क्लार्क ने आरव से जुडी सभी पोस्ट के अकाउंट को शैडो बैन करने के लिए बोल दिया था और इस मीटिंग का वीडियो एक व्यक्ति ने बना लिया था। क्लार्क अब पूरी तरह से शांत हो चुका था, क्योंकि कनेक्ट मी वापिस से नयी ऊंचाइयों को छूने जा रहा था। इसी के साथ क्लार्क ने वेव को ख़तम करने का प्लान बनाया।
क्लार्क - मुझे ऐसा कुछ करना है, जिससे वेव फिर कभी मेरे बराबर पहुँचने का सोच भी नहीं सके। इसके लिए मुझे वेव को अंदर से तोडना होगा, साथ ही उसकी सीईओ नीना कपूर को भी, वरना वो कभी भी बाजी मार सकती है, ऐसा करता हूँ अपने कुछ लोगों को वेव ज्वाइन करवा देता हूँ, फिर उसकी कंपनी को अंदर से तोड़ दूंगा।
ऐसा सोचते हुए क्लार्क जोर - जोर से हंसने लगता है और फिर मुस्कुराते हुए अपना मोबाइल निकाल कर किसी को मैसेज करता है।
दूसरी ओर आरव की हालत अभी भी वैसे ही थी। उसकी हालत में कोई भी सुधार नहीं हो रहा था। पर डॉक्टर अपनी तरफ से हर संभव कोशिश कर रहे थे। डॉक्टर के कमरे से बाहर निकलते ही आरव की माँ रोते हुए डॉक्टर का हाथ पकड़ लेती है, और कहती है - डॉक्टर साहब, बताइये ना आखिर मेरा बेटा कब तक ठीक हो जायेगा।
डॉक्टर आरव की माँ को शांत करने की कोशिश करता है और उसे पास पड़ी एक कुर्सी पर बैठा देता है। और खुद घुटनों के बल बैठ जाता है और कहता है - अम्मा, अभी उसकी स्थिति नार्मल हो रही है, धीरे - धीरे उसकी स्थिति में सुधार हो रहा है। वो जल्दी ठीक हो जायेगा, आप बस भगवान से दुआ करो। ऐसा कहते हुए डॉक्टर वहां से चला जाता है। डॉक्टर के जाने के बाद आरव की माँ ने आँख बंद कर ली और आरव की यादों में खो गयी।
ऐसा नहीं है कि आरव पर हमला पहली बार हुआ था, इससे पहले कॉलेज के समय में भी आरव पर हमला हो चुका था। दरअसल कॉलेज के कैम्पस में आरव की पॉपुलैरिटी दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही थी। वह न सिर्फ पढ़ाई में अच्छा था, बल्कि उसमें लीडरशिप क्वालिटी भी थी। आरव उन गिने-चुने स्टूडेंट्स में से था जो न सिर्फ अपने लिए, बल्कि अपने साथियों के लिए भी आवाज उठाता था।
कॉलेज में चुनाव का माहौल था। कई उम्मीदवार अपने-अपने तरीकों से प्रचार कर रहे थे, वादे कर रहे थे, लेकिन आरव की सोच सबसे अलग थी। उसने भी उसने अपने भाषण में कहा भी था -
आरव - "मैं आप सभी से कोई बड़े - बड़े वादे नहीं करना चाहता, मैं आप सभी का नेता नहीं बनना चाहता, मैं आपका केवल भाई बनना चाहता हूँ। और आप सभी के साथ जुड़ना चाहता हूँ। मैं आप सभी के बीच से ही आया हूँ, और आप सभी के बीच में ही रहूँगा। इसलिए मैं आप सभी का साथ चाहता हूँ।”
इस चुनाव में आरव की सीधी भिड़ंत चेतन नाम के दूसरे उम्मीदवार के साथ थी। चेतन अमीर घर से belong करता था, इसलिए वो इस चुनाव को अपनी साख के लिए जीतना चाहता था, वहीँ आरव इस चुनाव को केवल एक मकसद के लिए जीतना चाहता था, वो था स्टूडेंट्स के अधिकारों की रक्षा करना और उनकी आवाज़ को ढंग से उठाना। दोनों के बीच में कांटे की टक्कर थी।
इसी बीच चेतन ने आरव को हराने के लिए उसे रास्ते से हटाने की सोची। उसने एक प्लान बनाया और आरव को मारने के लिए एक लड़के को पैसे दे दिए। चुनाव का माहौल दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा था, और इसीलिए आरव रैली कर रहा था। ऐसी ही एक रैली में जब वो भाषण दे रहा था, तभी अचानक भीड़ में से एक लड़का दौड़ता हुआ आया और उस पर चाक़ू से हमला कर दिया। ये देखकर सब दंग रह गए। हमला करने वाला लड़का भाग निकला। आरव को तुरंत ही हॉस्पिटल ले जाया गया, खून बहुत बह चुका था, तो उसे खून चढ़ाया गया।
दो दिन बाद जब वो हॉस्पिटल से डिस्चार्ज हुआ तब आरव सीधे पुलिस स्टेशन गया, जहाँ पुलिस वालों ने हमला करने वाले लड़के को पकड़ रखा था। आरव ने उससे पूछा -
आरव - भाई, मैंने तेरा कभी कुछ भी नहीं बिगाड़ा, फिर तुमने मुझ पर हमला क्यों किया?
