जैसे ही वैभव ने रेणुका को आवाज़ लगाई, अमृता की नज़र वैभव पर चली गई। अपनी पिछली अजीब मुलाकात के बाद वो वैभव से बिल्कुल नहीं मिलना चाहती थी इसलिए उसको वहां देख कर उसके हाथ पैर ठंडे पड़ गए। उसे समझ नहीं आ रहा था कि जिस वैभव को सिर्फ देख कर ही उसका ये हाल हो रहा था उसके घर जाकर वो उसके साथ खाना कैसे खा पाएगी? अमृता का बिल्कुल भी मन नहीं था कि वो रेणुका के invitation को accept करे, पर जब अम्मा ने उस से बार बार कहा, तो उसके पास कोई रास्ता ही नहीं बचा।
वैभव भी रेणुका को आवाज़ लगाने के बाद अमृता की तरफ देखने लगा था और awkwardness को थोड़ा कम करने के लिए उसने अमृता को अच्छे से greet किया।
अमृता ने भी वैभव के मुस्कुराते हुए चेहरे को देख कर मुस्कुरा कर ही जवाब दिया।
रेणुका और अम्मा, उन दोनों को देखकर अपने मन में ख्याली पुलाव बनाने लगीं। अम्मा, अमृता और वैभव के साथ मंदिर जाने के सपने देखने लगी तो रेणुका अपनी किटी की दोस्तों को करारा जवाब देने के बारे में सोचने लगी।
अमृता ने फिर बहाना बनाया कि उसे कहीं जल्दी पहुंचना है। जिसे सुन अम्मा बोली,
अम्मा ( मुस्कुराते हुए) – अमृता बेटा ध्यान से आ जाना, वरना दादी नाराज हो जाएगी।।
अमृता ये सुनते ही हल्का स मुस्कुराई और वैभव की तरफ देखने लगी जैसे वो उसे कहना चाहती हो कि वो नहीं आना चाहती पर वो बस अम्मा के कारण आ रही है। वैभव ने उसे देखा तो वो भी कुछ देर देखता रहा और फिर अमृता वहां से चली गई।
रेणुका, अम्मा और वैभव भी थोड़ी देर वहां मंदिर के पास पार्क में घूमे, अंकुरित चने खाए, ताज़ा ताज़ा गाजर का जूस पिया और फिर वो लोग भी घर के लिए निकल गए। रेणुका ने रास्ते में ही डिटेक्टिव शर्मा जी से अमृता की favorite खाने की चीज़ों की लिस्ट मांग ली ताकि वो रात के खाने का menu उसी हिसाब से ready कर सके।
वैभव रास्ते भर बस अमृता की आंखों के बारे में सोचता रहा, वो जब भी उन्हें देखता, उसे Elsie की याद आ जाती। वो अब इन सवालों से बहुत परेशान हो गया था। ना वो अमृता से सीधे शब्दों में कुछ पूछ पा रहा था और ना ही वो इन सवालों में फंसकर रह पा रहा था।
घर पहुंचते ही रेणूका ने लट्टू काका को रात के खाने में बनने वाली सभी चीजों की लिस्ट थमा दी और उनसे विनम्र शब्दों में आज कोई गलती न करने की अपील की। रेणुका ने लट्टू काका को पूरी बात तो नहीं बताई, बस इतना कह दिया कि आज का खाना एक स्पेशल guest के लिए बनवाया जा रहा है इसलिए वो हर चीज़ को अच्छे से चखकर बनवाएँ।
अम्मा, वैभव और रेणुका ने lunch साथ में किया और फिर वो सब अपने-अपने कामों में लग गए। अम्मा मंदिर के सामने बैठ कर अपने शास्त्र पढ़ने में busy हो गई। रेणुका घर के पर्दे , doormat, sofa cover वगैरा बदलवाने में लग गई और वैभव अपने कमरे में जाकर ऑफिस का कुछ काम पूरा करने लगा।
वैभव अपने ऑफिस के काम से फ्री हुआ तो उस ने देखा कि शाम के 7 बजे गए। समय देख कर वो सीधा kitchen की तरफ चला गया। लट्टू काका को वहां देखकर, वो उनके पास जाकर खड़ा हो गया।
