अमृता वैभव से बात करने के बाद रात भर नहीं सो पाई। अक्सर जब उसके दिल और दिमाग में कोई बात घूम रही होती है तो उसके साथ ऐसा ही होता है। इसलिए उसने pillow के नीचे से अपनी डायरी निकाली और उसमें अपने दिल की बातें लिखने लगी। डायरी, एक तरह से उसकी best friend थी, जिसमें वो जो चाहे बिना सोचे लिख सकती है।
जो कुछ भी हुआ, उसे कैसा feel हुआ, ये सब लिखने के बाद उसने डायरी बंद कर दी और अपने ख्यालों में खो गयी। तभी अचानक हवा का एक झौंका उसके कमरे की खुली खिड़की से अंदर आ गया जिससे उसकी डायरी के पन्ने तेज़ी से पलटने लगे। अमृता ने जैसे ही डायरी के पन्नों को संभालने की कोशिश की, वैसे ही एक पन्ना उसके सामने खुल गया जिसे वो बिना पलकें झपकाए देख रही थी।
अमृता ( हल्की आवाज में) – “मैं कभी शादी नहीं करूंगी। मैं अपनी life को अपने तरीके से जीना चाहती हूं। मैं अपनी पढ़ाई पूरी करना चाहती हूं और अपना करियर बनाना चाहती हूं।”
उस पन्ने पर उन lines के अलावा एक तारीख लिखी थी। ये तारीख ढाई साल पहले की थी। अमृता इसे पढ़कर ऐसा महसूस कर रही थी जैसे अपने किसी पुराने जख्म को वो कुरेद रही हो। उसकी आंखों में आंसू थे और दिल में भारीपन लेकिन उस ने जैसे तैसे अपने एहसासों को थोड़ा संभाला और खुद से कहा,
अमृता ( मन में) – तू अपने फैसले को नहीं बदल सकती अमृता! शादी कर के तू भी वही गलती नहीं दोहरा सकती ! ऐसा किसी भी कीमत पर नहीं होना चाहिए।
अमृता की सोच और रेणुका की planning के बीच एक बड़ा अंतर था। अमृता अपनी life के लिए एक अलग रास्ता चुनना चाहती थी, जबकि रेणुका वैभव और उसकी शादी कराना चाहती थी।
दूसरी तरफ, रेणुका ने अमृता के पापा को फोन लगाने का फैसला किया लेकिन अभी सुबह का समय था तो उसने सोचा कि ये समय सही नहीं होगा। इसलिए वो सब के साथ नाश्ता करने के लिए नीचे हॉल में चली गई। वैभव तो अभी उठा नहीं था तो उसने अम्मा के साथ बैठ कर थोड़ी देर बातें की, फिर लट्टू काका ने उन दोनों का नाश्ता, टेबल पर लगा दिया। रेणुका के चेहरे की चमक से अम्मा समझ गई कि ये चमक अमृता की वजह से थी। इसलिए अम्मा ने रेणुका से पूछा,
अम्मा – रिश्ता लेकर अमृता के घर कब जा रहे हैं हम?
रेणुका ने अम्मा की तरफ मुस्कुरा कर देखा और कहा,
रेणुका – जल्द ही!
अम्मा मुस्कुराई और अपना नाश्ता करने लगी। रेणुका भी थोड़ी देर बाद अपना नाश्ता कर के अपने कमरे में चली गई। कमरे में जाकर वो थोड़ी देर बैठी और फिर उसने अमृता के पापा, खत्री जी को फोन लगा दिया। एक बार में जब उन्होंने फोन नहीं उठाया तो उसने दो तीन बार लगातार फोन लगाया।
आखिर में अमृता के पापा ने फोन receive कर लिया। रेणुका ने फोन उठाते ही उन्हें अपना introduction दिया और फिर वैभव की तारीफों के पुल बांधना शुरू कर दिया। थोड़ी देर तक तो अमृता के पापा को कुछ समझ नहीं आ रहा था तो उन्होंने रेणुका से एक बार पूछ ही लिया कि उसने call क्यों की है? क्या काम है उसे?
