काव्या और चंचल जब अपने फ्लैट में वापिस आए, तब घर में पहले से ही कई लोग आ रखे थे। पूरा पार्टी का माहौल बना हुआ था। ये देख कर दोनों हैरान रह गए थे। एक मिनट के लिए काव्या को लगा कहीं वो गलत घर में तो नहीं आ गई थी। तभी आर्यन उन लोगों में बीच हाथ में wine glass लेते हुए नजर आया। काव्या और चंचल के अंदर घुसने पर वहां मौजूद कुछ लोगों की नज़र उन दोनों पर पड़ी।
आर्यन ने काव्या को जैसे ही देखा वो excited हो कर आते हुए बोला,
आर्यन: “Guys! ये है मेरी फ्लैटमेट काव्या! जोकि एक बहुत ही बढ़िया इंटीरियर डिजाइनर है। और ये है उसकी बहन चंचल, जो अभी हमारे साथ ही रह रही है और ये एक बेहतरीन काउंसलर हैं।”
दरअसल सब आर्यन के colleague थे। आर्यन ने एक एक करके सबका intro काव्या और चंचल से करवाया। अपने घर पर एक युद्ध लड़ने के आने के बाद काव्या के अंदर किसी से भी मिलने के लिए energy नहीं बची थी। अचानक से एक साथ सबको उसके फ्लैट पर देख कर काव्या थोड़ी uncomfortable हो गई थी। हालांकि चंचल ने सबके साथ घुलना मिलना शुरू कर दिया था। पर काव्या अभी किसी से भी मिलने के मूड में नहीं थी। उसे सबसे ज़्यादा गुस्सा आर्यन पर था। क्योंकि आर्यन ने उसने फ्लैट पर होने वाली इस पार्टी के बारे में नहीं बताया था। आज उसे आर्यन से बहुत कुछ बातें करनी थीं। उसे पीयूष के साथ गाउन खरीदने वाली बात पर भी सवाल करने थे। और आज उसके घरवालों से हुई बहस के बारे में भी बताना था। पर इतनी सारी बातें वो इतने सारे लोगों के बीच कैसे बताती?
कुछ देर बाद आर्यन हाथ में wine का glass ले कर काव्या के पास आया। उसने काव्या की तरफ ग्लास बढ़ाते हुए कहा,
काव्या: “ये लो मैम! I wish आपका दिन अच्छा बीता हो। और नहीं गया तो लीजिए एक ग्लास!”
आर्यन के कहने पर काव्या ने ग्लास थाम लिया था। आर्यन को इतना खुश देख कर काव्या के अंदर भी एक अलग तरह की energy आने लगी थी। जैसे आर्यन उसके लिए एक charger हो।
काव्या ने आर्यन के साथ चीयर्स किया। चंचल पहले से ही आर्यन के ऑफिस के लोगों के साथ बातें करने में लग गई थी। दरसल चंचल को उनमें से एक लड़का काफी hot लगा था। जिसे देखते ही चंचल ने फ्लर्ट करना शुरू कर दिया था।
काव्या आर्यन के साथ बैठी एक कोने में अंदर ही अंदर मुस्कुरा रही थी। उसके मन में जो भी सवाल थे, जो भी बातें थी। सब धीरे धीरे उसके दिमाग से गायब होती चली गई थीं।
तभी आर्यन के ऑफिस का कलीग जिसका नाम गगन था, आर्यन के पास आया। उसने कहा कि उसे आर्यन से कुछ जरूरी बात करनी थी।
आर्यन काव्या के पास से दूर कहीं नहीं जाना चाहता था और काव्या को भी इस वक्त सिर्फ आर्यन का साथ चाहिए था। पर वो अपने कलीग की बात टालना नहीं चाहता था। उसने काव्या के गाल पर एक किस की और उसके कान में फुसफुसाया,
आर्यन: “I am coming back soon!”
ऐसा बोल कर आर्यन उस colleague के साथ बालकनी की side चला गया। काव्या अपने गाल को सहला कर खुश हो रही थी। आर्यन ने पहली बार उसे kiss किया था। इस बात को सोचते हुए उसके चेहरे पर से स्माइल नहीं जा रही थी।
बाहर बालकनी में गगन आर्यन से कुछ important discuss करना चाहता था। आर्यन ने जब पूछा,
आर्यन: “हां बता क्या हुआ?”