वैभव चाहता था कि वो आज अमृता के लिए मूंग का हलवा बनाए। वैसे इस नई अमृता की पसंद नापसंद तो वैभव को बिल्कुल नहीं पता, लेकिन वो अपनी अमृता यानी Elsie की पसंद को बखूबी जानता था। जब Elsie मूंग का हलवा देखती थी तो वो वैभव के टिफिन में एक दाना भी नहीं छोड़ती थी। इसलिए वैभव ने तय किया कि आज वो हलवा बनाएगा। लट्टू काका ने मूंग के हलवा का नाम सुनते ही वैभव को बताया कि रेणुका ने उन्हें जो लिस्ट दी है उसमें ये हलवा नहीं था तो इसकी कुछ ज़रूरी चीज़ें भी घर पर नहीं है। लिस्ट के बारे में सुनते ही वैभव ने लट्टू काका से वो लिस्ट मांग ली और अपनी आंखों से उस लिस्ट का ऊपर से नीचे तक x–ray कर लिया।
उस लिस्ट में सभी चीज़ें पढ़ कर उसे थोड़ी हैरानी हुई क्योंकि उस लिस्ट में कुछ भी ऐसा नहीं था जो Elsie को पसंद था। उसके दिमाग में शक पैदा हुआ तो उसने एक टेस्ट लेकर सच का पता करने का सोचा। सबसे पहले उसने मूंग का हलवा बनाने का समान मंगवाया और फिर उसे बनाने में लग गया।
रेणुका और अम्मा दोनों तैयार हो गई थी, और वैभव भी हलवा बनाने के बाद कपड़े बदलने के लिए अपने कमरे में चला गया। उसने लाइट ब्ल्यू जींस के साथ नेवी ब्ल्यू शर्ट पहनी थी। वैभव वैसे ही कम सुंदर नहीं लगता और ऊपर से ये रंग उस पर बहुत ही ज्यादा फबता है इसलिए वो आज कुछ ज्यादा ही हैंडसम लग रहा था। परफ्यूम वगैरा लगा कर वो तैयार होकर सीधा हॉल में जाकर बैठ गया।
थोड़ी देर बाद, अमृता भी घर पहुँच गयी। रेणुका ने जैसे ही अमृता को देखा तो उसने मन ही मन अपनी इस सफलता के लिए खुद को शाबाशी दे दी। रेणुका और वैभव, अमृता को देख कर उसके welcome में उसे घर के गेट तक लेने चले गए।
अमृता ने हल्के नीले रंग का सूट पहना था और चेहरे पर छोटी सी सफेद चमकीली बिंदी लगाई हुई थी। ऐसा लग रहा था जैसे चांद ने अपनी सारी चांदनी अमृता की बिंदी पर वार दी हो। वैभव उसे देखकर फिर से बस देखता ही रह गया।
अमृता ने रेणुका को देख कर उसे नमस्ते किया और वैभव की तरफ मुस्कुराकर उसे Hi बोला। उसके बाद रेणुका , अमृता को अंदर ले आई। अमृता ने जैसे ही अम्मा को देखा, वो तुरंत उनके पास आकर उनके पैर छूने लगी। ये देख कर अम्मा बहुत खुश हुई पर अम्मा ने अमृता को पैर छूने से रोका और उसे गले लगा लिया।
थोड़ी देर अम्मा और रेणुका ,अमृता से बातें करने लगी और फिर रेणुका ने लट्टू काका को आवाज लगा कर डिनर लगवाने को कह दिया। जैसे ही वो सब डिनर टेबल तक पहुंचे, रेणुका ने जान बुझ कर अमृता को वैभव के बगल वाली सीट पर बिठा दिया। अमृता को थोड़ा अजीब लग रहा था पर वो और करती भी क्या!
लट्टू काका ने थाली लगवा दी और सभी को खाना परोस दिया। सभी खाना खाने लग गए पर रेणुका बीच बीच में अमृता की अच्छाइयों के बारे में बात करने लगी, और यह दिखाने की कोशिश करने लगी कि अमृता उनके परिवार में कितनी अच्छी तरह से फिट हो जाएगी।
रेणुका – "वैभव, तुम्हें अमृता की बातें सुनकर नहीं लगता कि वह एक बहुत ही समझदार और सीधी लड़की है?"
वैभव ने मुस्कराकर कहा,
वैभव ( मुस्कुराते हुए) – "हां, मां, अमृता बहुत अच्छी है।"
रेणुका – "और तुम्हें पता है कि वह ग्रीक भाषा की प्रोफेसर है? अगर हमारे परिवार में कोई ऐसा हो तो कितना अच्छा होगा ना वैभव?