दरअसल अमृता के पापा , श्रीमान खत्री जी, एक बहुत बड़े businessman हैं। वो बहुत busy रहते हैं इसलिए उन्होंने रेणुका से सीधा मुद्दे की बात ही पूछ ली। रेणुका ने ये सुनते ही उन्हें पूरी बात बताई कि वो अमृता का हाथ वैभव के लिए मांगना चाहती है। ये सुनते ही खत्री जी कुछ देर के लिए चुप हो गए पर जैसे ही रेणुका ने फिर से बात दोहराकर कहा,
रेणुका – भाईसाहब, मुझे लगता है अमृता और वैभव एक दूसरे के लिए ही बने है। अब आप भी हाँ कर ही दीजिए। मेरा बेटा भोपाल ही नहीं, पूरी दुनिया में नंबर वन हीरा है।
ये सुनते ही खत्री जी ने रेणुका से सोचने का time मांगा। हालांकि ये उनका रेणुका को टरकाने का तरीका था। रेणुका को समझ आ रहा था, उसकी सांसें ही फूलने लगीं थीं। जिसके बाद खत्री जी ने रेणुका के मुंह पर call कट कर दी।
वैभव अभी भी सो ही रहा था। थोड़ी देर बाद उसका फोन बजा। जब धुंधली नज़र से उस ने स्क्रीन पर नाम पढ़ा तो वो एक झटके से उठ कर बैठ गया। ये फोन किसी और का नहीं बल्कि अमृता का था। वैभव को अपनी आंखों पर यकीन नहीं हो रहा था। उसे लगा जैसे वो कोई सपना देख रहा हो। इसलिए उसने दो तीन बार अपनी आंखों को मला और फोन की तरफ फिर से देखा। वैभव कोई सपना नहीं देख रहा था, उसके फोन पर सच में अमृता का ही कॉल आ रहा था। उसने पहले तो अपने आप को थोड़ा नींद से बाहर खींचने की कोशिश की और फिर अमृता का फोन उठाया,
वैभव ( नींद में) – हेलो!
अमृता – हेलो वैभव!
वैभव – Hi अमृता! इतनी सुबह कॉल ! सब ठीक है ना!
अमृता ( गुस्से में) – ठीक तो वैसे कुछ भी नहीं है! कल की बात के बाद मुझे लगा था तुम थोड़े समझदार हो पर तुम ऐसा करोगे मेरे साथ ,मुझे इसका अंदाजा भी नहीं था!
एक तो वैभव नींद में था ऊपर से अमृता की बातें उसके सिर के ऊपर से जा रही थी। उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि आखिर अमृता उस से ऐसी बातें क्यों कर रही है? अमृता ने उसको बहुत बातें सुनाई। फिर वैभव ने पूछा,,
वैभव –अमृता.. अमृता लेकिन हुआ क्या है, ये तो बताओ?
अमृता( बहुत गुस्से में) – आज के बाद मुझे कॉल करने की, या मैसेज करने की कोशिश भी मत करना वैभव। वरना तुमको ऐसा सबक सिखाऊँगी कि तुमने सोचा भी नहीं होगा।
ये कहकर अमृता ने वैभव का call कट कर दिया। इस आखरी बात को सुन कर तो वैभव के होश ही उड़ गए। उसे जितनी नींद आ रही थी वो सारी नींद हवा में उड़ गई। वो समझ नहीं पा रहा था कि आखिर इन 12 घंटों में ऐसा क्या हो गया कि अमृता उससे इतनी नाराज़ हो गई। वो मन ही मन खुद से बातें करने लगा
वैभव (मन में) – कल रात तो अमृता इतने प्यार से मुझ से बात कर रही थी फिर आज इसे कौन सा भूत चढ़ गए है।
वैभव ने जल्दी से उठ कर ब्रश किया और नहाने के लिए चला गया। वो नहाते-नहाते भी बस यही सोचता रहा कि आखिर उसने कौनसी गड़बड़ी हो गयी है?
दरअसल, जब रेणुका ने अमृता के पापा को फोन लगाया था तो ठीक उसकी कॉल के बाद अमृता के पापा ने अमृता को फोन लगा दिया था।
अपनी मां के जाने के बाद, अमृता का रिश्ता अपने पापा से कुछ ठीक नहीं रहा। मतलब, अमृता के पापा तो उससे बात करने की कोशिश करते हैं पर अमृता के दिल में कुछ खटास रह गई है जिसके बाद से उसने अपने पापा से बात करना पूरी तरह से बंद कर दिया। वो उनसे कोई भी रिश्ता नहीं रखना चाहती इसलिए उनके फोन को आते देख ही उसे गुस्सा आ जाता है पर आज जब उन्होंने अमृता से पूछा कि वो शादी करना चाहती है तो वो समझ नहीं पाई। फिर जब उन्होंने अमृता को रेणुका के फोन के बारे में बताया तो उसके पैरों तले जमीन खिसक गई।
पहले तो उसको रेणुका की हरकते बस मां का प्यार लग रहा था पर अब अमृता को सारी चीजें समझ आने लगी थी। वो रेणुका से तो नाराज़ थी ही, उससे ज्यादा वैभव से नाराज़ थी। उसने कल के फोन के बाद वैभव से ऐसी उम्मीद नहीं की थी। उसे लगा था कि वैभव उसकी बातों को समझेगा पर रेणुका के फोन की वजह से उसके दिमाग में ये बात घर कर गई कि वैभव भी रेणुका की तरह ही है।
अमृता को तो यहां तक शक हो गया कि वैभव ने उसे उस दिन फोन भी रेणुका के कहने पर ही किया होगा।
उसको वैभव की वो सब बातें, उसका माफी मांगना, और शर्मिंदगी महसूस करना, सब कुछ झूठ लगने लगा। इसलिए उसने अपने मन में वैभव से बात ना करने का फैसला कर लिया। वो मन ही मन खुद को कोसने लगी।
अमृता ( मन में दुखी होकर) – अमृता, तू सही थी, सारे मर्द एक से होते है और वैभव भी वैसा ही है!
