कुछ ही देर में कॉलेज के गेट से एक बाइक अंदर आई। बाइक पर बैठे शख्स का चेहरा हेलमेट से ढका होने की वजह से नज़र नहीं आ पा रहा था। लेकिन उस शख्स को देखते ही ध्रुवी के होंठों पर एक प्यारी और बड़ी सी मुस्कान आ गई, और उसके मुँह से सिर्फ एक ही शब्द निकला।
ध्रुवी (खुश होकर मुस्कुराते हुए): आर्यन!
बाइक पर बैठे शख्स ने अंदर आकर अपनी बाइक को कॉलेज की पार्किंग में लगाया और अपने सर से हेलमेट उतारते हुए बड़े ही स्टाइल और ठाठ से अपने बालों में हाथ घुमाते हुए उन्हें सेट किया। ब्लैक शर्ट, ब्लू जींस पहने, शार्प जॉ लाइन, पॉइंटेड नोज़, डार्क ब्राउन आँखें, डार्क ब्लैक बाल, आकर्षक और मस्कुलर बॉडी—कुल मिलाकर पूरी ऐसी पर्सनालिटी कि कोई भी एक बार देखने के बाद उसे दुबारा पलटकर ज़रूर देखे। आर्यन ने अपनी बाइक को अच्छे से पार्क किया और अपने बैग को अपने एक कंधे पर टांगते हुए एक प्यारी सी मुस्कान के साथ उसने अपने कदम अपने दोस्तों की दिशा में बढ़ा दिए, जो उससे थोड़ी ही दूरी पर खड़े थे। आर्यन को देखकर उसके दोस्त भी उसकी ओर बढ़े; लेकिन इससे पहले कि उसके दोस्त उसे बर्थडे विश कर पाते या उससे कुछ भी कह पाते, उससे पहले ही ध्रुवी वहाँ आ गई और आर्यन को छोड़ बाकी सबकी निगाहें ध्रुवी पर ही टिक गईं। अब भला ऐसी किसकी हिम्मत हो सकती थी कि ध्रुविका सिंघानिया उनके बीच हो और वे उसे टोक सकें या उससे कोई भी सवाल कर पाएँ? सब लोग उसकी ओर ही उत्सुकता से देख रहे थे कि आखिर वह क्या कहने वाली है, और आखिर में उन सबका इंतज़ार खत्म हुआ और ध्रुवी ने अपनी चुप्पी तोड़ी।
ध्रुवी (आर्यन की ओर देखकर प्यार से मुस्कुराकर): हैप्पी बर्थडे आर्यन!
आर्यन (बिना ध्रुवी की ओर देखे): थैंक्स!
दिशा: हैप्पी बर्थडे आर्यन!
आर्यन (हल्की सी मुस्कान के साथ): थैंक्स… (खुद पर ध्रुवी की निगाहों से थोड़ा असहज होते हुए अपने दोस्तों से) आई थिंक क्लास का टाइम हो रहा है। हमें चलना चाहिए!
इतना कहकर आर्यन जैसे ही जल्दी से वहाँ से जाने के लिए अपना कदम बढ़ाने लगा, कि ध्रुवी ने उसका हाथ पकड़ लिया और एक पल बाद आर्यन पीछे पलटकर सवालिया निगाहों से उसकी ओर देखने लगा।
ध्रुवी (आर्यन की ओर देखते हुए): मुझे तुमसे बात करनी है।
आर्यन (थोड़ा रूडली): कहो, क्या कहना चाहती हो?
ध्रुवी (गंभीर लहजे से आर्यन के दोस्तों की ओर देखते हुए): यहाँ नहीं। मुझे तुमसे अकेले में बात करनी है!
आर्यन (नाखुशी भरे भाव से): मुझे कहीं नहीं जाना। जो भी कहना है यहीं कहो!
ध्रुवी (अपनी बाज़ुओं को अपने सीने पर फोल्ड करते हुए): सोच लो फिर। बाद में मुझे ब्लेम मत करना!
