नैना शेखर के ऊपर घायल शेरनी की जैसी झपटी, पर शेखर जैसे इसके लिए पहले से ही तैयार बैठा था, उसे पता था कि नैना यह बात सुनकर कैसा रिएक्‍ट करेगी इसके लिए उसने पहले ही कमर कस ली थी। 

शेखर नैना से दुगनी उम्र का जरूर था, पर पहली बात तो मर्द और ताकत भी नैना से कम नहीं थी। उसने नैना को धक्‍का देकर वापस कमरे के अंदर धकेल दिया और बाहर से दरवाजा बंद कर दिया। 

जब तक तुम्‍हें कोई धमाकेदार न्‍यूज नहीं मिल जाती, तब तक तुम यहीं बंद रहोगी।

नैना दरवाजे के बगल में बने खिड़की से झांककर शेखर पर गुर्रा उठी...’’तुम्‍हें क्‍या लगता है कि यह सब करके तुम मुझे रोक लोगे, तुम्‍हें नहीं पता है कि तुम किन लोगों के साथ पंगा ले रहे हो, अगर मैं दोपहर तक मीटिंग में नहीं पहुंची तो मेरी खोजबीन शुरू हो जाएगी और अगर चीफ या बलंवत का हाथ तुम्‍हारी गरदन तक पहुंच गया तो वे तुम्‍हें इस दुनिया से इस तरह गायब करेंगे जैसे कभी तुम और तुम्‍हारा परिवार इस दुनिया में थे ही नहीं।‘’

खिड़की के बाहर खड़े शेखर ने नैना से कहा, ‘’क्‍या सच में? तुम्‍हें पता भी है कि तुम कहां हो? तुम्‍हारा फोन डिस्‍चार्ज हो गया है शायद तुमने नोटिस नहीं किया, और यहां से नेट का कनेक्‍शन भी नहीं मिल पाएगा और फोन का चार्जर तुम्‍हारे पास है भी नहीं, तो कैसे अपने चीफ और बलवंत से कनेक्‍ट करोगी?‘’ 

नैना कसमसा कर रह गई..फिर भी वह हार मानने वालों में से नहीं थी, वह बोली, ‘’वे लोग मुझे ढूंढ लेंगे, और तुम लोगों को तो मैं सजा दूंगी।‘’ 

‘’अच्‍छा, कैसे ढूंढेगे.? मैंने तुम्‍हारे फोन से मैसेज डाल दिया था कि तुम आज मीटिंग में नहीं आ पाओगी क्‍योंकि तुम एक बहुत ही इम्‍पॉटेंट आदमी के साथ डेट पर गई हो, तुम उससे बहुत प्‍यार करती हो, तुम्‍हें पता है ना इसका अंजाम क्‍या होगा?‘’

यह सुनते ही नैना की आंखों में खून उतर आया, वह खिड़की का ग्रिल पकड़कर शेखर पर चीख उठी, ‘’हाउ डेयर यू, आपकी हिम्‍मत कैसे हुई मेरा फोन छूने की और मेरे बारे में ऐसा मैसेज करने की, आपको पता भी है कि आपने क्‍या किया है?‘’ 

शेखर ने कहा, ‘’हां मैं जानता हूं, इससे अमरीश और तुम्‍हारा रिश्‍ता टूट जाएगा, तुम्‍हारे उस चीफ का भरोसा उठ जाएगा और जिसपर से चीफ का भरोसा उठ जाता है उसका अंजाम बहुत ही बुरा होता है, ऐसा मैंने सुना है…वैसे भी तुम्‍हारे साथ कुछ भी हो मुझे कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है, क्‍योंकि तुम आलरेडी हद पार कर चुकी हो, मेरे लाख समझाने पर भी तुम नहीं मानी।‘’ 

अब तुम्‍हें और तुम्‍हारे परिवार को चीफ के प्रकोप से कोई नहीं बचा सकता है, अगर अपना भला चाहते हो तो इसी समय मुझे जाने दो, मैं चीफ को सारी बातें बताकर तुम लोगों की जान बचा लूंगी। 

‘ओहो, यह बात कौन कह रहा है? एक जहरीली नागिन जो इतने सालों से मेरे परिवार को डस रही है, नैना यह लुभावनी बातें उसे कहना जिसे तुम्‍हारे बारे में पता न हो, मेरे सामने तुम्‍हारा यह ड्रामा नहीं चलेगा।‘’ कहकर शेखर वहां से चला गया। 