फिर उस लड़के की बात सुनकर आरव हैरान रह गया, दरअसल उस लड़के की माँ बीमार थी, और उनके इलाज के लिए केवल 50 हजार रूपये में उसने आरव पर हमला कर दिया। उसने ये भी बता दिया कि चेतन ने ही हमला करने के लिए पैसे दिए थे।
आरव ने उस लड़के के घर जाकर सच्चाई पता करने की कोशिश की और पता चला कि वो लड़का जो कह रहा था वो सच था। उसके लड़के की माँ बीमार थी और उनका ऑपरेशन होना था, जिसका कुल खर्चा 12 लाख रूपये था। इसके बाद आरव ने उस लड़के की माँ के लिए पैसे जुटाना शुरू किया और अपनी सभी रैलियों में आरव भाषण देने से पहले केवल एक ही बात कहता।
आरव - आप जो भी यहाँ उपस्थित है, उससे निवेदन है कि मेरे भाई विजय की माँ के ऑपरेशन के लिए पैसों की जरुरत है, आप मुझे वोट चाहे ना दें, लेकिन पैसे देकर सहयोग अवश्य करें।
देखते ही देखते पूरे कॉलेज में आरव का नाम गूंज गया, चेतन को पुलिस ने अरेस्ट कर लिया। वोटिंग वाले दिन हर कोई आरव को वोट दे रहा था और आरव विजय की माँ का ऑपेरशन करा रहा था। जिस दिन रिजल्ट आया आरव रिकॉर्ड वोटों से जीता था।
विजय की माँ डिस्चार्ज होने के बाद ही आरव ने सभी स्टूडेंट्स के साथ मिलकर अपनी जीत का जश्न मनाया। उस दिन उसने एक भाषण दिया और वो भाषण आज भी हर स्टूडेंट लीडर जीतने के बाद देता है, उस दिन आरव ने कहा -
आरव - ये मेरे अकेले की जीत नहीं है, ये जीत उन सभी को समर्पित है जो मेरे हॉस्पिटल में होने के बावजूद मेरे लिए खड़े रहे। ये जीत उन सभी को समर्पित है जिन्होंने अपने पैसे देकर विजय की माँ का इलाज करवाया। ये जीत उन सभी को समर्पित है जो सच के साथ खड़े रहे क्योंकि वे जानते थे सच झुक सकता है पर हार नहीं मान सकता।
हर चुनाव को जीतने के बाद नेताओं के बस कुछ शब्द बदल जाते हैं, पर भाषण बिलकुल वही रहता है, जो आरव ने दिया था।
दूसरी ओर रैली का दिन नजदीक आता जा रहा था। नीना जिस कारण से ये रैली करना चाहती थी वो दूर - दूर तक कहीं भी नजर नहीं आ रहा था, अब उसका मन बिलकुल भी नहीं था कि वो रैली में जाए पर उसे जाना ही था। ऐसे में नीना ने अपनी id से एक वीडियो पोस्ट किया -
नीना - आप सभी जो कल रैली में आ रहे है, उन सभी का बहुत - बहुत धन्यवाद। हम कभी हार नहीं मानेंगे। चाहे हम पर हमला हो, चाहे हमें मिटा दिया जाये, पर आरव ने जो हमें राह दिखाई है उस पर हम चलते रहेंगें। कुछ लोग हमारा ध्यान रैली से हटाना चाहते हैं, कुछ लोग चाहते हैं कि हम आरव को भूल जाएँ पर हम ऐसा होने नहीं देंगें, ये मुश्किल दौर है हमें एकजुट रहना होगा।
इस वीडियो को नीना ने #नीनाविथआरव के साथ पोस्ट कर दिया, पर जैसी उसे उम्मीद थी, बिलकुल वैसा ही हुआ, ये वीडियो कुछ ही देर बाद सोशल मीडिया की दुनिया में कही खो गया। कुछ लोगों ने इस वीडियो पर कमेंट किया, कुछ लोगों ने लाइक किया पर बाकी सभी पूरी तरह इग्नोर कर दिया।
ऐसे में नीना ने लोगों का ध्यान खींचने के लिए एक प्लान बनाया, उसने एक temp मेल से सभी न्यूज़ चैनल को मेल कर दिया कि “अगर कल की रैली निकाली गयी तो लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ेगा।”
