एपिसोड 12 - प्लान नंबर वन

“हैलो मिस्टर मेल्विन?” सूट-बूट में खड़े उस आदमी ने अपना हाथ आगे बढ़ते हुए मेल्विन से कहा, “मैं डॉक्टर चंद्रजीत दीक्षित। मेरी जानकारी में आप तो शायद जरूरी काम से इस एग्जिबिशन में हिस्सा नहीं लेने वाले थे।“

“हैलो, डॉक्टर दीक्षित!” मेल्विन ने हाथ मिलाते हुए कहा, “नहीं, एक्चुअली, थोड़ी सी गलतफहमी हो गई थी। आपसे मिलकर अच्छा लगा। सर ने इतना बड़ा इवेंट रखा है, आखिर वे मुझे कैसे भूल जाते।“

“सो तो है। मुझे भी शुरू में यही लगा था कि मेहरा साहब को कोई गलतफहमी हुई है।“ डॉक्टर दीक्षित ने कहा, “आपके कार्टून मैंने देखे हैं। आप सिम्पल सी घटना के माध्यम से लोगों को बड़ी बड़ी सीख दे देते हैं।”  

“ये तो बस देखने वाले का नजरिया होता है दीक्षित साहब।” मेल्विन ने कहा, “कोई एक लकीर में जीवनरेखा देख लेता है, किसी किसी को सालों की मेहतन से बनाए आर्ट भी बकवास लगते हैं।”

“सही कहा तुमने मेल्विन।” डॉक्टर दीक्षित ने कहा, “आय एम वेरी एक्साइटेड टू रिप्रेजेंट योर स्केच। मैंने मिस्टर कपूर से कहा था कि हम मिलकर इस एग्जीबिशन को ऑर्गेनाइज करना तभी काम आएगा जब यहां की दीवारों पर मेल्विन फर्नांडिस के स्केच होंगे।”

“असली हीरे की पहचान एक सच्चा जोहरी ही कर सकता है।” मेल्विन ने कहा, “इसलिए मैं अपने सबसे बेस्ट स्केचेस अपने साथ लेकर आया हूं।”

मेल्विन ने इतना कहा और अपने बैग से कुछ स्केचेस निकालकर डॉक्टर दीक्षित को दिखाने लगा।

इस बीच मिस्टर कपूर की नजरें मेल्विन से मिली। दोनों ने ही आंखों ही आंखों में कुछ बातें कीं।

तभी डॉक्टर दीक्षित ने अपने असिस्टेंट को आवाज देते हुए कहा, “ये स्केचेस तुरंत इन दीवारों पर लगवाओ। आज की इस एग्जीबिशन का सबसे खास चीज मेल्विन के ये स्केच होंगे।“

इतना कहकर डॉक्टर दीक्षित वहां से चले गए। मौका पाते ही महेश भी धीरे से खिसक गया।

“मेल्विन, मैं जानता हूं तुम इस वक्त मुझसे बहुत नाराज हो। तुम्हारी नाराजगी शायद जायज भी है। लेकिन कुछ भी गलत सोचने से पहले एक बार मेरी बात सुन लो।“ मेल्विन की बॉस मिस्टर कपूर ने कहा।

“आप क्या कहना चाहते हैं सर? अगर मुझे इस एग्जीबिशन के बारे में खबर नहीं मिलती तो आप मुझे इसके बारे में कुछ भी बताने वाले नहीं थे। आप जानते हैं कि मैंने इस तरह के ग्रैंड एग्जीबिशन के लिए कितना इंतजार किया है। आखिर मुझे इस एग्जीबिशन से दूर रखने का क्या कारण है आपके पास?”

“मेल्विन, ये कंपनी सिर्फ एक अकेले के भरोसे नहीं चल रही है। तुम सचमुच एक बेहतरीन आर्टिस्ट हो। तुम्हारे स्केचेस वर्ल्ड क्लास होते हैं। लेकिन इतने बड़े एग्जीबिशन में अगर तुम हिस्सा लोगे तो कंपनी के दूसरे आर्टिस्ट काफी पीछे रह जायेंगे। उन्हें अपनी पहचान नहीं मिल पाएगी।“ मिस्टर कपूर ने मेल्विन को समझाते हुए कहा।

“आप कहना क्या चाहते हैं सर? आप चाहते हैं कि मैं अपने जूनियर्स के करियर के लिए अपनी जिंदगी और अपना पूरा करियर दांव पर लगा दूं? क्या आप मुझे बलि का बकरा बनाना चाहते हैं सर? अपनी जिंदगी के 17 साल मैंने इसलिए नहीं दिए।“ मेल्विन अब भी नाराज था।

