नेमेसिस की बातों को सुनने के बाद, ओरायन बुरी तरह से घबरा गया था। उसके माथे पर पसीना देख, लूना उसकी परेशानी समझ गई। लूना ने ओरायन को समझाते हुए कहा,

लूना:"ओरायन... अभी हमारे पास कोई उपाय नहीं है... और हम इस नेमेसिस की बात मान भी नहीं सकते... इसलिए तुम अपने सिस्टम को बंद ही कर दो..."

ओरायन को भी यही सही लगा, वो अपना सिस्टम बंद करने ही वाला था कि तभी नेमेसिस ने उसे धमकी देते हुए कहा, "ओरायन ऐसा करने की सोचना भी मत... तुम्हें अंदाज़ा भी नहीं है कि तुम दोनों के साथ जो हो रहा है... वो अपने आप या संयोग से नहीं हो रहा है..." ओरायन बुरी तरह से परेशान हो चुका था, वो और नेमेसिस को नहीं सुनना चाहता था, इस कारण से ओरायन ने बिना कुछ सोचे समझे अपने सिस्टम को शटडाउन कर दिया। ओरायन एक गहरी सांस लेते हुए, वहीं कुर्सी पर बैठ गया। मगर लूना कहीं खोई हुई नज़र आ रही थी। काफ़ी देर तक एक ही जगह पर खड़ा देख, ओरायन ने लूना से पूछा, "क्या सोच रही हो लूना?"

लूना:"ओरायन उस नेमेसिस ने कहा कि हमारे साथ पिछले कुछ दिनों से जो भी हो रहा है... वो संयोग नहीं है.....तो फिर मेरी दुनिया में उस अनोखे दरवाज़े का खुलना... मेरा बार-बार ब्लैंक होना... ये सब किसी का प्लान था.... मगर किसका?"

लूना ने जाने अनजाने में बहुत बड़ा सवाल उठा दिया था, जिसे सुनने के बाद ओरायन भी हैरान रह गया था। लूना की ये बात भी एकदम सही थी कि जब से पोर्टल का दरवाज़ा खुला था और वो ओरायन से मिली थी, उसके बाद से वो एक बार भी ब्लैंक नहीं हुई थी। आज जब लूना का इस बात पर ध्यान गया तो उसके सामने कई सवाल नज़र आने लगे, उसने दुबारा से बड़बड़ाते हुए कहा, "मेरी दुनिया में वो दरवाज़ा किसने खोला? क्या नेमेसिस इसके पीछे है, या फिर कुछ और?"

ओरायन भी लूना के सवालों पर दंग होकर कमरे में यहां-वहां टहलने लगा। उसका एक पल को मन हुआ कि वो एटलस से कुछ पूछे मगर उसे डर था कि सिस्टम चालू करने के बाद, कहीं नेमेसिस दोबारा न आ जाए।

काफ़ी सोचने के बाद ओरायन ने पूछा,

ओरायन:"वैसे लूना... तुम्हें उस दरवाज़े के बारे में पता कैसे चला था... मतलब तुम शुरू से मुझे पूरी बात बताओ..."

लूना इसके बाद, ओरायन को सब कुछ विस्तार से बताने लगी, कैसे उसे पहली बार वो अनोखा दरवाज़ा दिखा था और कैसे वो आर्केडिया में उसके बारे में पता करने के लिए सभी विद्वानों के पास गई थी और उसी दौरान उसे क्रोनोस की लिखी किताब मिली थी। सब कुछ बताने के बाद अचानक से लूना का दिमाग घुमा, उसने सोचते हुए कहा, "मुझे वो जादूगर क्रोनोस याद आ रहा है, जिसने मुझे यह लॉकेट दिया था... हां उसका कुछ न कुछ तो कनेक्शन है...."

"क्यों!!!.....ऐसा क्यों कह रही हो तुम?" ओरायन ने तपाक से पूछा, जिसके जवाब में लूना ने गंभीर स्वर में कहा,

लूना:"क्यूंकि ओरायन उसने शुरू में मेरी बात ये कह कर टाल दी थी कि उस दरवाज़े को देखना, मेरा बस भ्रम है... लेकिन फिर बाद में उसी ने सामने से मुझे ये जादुई लॉकेट दिया था.....और सबसे बड़ी बात उसने जो किताब लिखी थी, उसमें उस अनोखे दरवाज़े का ज़िक्र है..."मुझे ऐसा क्यों लग रहा है कि शायद उसने ही ये अनोखा दरवाज़ा खोला हो, जिसे तुम पोर्टल कहते हो।"

