भ्रष्ट नेताओं की उस मेहफ़िल में उस अनजान शख्स ने जो बात कही उससे वहा एक सन्नाटा छा गया। उस अनजान आदमी में कहा “ज़हर को यदि शरीर में फेलने से रोकना है तो शरीर के उस अंग को काटना पड़ता है जहा से वह ज़हर फैल सकता है, अर्जुन मल्होत्रा को मारना होगा और उसके लिए प्लान तैयार है”।
सत्ता की गलियों में साजिशें होना आम बात है मगर किसी प्रधानमंत्री की हत्या का प्लान बनाना आम नहीं है। जनता की सेवा करने वाले नेता उनकी भलाई के लिए जब काम करते है तो वहीं गद्दी के भूखे लोग उन्हें हर कदम पर रोक देना चाहते है।
एक ऑफिसर, डिफेन्स मिनिस्टर के ऑफिस की ओर तेज कदमों के साथ आ रहा था, वहीं डिफेन्स मिनिस्टर इस समय अपने ऑफिस में प्रधानमंत्री की ओर से मिली रिपोर्ट को पढ़ने में व्यस्त थे। उन रिपोर्ट्स में प्रधानमंत्री कार्यालय में पिछले कुछ दिनो में हुई सभी मीटिंग्स और मिलने-जुलने वालों की एंट्रीस थी। साथ ही अगले कुछ दिनो तक प्रधानमंत्री के शेड्यूल की जानकारी भी थी।
डिफेन्स मिनिस्टर जैसे-जैसे उस रिपोर्ट को पढ़ रहे थे वैसे-वैसे उनकी आंखे हैरानी से बड़ी हो रही थी। तभी उनके असिस्टन्ट ने आकार बताया की प्रधानमंत्री के सिक्युरिटी एड्वाइसर आ चुके है। यह सुनते ही विक्रम ने तुरंत उन्हें अंदर भेजने का इशारा किया। उनके अचानक से यू ऑफिस आने पर विक्रम थोड़ा सा चौंक गए, उन्होनें उस ऑफिसर को बैठने के लिए कहा और उसे अब्ज़र्व करने लगे । वह ऑफिसर पसीने से लथपथ था, उसके चेहरे पर चिंता के भाव साफ साफ नजर आ रहे थे, साथ ही तेज़ी से आने की वजह से उसकी साँसे भी हल्की हल्की फूल रही थी, उसे इस तरह हड़बड़ी में देख विक्रम सिन्हा ने हैरानी से पूछा,
विक्रम : “ मिस्टर चौहान , क्या बात है ? आप काफी घबराए हुए लग रहे है! कोई सिरीअस बात है?
विक्रम के सवाल को सुनते ही बिना एक सेकंड की देरी किये राजवीर चौहान ने तुरंत ही कहा, “आज असेंबली में मीटिंग है और प्राइम मिनिस्टर इस मीटिंग को अटेन्ड करने वाले है, मैंने उन्हें कहा है की उनका जाना सेफ नहीं है पर आप तो उन्हें जानते है!”
राजवीर की आवाज में चिंता साफ सुनाई दे रही थी और उसकी बात सुनकर विक्रम ने कहा हैरानी से कहा,
विक्रम : “पर जो शेड्यूल मेरे पास है उसमे तो ऐसी किसी मीटिंग का नोट नहीं है ! अचानक यह मीटिंग कौन सी है?”
विक्रम के सवाल को सुनकर राजवीर ने कहा, “यह आज सुबह ही तय हुआ है! और हैरानी की बात यह भी है की उसके ठीक आधे घंटे बाद हमे एक अंजान लेटर मिला जिसमें हमे बताया गया की असेंबली में जाते वक्त रास्ते में प्राइम मिनिस्टर की कार को बॉम्ब से उड़ाया जाएगा” उसकी यह बात सुनते ही विक्रम के होश उड़ गए, वो अपनी जगह से खड़ा हो गया और चौंकते हुए चिल्ला उठा,
विक्रम : “ व्हाट ? लेटर कहा है ? क्या आपने इसके बारे में प्राइम मिनिस्टर सर को बताया? “
यह सुनते ही राजवीर ने अपनी जेब से लेटर निकाल कर तुरंत ही विक्रम के हाथ में दे दिया, विक्रम ने उस लेटर को खोला और पढ़ने लगा,
विक्रम : प्रधानमंत्री जी की जान खतरे में है। आज असेंबली में जाना उनके लिए ठीक नहीं है। उन्हें किसी भी कीमत पर रोका जाए…... ओह, माई गॉड !”