गगन ने इधर उधर देखते हुए धीरे से बताया।
(गगन): “यार! वो आज हमारे यहां जो नई इंटर्न आई है, प्रज्ञा। उसका तेरे साथ कुछ connection है क्या पहले?”
ये सुन कर आर्यन थोड़ा चौंक गया था। उसने गगन से कहा,
आर्यन: “हां मतलब हमने पहले एक दूसरे को date किया है!”
आर्यन जानता था कि वो इस बात को सबसे छुपा कर नहीं रख सकता था। पर उसे समझ नहीं आया कि आखिर गगन इस बारे में क्यों सवाल कर रहा था।
गगन से जब उसने ये सवाल किया तो गगन ने बताया,
(गगन): “दरअसल प्रज्ञा और मेरी बात शुरू हुई थी। और मैं सोच रहा था कि अगर मैं उसको भी यहां बुला लूं तो क्या तुमको ये सही लगेगा?”
आर्यन को अचानक याद आया कि उसने प्रज्ञा के उसकी जिंदगी में वापिस आने के बारे में बात नहीं की थी। और वो प्रज्ञा को दोबारा अपनी ज़िंदगी में घुसने बिलकुल नहीं देना चाहता था।
उसने तुरंत गगन से कहा,
आर्यन: “नहीं, मुझे नहीं लगता कि उसे इस पार्टी में बुलाना चाहिए। क्योंकि ये ऑफिस के उन लोगों के लिए है जो काफी समय से साथ में काम कर रहे हैं, जो एक दूसरे को जानते हैं। और वो तो अभी अभी just intern है।”
गगन आर्यन की बात को समझ गया था। तभी आर्यन को याद आया कि उसने अभी तक काव्या को इस बारे में कुछ नहीं बताया था।
वो अंदर काव्या के पास वापस फिर गया। काव्या वहीं उसी जगह पर बैठी हुई थी। Wine पीने की वजह से थोड़ी सी tipsy सी भी हो गई थी। आर्यन जब उसके पास आया तो काव्या ने आर्यन का हाथ अपने हाथ में कसकर पकड़ लिया था।
ऐसा देख कर आर्यन को भी काव्या के ऊपर और प्यार आने लगा था। कुछ देर तक दोनों एक दूसरे का हाथ पकड़े बैठे रहे। उनको देख कर ऑफिस के सभी लोग समझ गए थे कि आर्यन और काव्या के बीच जरूर कुछ था।
आर्यन को काव्या के साथ ही बैठा देख कर सबको अजीब भी लग रहा था कि उसके ही फ्लैट में पार्टी थी और वो सबको छोड़ कर, एक कोने में अपनी फ्लैटमेट के साथ बैठा हुआ था। ये देख कर कुछ लोग कान में खुसुर पूसुर भी करने लगे थे।
इस खुसर पुसुर की भनक आर्यन को लग गई थी। उसने काव्या को उसके ऑफिस के लोगों के साथ enjoy करने को कहा। इस पर काव्या ने कहा,
काव्या: “नहीं, मुझे नहीं लगता कि मैं अभी इस हालत में हूं कि किसी से अच्छे से मिल सकूं!”
लेकिन आर्यन ने काव्या को फोर्स करते हुए कहा,
आर्यन: “अरे! कोई दिक्कत नहीं है। तुम सबसे मिलोगी तो और अच्छा लगेगा। Come on!”
काव्या ने आर्यन को बार बार मना किया। उसने कहा वो किसी से भी मिलने के लिए तैय्यार नहीं थी। उसने आर्यन को घर पर हुई बातचीत के बारे में कुछ नहीं बताया था।
जब आर्यन नही माना तो काव्या ने खिंझते हुए कह दिया।
काव्या: “यार तुमने मुझे इस पार्टी के बारे में नहीं बताया न। अब मैं सबसे मिलने के लिए खुद को फोर्स नहीं कर सकती हूं। और मुझे अच्छा भी नहीं लग रहा यहां अब। मैं अपने रूम में जा रही हूं। गुड नाईट!”