नैना चीखती रही पर उसकी आवाज उस रूम से बाहर जा ही नहीं सकती थी क्‍योंकि वह साउंड प्रुफ थी। 

 

फार्महाउस के लैब में मीटिंग चल रही थी.....चीफ होटल के एक सीक्रेट रूम में बैठा था जहां से वह सबको देख सकता था लेकिन उसे कोई नहीं देख सकता था, हमेशा की तरह वह बिना किसी के सामने आए यह मीटिंग अटेंड कर रहा था। 

चीफ ने लैब में बैठे हुए लोगों पर एक तीखी दृष्‍टि डाली ओर कड़े स्‍वर में पूछा, ‘’नैना कहां है?’’

अमरीश बलवंत और भी कई जाने माने लोग उस मीटिंग में बैठे हुए थे उन सभी को मानो सापं सूंघ गया हो। क्‍योंकि नैना के फोन से थोड़ी देर पहले ही एक मैसेज आया था कि वह आज मीटिंग में नहीं आ रही हे, क्‍योंकि किसी खास आदमी के साथ उसकी डेट है, और उससे ज्‍यादा इम्‍पॉटेंट उसके लिए कुछ भी नहीं है, चीफ की मीटिंग भी नहीं।

यह बात अगर चीफ को पता चल गई तो चीफ वहीं से बैठे-बैठे इन लोगों को गोली मरवा देता। 

पता नहीं चीफ..अब तक तो उसे आ जाना चाहिए था, लैब में काम करने वाले एक डाक्‍टर मिस्‍टर अजीत ने चीफ से कहा, ‘’सर वह तो हमेशा टाइम से आ जाती थी, पता नहीं क्‍या हो गया है आज?’’ 

चीफ ने कहा, ‘ओके उसे फोन मिलाओ....और कहो कि जहां भी हो दस मिनट के अंदर-अंदर लैब में पहुंचे, मुझसे ये लापरवाही सहन नहीं हो सकती।‘

वहां बैठे सबको कंपकंपी छूट गई...नैना का तो फोन भी स्‍विच ऑफ था, नैना की मां से किसी का कोई कान्‍टेक्‍ट भी नहीं था, और दूसरी बात नैना की मां लता तो दिल्‍ली के द्वारिका में रहती थी, जो यहां से करीब एक घंटे के रास्‍ते पर था। पता नहीं वह वहां मिलेगी भी या नहीं?

इस समय सबसे ज्‍यादा अमरीश भन्‍नाए हुए थे, नैना किसी और लड़के के साथ डेट पर गई थी, यह बात उनसे हजम नहीं हो रही थी। अगर किसी और ने बताया होता या मैसेज किया होता तो शायद अमरीश कभी नहीं मानते लेकिन नैना ने खुद अपने फोन से यह मैसेज सबको दिया था इसलिए विश्‍वास न करने का कोई सवाल ही नहीं पैदा हो रहा।

चीफ की आवाज फिर से सबके कान में पड़ी, ‘’क्‍या नैना को किसी ने मैसेज किया?‘’ 

सुनकर सबके रोंगेटे खड़े हो गए....एक दूसरे डॉक्‍टर धीरज ने हिम्‍मत कर के कहा, ‘सर मुझे लगता है कि वह इस मीटिंग के बारे में भूल गई है तभी तो उसने हमें मैसेज किया है कि वह आज लैब में नहीं आ सकती, उसे किसी इम्‍पॉटेंट काम के लिए बाहर जाना है और उसने अपने फोन को स्‍विच आफ कर दिया है, वह ट्रेस भी नहीं हो पा रहा है।‘’

‘’व्‍हाट, कहकर चीफ ने अपने सामने रखे कांच की टेबल पर इतनी जोर से हाथ मारा कि वह टेबल चकनाचूर हो गई, उसकी आवाज लैब में ऐसे गूंजी जैसे कहीं कोई भयानक विस्‍फोट हो गया हो।‘’

सब उस समय भगवान का धन्‍यवाद दे रहे थे कि अच्‍छा हुआ चीफ यहां लैब में नहीं हैं, वरना इसी लैब में सबकी कब्र बन गई होती। 

इस मीटिंग से भी इम्‍पॉटेंट उसके लिए क्‍या हो सकता है? क्‍या वो कुछ और करती है? उसका दिमाग खराब हो गया है क्‍या? उसका पता लगाओ फौरन?‘

