मंत्र जाप के कारण उत्पन्न हुई शक्तियों को आरू सहन नहीं कर सका और बेहोश हो गया था। भीमा बाबा आरु के पास पहुँच चुके थे, उन्होंने आरु के सर पर हाथ रखा और मंत्र जाप करना शुरू किया। इस बार फिर निराशा की घड़ी में आशा की किरण बन कर आये थे बाबा। उनके चमत्कार से आरु को होश आना शुरू हो गया।आरु ने धीरे धीरे अपनी आँखें खोली, उसने बाबा को देखते ही कहा।
आरू- बाबा मुझे क्या हुआ था, मैं तो बस….
भीमा- अभी कुछ मत बोलो आरु, अभी बस कुछ देर आराम करो
बाबा ने आरु के सर पर हाथ रखकर मंत्र जाप जारी रखा, देखते ही देखते आरू पहले की तरह बिलकुल स्वस्थ हो गया था, जब आरु उठ कर बैठा तो उसने फिर से बाबा से वही सवाल पूछा ‘बाबा मुझे क्या हुआ था, मैं तो बस मंत्र जाप कर रहा था’ इस बात का बाबा ने जवाब नहीं दिया और उन्होंने आरु से पूछा।
भीमा- आरु क्या तुम बता सकते हो कि तुम किस मंत्र का जाप कर रहे थे ?
आरू- वो तो मुझे याद नहीं।
भीमा- तुम्हें सब याद है बस जान बुझ कर अनजान बन रहे हो, मैंने तुम्हें कहा था की कुछ मंत्र ऐसे हैं जिनके बारे में तुम्हें ज्ञान दूंगा , पर तुम्हें अभी उनका जाप नहीं करना है। अगर तुम ऐसे ही करोगे तो मैं आज से ये मंत्र विद्या की कक्षा बंद कर दूंगा
आरू- नहीं नहीं बाबा ऐसा मत कीजिए, आगे से मैं आपकी हर बात मानूंगा।
भीमा- नहीं अब बहुत हो गया, तुम मुझे हर बार निराश करते हो.
आरू- सच्ची बोल रहा हूँ बाबा आगे से ऐसा नहीं होगा, वो तो मैं आपको दिखाना चाहता था की मैं बड़ा हो गया हूँ , शक्तियां संभल सकता हूँ । ये मैंने इस लिए किया था ताकी आप मेरी ताकत देखने के बाद मुझे कुल देवी की पूजा की विधि सीखा दें।
भीमा- आरु याद रखना तुम्हें तुमसे ज्यादा जनता हूँ, मैं ये भी जनता हूँ की तुम्हारे शरीर और मन की सहन शक्ति कितनी है, इस बार माफ़ कर रहा हूँ पर अगली बार मुझसे दया की उम्मीद मत रखना।
भीमा से डांट खाने के बाद आरु चुप चाप बैठ गया था, उसका मायूस चेहरा देखते हुए भीमा ने उसके गाल पर प्यार से हाथ लगाते हुए उससे कहा - “बेटा याद रखना अगर मैं तुम्हें किसी बात के लिया मना करता हूँ, तो उसके पीछे हमेशा कोई कारण होता है, कुछ कारण इस जन्म से जुड़े है और कुछ तुम्हारे और गाँव के अतीत से” भीमा की ये बात सुनकर आरु की मायूसी गायब हो गयी और उसके मन में गाँव के साथ साथ अपने अतीत को जानने की जिज्ञासा जगी, उसने इसलिए आज फिर भीमा से चालाकी से पूछने की कोशिश की
आरू- बाबा आप अगर अतीत की बातें बता दो तो मैं ज्यादा सावधान रहूँगा
भीमा- मुझे मालूम है तुम सुधरोगे नहीं, तुम तो बस अतीत के बारे में जानना चाहते हो।
आरू- नहीं नहीं मैं सच कह रहा हूँ , अगर आप अतीत के बारे में बताएंगे तो मुझे इस जनम की चीज़ों को समझने में आसानी होगी।
भीमा- ठीक है पर मैं तुम्हें सिर्फ उतनी बातें बताऊंगा जितनी ज़रूरी है.