आर्यन ने ध्रुवी की बात सुनी तो एक फ्रस्ट्रेशन भरी गहरी साँस ली। वह ध्रुवी के साथ जाना तो नहीं चाहता था, लेकिन वह यह भी नहीं चाहता था कि सुबह-सुबह ध्रुवी कॉलेज में कोई बेवजह का तमाशा लगाए या उसकी वजह से वे दोनों सेंटर ऑफ़ अट्रैक्शन बनें। इसीलिए वह चुपचाप बिना कुछ कहे ध्रुवी के साथ वहाँ से थोड़ी दूरी पर चला गया।
आर्यन (खुद को देखती ध्रुवी से थोड़ा रूडली बात करते हुए): जल्दी कहो क्या कहना है। मेरी क्लास का टाइम हो रहा है!
ध्रुवी (अपनी भौंहें सिकोड़कर): पूरे जहाँ से बात करते हुए तुम्हारी जुबान से शहद टपकता है, सबसे प्यार से पेश आते हो। मेरी ही शक्ल में क्या खराबी है जो मुझसे बात करते वक़्त तुम्हारी जुबान सिर्फ़ ज़हर ही उगलती है?
आर्यन (थोड़ा फ्रस्ट्रेशन भरे भाव से): हाँ, क्योंकि पूरा जहाँ तुम्हारी तरह हर वक़्त मेरा जीना हराम करके नहीं रखता!
ध्रुवी (लापरवाही भरे अंदाज़ से): हाँ तो, ये हक़ है भी तो सिर्फ़ मेरा ही ना!
आर्यन (इरिटेट होकर): देखो, अगर तुम्हें यूँ ही फ़िज़ूल में मेरा वक़्त बर्बाद करना है तो मैं जा रहा हूँ क्योंकि मेरे पास इतना फ़िज़ूल वक़्त नहीं है!
ध्रुवी (अपना लाया गिफ़्ट आर्यन की ओर बढ़ाते हुए): आज तुम्हारा बर्थडे है तो यह मेरी तरफ़ से एक छोटा सा गिफ़्ट तुम्हारे लिए है। आई होप कि तुम्हें यह पसंद आएगा!
आर्यन (एक नज़र ध्रुवी के लाए गिफ़्ट को देखकर तंज भरे लहजे से): थैंक्स बट नो थैंक्स। क्योंकि मुझे तुम्हारे किसी भी एहसान या चैरिटी की कोई ज़रूरत नहीं है!
ध्रुवी (हल्की नाराज़गी से): तुम हमेशा मेरी फ़ीलिंग्स और ज़ज़्बातों को मेरी दौलत से ही क्यों जोड़ते हो? अगर मैं अमीर हूँ तो इसमें मेरा कसूर क्या है? या फिर क्या मैंने भगवान से कहा था कि मुझे ऐसे अमीर खानदान में ही जन्म दे ताकि तुम जी भर के मुझे ताने दे सको? या फिर मेरा कसूर सिर्फ़ इतना है कि मुझे तुमसे मोहब्बत हो गई? (एक पल रुककर) आखिर क्यों बार-बार तुम मेरी मोहब्बत के बीच हमेशा मेरी अमीरी को ले आते हो? क्या कभी भी आज तक तुम्हें ऐसा महसूस हुआ है कि मैं तुम पर अपने पैसे का रौब झाड़ रही हूँ? या कभी भी तुम्हें लगा कि मैं तुम्हें नीचा दिखाने की कोशिश कर रही हूँ? बोलो आर्यन, जवाब दो?
आर्यन (अपनी नज़रें फेरते हुए): पता नहीं… मुझे नहीं पता कुछ… (एक पल रुककर) और बेशक भले ही तुम्हारी इंटेंशन ऐसी ना हो, लेकिन जब भी तुम मेरे लिए ऐसा कुछ करती हो तो मुझे बस यही महसूस होता है कि तुम मुझ पर सिर्फ़ एक एहसान कर रही हो, मेरे लिए चैरिटी कर रही हो। तो प्लीज़ अपने ये एहसान अपने पास रखो और सुकून से जियो और मुझे भी सुकून से जीने दो!
ध्रुवी: तो मैं भी तो यही चाहती हूँ कि मैं तुम्हारे साथ सुकून से जियूँ!