सब सकते में आ गए, इस समय नैना को ढूंढना अंधेरे में तीर मारने जैसा था, उसे कहां ढूंढा जाए?‘’

कुछ सेकेंड की चुप्‍पी के बाद अमरीश ने चीफ से कहा, ‘’सर हम नैना के बिना यह मीटिंग नहीं कर सकते हैं क्‍या?‘’

चीफ की सांसे उस लैब में गूंज रही थी, ऐसा लग रहा था कि जैसे वह गुस्‍से के मारे गुर्रा रहा हो। 

चीफ ने कहा, ‘’तुम सबको पता होना चाहिए कि इंटेलिजेंस ब्‍यूरो और दिल्‍ली की पुलिस हमारे पीछे पड़ी है, इधर कुछ समय के लिए हमें अपने इस काम को रोक देना चाहिए। शायद तुम लोगों को नहीं पता कि हमारी वैक्‍सीन से भरे पांच ट्रकों को पुलिस ने पकड़ लिया है, हमारे बीच अभी भी गदृदार हैं, वह कौन है? तुम सबको पता है, कहीं वह नैना तो नहीं है जो आज मीटिंग में नहीं आई?‘’

अमरीश बोल पड़ा...नहीं नहीं चीफ..नैना कभी गददारी नहीं कर सकती है, उससे ज्‍यादा वफादार इस लैब में और कोई नहीं है।‘’

चीफ के चेहरे पर तिरछी स्‍माइल तैर गई जो वहां मौजूद किसी भी इंसान को नहीं दिखी। 

चीफ ने अमरीश से कहा, ‘’यह तुम कह रहे हो मिस्‍टर अमरीश.? जिसने तुमसे बेवफाई की है, उसने मैसेज में साफ-साफ लिखा है कि वह किसी से मिलने जा रही है, यह तो एक तरह से तुम्‍हारे साथ गददारी ही तो हुई, जो लड़की तुम्‍हारी नहीं हो सकती है वह हमारे इस लैब के लिए कैसे समर्पित रह सकती है, उसका पता लगाओ, जहां भी मिले उसे गोली मार दो।‘’ 

यह सुनते ही सबके प्राण हलक में आ गए...सिर्फ नैना के एक मैसेज पर उसे मौत..उसने गददारी तो नहीं की था, बस किसी के साथ घूमने का प्‍लान ही तो किया था। माना की चीफ ने गददारों को मौत की सजा दी है, पर नैना गददार नहीं है।

इधर नैना अपना सिर पकड़कर रूम में बैठी हुई थी...समझ में नहीं आ रहा था कि आखिर वह क्‍यों इस शादी में आने को तैयार हुई? इन लोगों के इस प्‍लान की भनक भी नहीं लगा सकी, हे भगवान चीफ तो बहुत नाराज हो गए होंगे।‘’

मीरा एक मीठी अंगड़ाई लेते हुए उठी...आज का दिन उसके लिए बहुत ही खास था, आज उसकी लाइफ का नया चैप्‍टर शुरू होने वाला था। उसे बिल्‍कुल भी आभास नहीं था कि यह नया चैप्‍टर कितना खतरनाक था। उसने अपना फोन ऑन किया, सुबह के आठ बज चुके थे….उसने फोन करके अपने लिए गरम पानी और कॉफी आर्डर किया और वाशरूम में फ्रेश होने चली गई। 

जब तक वह लौटी एक लड़का उसके रूम के आगे गरम पानी का जग और चाय रखकर चला गया था। मीरा गर्म पानी पीते हुए फोन चेक करने लगी। कुछ मैसेज और वीडियो पड़े थे। 

पहला मैसेज बहुत ही चौकाने वाला था, वे हाथ जोड़कर खड़े थे। यह तो गृह राज्‍य मंत्री बलवंत सिंह जी का वीडियो था, लोग तो इनके बारे में कह रहे थे कि अब ये दिल्‍ली के अगले चीफ मिनिस्‍टर बनेंगे। 

यह भेजा किसने है? यह तो कोई अननोन नंबर है। 

तभी मीरा की आंखे चमकी, नहीं यह अननोन नंबर नहीं है, यह तो एक जाना पहचाना नंबर है। मीरा का दिल तेजी से धड़का, यह तो राघव का नंबर है, शायद कभी मेरे फोन में खराबी आने के कारण उसका नंबर गायब हो गया था और फिर मैंने भी उसका नंबर याद होते हुए भी सेव नहीं किया, जरूरत ही नहीं महसूस हुई क्‍योंकि मैं उसे भूल जाना चाहती थी।  

