ये गुस्सा बड़ी ही कमाल की चीज़ है , इंसान अपना गुस्सा हमेशा उस पर ही निकालता है, जो उसके गुस्से से घबरा जाए। अब मनपसंद खाना ना बनाने पर मम्मी से गुस्सा हो जाने वाले बच्चे, अक्सर पापा के घूरने पर ही टिंडे की सब्ज़ी भी आराम से खा लेते हैं। 
जो लोग ऑटोरिक्शा वाले से पांच रुपए बचाने के लिए,  बहस करते हुए गुस्सा दिखाते हैं। वही लोग अपने बॉस की डांट भी ऑफिस में आराम से खा लेते हैं।  क्लास में शरीफ टीचर के सामने शोर मचाने वाले बच्चे, प्रिंसिपल के आते ही चुप हो जाते हैं।  
देखा जाए तो गुस्सा कोई गंभीर समस्या नहीं है, बल्कि यह तो सिर्फ़ इंसानों की नौटंकी है। मिसेस सिंह का बेटा राघव भी बहुत गुस्से वाला था। अक्सर बच्चों की तरह घर की चीज़ें फेंक देता था।  

शायद पैसे की गर्मी आ गया था उसमें। इससे पता चलता है कि पैसे से चीज़ें ख़रीदी जा सकती हैं लेकिन अक्कल नहीं। मिसेस सिंह तो ख़ुद अपने बेटे से परेशान थीं, इसलिए उसे सुधरने की ज़िम्मेदारी दी गयी थी पम्मी आंटी को। 
 

आज ऑफिस में बैठे हुए पम्मी आंटी राघव को सुधारने का प्लान बनाने की कोशिश कर रहीं थी लेकिन पम्मी आंटी को कोई आईडिया नहीं आ रहा था। वैसे गुड़िया भी प्लान बनाने में कम नहीं थी इसलिए गुड़िया ने एक आईडिया देते हुए कहा।  
 

गुड़िया - पम्मी मैडम ये लड़का बड़ा ईगो वाला है। इसे भी किसी लड़की के प्यार के जाल में फंसा कर इसका दिल तोड़ देना चाहिए तब जाकर इसे पता चलेगा की लड़कियों की इज़्ज़त कैसे की जाती है। 
 

पम्मी - वाह कुड़िये तूने तो दिल ही जीत लिया ! बहुत शानदार आईडिया दिया है। लेकिन ये सब पॉसिबल कैसे होगा। इस लड़के ने तो उन लड़कियों की रिस्पेक्ट भी नहीं की थी जिनके साथ इसकी सगाई हुई थी।  
 

गुड़िया - घर बैठे है रिश्ते मिल रहे थे ना इसलिए ईगो दिखा रहा है।  जब कोई इससे भी ज्यादा ईगो वाली लड़की इसके सामने आएगी तब इसे पता चलेगा। 
 

पम्मी - ऐसी ईगो वाली लड़की मिलेगी कहां।  
 

गुड़िया -  आपको कहीं भी वो लड़की ढूंढने की ज़रूरत  नहीं है, वो लड़की आपके सामने ही बैठी है।  
 

पम्मी - क्या बात कुड़िए तूने तो मेरी टेंशन ही दूर कर दी है। मुझे तेरी सेफ्टी का भी ध्यान रखना है इसलिए जैसा मैं कहूंगी तू वैसा ही करियो  
 

गुड़िया ने पम्मी आंटी को आईडिया दे दिया था। अब राघव की ईगो तोड़ने का प्लान बनना शुरू हो गया था। पम्मी आंटी ने सबसे पहले गुड़िया को एक नया नंबर लेकर दिया फिर व्हाट्सअप पर एक सुंदर सी मॉडल की फोटो लगा दी थी। अब काम शुरू हो गया था राघव को सीधा करने का।  
 
अगले दिन अपने बंगले से राघव अपनी लग्ज़री कार से मार्किट में घूमने के लिए जा रहा था , अचानक उसके सामने एक चाय के ठेले वाला आ गया। आप समझ ही गए होंगे, जी हां ये था अपना पप्पू चाय वाला। 