ओरायन लूना की बात सुन सोच में पड़ गया था, उसे भी कहीं न कहीं अब क्रोनोस पर शक होने लगा था। वहीं लूना के मन में शक का बीज बोया जा चुका था। उस जादूगर ने उसे लॉकेट दिया था, लेकिन वो असल में कौन था और क्या उसकी कोई योजना थी, लूना समझ नहीं पाई थी काफ़ी देर तक सोचने के बाद, ओरायन ने कहा, "क्या तुम मुझे वो किताब दिखा सकती हो?" "उसे पता नहीं मैंने कहां रख दिया है... और मैं इस तरह से घर भी नहीं जा सकती...." लूना ने अपनी परेशानी बताई। धीरे-धीरे रात बीत रही थी, मगर दोनों की आंखों में नींद दूर-दूर तक नहीं दिखाई दे रही थी। इस वक्त दोनों अपने-अपने तरीके से सोच रहे थे। तभी लूना को ख्याल आया कि उसे एक बार क्रीना से पूछना चाहिए। उसने अपना जादूई छोटा शीशा निकाल कर पूछा, "क्रीना, क्या तुम मुझे उस जादूगर क्रोनोस के बारे में कुछ बता सकती हो?" क्रीना अपनी जादूई शक्तियों से पता लगाने की कोशिश करने लगी, मगर अचानक से लूना ने देखा, उसके शीशे पर दरार पड़ने लगी है। अगले ही पल क्रीना ने परेशान होते हुए कहा, "लूना... मैं जैसे ही क्रोनोस के बारे में पता करने की कोशिश करती हूं... मेरे जादू का असर खत्म होने लगता है..."

क्रीना की बात ने ये तय कर दिया था कि क्रोनोस का बहुत बड़ा राज़ अब तक बाहर नहीं आया था।

ओरायन ने देखा, बाहर हल्का हल्का उजाला होने लगा है। ओरायन ने खिड़की से बाहर देखते हुए कहा,

ओरायन:"लूना... अब एक ही रास्ता है हमारे पास....हमें उस जगह पर जाकर देखना चाहिए, जहां उस जादूगर का घर है।"

लूना:"मगर कैसे ओरायन... मैं जैसे ही यहां से बाहर जाऊंगी... बाज़ार में लोग मुझे पहचान लेंगे...." लूना ने अपनी परेशानी बताई।

मगर ओरायन के पास, इसका समाधान था। उसने लूना की जादूई लॉकेट की ओर इशारा किया, जिसे क्रोनोस ने दिया था। लूना के चेहरे पर मुस्कान आ गई। ओरायन और लूना मुखिया और उनके परिवार से विदा लेकर वहां से निकलने लगे, तभी मुखिया जी ने कहा, "बेटी... कभी भी तुम यहां आ सकती हो... हमें परेशानी उन चारों बुजुर्गों से हैं... बाकी लोगों से नहीं..." लूना जाते-जाते भावुक हो चुकी थी, ओरायन ये सब कुछ चुपचाप देख रहा था और इस बात से हैरान हो रहा था कि इस दुनिया में बड़ी आसानी से और बड़ी जल्दी लोग एक-दूसरे से भावनात्मक रूप से जुड़ जाते थे। उस जादुई बस्ती से बाहर आते ही, लूना ने लॉकेट की मदद से अपना भेष बदल लिया। इसके बाद लूना और ओरायन अब उस जादूगर के घर की ओर बढ़ने लगे। चलते हुए रास्ते में लूना ने लॉकेट को देखते हुए कहा,

लूना:"उस जादूगर ने मुझे ये लॉकेट.... ये कह कर दिया था कि ये मुझे मेरी मंज़िल तक पहुँचाएगा, लेकिन अब मुझे शक हो रहा है। आज मैं उनसे अपने सवालों का जवाब लेकर रहूंगी।"

ओरायन और लूना तेज़ी से पैदल ही क्रोनोस के घर की तरफ़ बढ़ने लगे, लूना जान-बूझकर अपनी जादूई खिड़की का इस्तेमाल नहीं कर रही थी ताकि बुजुर्गों को पता न चल जाए, उसके बारे में। आधे घंटे तक चलते रहने के बाद, जैसे ही दोनों उस जादूगर क्रोनोस के घर पहुंचे, उनको एक बड़ा झटका लगा। लूना को अपनी आंखों पर यकीन ही नहीं हो रहा था। क्रोनोस का घर उस जगह से गायब हो चुका था। "ये.. ये कैसे हो सकता है... यहीं पर तो क्रोनोस का घर था...मगर इस वक्त यहां ना तो घर दिखाई दे रहा है और ना कोई निशान।" लूना ने अपना सिर पकड़ते हुए कहा। उसकी बात सुन और आस-पास देखकर ओरायन भी चौंक गया था। उसने चारों तरफ़ देखते हुए कहा, "मगर ऐसा कैसे हो सकता है.... लूना क्रोनोस कहीं और भी रहते हैं क्या, तुम्हें कोई आइडिया?"

