एक होते हैं बदकिस्मत लोग, फिर आते हैं उनसे भी ज्यादा बदकिस्मत लोग, और इन सबसे आगे होते हैं वो लड़के जिनकी गर्लफ्रेंड का कोई बेस्ट फ्रेंड होता है। यह बेस्ट फ्रेंड ही लड़की को भड़का कर ब्रेकअप करवाते हैं, और फिर खुद ही लड़की को प्रपोज कर देते हैं। इन बेस्ट फ्रेंड वाली प्रजाति से पम्मी आंटी को भी बहुत नफरत है।  

ऋषि खुद को उस लड़की का बेस्ट फ्रेंड बता रहा था जिसके साथ वह कैफे में आया था। उस लड़की और ऋषि के कैफे से बाहर जाने के कुछ देर बाद पम्मी आंटी को धमकी भरा कॉल आया था जिसमें एक औरत ने उनसे ऋषि की शादी से दूर रहने को कहा था। उस औरत की धमकी भरी बात ने पम्मी आंटी को गुस्सा दिला दिया था। पम्मी आंटी ने भी अपना स्वैग दिखाते हुए उस औरत से कहा। 

पम्मी - ओए, तू धमकी किसको दे रही है। मैंने तेरे मुक्का मार के तेरी आंखें सुजा देनी है। फिर सूजी हुई आंखों से घर में आलू की जगह प्याज और प्याज की जगह टमाटर काटती फिरेगी और बात रह गई इस केस की, तो मैं तुझे बता दूं, यह ऋषि सिर्फ नाम का ऋषि है, अंदर से तो राक्षस है। शादी की बात कहीं और चल रही है और अपना चक्कर कहीं और चला रहा है। 

पम्मी आंटी की गुस्से वाली आवाज सुनकर कॉल करने वाली औरत भी घबरा गई थी। उसने अपने लहजे में नरमी दिखाते हुए पम्मी आंटी से कहा, “माफ करना पम्मी जी, मैंने शायद गुस्से में आपको कुछ ज्यादा ही बोल दिया। आप प्लीज मेरे बेटे को राक्षस मत बोलिए, वह तो बेचारा खुद घबराया हुआ है।”  पम्मी आंटी खुद हैरान थीं कि कॉल किसी और ने नहीं बल्कि ऋषि की मम्मी ने ही किया था।  

ऋषि ने कैफे में क्लाइंट का बहाना बनाकर अपनी मॉम को पम्मी के बारे में बताया था। ऋषि की मॉम ने भी पम्मी के बारे में सुन रखा था, इसलिए उसने इंटरनेट से पम्मी आंटी के ऑफिस का नंबर निकाला और कॉल लगा दी। गुस्से से बात की शुरुआत करने वाली ऋषि की मॉम अब खुद घबराई हुई थी। उसने कॉल पर ही पम्मी आंटी को सारी बात समझाते हुए कहा। 

“पम्मी जी! ऋषि का फोन सुनकर मैं घबरा गई थी कि कहीं कोई अनहोनी ना हो जाए, इसलिए आपसे गुस्से में बात कर बैठी। पम्मी जी, मेरा बेटा लव मैरिज करना चाहता है, लेकिन इसके पापा अपने बिजनेस के लिए अपने से भी ऊंचे खानदान में इसका रिश्ता करना चाहते हैं। मेरा बेटा दिल का बुरा नहीं है, पर अभी बेचारा कन्फ्यूज है।” 

पम्मी - मैडम जी, आपका लड़का चाहे शरीफ हो या कन्फ्यूज हो, मैंने तो मिसेस  अग्रवाल को सब सच-सच बता देना है आपके बेटे के बारे में। 

अरे रुकिए, रुकिए। इस केस के जितने पैसे मिसेस  अग्रवाल जी ने दिए हैं, उससे ज्यादा पैसे मैं आपको दूंगी। बस आप अभी यह बात प्लीज किसी को मत बताना। मैं आपको अभी कैफे में मिलने आती हूं। 

पैसे का नाम सुनते ही पम्मी आंटी के चेहरे पर मुस्कान आ गई थी। इस केस में अब तो दोनों तरफ से पैसों की बारिश हो रही थी। आधे घंटे के इंतजार के बाद ऋषि की मॉम भी कैफे में आ गई थीं। उन्होंने पम्मी आंटी से मदद मांगते हुए कहा कि वह, ऋषि का उस लड़की से ब्रेकअप करवाकर ऋषि की अरेंज मैरिज करवा दें, लेकिन इस बात से नाराज होते हुए पम्मी आंटी ने ऋषि की मॉम से कहा। 

 

पम्मी - मिसेस  मल्होत्रा! सच्चा प्यार करने वालों को मैं कभी जुदा नहीं करती। मेरी सलाह मानो, आप ऋषि की गर्लफ्रेंड के घर रिश्ता लेकर चलो। आपके हस्बैंड को तो मैं खुद ऋषि की लव मैरिज के लिए राजी कर लूंगी। 