उसने मुझे यह वीडियो क्‍यों डाला? एक वीडियो में बलवंत हाथ जोड़कर बोल रहे थे..’’मेरे दिल पर बहुत दिनों से एक बोझ पड़ा है, कई सालों से मैं एक गलत काम कर रहा हूं, मैं जानता हूं कि यह पाप नहीं महापाप है पर लालच में पड़कर मैंने ऐसा किया। पांच साल पहले मैंने राघव नाम के एक लड़के की जिंदगी बरबाद कर दी थी...उसने मुझे कुछ ऐसा करते देख लिया था जो मैं नहीं चाहता था कि वह देखे, फिर उसके बाद बलवंत सिंह ने बहुत कुछ ऐसी बातें बताइ जिसे देखकर और सुनकर मीरा के रोंगटे खड़े हो गए।‘’ 

तो कबीर को एडाप्‍ट करने का यह रीजन था...मुझे छोड़कर जाने का यह रीजन था ताकि मुझ पर कोई आंच न आ सके...राघव एक बार मुझे बताकर तो देखते मैं पूरे दिल से तुम्‍हारा साथ देती। 

तुमने कबीर की जान बचाई, लेकिन हम दोनों मिलकर बहुत से लोगों की जान बचा सकते थे, तो चीफ का असली धंधा यह है। इस चीफ को मौत से कुछ कम तो मिलना ही नहीं चाहिए। 

न जाने क्‍यों मीरा के मन में राघव के लिए फिर से ढेर सारा प्‍यार उमड़ आया...वह भी तब जब वह आर्यन के शादी का प्रस्‍ताव स्‍वीकार करने का पूरी तरह से मन बना चुकी थी। 

एक अगले वीडियो में राघव ने पर्सनली मीरा के लिए संदेश छोड़ा थ..’’हाय मीरा, शायद तुम यह आखिरी बार मुझे देख रही होगी, या फिर उस दिन शॉप में तुमने मुझे देखा शायद वह हमारा आखिरी आमना सामना हो। 

मीरा तुम्‍हें एक वीडियो मिला होगा, तुम इन पांच सालों में यह जानने की कोशिश कर रही होगी कि शादी की पहले की रात को आखिर हुआ क्‍या था? बलंवत ने अनजाने में इमोशनल होकर अपनी बेटी सुमेधा जिससे मैं शादी करने वाला था, उसके सामने स्‍वीकार कर लिया है, मीरा मेरी और सुमेधा की शादी तो केवल एक दिखावा थी, हम शादी नहीं करने वाले हैं। मीरा जैसा कि तुम्‍हें पता भी होगा कि इसमें तुम्‍हारे पापा भी शामिल हैं, मुझे इतने साल लग गए इन लोगों के खिलाफ सबूत जुटाने में, मुझे उम्‍मीद है कि तुम मुझे माफ कर दोगी और मीरा तुम्‍हें तुम्‍हारी नई जिंदगी मुबारक हो। 

मीरा अब मैं थक चुका हूं, कमजोर हो चुका हूं, यह पांच साल मैंने बहुत बेचैन होकर बिताए है, मैने कभी नहीं सोचा था कि मेरे साथ ऐसा होगा, मैं जिंदगी के उस चौराहे पर खड़ा हूं जहां मैं खुद नहीं जानता कि कौन सी राह किधर जाएगी, मेरा भविष्‍य क्‍या है मुझे नहीं पता...अब मैं बहुत दूर चले जाना चाहता हूं, मैं चाहता हूं कि तुम एक अच्‍छी लाइफ जियो, तुम्‍हें वह सारी खुशियां मिले जो तुमने और मैंने कभी एक साथ मिलकर सोचा था। 

मीरा के अंदर जैसे कुछ भयानक सा धधक उठा....

 

आखिर बलवंत ने अपने वीडियो में ऐसा क्‍या कहा कि चीफ की सच्‍चाई और राघव की बेगुनाही साबित हो गई?

अब राघव कहां जा रहा है?

क्‍या मीरा उसे ढूंढेगी या फिर आर्यन के साथ घर बसा लेगी?

जानने के लिए पढ़ते रहिए बहरूपिया मोहब्‍बत।  

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