अमृता अपनी तारीफ और रेणुका के हल्के इशारों को समझ रही थी।
अमृता – “रेणुका जी, मैं इतनी भी अच्छी नहीं हूं कि आप मेरी इतनी तारीफ कर रही हैं।”
इस पर रेणुका ने उसे हंसकर जवाब दिया,
रेणुका ( हंसते हुए) – "नहीं, अमृता, तुम्हें अंदाजा भी नहीं है तुम कितनी अच्छी हो!”
वैभव ने अमृता को देखा और मुस्कराया।
रेणुका ने बातों बातों में तो उनके सामने ये तक कह दिया कि उसे लगता है अमृता और वैभव एक दूसरे के लिए बने हैं और उन्हें शादी कर लेनी चाहिए। ये सुनते ही अमृता की आंखे फटी की फटी रह गई और उसने शर्मिंदगी में नीचे मुंडी कर ली। वहीं वैभव पानी पी रहा था और ये सुनते ही उसे ठसका लग गया। अमृता ने वैभव को जैसे ही खांसते हुए देखा उसने तुरंत उसे पानी का ग्लास पकड़ा दिया। ये देख कर रेणुका ने अम्मा की तरफ देखा और आंखों ही आंखों में इशारा किया। मानो वो अम्मा से कह रही हो, कि वो सही थी, ये दोनों एक दूसरे के लिए ही बने हैं। अम्मा ने भी रेणुका को आंखों ही आंखों में मुस्कुराकर शाबाशी दे दी।
वैभव ने रेणुका की बात को avoid करते हुए लट्टू काका से मीठा लाने के लिए कह दिया। लट्टू काका पहले तो वो सारी dishes ले आए जिनकी लिस्ट रेणुका ने उन्हें दी थी। वैभव ने लट्टू काका से पहले ही कह दिया था कि मूंग का हलवा बिल्कुल आखिरी में लाना। इसलिए जब लट्टू काका ने सारी मिठाइयां और dishes परोस दीं, फिर वो सब के खाने का इंतेज़ार करने लगे।
अमृता ने टेबल पर रखा, सभी कुछ चखा था। फिर जैसे ही उसने पानी मांगा, वैभव ने तुरंत लट्टू काका को इशारा कर दिया। लट्टू काका पानी के साथ , मूंग का हलवा भी ले आए और अमृता के सामने नाटक कर के कहने लगे कि वो ये लाना तो भूल ही गए थे। अमृता ने बिना देखे ही लट्टू काका से कह दिया कि उसका पेट भर चुका है पर जब लट्टू काका ने अमृता को बस उसे चखने के लिए मनाया तो वो मना नहीं कर पाई।
वैभव एक टक अमृता को देखे जा रहा था। जैसे ही अमृता की थाली में लट्टू काका ने मूंग का हलवा रखा , अमृता की आंखों में एक अलग सी मुस्कान आ गई पर उस के साथ में उन आंखों में दर्द भी था। उसने अपनी कटोरी में हलवा देखने के तुरंत बाद वैभव की तरफ देखा। वैभव उसे ही देख रहा था तो वो बस हल्के से मुस्कुरा दिया। रेणुका ने जैसे ही हलवा चखा वो समझ गई इसे वैभव ने बनाया है। तो उसने अमृता के सामने फिर वैभव की शादी का जिक्र छेड़ते हुए कहा,
रेणुका – अमृता, वैभव की पत्नी वैभव से बहुत खुश रहेगी! अब इतना अच्छा हलवा कौनसा पति बना कर देता है? बताओ?
अमृता हल्का सा मुस्कुराई और उस ने रेणुका के जवाब में कहा
अमृता – आप सही कह रहे हो रेणुका जी! वैभव की पत्नी बहुत lucky होगी!
हालांकि अमृता के चेहरे की मुस्कान में थोड़ी हिचक भी थी लेकिन रेणुका को उन दोनों की मुस्कुराहट देख कर लगा कि उसकी चाल सफल हो रही है पर जब अगले ही पल अमृता ने ये कहा कि अगर मुमकिन रहा तो वो वैभव की शादी में भी जरूर आना चाहेगी!
तो ये सुन कर मानो रेणुका के पैरों तले जमीन खिसक गई! आखिर अमृता ने रेणुका से ऐसा क्यों कहा? क्या रेणुका इस बार फिर हो जाएगी असफल?
जानने के लिए पढ़िए कहानी का अगला भाग।
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