"नहीं ओरायन.... पिछली बार मैं और तारा यहीं आए थे...." इतना कह लूना ने काफ़ी देर तक सोचने के बाद कहा, "अगर यहां ये क्रोनोस का घर गायब हुआ है, तो इसका मतलब कुछ बहुत बड़ा छिपा हुआ है, जिसे हमें बाहर लाना होगा।" ओरायन भी अब समझने लगा था कि कहीं न कहीं ये सब कुछ उलझता जा रहा है। उसे अब समझ नहीं आने लगा था कि आखिर इन सब के पीछे का क्या मकसद हो सकता है? ओरायन ने गंभीर स्वर में लूना से पूछा, "तुम्हें क्या लगता है, वो कौन हो सकता है?" "मैं नहीं जानती.... मैंने जब क्रोनोस के बारे में पता लगाया तो मुझे इतना पता चला था कि वो एक बहुत बड़े विद्वान है...लेकिन अब मुझे समझ आ रहा है कि ये कोई सामान्य जादूगर नहीं था।" लूना की सारी बातें सुनने के बाद, ओरायन को अचानक एहसास हुआ कि लूना की बात और नेमेसिस के बीच कहीं न कहीं, कोई कड़ी जुड़ी हुई है। उसने अपना दिमाग़ लगाते हुए कहा,

ओरायन:"मेरी दुनिया में नेमेसिस था, और तुम्हारी दुनिया में वो जादूगर क्रोनोस.... हो सकता है कि दोनों के बीच कोई कनेक्शन हो।"

ये सुनते ही लूना का दिलो-दिमाग घूम गया, उसने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि उसकी ज़िंदगी में ऐसा कुछ होगा। लूना ने हैरानी से पूछा, "क्या तुम सच में सोचते हो कि यह मुमकिन है?" "क्यूं नहीं लूना... नेमेसिस और क्रोनोस दोनों ही तर्क और जादू के बीच खेल रहे थे। हो सकता है कि दोनों ने मिलकर यह दरवाज़ा खोला हो और हम दोनों को अपने मोहरे की तरह इस्तेमाल किया हो..." ओरायन ने यकीन से ये सब कहा, जिसे सुनने के बाद लूना इस बात को बर्दाश्त नहीं कर पाई और वहीं ज़मीन पर बैठ गई। काफ़ी देर तक लूना उसी जगह पर बैठी रही, इस उम्मीद में कि हो सकता है क्रोनोस का घर अचानक से प्रकट हो जाए, मगर लूना की उम्मीद आख़िर में टूट गई। उसे ऐसा लग रहा था जैसे उसके साथ बहुत बड़ा धोखा हुआ है। उसकी आंखें नम होने लगी थीं।

ओरायन ने जैसे ही लूना को इस तरह भावुक होते देखा, उसने लूना को समझाते हुए कहा, "लूना... रोने से कुछ नहीं होगा। हम दोनों को ही आगे इस राज़ से पर्दा उठाना होगा... मैं तुम्हारे साथ हूं।" ओरायन ने जब ये कह दिया तो अचानक से उसे एहसास हुआ कि वो ये सब कुछ मन में सोच रहा था और उसे इस बात पर हैरानी भी हो रही थी कि अपनी जिंदगी में पहली बार, वो इस तरह से किसी के लिए महसूस कर रहा था। दोनों एक-दूसरे के सामने बैठे हुए थे, तभी वहां पर आवाज़ आई, "ए!.. तुम दोनों यहां क्या कर रहे हो?"

दोनों ने जैसे ही सामने देखा, तो कई सारे गार्ड्स उड़ने वाले जैकेट की मदद से हवा में उड़ते हुए दोनों के पास आ रहे थे। लूना उन्हें देखते ही हड़बड़ा गई, मगर ओरायन ने उसे शांत करते हुए कहा, "लूना घबराओ मत... तुमने अपना भेष बदला है... ये लोग तुम्हें नहीं पहचान पाएंगे..." लूना को जैसे ही एहसास हुआ, वो शांत हो गई।

गार्ड्स जैसे ही पास आए वो ओरायन को घूरते हुए बोले, "क्या कर रहे हो तुम दोनों यहां... और तुम हो कौन... हमसे जैसे नहीं लगते?" "क्यों मेरे सिर पर सिंग उगे हुए हैं क्या... या फिर मेरे दांत निकले हुए हैं..." ओरायन ने बेबाकी से जवाब दिया, हालांकि अंदर से उसका पूरा शरीर कांप रहा था। गार्ड्स ने बिफरते हुए कहा, "बात करने की तमीज़ नहीं है... लेकर चलें बुजुर्गों के पास..."

