रेणुका तो अमृता को अपनी बहू  बनाने के सपनो में बहुत  खुश थी पर वैभव, अमृता और Elsie के पीछे का सच जानने के लिए मरा जा रहा था।

वैभव की बढ़ती दिलचस्पी को देख कर रेणुका ने दोनों को एक करने के लिए फिर से एक नया प्लान बनाने का सोचा, हालांकि अमृता के परिवार के बारे में जानकारी न होने की वजह से ,रेणुका के पास अमृता से मिलने के लिए उसको call करने के अलावा कोई और रास्ता नहीं था लेकिन वो ये भी जानती थी कि अगर वो अमृता को सीधा फोन लगा देगी तो वैभव को ये बात जमेगी नहीं और वो इस वजह से उससे नाराज़ हो जाएगा। इसलिए रेणुका ने फिर से एक ऐसे प्लान को बनाने के बारे में सोचा जिस में वो और वैभव, अमृता से बस अचानक ही कहीं टकरा जाएँ ताकि वैभव को भी कोई शक ना हो और अमृता भी रेणुका के प्लान से पुरानी लड़कियों की तरह घबरा कर शादी के लिए मना ना कर पाए।

इसलिए बिना किसी देर के रेणुका आधी रात में अपने कमरे में अमृता से मिलने के लिए अपने दिमाग के घोड़े दौड़ाने लगी। उसके दिमाग में बस एक ही चीज थी कि कैसे भी कर के वो अमृता को घर पर खाने के लिए बुला ले।

अब रेणुका रणनीति तैयार कर रही हो और उसकी Detective शर्मा जी से बात न हो, ऐसा तो हो ही नहीं सकता। तो बिना समय गवाये रेणुका ने उन्हें फोन लगा दिया। आजकल रेणुका न दिन देखती है न रात, इसलिए रात के दो बजे रेणुका का फोन आता हुआ देख शर्मा जी ज़रा भी नहीं घबराए।

रेणुका – शर्मा जी, मुझे अमृता की कल की details चाहिए। कल वो कहीं जा रही है? किसी से मिलने का प्लान है?

शर्मा जी ने रेणुका की बात सुन कर थोड़ा समय मांगा और फोन रखने के 1 घंटे बाद कॉल कर के बताया कि कल अमृता के schedule में बस सुबह मंदिर जाने के बारे में पता चल पाया है। उसके बाद वो कहां जाएगी इसका कोई भी अंदाजा नहीं है। रेणुका कभी कभी सोच में पड़ जाया करती है कि शर्मा जी को इतनी जानकारी कैसे और कहाँ से मिल जाती है? खैर उसने इस समय ये सब सोचने या पूछने की बजाय उनकी बात ध्यान से सुनी और नोट कर ली।

शर्मा जी से बात करने के बाद रेणुका तुरंत सो गई ताकि वो सुबह जल्दी उठ सके। दूसरे दिन वो सुबह जल्दी उठ गई क्योंकि अमृता 9 बजे गायत्री मंदिर जाने वाली थी। रेणुका के घर से गायत्री मंदिर का रास्ता लगभग पंद्रह बीस मिनट का है पर वो वहां वक्त से पहले पहुंचना चाहती थी ताकि वैभव को किसी तरह का कोई शक ना हो। इसलिए रेणुका ने मन ही मन वहां साढ़े आठ बजे तक पहुंचने का प्लान बना लिया और प्लान बनाने के तुरंत बाद वो सब से पहले वैभव को उठाने के लिए उसके कमरे में चली गईं।

पिछली रात भी वैभव अच्छे से नहीं सोया था। उसके दिमाग में वो एक scene बार बार घूम रहा था जब boat में बैठे हुए अमृता उसे और वो अमृता को एक टक देखे जा रहे था।