आरू- अरे नहीं यार , बाबा आपने पिछली बार भी अतीत का सिर्फ कुछ हिस्सा ही बताया था।
भीमा- हाँ तो कुछ हिस्सा आज बताऊंगा, कुछ बातें धीरे धीरे पता चलें तो ही अच्छा होता है.
भीमा आज आरु को गाँव के अतीत का वो रहस्य बताने वाले हैं , जो आरु के इस जीवन में भी बहुत बदलाव ला सकते हैं, भीमा ने अपनी बात शुरु करते हुए कहा - “आरु खुशहाल बनने तक के सफ़र के बारे में तो तुमने सुन लिया था , पर आज तुम जानोगे की ये गाँव एक बार बहुत बड़ी बर्बादी के दौर से भी गुज़रा था’ अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए भीमा कहते हैं
भीमा- सदियों पहले की बात है, जैसे आज तुम उत्साहित हो कर मंत्र जाप कर रहे थे, वैसे ही बहुत साल पहले गाँव के कुछ लोगों ने तंत्र विद्या सीख कर उसका प्रयोग करना शुरू कर दिया था, पर कहते हैं ना बिन गुरु कोई भी ज्ञान नहीं मिलता। उन लोगों को भी बिना गुरु के ये नहीं पता था की, इस विद्या का प्रयोग कैसे किया जाए।
भीमा की ये बात सुनकर, आरु से रहा नहीं गया. उसने झट से सवाल पूछा।
आरू- अगर उनका कोई गुरु नहीं था तो, उनको ये मंत्र विद्या सिखाई किसने।
भीमा- मुझे पता था तुम ये सवाल ज़रूर पूछोगे, असल में इसके पीछे थी एक काले जादू की किताब, ये किताब किसने लिखी थी ये तो रहस्य है, पर हमारे गाँव की बुरी किस्मत के चलते, ये किताब हमारे गाँव के लोगों के पास आ गयी। इस किताब में भी कुछ ऐसे मंत्र थे , जिनका जाप करने से बुरी शक्तियां धरती पर आ जाती थी।
आरू- तो क्या मंत्र जाप करके वो भी मेरी तरह बेहोश हो गए थे।
भीमा- नहीं वो बेहोश नहीं हुए बल्कि उनको किसी अदृश्य शक्ति ने अपने वश में कर लिया, ताकत हासिल करने के पागलपन में उन लोगों ने ऐसा कदम उठाया, जिसका नतीजा पूरा गांव आज तक भुगत रहा है ।
आरू- बाबा फिर आपने ये सब होने से रोका क्यों नहीं।
भीमा- यही तो ख़राब किस्मत थी इस गाँव की, मैं तब कुछ वर्षों के लिए एकांत वास में इस गाँव से बहुत दूर चला गया था, और शायद मैंने आने में देर कर दी थी।
आरू- तो फिर उन लोगों का क्या हुआ, जो इन शक्तियों के वश में थे।
आरु को गाँव का डरावना सच बताते हुए , भीम ने उसे बताया की गाँव वालों में आपस में युद्ध हुआ, जिसमें एक तरफ अच्छे लोग थे और दूसरी तरफ बुरे। उस लड़ाई में गांव की ये माटी अपने ही लोगों के रक्त से लाल हुई थी और कई लोगों की क़ुरबानी के बाद इस गाँव को दोबारा अपना पुराना अस्तित्व प्राप्त हुआ था।आगे आरु के जानकारी में वृद्धि करते हुए बाबा ने कहा।
भीमा- आरु बेटा मैं बहुत बार तुमसे कह चुका हूँ, इन शक्तियों का मोह बहुत भयानक होता है। ये किसी की नहीं होती, इतिहास साक्षी है , जिस जिस को भी कुदरत ने अपार शक्ति दी है, उसे शक्ति के साथ घमंड भी मिला है। शक्तियां प्राप्त करने से पहले सयंम में रहना ज़रूरी होता है।