आर्यन (संजीदगी से): देखो, मैं यहाँ सिर्फ़ पढ़ने आया हूँ, अपने सपनों को पूरा करने के लिए, खुद को काबिल बनाने के लिए। तो प्लीज़ मुझे मेरे गोल्स पर फ़ोकस करने दो और मैं बिल्कुल भी इन फ़िज़ूल और बकवास चीज़ों में नहीं पड़ना चाहता। ये सब मेरे लिए नहीं है और अपने सपनों और गोल्स को पूरा करने के लिए मुझे अपने बलबूते पर ही कुछ करना है। क्योंकि ना तो मेरे बाप-दादा मेरे लिए करोड़ों-अरबों की जायदाद मेरे नाम छोड़कर गए हैं, ना ही फ़्यूचर में मेरी कोई लॉटरी ही लगने वाली है। मुझे जो कुछ भी हासिल करना है, अपनी मेहनत और अपने दम पर ही करना है। तो प्लीज़ मेरा पीछा छोड़ दो और मुझे मेरे करियर और स्टडी में फ़ोकस करते हुए आगे बढ़ने दो… (थोड़ा झल्लाकर) …बेवजह मेरा जीना हराम मत करो। व्हाय यू कांट अंडरस्टैंड दिस लिटिल थिंग… जस्ट स्टॉप इरिटेटिंग मी… प्लीज़!
इतना कहकर आर्यन गुस्से से वहाँ से चला जाता है और ध्रुवी बिना किसी भाव के उसे जाते हुए देखती रह जाती है और अनायास ही उसे एक साल पहले का वह दिन याद आ जाता है जब पहली बार वह आर्यन से मिली थी और जब आर्यन अपने कॉलेज के पहले ही दिन इस कॉलेज में एंट्री लेते हुए नेहा से टकराया था।
(फ्लैशबैक…)
रोज़ की तरह ध्रुवी निशा के साथ अपने ठाठ और आँखों पर कीमती चश्मा चढ़ाए अपनी महँगी चमचमाती स्पोर्ट कार में कॉलेज के लिए निकली। रास्ते भर ध्रुवी और दिशा आपस में बात कर रहे थे और जैसे ही वे दोनों कॉलेज पहुँचे और ध्रुवी अपनी कार पार्किंग में लगाने के लिए जैसे ही आगे बढ़ने को हुई, कि एकाएक कोई उसकी गाड़ी के सामने आ गया और ध्रुवी ने जल्दी से इमरजेंसी ब्रेक लगाकर सिचुएशन को संभाला; लेकिन सामने वाले शख्स पर उसका पारा हाई हो गया और उसकी क्लास लगाने के लिए वह गाड़ी से बाहर उतरने लगी। हालाँकि दिशा ने उसे रोकने की कोशिश भी की, लेकिन जब ध्रुवी का पारा चढ़ता था तो वह किसी की एक नहीं सुनती थी। ध्रुवी गाड़ी से उतरी और उस शख्स की पीठ को गुस्से से निहारने लगी जो अभी-अभी उसकी गाड़ी से टकराने से बचा था, जो और कोई नहीं बल्कि आर्यन था और ध्रुवी का गुस्सा इस बात पर और भी ज़्यादा बढ़ गया कि अपनी गलती होने के बावजूद भी आर्यन बिना किसी रिस्पॉन्स दिए या बिना सॉरी बोले ही वहाँ से आगे बढ़ गया। ध्रुवी ने जब आर्यन को यूँ जाता देखा तो उसने गुस्से से उसे आवाज़ दी और खुद को पुकारता देख आर्यन कुछ पल तक बिना पलटे वहीं अपनी जगह ही रुक गया।
ध्रुवी (नाराज़गी से): हे ब्लू शर्ट… वैट… रुको यहीं… (आर्यन को अपनी जगह रुका देख) दिखाई नहीं देता तुम्हें? अंधे हो जो इतनी बड़ी गाड़ी नज़र नहीं आई और अपनी गलती होने के बावजूद भी बिना सॉरी बोले चुपचाप यहाँ से निकल रहे हो?
आर्यन को अभी भी अपनी जगह रुका देख और बिना कोई रिस्पॉन्स के खड़ा देख ध्रुवी अब गुस्से से उसकी ओर बढ़ते हुए उसके सामने जा रुकी।
ध्रुवी (नाराज़गी से): अंधे होने के साथ क्या बहरे भी हो तुम?