ये कहते हुए काव्या वहां से निकल कर अपने रूम में चली गई। आर्यन ने उसे रोकने की कोशिश की। पर उसे समझ आ गया था कि वो काव्या को अभी ज़्यादा फोर्स नहीं कर सकता था।
काव्या को अंदर यूं जाते देख कर ऑफिस के सब लोग समझ गए थे कि आर्यन और काव्या के बीच जरूर कुछ लड़ाई हुई थी। वहीं चंचल अपने आस पास बैठे लोगों को अपनी बातों से एंटरटेन कर रही थी। वो ये सारी बातें अपने सामने बैठे एक hot से लड़के जिसका मृदुल था, उसके लिए कर रही थी।
मृदुल की attention के अलावा काव्या को सबसे वाह वाही मिल रही थी। कुछ देर तक चंचल ने बहुत कोशिश की। फिर उसे जैसे ही पता लगा मृदुल का sense of humour बहुत ही low था। चंचल का सारा interest खत्म हो गया था।
वो भी इस पार्टी से बोर हो चुकी थी, इसलिए उसने भी अपने रूम में घुसने के बारे में सोच लिया था। धीरे धीरे सभी लोग पार्टी से निकलने लगे थे। और पार्टी over हो चुकी थी। आर्यन सबको विदा करते हुए सिर्फ इस बात को सोच रहा था कि काव्या नाराज़ हो गई थी और अब उसको कैसे मनाएगा।
आज ही जब पहली बार उनके बीच चीजें ठीक हुई थीं तो वो काव्या को इस तरह नाराज़ नहीं देख सकता था।
सबके जाने के बाद आर्यन ने काव्या के कमरे का दरवाजा खटखटाया। हालांकि उसे लग रहा था काव्या सो चुकी होगी।
पर फिर भी वो एक बार ट्राई करना चाहता था।
काव्या ने दरवाजा खोला, काव्या अभी तक सोई नहीं थी। वो भी आर्यन से बात करना चाहती थी और सबके जाने का इंतज़ार कर रही थी।
आर्यन ने काव्या से पूछा,
आर्यन: “बदनाम चाय पीना चाहोगी? वाइन के बाद चाय का मज़ा कुछ अलग ही होता है!”
काव्या ने थोड़ी देर आर्यन के चेहरे की तरफ देखा और फिर हल्के से मुस्कुराते हुए हां बोल दिया। दोनों साथ में फिर से उसी जगह पहुंच गए थे जहां से आर्यन के दिल में काव्या को ले कर कुछ कुछ होने लगा था। बदनाम चाय वाले के यहां दोनो ने एक एक चाय का कुल्हड़ कप लिया।
आर्यन ने काव्या को कुल्हड़ पकड़ाते हुए कहा
आर्यन: ,”सारी! मैने तुम्हें ऑफिस पार्टी के बारे में नहीं बताया। दरअसल मैं तुमको और भी कुछ बताना चाहता था…”
आर्यन काव्या को प्रज्ञा के बारे ने बताने वाला था तभी काव्या ने आर्यन की बात को काटते हुए कहा,
काव्या: “कोई नहीं। मुझे भी तुम्हे बहुत जरूरी बात बतानी थी। जो मेरे दिमाग़ में बहुत देर से चल रही है और मुझे खाए जा रही है।”
आर्यन ने अपनी बात को रोकते हुए काव्या से पूछा,
आर्यन: “क्या हुआ? सब ठीक है न? वैसे तुम और चंचल आज गए कहां थे?”
काव्या ने कहा,
काव्या: “आज हम दोनों को पापा ने घर बुलाया था। और वहां पर पीयूष भी आया था।”
ये सुनते ही आर्यन चौंक गया। काव्या ने आगे बताया,
काव्या: “पीयूष के आने से मेरा दिमाग़ खराब हो गया था। और फिर मुझे पीयूष ने बताया कि वो गाउन जो मैं हमज़ा की दादी की बर्थडे पार्टी में पहनी थी, उसने ही choose करवाया था। तो तुमने मुझे उस वक्त क्यों नही बताया कि तुम पीयूष से पहले मिल चुके हो? तुमने ये बात छुपाई क्यों?”