वो scene उसे Elsie की पुरानी यादों में ले गया। साढ़े तीन साल हो गए हैं जब वो आखिरी बार Elsie से मिला था। वो मास्टर्स के लिए लंदन जाने वाला था। इसलिए उसने Elsie को उन दोनों की favorite जगह, वही चाय की टपरी ,जहां वो आज भी जाता है, बुलाया था। उन लोगों ने साथ में चाय पी थी, और नम आंखों के साथ ढेर सारी बातें की थी। बातें जो हम अपने दोस्तों से बिछड़ने से पहले आखिरी मुलाकात में करते है। वैभव ने Elsie को कभी नहीं बताया कि वो उससे प्यार करता था। इसलिए जाते जाते वो उसे सच बताना चाहता था। जब उस ने Elsie की आंखों में उस दिन आंसू देखे तो वो एक दुविधा में फंस गया कि लंदन जाने के बाद शायद वो Elsie को उसके हिस्से का प्यार न दे पाए। प्यार तो दूर शायद वहां जाकर वो दोस्ती भी निभाने में कमजोर पड़ जाए। लंदन और भारत की टाइम जोन ही नहीं, Elsie और वैभव की life का टाइम जोन भी बदलने वाला था और ये बात वैभव अच्छे से समझ रहा था। वो वहां पढ़ने के लिए जा रहा था और शायद वो Elsie को उतना समय भी नहीं दे पाता। इसलिए वैभव ने उस समय Elsie से अपने दिल की बात नहीं कही। आखिरी मुलाकात में वैभव बस Elsie को देख रहा था और Elsie वैभव को और वो बिना कुछ कहे ही न जाने कितनी बातें एक दूसरे से कर रहे थे। ठीक उसी तरह जिस तरह Boat में अमृता और वैभव की आंखे टकराने पर कर रही थी।

वैभव ये सब सोचते हुए ही सो गया था। वो गहरी नींद में था जब रेणुका उसे आवाज़ लगाते हुए उसके कमरे में आई। जब एक दो बार आवाज़ लगाने के बाद भी वैभव नहीं उठा तो रेणुका ने उसके कंधे को हल्का सा हिलाया जिससे उसकी नींद खुल गई!

वैभव ( नींद में)– मां, क्या हुआ?

रेणुका ने वैभव को बताया कि आज अम्मा को गायत्री मंदिर जाना है लेकिन उन का मन है कि वैभव और रेणुका दोनों उनके साथ चलें। रेणुका पहले अम्मा को इस plan का हिस्सा नहीं बनाने वाली थी लेकिन जब उसे वैभव को मनाने का कोई और रास्ता नज़र  नहीं आया तो रात में सोने से पहले उसने अम्मा को भी इसमें शामिल करने का सोचा। हालांकि ये बात अभी तक अम्मा को भी नहीं मालूम कि वो आज गायत्री मंदिर जा रही हैं।  

रेणुका अच्छे से जानती थी कि अगर वो मंदिर जाने का अपना कोई निजी कारण देगी तो वैभव को शक होगा क्योंकि ये बात घर में किसी से भी नहीं छुपी है कि रेणुका कभी भी धार्मिक कार्यक्रमों में शामिल नहीं होती। जैसा उसने सोचा था वैसा हुआ भी, वैभव अम्मा का नाम सुनते ही नहाने के लिए चला गया।

रेणुका भी वैभव के कमरे से निकलकर सीधा अम्मा के कमरे में चली गई और अम्मा को पूरी A to Z कहानी बताई। वो अम्मा को पूरी बात नहीं बताना चाहती थी पर उन्हें पूरी कहानी बताना इसलिए जरूरी था क्योंकि अम्मा उन लोगों में से हैं जो बिना पूरी बात जाने, पलंग से उठे तक नहीं, मंदिर जाना तो बहुत  दूर की बात है।

अम्मा ने रेणुका की बात ध्यान से सुनी और कहा,

अम्मा – वो तो तू मंदिर का कह रही है वरना मैं मर जाती पर वैभव से झूठ नहीं बोलती!

अम्मा की बात सुन के रेणुका ने हां में सिर हिला दिया और फिर ready होने चली गयी।

थोड़ी देर बाद, वैभव तैयार होकर नीचे आ गया। अम्मा हॉल में उन दोनों का इंतजार कर रही थी और रेणुका को देखते ही उन्होंने कहा,

अम्मा ( थोड़े गुस्से में) – जवान बेटे की बहू  लाने की उम्र हो गई पर खुद की साज सज्जा नहीं गई तेरी रेणुका।

रेणुका ने अम्मा की बात को अनसुना किया और हंस दी। वैभव ने भी अम्मा की इस सोच से चिढ़ कर अपनी भौहें उठा कर अम्मा की तरफ देखा। फिर सब कार में जाकर बैठ गए और गायत्री मंदिर के लिए निकल गए।