दूसरी तरफ, वैभव को ख्याल आया कि कहीं रेणुका ने तो अमृता से कुछ नहीं कह दिया? वैभव रेणुका की फितरत से अंजान नहीं है। वो जानता था कि उसकी मां उसकी शादी के लिए किसी भी हद तक जा सकती है।
वैभव को लगा कि कहीं अमृता के पीछे भी तो रेणुका ने कोई detective न छोड़ रखा हो। इसलिए वो बिना ready हुए ही जल्दी से रेणुका के कमरे में चला गया। वो समझ गया था कि अमृता की नाराजगी के पीछे रेणुका का उल्टा या सीधा, कोई न कोई हाथ तो है।
रेणुका अपने कमरे में शांति से बैठी हुई थी। हाथ में फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ की किताब लिए वो अमृता के पापा के फोन का इंतजार कर रही थी। तनाव में अक्सर नज्में और शायरियां रेणुका को सुकून देती थी। वो अपनी किताब की दुनिया में बहुत गहराई से खोई हुई थी कि तभी उसे कदमों की आहट सुनाई दी। जब उसने दरवाज़े की तरफ देखा तो वैभव था।
उसका चेहरा गुस्से में लाल हो रहा था। वैभव को समझ नहीं आ रहा था कि आखिर कैसे अपनी माँ से बात करे? जैसे तैसे उसने हिम्मत जुटाई और बोला,
वैभव – मां आपने अमृता के पीछे भी डिटेक्टिव छोड़ दिया ?
रेणुका ये सुनते ही सकपका गई। वैभव ने डिटेक्टिव वाली बात आज से पहले कभी रेणुका से नहीं पूछी थी इसलिए रेणुका को लगा कि शायद शर्मा जी अमृता की कुंडली निकलवाते हुए पकड़े गए पर इसमें रेणुका की भी गलती नहीं थी। उसे तो मालूम ही नहीं था कि वैभव को डिटेक्टिव के बारे में तब से पता है जब से रेणुका उस सब्ज़ी मार्केट वाली लड़की के घर रिश्ता लेकर गई थी।
रेणुका ने हड़बड़ाते हुए वैभव से पूछा,
रेणुका ( हड़बड़ाकर डर के)– कौन डिटेक्टिव? क्या बात कर रहे हो वैभव?
वैभव (गुस्से में) – मां नाटक मत करो, आप जानती हो मैं क्या कह रहा हूं! आप मुझे प्लीज़ बताओ कि आपने ऐसा क्या किया है जिससे अमृता नाराज़ हो गयी है?
ये सुनते ही रेणुका थोड़ी हैरान हो गई ,उसे समझ नहीं आ रहा था कि आखिर हुआ क्या है? तो रेणुका बाथरूम का बहाना देकर बाथरूम चली गई और वहां उस ने शर्मा जी को मैसेज कर के पूछा कि कहीं वो पकड़े तो नहीं गए? फिर जब शर्मा जी ने रेणुका को भरोसा दिलाया कि ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है ,तो रेणुका बाथरूम से बाहर आकर वैभव के पास बैठ गई।
रेणुका ने थोड़ा सोचा तो उसे लगा कि शायद उसने हर बार की तरह इस बार भी लड़की के घरवालों से थोड़ी ज्यादा जल्दी बात कर ली है।
रेणुका ( डरते हुए)– वैभव ,मुझसे शायद गलती हो गई!
क्या होगा जब वैभव को रेणुका की गलती के बारे में पता चलेगा? क्या अमृता वैभव को माफ करेगी? आखिर अमृता क्यों नहीं करना चाहती है शादी?
जानने के लिए पढ़िए कहानी का अगला भाग।
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