पम्मी आंटी इतने कॉन्फिडेंस से बात करती हैं कि कोई भी उनकी बात मान जाता है। ऋषि की मॉम भी पम्मी आंटी की बात मान गई थीं। आज तो फिर से पम्मी आंटी की लॉटरी लग गई थी। एक तरफ लव मैरिज करवाने के पैसे मिलने वाले थे और दूसरी तरफ अरेंज मैरिज तुड़वाने के पैसे मिलने थे, लेकिन ऋषि की लव मैरिज में एक और समस्या थी, उसी समस्या को बताते हुए ऋषि की मॉम ने कहा। 

"पम्मी जी! एक प्रॉब्लम और भी है। मुझे अभी यह भी नहीं पता कि ऋषि की गर्लफ्रेंड के मॉम-डैड इस रिश्ते के लिए मानेंगे या नहीं। इसलिए आप अभी अग्रवाल जी की लड़की का रिश्ता मत तुड़वाना। अगर ऋषि की लव मैरिज न हुई तो कम से कम मेरे बेटे की अरेंज मैरिज तो हो ही जाएगी।” 

पम्मी - हाय मिसेस  मल्होत्रा, मैं समझ सकती हूं जब बेटे की शादी ना हो रही हो तो मां के दिल पर क्या बीतती है। मेरा बेटा भी अभी कुंवारा है, इसलिए मैं समझ सकती हूं आपकी तकलीफ। आप फिक्र मत करो, आपके बेटे की शादी की जिम्मेदारी मेरी। बस याद रखना, डिफॉल्टर केस है, इसलिए शादी करवाने के कम से कम 71000 लगेंगे और एक सोने की अंगूठी। 

पम्मी आंटी पैसे के मामले में स्ट्रेट हैं, लेकिन दिल की बहुत साफ हैं। वह कभी ऐसा रिश्ता नहीं करवातीं जहां किसी का जीवन खराब हो जाए। कैफे में बैठे-बैठे ही पम्मी आंटी ने मिसेस  मल्होत्रा के बेटे ऋषि की लव मैरिज करवाने का प्लान बना लिया था। 

अब प्लान के मुताबिक अगले दिन ऋषि को अपनी मॉम, पम्मी आंटी और संगीता को अपनी गर्लफ्रेंड के घर लेकर जाना था। बाकी का काम वहां जाकर पम्मी आंटी को संभालना था। ऋषि की मॉम की तरफ से भी 1100 रुपए एडवांस आ गए थे। 

प्लान बनाने के बाद पम्मी आंटी संगीता के घर जाने की बजाय सीधा सर्विस सेंटर गई थीं। स्कूटर की सर्विस के पैसे आज ऋषि बाबू की लव मैरिज से निकले थे। मिसेस अग्रवाल जी से मिले पैसे का कुछ हिस्सा संगीता के खाते में गया था। 

प्लान के मुताबिक पम्मी आंटी, संगीता, ऋषि और ऋषि की मॉम को उसी कैफे में कल दोपहर 1 बजे मिलना था, जहां यह सब आज मिले थे। शाम को पम्मी आंटी अपने किचन में खाना बना रही थीं कि अचानक उनका फोन रिंग होना शुरू हो गया। 

फोन लगातार रिंग हो रहा था। सब्जी काट रही पम्मी आंटी ने मोबाइल की स्क्रीन पर देखा तो उस पर मिसेस  अग्रवाल का नाम शो हो रहा था। मिसेस  अग्रवाल तो अपने होने वाले दामाद ऋषि के बारे में जानना चाह रही थीं। उन्हें क्या पता था कि उनके होने वाले दामाद का रिश्ता पम्मी आंटी कहीं और फिक्स करने जा रही थीं।  

फोन पर मिसेस  अग्रवाल जी की 4 मिस कॉल दिख रही थीं। पम्मी आंटी को समझ नहीं आ रहा था कि मिसेस  अग्रवाल को ऋषि के बारे में क्या बताया जाए। मन ही मन में पम्मी आंटी नए-नए बहाने सोच रही थीं। कुछ समय बाद मिसेस  अग्रवाल जी की पांचवीं कॉल भी आ गई थी। (Phone ring sfx) इस बार पम्मी आंटी ने कॉल पिक कर ही लिया, मिसेस  अग्रवाल जी ने झट से बात शुरू करते हुए कहा। 

पम्मी जी! मैं कब से आपका फोन ट्राई कर रही हूं, सब ठीक तो है ना। ऋषि के बारे में कुछ पता चला। 

पम्मी - मिसेस  अग्रवाल जी, सब ठीक है। तुसी फिकर ना करो। व्याह शादी का मामला है, थोड़ा टाइम तो लगेगा ही। और आपने कौन सा रोके की तारीख फाइनल कर दी है जो इतना घबरा रहे हो। 2 दिन का टाइम दो, आपको लड़के की सारी कुंडली निकाल कर दे दूंगी। 