“एक बात बताओ मेल्विन। तुम्हें इस एग्जीबिशन की खबर किसने दी?” मिस्टर कपूर ने पूछा।

“क्या आप उसे इस कंपनी से निकालने की सोच रहे हैं? इससे आपकी गलती छुप नहीं जाएगी सर। जिसने भी मुझे इस एग्जीबिशन की खबर दी उसने मेरे और आपके बीच के रिलेशन को बचा लिया है। अगर इस एग्जीबिशन की खबर मुझे बाद में पता चलती तो शायद हमारा 17 साल का ये रिलेशन टूट जाता।“ मेल्विन ने कहा।

“मेल्विन, तुम एक आर्टिस्ट हो। तुम्हारा काम स्केच बनाना है। लेकिन मैं वो हूं जो लोगों के टैलेंट को मौका देता हूं। 17 साल पहले मैंने ही तुम्हें ये मौका दिया था। आज तुम्हारी तरह ऐसे ही 70 लोग मेरे साथ काम करते हैं। मुझे उन्हें भी मौका देना है। तुमने किसी का करियर खत्म करके उसकी जगह ली थी, आज तुम्हारी जगह लेने के लिए वैसे ही लोग यहां मौजूद हैं। ये साइकिल इसी तरह चलता है मेल्विन। अगर आज सबसे बेस्ट स्केच का अवार्ड तुम्हें मिलेगा तो इससे हमारा कोई डेवलपमेंट नहीं होगा।“ मिस्टर कपूर ने कहा।

“ये बहुत ही घटिया सोच और स्ट्रेटजी है सर। इससे बड़ा फ्रॉड एक आर्टिस्ट के लिए कुछ भी नहीं हो सकता। मुझे अफसोस है कि मैंने आपके साथ 17 साल काम किया है। मुझे इस बात का भी अफसोस है कि मुझे मौका तब मिला जब किसी का कैरियर मेरी वजह से खत्म हो चुका था। आर्टिस्ट की पहचान हमेशा उसके आर्ट से होती है। लेकिन आप जैसे लोगों ने हम आर्टिस्ट की पहचान सिर्फ इतनी ही रहने दे कि वो नहीं तो ये सही और ये नहीं तो वो सही।“

“मेल्विन, मैं जानता हूं तुम कितने जिद्दी और स्वाभिमानी हो। मेरी जगह पर खुद को रखकर सोचोगे तो देखोगे, ये साइकिल हमेशा से इसी तरह चलता रहा है। कोई भी कंपनी किसी एक के भरोसे नहीं चलती। यहां तक की ये कंपनी मेरे भरोसे भी नहीं रुकने वाली। कल को मैं इस दुनिया में न रहूं तो क्या ये कंपनी बंद हो जाएगी? नहीं मिल्विन, मेरे तीन बेटे हैं। जल्दी ही वे इस कंपनी को संभाल लेंगे और लोग मुझे भूल जायेंगे। अगर आज मैं नए आर्टिस्ट को मौका नहीं दूंगा तो जल्द ही हमारी कंपनी लॉस में जाने लगेगी और फिर एक दिन बंद होने की कगार पर आ जाएगी।“

मेल्विन ने अपने बॉस से और बहस करना ठीक नहीं समझा। एग्जिबिशन हॉल में लोगों की भीड़ लगातार बढ़ रही थी। एक से एक स्केच और पेंटिंग का नमूना उस इवेंट में पेश किया जा रहा था।

जैसा कि मिस्टर कपूर का अंदाजा था, इवेंट खत्म होने के बाद मेल्विन के स्केच को बेस्ट स्केच का अवार्ड मिला। 

शाम को जब मेल्विन वापस घर लौट रहा था तब पीटर ने उउसे बधाई देते हुए कहा, “ये लड़की तुम्हारे लिए लकी चार्म है मेल्विन। अब हुई न एक शुभ शुरुआत।“

पीटर मेल्विन को मिले गोल्ड मेडल को अपने हाथों में लेकर निहार रहा था। और उसका बखान कर रहा, “ये सच में बहुत भारी है मेल्विन। क्या यह असली सोना है?”