रेणुका की प्लानिंग के हिसाब से वो ठीक साढ़े आठ बजे मंदिर पहुंच गए। लंबी line लगी होने की वजह से कुछ देर उन्होंने अपनी बारी आने का इंतजार किया। रेणुका बार बार समय देख रही थी पर नौ बज चुके थे और अमृता दूर दूर तक नज़र  नहीं आ रही थी। कुछ दस पंद्रह मिनिट के बाद वैभव मंदिर की सीढ़ियों पर जाकर बैठ गया था कि तभी उसे अमृता हल्के पीले रंग का सूट पहने जल्दी जल्दी सीढ़ियों पर भागते हुए मंदिर की ओर आती नज़र  आई। वैभव अमृता को देख रहा था पर अमृता वैभव को नहीं देख पायी। उसके गीले बाल उसके पीले रंग के सूट पर हल्की हल्की नमी कर चुके थे और उसका चेहरा ,वो तो दिसंबर की सर्दी में पड़ती हल्की सूरज की किरणों से और भी ज्यादा चमक रहा था। उसके चेहरे पर चमकती वो गोल्डन बिंदी, सूरज की किरणों को बड़ी सुंदरता से रिफ्लेक्ट कर रही थी। वैभव की दुनिया तो जैसे उस पल में उसे देख कर थम सी ही गई ।

अमृता भागते-भागते सीधा मंदिर के अंदर चली गई। उसे   अंदर आते देख रेणुका भी खुशी के मारे फूल गई। ये लगातार दूसरी बार था जब रेणुका का प्लान work कर गया। अम्मा रेणुका के चेहरे पर आई मुस्कुराहट से समझ गई थी कि अमृता कोई और नहीं यही लड़की है जो पीले सूट में है। अम्मा भी उसे एक नज़र  में देखकर ही उससे impress हो गई। जिस तरीके से अमृता पूजा कर रही थी, अम्मा ने भी अपने मन में तय कर लिया कि वैभव की बहू  अब अमृता ही बनेगी। अम्मा हमेशा रेणुका के कम धार्मिक होने से खफा रही हैं इसलिए अमृता को देख कर वो मन ही मन वे सोचने लगी,

अम्मा ( ख्याली पुलाव पकाते हुए) – रेणुका ना सही, अमृता में शायद मुझे वो बहू  मिल जाए जो मैं हमेशा से चाहती थी।

अमृता ने तब रेणुका या वैभव में से किसी को भी नहीं देखा तो उसने जैसे ही दर्शन किए ,वो वहां से जाने लगी पर रेणुका ने जैसे ही उसे जाते देखा तो उस ने तुरंत अमृता के पीछे जाकर उसे आवाज़ लगा दी।

रेणुका – अमृता!!

अमृता रेणुका की आवाज़ सुन कर पलटी और उसे देख कर हक्की बक्की रह गई। उसे बिल्कुल समझ नहीं आ रहा था कि हर रोज़ उससे वैभव या उसके परिवार वाले क्यों टकरा रहे थे? जिनसे वो मिलना भी नहीं चाहती थी। अमृता ने मुस्कुराते हुए रेणुका को नमस्ते किया और अम्मा को देख कर अम्मा को भी प्रणाम किया। वो मन ही मन सोचने लगी

अमृता( मन में) – भगवान जी please वैभव यहां न हो बस।

अमृता मन में ये सोच ही रही थी कि तभी रेणुका उस से बातें करने लगी। अम्मा ने भी मौके का फायदा उठा कर अमृता से बातें करना शुरू कर दिया। अमृता बहुत  सादगी से अम्मा और रेणुका के सभी जवाब दे रही थी। बातों बातों में रेणुका ने अमृता को डिनर के लिए कह दिया। अमृता ने इस invitation  को टालने की बहुत  कोशिश की पर जब अम्मा ने अमृता से प्यार से कहा तो वो उनको मना नहीं कर पाई।

रेणुका ,अमृता और अम्मा आपस में बात ही कर रही थी कि तभी वैभव वहां पर रेणुका को बुलाने के लिए आ गया। वो इतनी देर से सीढ़ियों पर ही बैठा था। कल की अजीब मुलाकात के बाद अमृता को मंदिर में आते देख कर वैभव की बिल्कुल इच्छा नहीं हुई कि वो अमृता के सामने फिर जाए, पर बहुत  देर हो गई थी तो वो अम्मा और रेणुका को लेने के लिए अंदर चला आया। कहीं न कहीं वो अमृता को एक बार और देखना चाहता था पर ये बात वो मानना नहीं चाहता था।

क्या वैभव समझ जाएगा कि अमृता का यहां उससे टकराना कोई इत्तेफाक नहीं है? आखिर क्यों अमृता हर बार वैभव या उसके परिवार वालों के सामने सकपका जाती है? 


जानने के लिए पढ़िए कहानी का अगला भाग।

 

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