन ने कुछ पल खामोश रहने के बाद एक गहरी साँस लेते हुए कहा।

"हाउ डेयर यू आर्यन! तुम्हारी हिम्मत भी कैसे हुई मुझसे यह बात कहने की? मैं किसी और से जाकर...?" ध्रुवी ने बीच में ही आर्यन की बात काटते हुए गुस्से से कहा। "आर्यन, तुम्हें क्या लगता है कि मेरी फ़ीलिंग, मेरा प्यार सब कुछ सिर्फ़ एक दिखावा है या वक़्ती तौर का है? कि बस कुछ दिन मैंने उससे अपना जी बहला लिया और अब मैं किसी और के साथ जाकर ये इश्क़-मोहब्बत लड़ाऊँ? तुमने मुझे समझा क्या है आर्यन? तुम ऐसा सोच भी कैसे सकते हो मेरे बारे में? ठीक है, जब तुम्हें मुझ पर, मेरे प्यार भरोसा ही नहीं, तो मेरा यहाँ बैठकर तुमसे कुछ भी कहने का कोई भी फ़ायदा नहीं!" ध्रुवी ने नाराज़गी भरे लहजे से कहा।

"एम सो सॉरी, एम सॉरी ध्रुवी। मेरे कहने का मतलब ये नहीं था और ना ही मैं तुम्हें हर्ट करना चाहता था। मेरे कहने का मतलब सिर्फ़ इतना था कि मैं तुम्हें किसी सिचुएशन या प्रॉब्लम में नहीं पड़ने देना चाहता। मैं नहीं चाहता कि तुम किसी भी तरह का या कोई भी प्रेशर लो या मेरी वजह से किसी भी प्रॉब्लम में आओ। दैट्स इट!" आर्यन ने ध्रुवी को वापस हाथ पकड़ कर बैठाते हुए एक गहरी साँस लेते हुए कहा।

 

ध्रुवी ने आर्यन की बात का कोई जवाब नहीं दिया और उसने गुस्से से अपनी नज़रें दूसरी दिशा में फेर रखी थीं।

"ठीक है, तुम्हें हमेशा यही लगता है ना कि मैं हमेशा तुम्हारे प्यार पर शक करता हूँ या कहीं वक़्त आने पर मैं पीछे ना हट जाऊँ। तो आज मैं तुम्हें अपने प्यार का सबूत देता हूँ, बस उसमें मुझे तुम्हारा साथ चाहिए। तुम मेरे साथ ज़िंदगी गुज़ारना चाहती हो और मैं तुम्हारे साथ। और जैसा कि अभी कुछ पल पहले ही तुमने कहा कि तुम्हारे डैड या पूरी दुनिया से मुझे कोई फ़र्क नहीं पड़ना चाहिए, तो ठीक है, कोई फ़र्क नहीं पड़ता मुझे अब। और मेरे लिए हमारे रिश्ते की मंज़ूरी के लिए हम दोनों ही काफ़ी हैं। तो चलो हम दोनों मंदिर में शादी कर लेते हैं।" आर्यन ने एक पल खामोश रहने के बाद गंभीर भाव से कहा। 

ध्रुवी ने झट से अपनी नज़रें घुमाकर आर्यन को देखा।

 

 "इनफैक्ट, मैं अभी और इसी वक़्त तुमसे शादी करने के लिए तैयार हूँ। अब फ़ैसला तुम्हारे हाथ में है ध्रुवी कि तुम क्या चाहती हो। तो अब तुम अच्छे से सोच-समझकर आज फ़ैसला कर लो कि आखिर तुम्हें क्या चाहिए और तुम क्या करना चाहती हो। और यकीनन यह भी तय है कि तुम्हारे किसी भी फ़ैसले से आज किसी एक का दिल दुखना तो यकीनन तय है। और तुम्हारा जो भी फ़ैसला हो, आई प्रॉमिस मुझे मंज़ूर होगा और मैं तुम्हें उसमें पूरा सपोर्ट भी करूँगा। और आई प्रॉमिस कि मेरी वजह से तुम्हारी आने वाली ज़िंदगी में कभी भी कोई भी परेशानी या थोड़ी भी उलझन नहीं आएगी। क्योंकि आज अगर तुमने मुझे नहीं चुना, तो आई प्रॉमिस, आई प्रॉमिस कि मैं ज़िंदगी भर फिर कभी तुम्हें अपनी शक्ल तक भी नहीं दिखाऊँगा!" आर्यन ने ध्रुवी की ओर अपना हाथ बढ़ाते हुए कहा।

 

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