आरू- इसका मतलब की अगर मैंने ये मंत्र से शक्तियां प्राप्त की तो मैं भी गांव का बुरा हाल कर दूंगा।
भीमा- नहीं बेटा तुम मन के साफ़ हो, पर तुम अभी इतने काबिल नहीं हुए हो की हर शक्ति को संभाल सको।
भीमा शक्तियों के बुरे प्रभाव के साथ साथ, आरु को उन घटनाओं से भी अवगत करवा रहे थे, जिससे इस गांव का अतीत जुड़ा हुआ था। भीमा कुछ और राज़ से पर्दा उठाते हुए कहते हैं ।
भीमा- आरु ये जंग सिर्फ़ इस गाँव की नहीं थी, अगर बुरी शक्तियों को ना रोका जाता , तो इस गाँव को बर्बाद करने के बाद वो बुरी शक्तियां पुरे भ्रमांड में फैल जाती और हर तरफ तबाही मच जाती।
आरू- तो क्या आपने उन सभी लोगों को मार डाला था।
बाबा ने जवाब देते हुए आरु को समझाया की, अगर वो इतने शक्तिशाली होते तो उन सभी बुरे लोगों को ख़त्म कर देते, पर कुदरत के आगे कौन जीत सकता है, जहाँ अच्छी शक्तियाँ होती हैं, वहां बुरी शक्तियां भी होती हैं। कई बार सम्भव नहीं होता के बुरी शक्तियों को पूरी तरह से ख़त्म किया जा सके। वैसे भीमा की ये बात सुनकर आरु थोड़ा असंतुष्ट था , पर वो आज बस अतीत के बारे में जानना चाहता था, इसलिए उसने भीमा से कहा।
आरू- बाबा ये जो प्रेताल है, क्या ये भी उन लोगों में से एक है , जो बुरी शक्तियों की पूजा करते हैं.
भीमा- हां ये भी उनमे से एक है.
आरू- अच्छा तो अब समझा, वो बुरे लोग उस जंगल में रहते हैं. उनको तो आपने उस लाल धागे से उस जंगल में कैद कर दिया है, यही सच है ना बाबा।
जंगल के उस रहस्य से पर्दा उठाते हुए भीमा ने बताया की, आरु की बात कुछ हद तक ठीक है, पर वो बुरे लोग उस जंगल में कैद नहीं थे। वो भी शक्तियों की सीमाओं में बंधे हुए थे। पर धीरे धीरे वो अब अपनी शक्ति की सीमा का विस्तार कर रहे थे।इसलिए भीमा ने समझाया की आरु को अपने लक्ष्य पर ध्यान देना चाहिए। भीमा की बातें सुनकर आरु ने कहा
आरू- ठीक है, मैं आज से पूरी कोशिश करूँगा के कोई भी शरारत न करूँ, जिससे आपके लिए नई मुसीबत खड़ी ना हो जाए। पर बाबा मेरा आपसे एक सवाल है, इस प्रेताल का क्या अतीत है , और आपने मुझे अभी तक नहीं बताया की मेरे साथ पिछले जन्म में क्या हुआ था। क्या मेरा भी कोई परिवार था, आप कभी बताते क्यों नहीं।
भीमा- तुम्हारी एक ज़िद पूरी करो , तुम दूसरी ज़िद पकड़ लेते हो. हां तुम्हारे परिवार का तो नहीं बताऊंगा पर गाँव के अतीत की एक और रहस्यमय किस्सा है, जिसके बारे में तुम्हें जानना बहुत ज़रूरी है, अगर वो सुननी है तो मैं सुना सकता हूँ।
भीमा के पूछते ही आरु वो रहस्यमय किस्सा सुनने को तैयार हो गया, पर इस किस्से में कुछ ऐसे राज़ खुलने वाले थे, जिसका नाता आरु के पिछले जनम और उसके परिवार के साथ ही था . ये कहानी सुनकर शायद आरु को कुछ दिन नींद भी ना आये। तो क्या है इस कहानी का राज़?कितना गहरा होता जा रहा था काल का जाल, जानने के लिए आगे पढ़ते रहिए।
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