विक्रम ने तुरंत ही राजवीर से कहा,
विक्रम : जल्दी से मुझे प्राइम मिनिस्टर सर के असेंबली तक पहुचने के सारे रूट्स की जानकारी चाहिए, वहाँ की हर एक हलचल पर हमारी नजर होनी चाहिए! यह काम आपके कमांडोस और सेना को मिलकर ही संभालना होगा।
विक्रम की बात सुनते ही आशुतोष ने हाँ में जवाब दिया और वहा से तुरंत ही रवाना हो गए। विक्रम ने तुरंत अपने सेक्रेटरी को फोन मिलाया और उससे गाड़ी निकलवाने को कहा। गाड़ी में बैठते ही उसने कहा “प्रधानमंत्री आवास”
प्राइम मिनिस्टर इस वक्त अपने घर पर ही असेंबली में जाने के लिए तैयार हो रहे थे
अर्जुन : “ उम्मीद है इस बार आवास योजना से सभी झोंपड़ियों को हटाया जाएगा और वहाँ हर इंसान को रहने के लिए अच्छा घर दिया जाएगा ! ”
तभी एक पार्टी नेता शांति से जवाब देते हुए बोल उठे, “ पिछले 2 सालों से हम इसी कोशिश में लगे हुए है, लेकिन वहाँ की स्थायी जनता अच्छे घर बनावने के सख्त खिलाफ है ! आप बताए हम इसका क्या इलाज करे ? जब जनता ही घर नहीं चाहती तो उन्हे जबरदस्ती घर थोड़ी दे सकते हैं ? ”
प्रधानमंत्री का चेहरा गुस्से से तमतमा रहा था, उनकी आवाज़ में नाराज़गी और कड़वाहट थी। वो मंत्री की ओर देखते हुए बोले,
अर्जुन : "क्या मतलब है कि जनता अच्छे घर नहीं चाहती? कौन नहीं चाहता कि वो एक अच्छे, मज़बूत और टिकाऊ घर में रहे? गलती जनता की नहीं है, गलती हमारी है। हम वादा तो करते हैं अच्छे घर देने का, लेकिन उसे निभाते नहीं। और अगर कभी निभाते भी हैं, तो आधे-अधूरे मन से। जब पिछली बार बने घरों में घोटाले हुए, ठेकेदारों ने घटिया माल इस्तेमाल किया, तो भरोसा कैसे होगा? अगर घर मज़बूत बनेंगे, टिकाऊ बनेंगे, तो कौन मना करेगा लेने से? अब सुनिए! जाइए और पूरी कोशिश कीजिए कि वो लोग हम पर विश्वास करें। समझे?"
प्रधानमंत्री की बात सुन बाकी के सभी नेताओ का चेहरा मुरझा गया, वे उदास चेहरों के साथ अपनी जगह से उठे और धीरे धीरे वहाँ से बाहर निकल गए ! सबके जाते ही प्रधानमंत्री गुस्से से अपने हाथ को टेबल पर मारते है और खुद से ही बोल उठे,
अर्जुन : “ बस पैसे खाने है, किसी दिन खुद को उन लाचार लोगो की जगह रखकर देखना पता चलेगा उनके संघर्ष के बारे में ! आज की इस असेंबली में इस मुद्दे के विषय पर बात जरूर करूंगा !