कुछ पल बाद जैसे ही ध्रुवी ने आर्यन की खूबसूरत ब्राउन आँखों में देखा तो उसके दिल ने एक बीट मिस की और वह एक पल खामोश सी खड़ी बस आर्यन के चेहरे को निहारती रही।
आर्यन (ध्रुवी की ओर देखकर): मेरा तो पता नहीं लेकिन आप ज़रूर मुझे दिमाग से पैदल लगती हैं जो बेवजह बरसे ही जा रही हैं… (एक पल रुककर) और रही बात गलती की तो बेशक गलती मेरी नहीं आपकी थी। आप अपनी कार को गलत रास्ते से पार्किंग की ओर ले जा रही थीं तो तरीके से तो आपको मुझे सॉरी बोलना चाहिए। पर क्योंकि मुझे आपकी तरह लोगों से बेवजह सॉरी सुनने का शौक नहीं है तो अपना सॉरी अपने पास ही रखिए। एंड आई एम गेटिंग लेट सो मैं चलता हूँ!
क्योंकि आर्यन कॉलेज में नया था तो उसे ध्रुवी या उसकी पॉवर का अंदाज़ा नहीं था और वहाँ मौजूद स्टूडेंट आर्यन का ध्रुवी के साथ इस तरह से बर्ताव देखकर हैरान थे क्योंकि पहली बार था जब किसी ने यूँ खुलेआम ध्रुवी से इस तरीके से बात करने की हिम्मत की थी और इससे भी ज़्यादा लोग हैरान थे ध्रुवी को खामोश देखकर कि कोई नया स्टूडेंट उसे यूँ सुनाकर चला गया और वह खामोश ही रही। कुछ लोगों को अभी भी यही लग रहा था कि भले ही अभी ध्रुवी ने आर्यन को कुछ नहीं कहा लेकिन यकीनन अगर आर्यन इस कॉलेज में टिका तो अब ध्रुवी उसका यहाँ जीना दुश्वार कर देगी!
(फ्लैशबैक एंड…)
हालाँकि वक़्त बढ़ने के साथ ही ध्रुवी की नज़रों में आर्यन की छवि पानी की तरह साफ़ होते हुए उसके दिल में उतर गई। दूसरी तरफ़ जबसे आर्यन कॉलेज में आया था तब से हर किसी से उसने ध्रुवी के बारे में एक ही बात सुनी थी कि ध्रुवी यहाँ के सबसे अमीर मिस्टर सिंघानिया की इकलौती बेटी है जिसके एक इशारे पर पूरे लंदन की नींव को हिलाया जा सकता है और हर कोई ध्रुवी की नज़र में बस बेस्ट दिखने की फिराक में ही रहता है और हमेशा उसकी जी-हज़ूरी के लिए तैयार रहता है। हालाँकि आर्यन ने कभी भी नेहा को किसी पर भी रौब या धौंस जमाते नहीं देखा था लेकिन ये ध्रुवी के हेटर्स की बातों का असर था या आर्यन का अपने काम से काम रखने की आदत का असर कि उसने कभी भी ध्रुवी से ठीक से बात करना तो दूर बल्कि उसकी तरफ़ नज़र भरकर भी कभी नहीं देखा था और शायद यही बात ध्रुवी की नज़रों में उसे सबसे जुदा कर गई थी और जिस दिन पहली बार ध्रुवी ने उसे सामने से आकर प्रपोज़ किया उस दिन के बाद आर्यन न जाने क्यों मगर अक्सर हमेशा ध्रुवी से चिड़चिड़ाहट भरे लहजे में ही बात करने लगा। आर्यन की जगह अगर कोई भी और दूसरा लड़का होता और ध्रुवी खुद सामने से आकर उसे अप्रोच करती तो बेशक उसके लिए ये बात दुनिया की किसी भी और बड़ी खुशी से बढ़कर बड़ी होती लेकिन आर्यन का रिएक्शन इसके बिल्कुल ही अलग और उलट था और शायद यही वजह थी कि आर्यन की बेरुखी के बाद भी ध्रुवी बार-बार उसकी ओर हर बढ़ते दिन के साथ आकर्षित होती जा रही थी!
