मित्रों और हमारी पोटेंशियल गर्लफ्रेंडों.. जब हम गाँव से शहर के लिए निकले थे तब हमें हमारे सारे दोस्तों ने बोला था कि शहर जाते ही हमारी सारी बोरियत खत्म हो जाएगी क्योंकि शहर में मनोरंजन के बहुत सारे साधन होते हैं और उनकी बात सही भी थी। गाँव में तो मनोरंजन दशहरा टू दशहरा ही हुआ करता है। जब रामलीला आयोजित होती है। शहर में तो हर वीकेंड लोगों के मनोरंजन के लिए कई सारे क्लब और पब बने हुए हैं। इतने साल हो गए लेकिन आज तक हमें क्लब और पब के बीच का फर्क समझ में नहीं आया। खैर क्या फर्क पड़ता है.. चलता तो दोनों के अंदर नाच गाना और मदिरापान ही है! शहर के लोग हर हफ्ते यहाँ मनोरंजन के नाम पे पार्टी करने पहुँच जाते हैं और हजारों रुपये खर्च कर देते हैं सिर्फ सोशल मीडिया पर ये दिखाने के लिए कि उनकी लाइफ कितनी हैपेनिंग है क्योंकि ना तो इन क्लबों और पबों के अंग्रेजी गानों पर नाच जाता है और ना ही इनके छोटे छोटे शॉट्स की दारू पीकर नशा होता है। ऊपर से ढिकचैक ढिकचैक करता हुआ म्यूजिक इतना लाउड.. कि आप किसी लड़की से दो मीठी बातें भी नहीं कर सकते। खैर ये सब तो सुनी सुनाई बातें हैं क्योंकि हम खुद तो आज तक इन पबों और क्लबों के अंदर जा नहीं पाए हैं क्योंकि ये स्टैग एंट्री अलाउड नहीं करते और हमारे जैसे के साथ कोई लड़की चलने के लिए राज़ी नहीं होती। इससे अच्छी तो हमारे गाँव की पाल्टी होती थी। वो भी क्या दिन थे। दोस्तों के साथ रात को दारू पीते थे और सुबह पिताजी चप्पल मार मार के हैंगओवर उतारते थे। हमारे साथ पूरे घर का मनोरंजन हो जाता था, पर अब तो शहर में अकेले बैठके ही दारू पीनी पड़ती है और कोई चप्पल मारके हैंगओवर उतारने वाला भी नहीं है। शौर्य भी इस समय अकेले ही बैठके दारू पी रहा है। गाँव की हमारे.. दूसरे वाली सामाजिक बुराई के बारे में सोच सोचकर उसका मन बहुत उदास है इसलिए वो अपनी उदासी दूर करने के लिए बीयर पी रहा है। तभी उसके दरवाजे की घंटी बजी।
Shaurya : इतनी रात को कौन हो सकता है? ओह नो! कहीं दादा जी तो शहर से वापस नहीं आ गए!
CBI की रेड पड़ने पर जैसे शहर वाले अपना काला धन छुपाने लग जाते हैं वैसे ही शौर्य तुरंत बीयर की बोतल काली थैली में डालकर छुपाने लग गया। दरवाजे की घंटी बजती रही और शौर्य के दिल की धड़कन तेज होती गई। शौर्य ने जल्दी से दारू की बोतल छुपाई, अगरबत्ती के धुएं से घर महकाया और माउथ फ्रेशनर छिड़ककर अपने बदन से दारू की बदबू मिटाई। उसने भगवान का नाम लेकर दरवाजा खोला और दरवाजा खोलते ही उसने देखा कि सामने रवि खड़ा है!
Ravi : का भईया.. बड़ी देर लगा दिए दरवाजा खोलने में! घंटी बजा बजाकर हमरा तो अंगूठा ही दुखने लग गया।
रवि को देखकर शौर्य ने चैन की सांस ली।
Shaurya : तुम हो! मुझे लगा दादा जी शहर से वापस आ गए। तुम इतनी रात को यहाँ क्या कर रहे हो?
जैसे ही रवि ने जवाब देने के लिए मुँह खोला उसकी नाक ने कुछ सूंघ लिया।
Ravi : भईया आप दारू पी रहे थे?
Shaurya : तुम्हे कैसे पता?
Ravi : इतनी रात को अगरबत्ती का स्मेल और आपके मुँह से भी खुशबू आ रहा है। कोई भी बेवड़ा बता सकता है कि आप पी रखे हैं!
Shaurya : हाँ वो बीयर पी रहा था!
Ravi : अरे भईया हम आपके टन्न होने के लिए इतना बढ़िया बंदोबस्त किए हैं और आप यहाँ बैठके 5 प्रतिशत वाला बीयर पी रहे हैं। एक तो बीयर को पता नहीं कौन दारू डिक्लेयर कर दिया। हम तो बीयर से अपना बाल धोते हैं। बताइए गाँव वालों का शैम्पू, शहर वालों का मदिरा है! आपको हम शैम्पू का नशा नहीं करने देंगे। आप चलिए हमारे साथ!