अभी प्राइम मिनिस्टर की बात खत्म हुई भी नहीं थी की उसी वक्त विक्रम के आने का मैसेज उन्हे मिला । अंदर आते ही विक्रम ने उन्हें सलूट किया और बोले
विक्रम : “ प्राइम मिनिस्टर सर, आपको आज की असेंबली में जाना केन्सल करना होगा ! “
अचानक से विक्रम को ऑफिस में सामने देख प्राइम मिनिस्टर चौंक गए, वो विक्रम हो हैरानी से देखने लगे ! तभी विक्रम ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा,
विक्रम : “ सर, हमे जानकारी मिली है की आज जब आप असेंबली के लिए निकलेंगे तो आप को रास्ते में ही मार दिया जाएगा ! मैं आपसे रिक्वेस्ट करता हूँ की आज आपकी ये मीटिंग केन्सल कर दीजिए, आपकी जान को खतरा है ! ”
विक्रम की बात सुनते ही प्राइम मिनिस्टर हैरान होकर बोल उठे,
अर्जुन : “ लेकिन क्या इस आदमी पर भरोसा कर सकते है जिसने तुम्हें ये जानकारी दी ? ”
ये सुन विक्रम शांति से जवाब देते हुए बोल उठा,
विक्रम : “ पुरी तरह से नहीं लेकिन हमारे टास्क फ़ोर्स ने आपके असेंबली जाने वाले रास्तों पर कुछ ऐसी चीज़े नोटिस की है जिससे की हमे लगता है की जानकारी सही है ! इसलिए बेहतर होगा की आने वाले कुछ दिनो के लिए आपके सभी प्रोग्राम्स, मीटिंग्स और ट्रैव्लिंग को रद्द किया जाए ! सर ये आपकी सुरक्षा के बारे में है हम रिस्क नहीं ले सकते ! ”
विक्रम की बात सुन प्राइम मिनिस्टर शांत हो गए और विक्रम को देखने लगे ।
विक्रम की बात और उसके जज़्बात को देख अर्जुन मल्होत्रा सोच में घिर गए, फिर उन्होंने गहरी साँस लेते हुए बड़ी ही शांति से विक्रम से पूछा,
अर्जुन : “ तो तुम चाहते हो की देश का प्राइम मिनिस्टर, किसी अंजान लेटर की वजह से र कुछ दिनो के लिए खुद की सैफ्टी के बारे में सोचे ? ”
प्रधानमंत्री की बात सुन विक्रम ने निराशा भरी आह भरी और फिर अपनी आवाज को थोड़ा ऊंचा करते हुए बोल उठा,
विक्रम : “ "सर, बात सिर्फ आपकी जान की नहीं है, ये देश की रूह की बात है। पंद्रह सालों में पहली बार ऐसा हुआ है कि कोई प्रधानमंत्री सच में विकास की सोच के साथ आगे बढ़ रहा है। आपने इस देश को सिर्फ ऊँचाई पर नहीं पहुँचाया, बल्कि लोकतंत्र पर जनता का टूटा हुआ विश्वास फिर से जगाया है। आज हर आदमी को लगता है कि ये देश उनका है, युवाओं में एक नया जोश है, एक नई उम्मीद है। वो जानते हैं कि अब उनका भविष्य अंधकार में नहीं, बल्कि रोशनी की ओर है। आज हर इंसान के दिल में गर्व की भावना है, सर। वो महसूस कर रहे हैं कि अब उनके नेता सच में उनके लिए खड़े हैं, सिर्फ सत्ता के लिए नहीं। लेकिन अगर आपको कुछ हो गया, तो वो सारा विश्वास एक पल में बिखर जाएगा। जो उम्मीद आपने जगाई है, वो बुझ जाएगी, और इस देश को फिर से वही भ्रष्ट लोग नोच-नोच कर खा जाएंगे। आपके बाद कौन है जो इस देश को इस तरह संभाल सके? वो सब मिलकर इस देश को खोखला कर देंगे, इसकी जड़ें तक काट देंगे। सर, इस देश को आपकी ज़रूरत है, अब पहले से भी ज्यादा। मैं आपको अपनी जान इस तरह दांव पर लगाने नहीं दे सकता। ये सिर्फ आपकी नहीं, पूरे देश की लड़ाई है। और मैं इस देश को बर्बाद होते नहीं देख सकता, ना ही आपको खो सकता हूँ।"
अर्जुन ने विक्रम की बात सुनी और वह कुछ सोचते हुए खिड़की के पास गए। उन्होंने वापस आरजू की तरफ देखा और भारी आवाज में कहा
अर्जुन : “ मैं आज असेंबली जरूर जाऊंगा विक्रम। आज अगर यह बिल पास नहीं हुआ तो अगले सत्र तक जाएगा जो मैं नहीं चाहता हूँ। रही बात मेरी सुरक्षा की तो आप आर्मी चीफ रह चुके है, आज देश के डिफेन्स मिनिस्टर है। जब इंडिया की बॉर्डर्स आपने इतनी सेफ रखी हुई है तो फिर मेरी सुरक्षा की फिक्र क्यों हो मुझे?
आगे क्या होता है अर्जुन के साथ? जानने के लिए पड़ते रहिए ।
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