आर्यन का अपने करियर और सपनों को लेकर कुछ कर गुज़रने का जुनून, उसका दुनिया की बातों और बेवजह के शौक से बिल्कुल दूर रहना और बस अपनी ही धुन और जुनून में लगे रहना—शायद यही कुछ बातें थीं जो ध्रुवी को आर्यन का दीवाना कर गई थीं और उसकी यह दीवानगी दिन-ब-दिन अब बस बढ़ती ही जा रही थी और इस एक साल के अरसे में जब से आर्यन यहाँ आया था तब से ही ये बात आग की तरह फैल गई थी कि ध्रुवी आर्यन को पसंद करती है जबकि आर्यन उसे हमेशा नेगेटिव रिस्पॉन्स ही देता आया था। ये बात भी किसी से नहीं छुपी थी और इस बात से ध्रुवी को रत्ती भर फ़र्क भी नहीं पड़ता था। आर्यन के गुस्से से यहाँ से चले जाने के बाद नेहा कुछ पल बाद तक भी अपनी जगह पर ही खड़ी थी और अतीत को याद कर रही थी। उसके चेहरे के भाव को देखकर ये कह पाना मुश्किल था कि इस वक़्त वह क्या सोच रही थी। उसे अकेला खड़ा देख दिशा उसके पास आती है और आर्यन को वहाँ से जाता देख और ध्रुवी के एक्सप्रेशन देख दिशा के लिए यह अनुमान लगाना बिल्कुल भी मुश्किल नहीं था कि आज भी आर्यन हमेशा की तरह ही ध्रुवी को उसकी अमीरी का कसूरवार ठहराकर ही यहाँ से गया होगा!
निशा (आर्यन पर नाराज़ होते हुए): आज भी तेरा दिल दुखाकर ही गया है ना वो… (एक पल रुककर) मुझे तो एक बात समझ में नहीं आती कि आखिर जब वह बार-बार तुझसे हमेशा इतनी बेरुखी के साथ पेश आता है तो तू क्यों बार-बार उसके पीछे जाती है? अपना दिल दुखाने के लिए? तू ध्रुवी है, ध्रुविका सिंघानिया। तेरे एक इशारे पर, सिर्फ़ एक इशारे पर लड़कों की लाइन लग जाएगी… (नाक सिकोड़कर) तो तू क्यों बेवजह अपना वक़्त और इमोशन्स ऐसे पत्थर दिल पर जाया कर रही है!
ध्रुवी (निशा की ओर देखते हुए): ठीक कहा तूने। मेरे एक इशारे पर यहाँ सैकड़ों लड़कों की लाइन लग जाएगी लेकिन क्या उन सैकड़ों लड़कों में से किसी एक को भी सिर्फ़ मुझसे, ध्रुवी से प्यार हो सकता है या मेरे लिए सच्चे इमोशन्स हो सकते हैं? (एक पल रुककर) नहीं, कभी भी नहीं। उनका मेरे लिए यहाँ खड़ा होना या मेरे पीछे आना सिर्फ़ मेरे नाम और रुतबे की वजह से होगा। जिस दिन भी अगर मेरे नाम के पीछे से सिंघानिया हट जाए तो उसी दिन उनकी मोहब्बत भी मेरे लिए ख़त्म हो जाएगी… (हसरत भरी आँखों से) जबकि मेरा आर्यन ऐसा नहीं है, बिल्कुल भी नहीं। और हाँ, बेशक अक्सर मुझे उसकी बेरुखी से तकलीफ़ होती है लेकिन कहीं ना कहीं मुझे उसकी बेरुखी में भी एक अपनापन सा महसूस होता है और सुकून मिलता है इस बात का कि वह मुझे और लोगों की तरह सिर्फ़ मेरे नाम और रुतबे के लिए मुझे बेवजह दिखावे की इज़्ज़त नहीं देता, मेरी जी-हज़ूरी नहीं करता और इस सुकून और खुशी के लिए मैं ज़िन्दगी भर, ज़िन्दगी भर उसकी ये कड़वी बातें सुनने के लिए तैयार हूँ!
आर्यन के प्यार में ध्रुवी को इस कदर पागल देख निशा ने निराशा से अपना सर ना में हिलाया। दिशा आगे कुछ बोलती कि तभी दिशा और ध्रुवी की एक और खास दोस्त प्रिया जल्दबाज़ी में वहाँ आ पहुँची जिसके चेहरे पर हड़बड़ाहट साफ़ नज़र आ रही थी।
ध्रुवी (प्रिया के चेहरे की हड़बड़ाहट को भांपते हुए): व्हाट्स रॉन्ग विथ यू प्रिया? क्या हुआ है तुम्हें?
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