Shaurya : कहाँ?
Ravi : भईया आप शहर वाले बड़े छुपे रुसतम होते हैं पर हम गाँव वाले भी छुपन छुपाई के चैंपियन हैं। हम जानते हैं आप उदास हैं। दोपहर को आपको लालिता दीदी की दुकान पे दारू खरीदते देखे थे हम। आवाज भी लगाए थे। आप जवाब नहीं दिए। पहले हमें लगा शहर वाले हैं.. एटीट्यूड में जवाब नहीं दिए होंगे। तो हम भी एटीट्यूड में लोगों का जवाब देना बंद कर दिए। हमें भी शहर वाला बनना है ना, पर जब पिताजी का चप्पल पड़ा सिर पे तो समझ में आया कि बात कुछ और है। फिर लालिता दीदी बताई कि आपका मन उदास है। अब हमारे होते हुए आपका मन उदास हो फिर तो हमें भकरा नंगल में डूबके मर जाना चाहिए। इसलिए आपके लिए पाल्टी का आयोजन किए हैं! आइए आपको गाँव का मनोरंजन दिखाते हैं।
अरे वाह गुरु! बहुत दिनों के बाद गाँव की पाल्टी का मजा उठाने को मिलेगा। हमारे तो रग रग में बिजली दौड़ गई! गाँव की पाल्टी का नाम सुनके शौर्य का मुँह बन गया। शहर के बड़े बड़े क्लबों में सुंदर सुंदर लड़कियों के बीच पार्टी करने वाले शौर्य को लगा गाँव की पार्टी में वो क्या ही मजे कर लेगा! यहाँ ना तो कोई DJ होगा, ना ही कोई शैम्पेन और ना ही हॉट लड़कियाँ। इसलिए वो बहाने बनाके टालने लगा।
Shaurya : थैंक यू फॉर द ऑफर रवि बट आज मैं बहुत थक गया हूँ। किसी और दिन पार्टी करेंगे।
Ravi : भईया प्लीज़ मना मत कीजिए। बड़े दिल से आपके लिए पार्टी रखे हैं। सब लड़का लोग भी आ चुका है। बस आपका इंतजार है कि आप आएं और पहला पेग मारके शुभारंभ करें!
Shaurya : रवि ब्रो, I really appreciate it but आज सच में नहीं हो पाएगा। मैं बहुत ज्यादा थका हुआ हूँ!
Ravi : भईया देख लीजिए। हमें ब्रह्मास्त्र इस्तेमाल करने पर मजबूर मत कीजिए!
Shaurya : व्हाट ब्रह्मास्त्र?
Ravi : अंडी मंड़ी शंडी लगा देंगे भईया हम!
Shaurya : व्हाट्स अंडी मंड़ी शंडी?
रवि ने शौर्य को अंडी मंड़ी शंडी का मतलब समझाया और मतलब समझने के बाद शौर्य रवि के साथ गाँव की पार्टी में जाने के लिए तुरंत मान गया। रवि, शौर्य को रात के अंधेरे में गाँव की पतली गलियों से होते हुए एक तबेले के सामने ले आया।
Shaurya : रवि और कितनी दूर है पार्टी?
Ravi : भईया पहुँच गए। पाल्टी यहीं पर है। ई है हमारे गाँव बखेड़ा का क्लब!
शौर्य ने बाहर से तबेले की ओर देखा और गंदा सा मुँह बनाकर सोचने लगा कि गाय-भैंसों के गोबर के बीच में पार्टी कैसे होगी! उसने सोचा कि वो रवि को मना करके वापस घर चला जाए, पर अंडी मंड़ी शंडी के डर से वो ना नहीं कर सका। वो रवि के साथ तबेले के अंदर चला गया। अंदर घुसते ही शौर्य की आँखें रोशनी से चौंधिया गईं। उसे अपनी आँखों पर यकीन ही नहीं हो रहा था। अंदर डिस्को लाइट्स लगी हुई थी। गाय और भैंसों ने रंग-बिरंगे गॉग्लेस पहने हुए थे और पूरा तबेला किसी क्लब की तरह सजा हुआ था। ए.सी की फील देने के लिए बर्फ वाला पानी डालके कूलर चल रहा था। शौर्य ने सपने में भी नहीं सोचा था कि उसे गाँव में शहर वाले क्लब की फीलिंग आएगी। शौर्य को देखकर रवि के सभी दोस्त खुशी में चिल्ला पड़े। सभी ने बड़े उत्साह से शौर्य का स्वागत किया।
Ravi : क्यूं भईया कैसा लगा हमारा बंदोबस्त!
Shaurya : I must say रवि ये तो मेरी expectations से बहुत ऊपर है!