मीडिया जो इतने दिन से शांत बैठी हुई थी, उन्हें अचानक से मसाला मिल गया। न्यूज़ चैनल्स वालों के लिए ये मेल ऐसा था. जैसे कोई बहुत भूखा हो और उसे खाने में 56 भोग मिल जाएँ। उन्होंने इस मेल को बार - बार दिखाया। इसके बाद उन्होंने एक्सपर्ट पैनल बिठा दिया, जो इस मेल पर चर्चा कर रहे थे। लोगों के बीच ये बात आग की तरह फ़ैल गयी और उनका ध्यान एक बार फिर कनेक्ट मी के कॉम्पिटिशन से हटकर आरव पर आ गया। नीना का वीडियो वायरल होने लगा।
अचानक से सॉफ्टवेयर पर ट्रैफिक कम होने के कारण क्लार्क का दिमाग फिर से ख़राब होने लगा। उसने नीना को हमेशा के लिए हटाने का प्लान बनाया। ये बात तो उसे पता थी कि ये मेल फेक है, पर वो इस मेल को सच साबित करना चाहता था। क्योंकि वो ये बात जनता था कि अगर इन्वेस्टीगेशन हुई तो भी पुलिस मेल करने वाले को ही पकड़ेगी।
ऐसे में क्लार्क ने अपना फ़ोन उठाया और कॉल लगाया।
क्लार्क - सुनो, एक काम करना है, कल रैली निकलेगी उसकी रूट डिटेल शाम तक आ जाएगी, आज रात को जाकर रास्ते में एक बम रख कर आना है, और जैसे ही नीना उसके पास से गुजरे वो बम फट जाना चाहिए, नीना परसों का सूरज न देख पाए
ये चाल क्लार्क को भारी भी पड़ सकती थी और अगर सही बैठती तो क्लार्क नीना के मरने के बाद वेव को टेकओवर कर लेता, उसके बाद पूरी दुनिया का सबसे बड़ा सोशल मीडिया प्लेटफार्म बन जाता। और इसके लिए इतना रिस्क तो लेना ही था।
न्यूज़ को देखकर लोग पुलिस पर सवाल उठाने लगे, लोग जानना चाहते थे कि आखिर पुलिस कुछ क्यों नहीं कर रही। आखिर पुलिस इस केस को इतना सिंपल क्यों ले रही है? सोशल मीडिया पर एक बार फिर से #पुलिसमुर्दाबाद ट्रेंड करने लगा।
पुलिस हेडक्वार्टर पर एक इमरजेंसी मीटिंग बुलाई गयी। पुलिस के सभी बड़े अधिकारी इस मीटिंग में, पहुँच गए थे, तभी एक सीनियर अफसर ने पूछा - आखिर ऐसे क्या कारण है कि हम इस स्थिति को संभाल ही नहीं पा रहे। क्या हमारे पास फाॅर्स कम है या हम काम ही नहीं करना चाहते। ऐसा कहते हुए उनकी आवाज और ऊँची हो गयी और उन्होंने बोलना जारी रखा - आरव के हमलावरों के बारे में कोई इनफार्मेशन नहीं है, ना ही इस मेल को भेजने वाले के बारे में, हमसे बढ़िया तो वो लोग हैं जो वीडियो भी खुद ढूंढ रहे हैं और फिर उसकी तहकीकात भी खुद कर रहे हैं हमारी हालत इस समय सबसे खराब है। अब रैली पर हमला होने वाला है, इसकी क्या स्थिति है?
तभी एक पुलिसकर्मी जवाव देता है - सर स्थिति बहुत नाजुक है, हम इस समय इस रैली के लिए परमिशन नहीं दे सकते। ऐसा सुनकर अफसर और नाराज हो जाता है - परमिशन कोई मांग भी नहीं रहा, लोग कल सड़क पर उतर आयेंगें और उन्हें रोकने की कोशिश की तो वो भड़क जायेंगें, ये परमिशन वाला बहाना नहीं चल सकता, वैसे भी अगले साल चुनाव है, और ऊपर से आर्डर है कि रैली रुकनी नहीं चाहिए, इसे शांति से कम्पलीट करना है।
सर यही तो दिक्कत है, जब भी हम इन्वेस्टीगेशन करते हैं, कोई ना कोई ऊपर से फ़ोन करवा देता है, हमारे पैर बांध रखे हैं और फिर कहा जा रहा है दौड़ो - एक पुलिसकर्मी ने कहा। ऐसा सुनकर अफसर ने कुछ नहीं कहा, बस उसने कल की रैली को शांति से निपटाने के आदेश दे दिए और वहां से चला गया।
क्या क्लार्क कल अपने प्लान में कामयाब हो जायेगा या बच जायेगी नीना?
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