आर्यन ने धीरे से मुस्कुराते हुए कहा,
आर्यन: “गाउन देख कर तुम इतनी खुश हो गई थीं कि उसका क्रेडिट मैं किसी और को नहीं देना चाहता था। और तब मुझे पता भी नहीं था जिससे मै मॉल में मिला हूं वो और कोई नहीं पीयूष ही है। वो तो उस रोज़ मैने उसको तब पहचाना जब हम चंचल को ढूंढने उसके घर पहुंचे थे। पर पीयूष तुम्हारे यहां क्या कर रहा था?”
काव्या बात समझ गई थी। पीयूष का आर्यन को यूं अचानक मिल जाना, और उस दिन रेस्टोरेंट में भी मिलना ये सब इत्तेफाक नहीं हो सकता था। कहीं ऐसा तो नहीं पीयूष काव्या के आस पास हर चीज़ पर नज़र रखे हुआ था। काव्या ने आर्यन को आगे की बात बताई।
काव्या: “दरअसल मेरे पेरेंट्स पीयूष से मेरी शादी कराने पर तुले हुए थे।”
ये सुनकर आर्यन को अचानक धक्का सा लगा था। आर्यन के चेहरे को देखते ही काव्या ने उसकी भरोसा दिलाते हुए कहा,
काव्या: “पर मैने साफ मना कर दिया है। मैं ऐसे इंसान के साथ दोबारा कैसे ही जा सकती हूं जिसने मेरे साथ इतना गलत किया हो। मैंने उन्हें साफ साफ कह दिया है कि मैं पीयूष से नफ़रत करती हूं। और उसे अपने इर्द गिर्द देखना भी नहीं चाहती। और उस पीयूष की वजह से घरवाले जान चुके हैं कि मैं तुम्हारे साथ रह रही हूं।”
आर्यन: “फिर? उनको इस बात से इश्यू है? कहीं तुम फ्लैट छोड़ कर तो नहीं जानें वाली?”
आर्यन ने घबरा कर काव्या से पूछा।
आर्यन को इस तरह अचानक से परेशान देखकर, काव्या ने उसे समझाते हुए कहा,
काव्या: “नहीं नहीं। मैं तुम्हें छोड़ कर कहीं नहीं जा रही। तुमको छोड़ कर मैं तो नहीं जा सकती।”
काव्या के चेहरे पर एक लंबी सी मुस्कान थी। आर्यन को अचानक से ऐसे परेशान देख कर उसे अच्छा लगा कि वो उसको खोना नहीं चाहता था। काव्या भी आर्यन को खुद से दूर नहीं जाने देना चाहती थी।
काव्या की बात सुनने के बाद, आर्यन प्रज्ञा वाली बात को बताना भूल गया था। दोनों ने उसके बाद कुछ बातें नहीं की। बस एक दूसरे की आंखों में देखते रहे। आर्यन ने जानते हुए भी प्रज्ञा के बारे में बात नहीं बताई कि क्योंकि वो इस मोमेंट को खराब नहीं करना चाहता था।
अगले दिन, आर्यन जब ऑफिस पहुंचा तो हर तरफ उसके और काव्या को ले कर ही चर्चे हो रहे थे। और ये चर्चे, प्रज्ञा तक भी पहुंच चुके थे। पर जब प्रज्ञा ने इस बारे में कोई रिएक्ट नहीं किया। उसने आर्यन के पास आ कर प्यार से कहा,
प्रज्ञा: “Congratulations आर्यन! You found someone! I am happy for you!”
आर्यन को लगा था प्रज्ञा इस बात को सुनकर चिल्लाए। पर प्रज्ञा के इस तरह react करने पर वो दंग रह गया था।
क्या प्रज्ञा वाकई बदल चुकी थी? क्या आर्यन प्रज्ञा के बारे में काव्या को बता पाएगा? क्या काव्या और आर्यन, दोनों का past उनके रिलेशनशिप में रुकावट बनेगा?
जानने के लिए पढ़िए कहानी का अगला भाग।
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