Ravi : ये तो बस शुरुआत है.. अभी तो पूरा रात बाकी है। आइए गला गीला करके शुभारंभ करते हैं।
रवि ने सभी के लिए गिलास में दारू डाली और सबसे पहले पेग शौर्य को पकड़ाया। शौर्य ने गिलास की ओर देखा और पूछा..
Shaurya : रवि ये कौन सा ब्रांड है?
Ravi : भईया ई कोई ब्रांड व्रांड नहीं हमारे गाँव की लोकल दारू.. महुआ है जो हमने अपने हाथों से बनाई है। ये आपकी वाइन और व्हिस्की जितनी हल्की नहीं होती। एक पेग में ही घोड़े खोल देती है। एक पेग मारिए शहर की सारी दारू भूल जाएंगे आप।
शौर्य ने जैसे ही महुआ का पहला पेग मारा उसके घोड़े तो क्या ही खुलने थे उसके तो कुत्ते ही फेल हो गए। महुआ के एक पेग ने ही शौर्य को खड़े-खड़े पूरे भारत के दर्शन करा दिए। शौर्य ने जिंदगी में कभी इतनी स्ट्रांग दारू नहीं पी थी। थोड़ी देर नशे में झूमने के बाद जब महुआ शौर्य के सिस्टम में सेट हुई तो शौर्य को मीठे नशे का अहसास हुआ। उसे लगने लगा कि वो हवा में उड़ रहा है! उसके मन से सारे दुख-दर्द और टेंशन एक पेग में ही समाप्त हो गए। उसने देखा कि रवि और उसके सारे दोस्त उसे ही घूर रहे हैं.. कोई दारू नहीं पी रहा।
Shaurya (नशे में) : रवि ये तो बहुत ही कमाल की दारू है। मैंने इससे अच्छी दारू कभी विदेश में भी नहीं पी। तुम लोग क्यों नहीं पी रहे हो?
तभी रवि का एक दोस्त अपनी घड़ी की ओर देखते हुए बोला.. “भईया ऊ का है ना पिछली बार जब हम महुआ बनाए थे तो उसे पीकर गाँव के दो लोगों को टायफॉयड हो गया था। उससे पिछली बार जब बनाए थे तो तीन लोगों का गुर्दा फेल हो गया था और उससे पिछली बार जब बनाए थे तो 5 लोगों का ऑन द स्पॉट डेथ हो गया था। इसलिए हम वेट कर रहे हैं कि अगर आप जिंदा बचें तो ही हम लोग पीएंगे!”
यह सुनते ही शौर्य के चेहरे पर टेंशन छा गई और उसका सारा नशा उतर गया। वो गुस्से से रवि को घूरने लगा पर रवि भी घड़ी में टाइम ही देख रहा था। शौर्य समझ गया कि पार्टी के नाम पे उसपे एक्सपेरिमेंट किया जा रहा है। वो अपनी आखिरी सांसें गिनने लगा। थोड़ी देर तक जब शौर्य को कुछ नहीं हुआ तो रवि और उसके दोस्तों को विश्वास हो गया कि इस बार का महुआ का बैच सही बना है और उन सबने चीयर्स करके पेग मारा। शौर्य ने भी चैन की सांस ली। उसे रवि पर गुस्सा तो बहुत आया पर महुआ के नशे में वो सब भूल गया।
Ravi : यार पाल्टी बहुत सूखा सूखा लग रहा है। थोड़ा नाच-गाना शुरू किया जाए।
रवि के दोस्तों ने कहा, “तो बुलाओ फिर अपनी आइटमवा को!”
रवि के इशारे पर तबेले में जीरो फिगर में घाघरा-चोली पहने, चेहरे पे घुंघट लिए एक आइटम दीदी आई जो कि भोजपुरी गानों पे ठुमके मारने लगी। उनके तन बदन में आग लगा देने वाला डांस देखकर रवि और उसके सारे दोस्त भी नाचने लगे। ये सब देखकर शौर्य को L.A. के वो वाले क्लब्स की याद आ गई। तभी शौर्य ने उस लड़की की टांगों की ओर देखा और उसके मन में एक शक जागा। वो उस लड़की का घुंघट उठाकर उसका चेहरा देखने की कोशिश करने लगा पर हर बार लड़की नाचते-नाचते उसके हाथों से निकल जाती। फाइनली शौर्य ने डांस करते हुए उसके घुंघट के अंदर झांकर देखा और जैसे ही शौर्य ने उस लड़की का चेहरा देखा वो शॉक के मारे बेहोश हो गया। ऐसा क्या था उस लड़की के चेहरे में जो शौर्य बेहोश ही हो गया? क्या ये लड़की शौर्य की कोई एक्स गर्लफ्रेंड है? क्या शहर के क्लबों में कभी महुआ मिलेगी? सब कुछ बताएंगे महाराज.. गाँववालों के अगले भाग में।
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