अमृता की बात सुन कर रेणुका के दिल पर जैसे पत्थर गिर गया था। वो नहीं जानती थी कि उसने ऐसा क्यों कहा पर वो फिर भी आखिर दम तक हिम्मत नहीं हारना चाहती थी।

अमृता ने हलवा पूरा खा लिया और जब लट्टू काका ने उसे फिर से हलवा लेने को कहा तो उसने लट्टू काका को प्यार से मना कर दिया,

अमृता – काका, मैं ने आपके लिए इतना खा लिया वरना मेरे पेट में राई के दाने के बराबर भी जगह नहीं बची है!

अमृता भले ही ऐसे दिखा रही थी कि उसने लट्टू काका के कहने पर हलवा खाया था, पर वो जितने चाव से खा रही थी, वैभव को यकीन हो चुका था कि अमृता को मूंग का हलवा बहुत पसंद है। वैभव, अमृता का जो test लेना चाहता था उस में तो वो पास हो गई पर इस बात के दम पर ये साबित नहीं होता  कि अमृता ही Elsie है। इसलिए वो अमृता के बारे में और जानना चाहता था।

अमृता का खाना हो गया तो रेणुका और अम्मा उससे कुछ देर हंसी मजाक करने लगे। फिर जैसे ही उसके जाने का समय हुआ तो सभी लोग उसे घर के मेन गेट तक छोड़ने के लिए गए। अमृता को दादी ने गले लगाया और जब बारी रेणुका की आई तो वो नाटक करते हुए बोली,

रेणुका ( नाटकीय अंदाज में,फिर हंसते हुए)– अमृता तुम्हारा फोन नंबर तो दे दो, वरना वैभव की शादी में तुम्हे कैसे बुलाएंगे?

अमृता ने ये सुन कर हल्के से मुस्कुरा दिया और अपना नंबर बोलने लगी। रेणुका ने उसे एक सेकंड के लिए रोका ताकि वो अपना फोन निकाल ले और फिर कुछ देर रेणुका ने मोबाईल न मिलने का नाटक किया। अमृता शांति से खड़ी इंतज़ार करती रही पर जब बहुत  देर टटोलने का नाटक करने के बाद फोन नहीं मिला तो रेणुका ने वैभव की तरफ देख कर कहा,

रेणुका – शायद मेरा फोन रूम में रह गया है, वैभव एक काम करो! तुम तुम्हारे फोन में अमृता का फोन नंबर save कर लो, और फिर मुझे whatsapp कर देना!

जैसे ही अमृता और वैभव ने ये बात सुनी, वो दोनों ही कहीं न कहीं समझ गए कि रेणुका अपना फोन गलती से नहीं भूली थी पर अमृता ये जानने के बाद भी उसको मना नहीं कर सकी। इसलिए उस ने वैभव को अपना नंबर दे दिया और उसके बाद सबको नमस्ते कर के वो वहां से चली गई।

जाते जाते अमृता मन ही मन सोचने लगी,

अमृता – काश उस दिन मैं इस पार्टी में आई ही ना होती, ये क्या कर दिया है मैंने?

अमृता का पार्टी में आने के पीछे कोई भी मकसद हो, पार्टी में आना उसे भारी तो पड़ गया था क्योंकि रेणुका जिस कदर हाथ पैर धोकर उसको बहू  बनाने के पीछे पड़ गई है वो  इतनी आसानी से उसका पीछा नहीं छोड़ने वाली।

दूसरी तरफ रेणुका को अमृता की वो बात बिल्कुल अच्छी नहीं लगी जब उसने कहा कि वो उसे वैभव की शादी में बुलाए। ऊपर से जाते-जाते भी उसने जब वैभव से उसका फोन नंबर नहीं मांगा तो रेणुका का दिमाग बहुत  ज्यादा घूम गया। वो बिल्कुल समझ नहीं पा रही थी कि आखिर क्यों अमृता ना तो शादी की बात सुनने पर सही जवाब दे रही थी और ना ही वो अपनी तरफ से वैभव से बात करना चाह रही थी। वो अपना दिमाग चलाने लगी कि आखिर अमृता के इस behavior के पीछे क्या वजह हो सकती है? सोचते-सोचते उसके दिमाग में कई उल्टे-सीधे सवाल घूमने लगे। जैसे, कहीं अमृता किसी और से प्यार तो नहीं करती या फिर उसको वैभव पसंद ही नहीं आया। ये सोचते ही रेणुका खुद से ही मन में बतियाने लगी,

रेणुका – वैभव किसे पसंद नहीं आएगा? रेणुका तू भी क्या क्या सोच रही है! इतना अच्छा है मेरा बेटा।