"क्यों कल रात तो आए थे... वापस जाना पड़ा ना... मैं तुम लोगों को बता दूं... हम दोनों उसी उड़ने वाली बस्ती के लोग हैं... और हम तुम्हें बताना ज़रूरी नहीं समझते कि हम क्या कर रहे हैं?" इस बार लूना ने गुस्से में कहा, वो गार्ड्स समझ गए कि दोनों दुश्मन की बस्ती से हैं। मगर सारे गार्ड्स ये भी जानते थे कि वो उन लोगों का कुछ नहीं बिगाड़ सकते थे।

"हां... हां... तुम लोगों से बात करने भी कौन जाएगा... मगर तुम लोग शायद भूल रहे हो कि तुम्हारी बस्ती का कोई भी इस तरह हमारे इलाके में नहीं घूम सकता है...नौजवान हो इसलिए इस बार छोड़ रहे हैं..." कहते हुए वो गार्ड्स वापस से जाने लगे। उनके जाते ही, ओरायन ने चैन की सांस ली। वहीं लूना को यकीन नहीं हो रहा था कि उसने इतनी बेबाकी से बुजुर्गों के गार्ड्स को जवाब दिया है। "ओरायन तुमने तो कमाल कर दिया... मुझे विश्वास नहीं हो रहा..." कहते हुए लूना ओरायन के गले लग गई। ओरायन को इसकी उम्मीद नहीं थी, लूना का बदन जैसे ही उसके बदन से टच हुआ, ओरायन की सांसें तेज़ हो गईं। अगले ही पल लूना को अपनी गलती एहसास हुआ, वो ओरायन से अलग होते हुए बोली,

लूना:"सॉरी.... वो मैं पहले जब ज़्यादा खुश हो जाती थी तो तारा को ऐसे ही गले लगा लेती थी.... वही आदत अब भी बनी हुई है।"

ओरायन:"काफ़ी अच्छी आदत है... अब तो तुम्हें हर समय खुश करना होगा... ताकि तुम एक्साइटेड हो जाओ...."

ओरायन ने मन में सोचा, मगर अपनी आदत के अनुसार, उसके मुंह से ये निकल गया। लूना ने जैसे ही ये सुना, उसने ओरायन के कान पकड़ते हुए कहा, "क्या कहा तुमने... शायद तुम भूल रहे हो कि तुम मेरी दुनिया में हो..." इतना कहने के बाद लूना ने ओरायन का कान छोड़ दिया, अंदर ही अंदर वो भी मुस्कुरा पड़ी। दोनों चलते हुए आगे बढ़ रहे थे और दोनों के मन में क्रोनोस और नेमेसिस की बातें ही चल रही थी। दोनों को एहसास हो रहा था कि पोर्टल केवल उनकी दुनिया की घटना नहीं है बल्कि ये एक बड़ी साजिश का हिस्सा है।

एक बार फिर से ओरायन और लूना गंभीर हो गए थे। लूना ने कुछ सोचते हुए कहा,

लूना:"ओरायन अगर तुम्हारा मानना है कि क्रोनोस और नेमेसिस ने मिलकर ये सब किया है, तो हमें ये पता लगाना होगा कि उनकी योजना क्या थी... उसके बाद ही हम कोई ठोस कदम उठा पाएंगे।"

ओरायन:"हां लेकिन उससे पहले, हमें दोनों की शक्तियों का सामना करने के लिए तैयार रहना होगा लूना... आने वाला वक्त चुनौतियों से भरा होगा..."

अगले ही पल ओरायन ने सोचा कि उसे अपना सिस्टम ऑन करके एक बार नेमेसिस से बात करना चाहिए। ओरायन ने इस बार जैसे ही अपना सिस्टम चालू किया, उसने देखा वापस से उसका सिस्टम हैंग हो रहा है, उसके गैजेट्स काम नहीं कर रहे। ओरायन ने पैर पटकते हुए कहा, "ये क्या ड्रामा है यार... उस जादुई उड़ने वाली बस्ती में मेरा सिस्टम ठीक काम करता था... वहां से बाहर आते ही ये फिर से हैंग हो गया।" "तो अब क्या करें?" लूना ने सोचते हुए पूछा। ओरायन अपने सिस्टम को रिफ्रेश करने में लगा हुआ ही था कि अचानक से उसके सिस्टम से अजीब आवाज़ें आने लगी। दोनों को समझ नहीं आने लगा कि आखिर अचानक हुआ क्या?

तभी क्रीना ने चेतावनी देते हुए कहा, "लूना दूर हटो.... खतरा...खतरा..." लूना समझ पाती इससे पहले ही उसने सामने चारों बुजुर्गों को आते हुए देखा। लूना ने अपना सिर पकड़ते हुए कहा, "ओरायन हम बुरी तरह से फंस चुके हैं...." तभी मार्को ने चिल्ला कर कहा, “लूना तुम कितना भी भेष बदल लो.... हमसे बच नहीं पाओगी....” क्या होगा आगे? जानने के लिए पढ़ते रहिए 

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