बंगले के सामने सिंगल रोड थी इसलिए राघव चाय के ठेले को ओवरटेक नहीं कर पा रहा था। गुस्से में आग बबूला हुआ राघव हॉर्न पे हॉर्न बजाए जा रहा था। 

 
पप्पू भइया भी अपनी मस्ती में ठेले को धीरे-धीरे खींच रहे थे। जैसे-तैसे करके राघव ठेले को ओवरटेक करने में कामयाब हो गया था। उसने ठेले के आगे अपनी कार रोकी और गुस्से से कार से बाहर निकल कर पप्पू की ओर बढ़ रहा था। 

  
ठेले वाले पर तो हर कोई अपना गुस्सा दिखाता है, राघव भी वही करने जा ही रहा था।  उसने जाते ही पप्पू को भला बुरा कहना शुरू कर दिया। इससे पहले की वो पप्पू पर हाथ उठाता, उसी समय एक महिला पुलिस कर्मी वहां पहुंच गई थी। मास्क लगाए हुए आयी ये महिला कोई और नहीं बल्कि पम्मी आंटी की दोस्त संगीता थी। संगीता दो दिन पहले ही कानपूर वापस आई थी, संगीता ने राघव को डांटते हुए कहा।  
 

संगीता - ओ हीरो, इस गरीब पर गुस्सा क्यों दिखा रहा है। ये जो बाप के पैसे की गाड़ी पर घूम रहा है ना, इसके साथ तुझे भी जेल के अंदर कर दूंगी । 
 

संगीता का गुस्सा देखकर राघव भी थोड़ा घबरा गया था। लेकिन उसने अपना डर छिपाते हुए जवाब दिया। संगीत को जवाब दिया - “अरे मैडम इसके ठेले ने पूरी सड़क कवर कर रखी है, कब से हॉर्न दे रहा था लेकिन ये साइड ही नहीं दे रहा था।” 
 

संगीता - तो कुछ देर सब्र कर लेता, तूने कौन सा कहीं आग बुझाने जाना था।  
 

अभी संगीता राघव को गुस्से में डांट ही रही थी कि यहां पर एंट्री हो गयी थी गुड़िया की । स्कूटर पर आयी गुड़िया ने संगीता से कहा।  
 

गुड़िया - अरे मॉम आप अपना टिफिन घर पर ही भूल गयीं थी, ये लो और टाइम पर खाना खा लेना।  
 

गुड़िया ने अपने स्ट्रेट बाल खुले छोड़ रखे थे, आंखों में काजल लगाया था और चेहरे पर मास्क। गुड़िया को देख कर पप्पू के दिल की धड़कन फिर से तेज़ हो गई थी। फ़िलहाल आज समय था राघव को सबक सिखाने का। संगीता ने गुड़िया से टिफिन लिया और फिर से राघव को धमकाना शुरू कर दिया। गुड़िया ने भी इस बात में मसाला लगाते हुए संगीता से कहा।  
 

गुड़िया - अरे छोड़ो मॉम जाने दो इसे, वैसे भी इसकी हरकतें देखकर लग रहा है ये कार इसके डैड ने इसे दी होगी। ख़ुद कमाने वाला लड़का होता तो गरीबों की मजबूरी को ज़रूर समझता। 
 