पम्मी आंटी इतने कॉन्फिडेंस से अपनी बात कहती हैं कि उनकी बात को कोई टाल ही नहीं सकता। घबराई हुई मिसेस  अग्रवाल, पम्मी आंटी की बात सुनकर शांत हो गई थीं। अब पम्मी आंटी ने कल के प्लान के बारे में सोचना शुरू कर दिया था। नया दिन शुरू हो चुका था। दोपहर के साढ़े बारह बजते ही पम्मी आंटी ने अपनी स्कूटर निकाली और संगीता को घर से पिक करके कैफे की ओर निकल पड़ी थीं। 

प्लान के मुताबिक ऋषि, पम्मी आंटी, संगीता और ऋषि की मॉम दोपहर ठीक एक बजे कैफे में एक साथ बैठे हुए थे। पम्मी आंटी के कहने पर ऋषि सुबह से 20-25 बार अपनी गर्लफ्रेंड को कॉल कर चुका था, लेकिन उसकी गर्लफ्रेंड सुबह से कॉल पिक नहीं कर रही थी। यह देखकर पम्मी आंटी ने ऋषि से कहा। 

पम्मी - ऋषि पुत्तर! तूने अपनी सहेली को बताया नहीं था कि आज हम रिश्ते की बात करने आ रहे हैं। 

ऋषि ने घबराते हुए, पम्मी को जवाब दिया - मैंने तो कल रात को ही बता दिया था, पता नहीं क्यों आज वह मेरा कॉल पिक नहीं कर रही। 

पम्मी - ओ हो! कहीं उस लड़की के मां-बाप ने उसका फोन छीन कर, उसे घर में बंद तो नहीं कर दिया। 

ऋषि की आवाज में भी घबराहट थी - अरे नहीं! कैसी बातें करते हो आंटी जी। मैं उसके मां-बाप को कई बार मिल चुका हूं, वह ऐसे नेचर वाले नहीं हैं। 

पम्मी - तू उनको पहले भी मिल चुका है? मतलब वह तेरे और तेरी सहेली के चक्कर के बारे में जानते हैं। 

“नहीं! उनको तो यही बताया है कि मैं शिखा का कॉलेज टाइम का फ्रेंड हूं।” ऋषि ने पम्मी आंटी को कन्विन्सींग टोन में कहा। घड़ी में 2 बज चुके थे, शिखा का कोई कॉल बैक नहीं आया था। पम्मी आंटी ने उन सबको शिखा के घर जाने के लिए रेडी कर लिया था। शिखा का घर भी लखनपुर में ही था। गलियां छोटी होने की वजह से ऋषि ने गाड़ी मोहल्ले की गली के बाहर ही खड़ी कर दी थी।  

यह तंग गली बच्चों के शोर से गूंज रही थी। कुछ देर पैदल चलने के बाद ये चारों शिखा के घर पहुंच गए थे। ऋषि के दरवाजा खटखटाने पर शिखा की मॉम ने दरवाजा खोला। 

ऋषि को शिखा की मॉम पहले से जानती थीं, इसलिए उन्होंने इन चारों को मुस्कुराते हुए घर के अंदर आने को कहा था। ये चारों अब शिखा के घर के अंदर बैठे हुए थे। पहले तो पम्मी आंटी समझ नहीं पा रही थीं कि शिखा की मॉम इतना नॉर्मल बिहेव क्यों कर रही थीं, लेकिन बाद में वह समझ गई थीं कि शिखा ने अपनी मॉम को आज ऋषि के परिवार के आने की जानकारी नहीं दी थी।  

अभी चाय की चुस्कियां लेते हुए इधर-उधर की बातें चल ही रही थीं कि पम्मी आंटी ने शिखा की मॉम से ऋषि के रिश्ते की बात कर दी थी। पम्मी आंटी की बात सुनकर शिखा की मॉम ने रोना शुरू कर दिया था। उन्होंने पम्मी आंटी को बताया कि “शिखा आज सुबह ही अपने किसी बेस्ट फ्रेंड के साथ भाग गई है। घर में चिट्ठी छोड़ कर गई है और कॉल भी पिक नहीं कर रही है”।  उफ यह आजकल की आशिकी! इस कहानी में ऋषि आशिक था और बेस्ट फ्रेंड कोई और निकला। पे गया सियाप्प!!!   

पम्मी आंटी सोच रही थीं कि यहां भी बेस्ट फ्रेंड गद्दारी कर गया था। अब पम्मी आंटी आगे क्या फैसला लेंगी? क्या ऋषि इस सदमे को बर्दाश्त कर पाएगा? कहानी में आगे कौन सा तड़का लगेगा, यह जानने के लिए पढ़ते रहिए।  

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