भले ही रेणुका को ये उल्टे सीधे ख्याल आ रहे थे पर इस बार उसने अपना मन बना लिया था। वो किसी भी कीमत पर अमृता को बहू  बनाए बिना नहीं मानेगी। इसलिए उसने बहुत  होशियारी से वैभव के फोन में अमृता का नंबर save करवाया ताकि दोनों आपस में बात करना शुरू कर दें और एक दूसरे से प्यार करने लगे। रेणुका हर चीज़ अपने हिसाब से ही करना चाहती थी पर अमृता की बातों से उसे ऐसा लग रहा था जैसे उसकी इस planning में रुकावट आने वाली है।

हालाँकि रेणुका किसी भी रुकावट से डरने वाली नहीं है। उल्टा, अब तो अमृता को बहू बनाना, उसका जुनून बन गया है। अब चाहे वो राज़ी खुशी हां करे या फिर रेणुका को कोई नयी साज़िश रचनी पड़े, वो अमृता को बहू  बनाने के लिए इस समय किसी भी हद तक जाने को तैयार है।

इसका reason सिर्फ ये नहीं था कि अमृता सुंदर, सुशील,और संस्कारी थी  बल्कि रेणुका का आज ये जुनून इसलिए बढ़ गया क्योंकि जब उसने गलती से अमृता के पैरों पर नज़र  डाली तो उसने देखा कि उसके पैर का अंगूठा बड़ा था। दरअसल इसमें कोई rocket science नहीं है। रेणुका इन बातों में बहुत  विश्वास करती है कि जिस भी लड़की के पैर का अंगूठा बाकी उंगलियों से बड़ा होता है ,वह लड़की बहुत  सरल और धार्मिक स्वभाव की होती है। अब रेणुका को अमृता की छवि सरल और धार्मिक ही लगी थी लेकिन उसके पैरों को देख कर जैसे उसको डबल step verification मिल गया था और इतना बड़ा ग्रीन signal मिलने के बाद उसने ये सोच लिया कि अगर अमृता को हाथ से जाने दिया गया तो वो खुद अपनी नज़रों  में गिर जाएगी।

रेणुका दुनिया की शायद पहली मां होगी, जो बेटे और होने वाली बहू के बीच खुद ही cupid का role play करने वाली है पर उसे अब कोई तरकीब समझ नहीं आ रही। वो जानती थी कि बार बार अचानक टकराने वाली planning से वैभव और अमृता दोनों ही चिढ़ जाएंगे। इसलिए उसे कोई अनोखा तरीका निकालना होगा जिससे दोनों के बीच बातें और नजदीकी बढ़ जाए।

वहीं वैभव भी अमृता को छोड़ने के बाद अपने कमरे में चला गया था। वो अभी अमृता के बारे में सोच रहा था। उसे रेणुका का अमृता से फोन नंबर लेने का तरीका बिलकुल पसंद नहीं आया। वो अमृता के लिए अजीब महसूस कर रहा था। जब वैभव ने इस बारे में detail में सोचा तो उसे कई कड़ियां मिली जिससे आखिरकार उसे समझ आ ही गया कि ये सब रेणुका की ही साजिश थी और जैसे ही उसे ये समझ आया कि वो और अमृता रेणुका के इस खेल में बस कठपुतलियां हैं, उसे बहुत  गुस्सा आ गया और वो गुस्से में रेणुका के कमरे की तरफ जाने लगा ताकि वो उससे बोल सके कि वो शादी नहीं करना चाहता है। रेणुका उसे ऐसे मजबूर करेगी तो वो वापस  चला जाएगा पर जैसे ही वो अपने कमरे से बाहर निकला, उसके मन से एक आवाज़ आई,

वैभव ( मन की आवाज ) – वैभव पागल हो गया है क्या? क्या करने जा रहा है? अमृता से बात अगर नहीं हुई तो तुझे कैसे पता चलेगा कि आज वो जब तेरे हाथ का बना हलवा खा रही थी तो उसकी आंखे नम क्यों हो गई थी?  