“ये तो कुछ भी नहीं है पीटर। डॉक्टर दीक्षित को तुम देखते तो ज्वेलरी की दुकान लगाते तुम्हें। मुझे 100% यकीन है कि ये शुद्ध सोना है। आखिरकार 17 सालों बाद मुझे एक मुकाम मिला है। एक ऐसा मुकाम जिसे मैंने छीनकर हासिल किया है।“

“वो सब तो ठीक है मेल्विन। ये तो तुम्हारी मेहनत और काबिलियत का परिणाम है। लेकिन तुम ये तो बताओ कि कहीं तुमने अपने बॉस से इसके लिए झगड़ा तो नहीं कर लिया?” पीटर ने पूछा।

“नहीं, मैं गुस्सा तो जरूर था लेकिन मैं ये जान चुका था कि गुस्से से बात नहीं बनेगी। मुझे जो चाहिए था वो मैंने हासिल कर लिया। गुस्से की जरूरत ही नहीं पड़ी मुझे।“ मेल्विन ने बताया।

“चलो, अब लग रहा है जैसे सब अच्छा अच्छा हो रहा है। कहीं तुम्हारा गुस्सा उस लड़की को देखकर तो शांत नहीं हुआ?” पीटर ने फिर हंसते हुए पूछा।

इस बार मेल्विन ने उस अजनबी लड़की का जिक्र होने पर पीटर पर गुस्सा नहीं किया। वो बस मुस्कुरा कर रह गया।

मेल्विन ने ये खुशखबरी घर जाकर अपनी मां को सुनाई। उसकी मां ने जब ये सुना तो वो बेहद खुश हुई।

“ऐसे ही तरक्की करते रहो बेटे। 17 सालों में पहली बार तुमने फोन करके कोई खुशखबरी दी है मुझे। मैं जल्दी ही तुम्हारी खुशी में शामिल होने के लिए वहां आउंगी। मैं अपने बेटे के गले में वो मेडल दोबारा डालूंगी।“ मेल्विन की मां ने लगभग रोते हुए कहा। 

“ठीक है मां, मैं तुम्हारा इंतजार करूंगा। लेकिन माँ, ये मुकाम हासिल करने के लिए भी मुझे लड़ना पड़ा। अपने बॉस से लड़ना पड़ा मुझे। समझ में नहीं आता कि यह दुनिया आखिर किस भरोसे पर टिकी है। 17 साल का भरोसा बिना किसी दोष के तोड़ दिया गया।“

“परेशान होने की जरूरत नहीं है बेटे। हर किसी को इतना ही मिलता है जितना उसके नसीब में लिखा हो। किसी के चाहने से किसी का नसीब नहीं बदल सकता। तुम तो यहां मेरे पास थे लेकिन फिर भी गॉड ने एक एंजेल भेज कर तुम्हें एग्जीबिशन में बुला लिया। अब बेकार की बातें मत सोचो और अपने काम पर फोकस करो। में देख रही हूं तुम आजकल बहुत परेशान रहने लगी हो। मैंने तुमसे कहा नहीं लेकिन मैं अपने उस मेल्विन को मिस करती हूं जो लोगों की परेशानियों में से खुशियां ढूंढ कर निकाल लाता था।“

मेल्विन की मां ने जब ये कहा तो मेल्विन सोच में पड़ गया। वो पिछले दिनों काफी बदल चुका था। उसके अंदर एक सहनशक्ति आ गई थी। अक्सर खोया-खोया रहने लगा था मेल्विन।

मेल्विन के साथियों ने भी उससे यही कहा।

“तुम्हारी मां बिल्कुल ठीक कह रही है मेल्विन।“ रामस्वरूप जी ने कहा, “आखिर तुम्हारा खोए-खोए कोई रहने का कारण भी है।“

“मैं मेल्विन की इसमें मदद कर सकता हूं।“ लक्ष्मण ने कहा।

“कैसे?” पीटर ने सबसे पहले पूछा।

“मेरे पास कुछ आइडियाज हैं, जिसे अगर मेल्विन ने अच्छे से समझ लिया तो उसका काम आसान हो जाएगा। मेल्विन की जिंदगी में अब कुछ चीजें ठीक होने लगी है। यही सही वक्त है कि मेल्विन अपनी जिंदगी का सबसे बड़ा फैसला लेकर आगे बढ़े।“ लक्ष्मण ने कहा।

“तुम कहना क्या चाहते हो लक्ष्मण? साफ-साफ कहो।“ राम स्वरूप जी ने कहा।

“मेरे पास एक आईडिया है जिससे मेल्विन अपनी उस नई दोस्त को इंप्रेस कर सकता है।“ लक्ष्मण ने कहा तो पीटर ने उसे टोक दिया।

“तुम्हें कोई भी आईडिया देने की जरूरत नहीं है। तुम्हारे आइडियाज की यहां किसी को जरूरत नहीं है।“

“पीटर, ये आइडिया तुम्हारे लिए नहीं है। ये मेल्विन के लिए है। तुम मुझे अपना आइडिया बताने से रोकने वाले कौन होते हो?” लक्ष्मण ने पूछा।