संगीता ने राघव को जाने के लिए बोल दिया था। गुड़िया की बात से राघव को बहुत बुरा लगा था। राघव को लगता था कि उसकी टू सीटर रैड कार से वो किसी भी लड़की को इम्प्रेस कर सकता है। आज उसके साथ-साथ उसकी कार का भी एक नौजवान लड़की ने मज़ाक उड़ाया था।  
कुछ देर मार्किट में घूमने के बाद राघव हरदेव नगर में अपने फेवरेट रेस्टोरेंट पर आ गया था। राघव यहां हर रोज़ अपना फेवरेट चीज़ पिज़्ज़ा खाने आता था। राघव अभी रेस्टोरेंट में आया ही था कि उसके सामने वाले टेबल पर उसने गुड़िया को बैठे देखा। 
गुड़िया के चेहरे पर मास्क था और उसके टेबल पर खाली प्लेट थी जिसमें छोटा सा ब्रेड का टुकड़ा था। गुड़िया अपने सेंडविच ख़त्म कर चुकी थी और मोबाइल पर कुछ देखे जा रही थी।  
राघव का ध्यान बार-बार गुड़िया की तरफ जा रहा था, कुछ देर बाद राघव के पास एक वेटर ऑर्डर लेने आ गया था। राघव का ध्यान वेटर पर ही था और जैसे ही वेटर पिज़्ज़ा का आर्डर लेकर गया तो राघव ने देखा के उसके टेबल की सामने वाली कुर्सी पर गुड़िया बैठी हुई थी। गुड़िया ने राघव को कहा।  
 

गुड़िया - ओ हीरो कब से देख रही हूं तुम मुझे घूरे ही जा रहे हो। सुबह वाली बात का बदला लेने के लिए, मेरा पीछा करते-करते यहां तक भी आ गए हो। 
 

गुड़िया का गुस्सा देखकर राघव घबरा गया था। उसने सफाई देते हुए गुड़िया से कहा।  
“नहीं नहीं मैम मैं आपके पीछे नहीं आया हूँ। मैं तो रोज़ यहां पिज़्ज़ा खाने आता हूँ ।” 

 

गुड़िया - ओ हो ! इतनी सफाई से झूठ बोलना कहां से सीख कर आए हो ।  
 

राघव ने डरते हुए जवाब दिया - मम्मी की कसम मैम , मैं आपका पीछा नहीं कर रहा था।  
 

गुड़िया अब माहौल को हल्का करना चाहती थी, इसलिए वो राघव की कसम वाली बात पर हंसने लगी थी। गुड़िया ने बात को आगे बढ़ाते हुए कहा।  
  

गुड़िया - हा हा हा  अरे तुम तो बच्चों की तरह मम्मी की कसम खाने लगे , मेरी मॉम अक्सर कहती हैं जो लड़के मम्मी की कसम खाते हैं वो दिल के साफ़ होते हैं।  
 

गुड़िया को हँसता देखकर राघव ने भी चैन की सांस ली थी । गुड़िया भी पम्मी आंटी की PA थी , बातें कैसे बनाई जाती हैं यह कला उसने पम्मी आंटी से सीख ली थी । बातें करते-करते 15 मिनट हो गए थे । राघव को बाए बोलकर गुड़िया रेस्टोरेंट से चली गयी थी । सुबह हुई घटना से राघव घबराया हुआ था ।  
सुबह लेडिस पुलिस से पंगा पड़ने के बाद उसकी बेटी से भी पंगा पड़ने जा रहा था । राघव को डर था कि अगर गुड़िया ने रेस्टोरेंट में झगड़ा शुरू कर दिया तो बहुत बदनामी हो जाएगी ।  

जब गुड़िया ने प्यार से बात करनी शुरू की थी तो राघव का मन भी हल्का हो गया था।  गुड़िया अभी पम्मी आंटी के ऑफिस आ चुकी थी , उसने पम्मी आंटी को आज हुई सारी घटना के बारे में बता दिया था । पम्मी आंटी के प्लान का पहला पार्ट कामयाब हुआ था , उन्होंने गुड़िया से कहा।  
 

पम्मी -  शाबाश गुड़िया ! तुमने तो फ़टे चक दिए । उस अमीरज़ादे को आज पता चला है जब सामने वाला गुस्सा करता है तो क्या हाल होता है । अब तो कल का प्लान भी रैडी है असली मज़ा तो अब आएगा । 
 

पम्मी आंटी का दिमाग इतना तेज़ है कि , अगर ये साइंटिस्ट होती तो अब तक मंगल ग्रह पर दुनिया भर के लोगों के घर बनवा देती । राघव जैसे अमीर घर के बिगड़ैल लड़के के साथ पम्मी आंटी आगे क्या करने वाली है यह जानने के लिए पढ़ते रहिए।  

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