अपने मन की आवाज़ सुनते ही वैभव के दिमाग में वो सीन घूमने लगा जब उसने अमृता को अपने हाथ का बना मूंग का हलवा खाते हुए देखा था। अमृता की चमचमाती आंखों को देख कर वैभव समझ गया था कि कुछ तो है जो वो उससे छुपा रही है पर आखिर  क्या?? ,ये वैभव को समझ नहीं आ रहा।

ये सोचते ही वैभव को रेणुका की ये हरकत अच्छी लगने लगीं। कम से कम उसकी माँ की वजह से अब उसके पास अमृता का फोन नंबर तो है। वैभव ने सोचा कि इस बहाने वो अमृता से बात कर सकता है। शायद वो उससे अकेले में वो बात कर सके जो रेणुका के सामने नहीं कर पा रही थी।

हालांकि वैभव को रेणुका का तरीका अभी भी गलत ही लग रहा था क्योंकि उसे ये भी समझ आ रहा था कि इस वजह से अमृता के लिए सब कुछ बहुत  अजीब हो गया और आगे भी हो जाएगा।

इसलिए वैभव अमृता से बात करके इस situation को थोड़ा normal करना चाहता था पर उसे समझ नहीं आ रहा था कि वो अमृता से कैसे बात करे? बहुत  देर तक वैभव whatsapp पर अमृता के चैट पर जाकर कुछ-कुछ लिखता रहा और हर बार Elsie सी जुड़ी बातों को लिख कर वो उस बात को मिटाता रहा। करीब आधे-एक घंटे तक ये करने के बाद उसने अपना फोन साइड में रख दिया। उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि वो कैसे अमृता से बात करे! आखिर साढ़े तीन साल हो गए थे वैभव को किसी लड़की से बात किए हुए। Elsie के बाद वैभव ने कभी किसी लड़की से आगे से जाकर बात नहीं की थी। इसलिए आज उसे कुछ भी समझ नहीं आ रहा था कि वो बात शुरू कहाँ से करे?

दूसरी तरफ ऐसा पहली बार हुआ था कि रेणुका को भी कुछ समझ नहीं आ रहा था कि वो कैसे अमृता और वैभव को एक दूसरे के करीब लाए? आज दोनों मां बेटे एक ही ख्याल में डूबे हुए थे पर जब रेणुका को कुछ समझ नहीं आता तो वो अपने एक मात्र सहारे के पास चली जाती है।  डिटेक्टिव शर्मा जी! रेणुका ने उन्हें तुरंत फोन लगाया और शर्मा जी से अमृता के पापा  के बारे में जानकारी जुटाने में थोड़ी फुर्ती लाने को कहा। शर्मा जी ने ये सुनते ही रेणुका को भरोसा दिलाया कि वो जल्द से जल्द अमृता के परिवार के बारे में खोजबीन पूरी कर लेंगे। आज रेणुका ने डिटेक्टिव शर्मा जी को last warning भी दे दी।

रेणुका – शर्मा जी! आप अगर अमृता के पापा के बारे में जानकारी नहीं जुटा पा रहे हो तो बता दीजिएगा, मेरी नज़र  में और भी कुछ डिटेक्टिव हैं।

शर्मा जी ये सुनकर थोड़े हैरान रह गए और उन्होंने रेणुका से माफी मांगते हुए कहा की, “ इस बार काम पूरा होगा रेणुका जी। मैं हूँ न!”

इसके बाद रेणुका ने कॉल कट कर दिया पर शर्मा जी को कुछ समझ नहीं आ रहा था कि आखिर इस लड़की अमृता के बारे में पता करना इतना मुश्किल क्यों हो रहा है?

थोड़ी देर बाद वैभव अम्मा के पास चला गया। उसको कुछ समझ नहीं आ रहा था और जब उसे कुछ समझ नहीं आता था तो वो अक्सर अम्मा से बात करने के लिए चला जाता था। बातों-बातों में उस ने अम्मा से अमृता का जिक्र शुरू कर दिया। वो ऐसा जानबूझ कर नहीं कर रहा था पर उसके मन में अभी शायद सिर्फ अमृता ही थी इसलिए अनजाने में उसके मुंह से बस उसी की बातें निकल रही थी। रेणुका ने जब अम्मा के कमरे से वैभव की आवाज़ सुनी तो वो कमरे के बाहर, दीवार से कान लगाकर खड़ी हो गई। जब उसने वैभव के मुंह से अमृता की तारीफ़ें सुनी तो उसका दिल खुश हो गया। वैभव के इस हृदय परिवर्तन से रेणुका को अपने मकसद को पूरा करने के लिए हिम्मत मिल गयी।

क्या रेणुका वैभव के इस हृदय परिवर्तन की वजह से अमृता को बहू  बनाने के लिए उठाएगी कोई बड़ा कदम? क्या वैभव भी बनेगा रेणुका की planning का हिस्सा? आखिर डिटेक्टिव शर्मा क्यों नहीं ढूंढ पा रहे है अमृता की पूरी जानकारी? 


जानने के लिए पढ़िए कहानी का अगला भाग।

 

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