“मैं मेल्विन का दोस्त हूँ। उसका अच्छा-बुरा सोचने का मुझे हक है। मेल्विन इस समय ऐसी मानसिक स्थिति में है जहां वो अपना अच्छा-बुरा नहीं सोच सकता। तुम मेल्विन को फसा दोगे लक्ष्मण।“ पीटर ने कहा मेल्विन को समझाते हुए बोला, “इसकी बातों में तुम मत आना। बहुत मुश्किल से बात आगे बढ़ने लगी है। ये लक्ष्मण सब कुछ बर्बाद कर देगा।“

“नहीं पीटर। मेरे ख्याल से लक्ष्मण की बात एक बार सुन लेनी चाहिए। तुम बेकार में ही उसे गलत समझ रहे हो।“ मेल्विन ने कहा तो उसकी बात सुनकर लक्ष्मण के चेहरे पर मुस्कुराहट आ गई।

“तुम्हें उस लड़की से बातचीत ही बढ़ानी है न? मेरे पास सैकड़ो तरीके हैं किसी लड़की से बातचीत बढ़ाने के लिए। जिसमें से सबसे बेस्ट तरीका है अपना कोई सामान उसके पास जाकर गिरा देना। जैसे ही आप अपना सामान गिराएंगे वो आपको आवाज देकर उस गिरे हुए सामान के बारे में बताएगी। बस बातचीत की शुरुआत हो गई।“ लक्ष्मण ने समझाते हुए कहा।

“कोई सामान गिरा दो उसके पास। जैसे किस तरह का सामान?” मेल्विन ने पूछा। 

“मैं अब भी कह रहा हूँ, तुम इसकी बातों में मत आओ मेल्विन। ये एक बेवकूफी भरा आईडिया है। इसका दिमाग बस नोट गिनने में लगता है। दिन भर बैंक में बैठे हुए नोट गिनता है न इसलिए।“ पीटर ने कहा।

“आई एम ए बैंक मैनेजर मिस्टर पीटर। नॉट ए कैशियर। और मैं बैंक में बैठे नोट नहीं गिनता। तुम्हारा इस तरह से बात करना ठीक नहीं है। माइंड योर लैंग्वेज।“ लक्ष्मण बौखलाया हुआ बोला।

“देखो तुम दोनों झगड़ा मत करो। पीटर के कहने का वो मतलब नहीं था।“ रामस्वरूप जी ने अपने बेटे लक्ष्मण को समझाते हुए कहा, “तुम्हें क्या वाकई लगता है कि इस तरह से मेल्विन और उस लड़की के बीच बातचीत शुरू हो जाएगी?”

अभी राम स्वरूप जी ने ये पूछा ही था कि ट्रेन एक स्टेशन पर कुछ देर के लिए रुक गई। सबकी नज़रें अब प्लेटफार्म की ओर जा चुकी थी। वो अजनबी लड़की एक बार फिर उन्हें दिखाई दी।

“वो आ गई है मेल्विन। क्या तुम तैयार हो?” लक्ष्मण ने आखिरी बार पूछा। 

“हाँ, मैं तैयार हूं लक्ष्मण। बताओ, कैसे क्या करना है?” मेलविन ने उत्साहित होते हुए पूछा। 

“मैं तुम्हें अपना रुमाल देता हूँ। तुम यहां से उसके पास जाओ और धीरे से ये रुमाल उसके पैरों के पास गिरा दो। रुमाल गिरते ही वो तुम्हें आवाज़ देगी। बस वही से बातचीत शुरू हो जाएगी।“ लक्ष्मण ने समझाया, “तुम ये कर लोगे न।“

इससे पहले कि मेलविन कुछ कहता डॉक्टर ओझा ने उसे रोकते हुए कहा, “तुम ऐसा कुछ भी मत करो। मुझे ये ठीक नहीं लग रहा है।“

“मेरा भी यही ख्याल है मेलविन!” रामस्वरूप जी ने कहा, “वैसे तो तुम खुद के फैसले बखूबी ले सकते हो, लेकिन ये तुम्हारे काम को बनाने की बजाय और बिगाड़ सकता है। कोई भी कदम उठाने से पहले एक बार सोच लो।“

मेलविन ने जब उन दोनों की बातें सुनी तो वो सोच में पड़ गया।

क्या मेलविन ये पैंतरा आजमाएगा? क्या उस अजनबी लड़की से मेलविन की बातचीत शुरू हो सकेगी? मिस्टर कपूर का मेलविन को लेकर क्या स्टैंड होने वाला है?

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