ये ब्रेकअप भी बहुत कमाल की चीज़ है । जिन लोगों के ब्रेकअप हो जाते हैं वो ख़ुद तो परेशान होते ही हैं । अपने ब्रेकअप की स्टोरीज़ सुना-सुना के ये लोग अपने दोस्तों को भी परेशान कर देते हैं । हर रोज़ ये लोग टूटे दिल वाली शायरी को इमोशनल म्यूज़िक लगाकर पोस्ट करते हैं । एक बात तो पक्का बोलते हैं “मुझे अब उसकी याद नहीं आती , मूव ऑन कर लिया है मैंने”। इतिहास गवाह है कि मूव ऑन वाली बात कहने के बाद ये लोग फिर रात को कोई सैड स्टोरी पोस्ट कर देते हैं। राघव का दिल तो इस तरीके से तोड़ा गया था कि वो तो किसी को अपना हाल बता भी नहीं सकता था।
राघव वाला केस सुलझ चुका था । पम्मी आंटी को भी शगुन में अच्छी-ख़ासी मोटी रकम मिली थी । वैसे जितना पम्मी आंटी के हस्बैंड ऐसे केसिस से घबराते हैं , पम्मी आंटी को उतना ही मज़ा आता है ऐसे केसिस को हैंडल करने में । राघव जैसे बिगड़ैल लड़के को भी सुधार दिया था पम्मी आंटी ने ।
इस बार केस आया था सिंगापुर से । पम्मी आंटी को शादियों के इलावा दूसरे केस भी मिलने शुरू हो गए थे । उन्हें कॉल किया था प्रदीप मेहरा ने । उनके बेटे पर किसी लड़की ने छेड़ने और कमेंट करने का केस कर दिया था ।
पम्मी आंटी अकेले विदेश नहीं जाना चाहती थीं , इसलिए उनके साथ उनके हस्बैंड भी जा रहे थे। प्रदीप मेहरा ने उनके वीज़ा और टिकट से लेकर उनके रहने तक का इंतज़ाम करवा दिया था ।
सिंगापुर जाने से पहले पम्मी आंटी आज ऑफिस में आयी हुईं थी , उन्होंने गुड़िया से कहा।
पम्मी - गुड़िया मैं कल सिंगापुर जा रही हूँ , एक हफ्ते बाद ही आउंगी वापस । कोई क्लाइंट आए तो संभाल लेना और तेरी हैल्प के लिए मैंने पप्पू को बोल दिया है ।
गुड़िया - ठीक है पम्मी मैडम लेकिन मेरे लिए सिंगापुर से कोई गिफ्ट ज़रूर लेते आना।
पम्मी - जिस हिसाब से तेरी उम्र हो रही है , तेरे लिए गिफ्ट नहीं बल्कि कोई लड़का ढूंढ के लाना चाहिए ।
गुड़िया - अरे मैडम क्यों मेरी ज़िन्दगी तबाह करना चाहती हो? अच्छी भली हंसती-खेलती सिंगल लाइफ चल रही है मेरी।
पम्मी - आहो जानती हूं कैसी लाइफ चल रही है । ये जो तू शादी को बर्बादी बोलती रहती है ना । शादी हो जाने के बाद तेरी जैसी लड़कियां ही स्टेटस डालती है “ माय हस्बैंड इस बेस्ट इन दा वर्ल्ड , थैंक्स फॉर बींग इन माए लाइफ हा हा हा”
गुड़िया - हा हा हा..... अरे ऐसा कभी नहीं होगा।
पम्मी - कोई ना, जब होगा तो तेरे को भी पता नहीं चलेगा । ख़ैर अब मैं घर जा रही हूं , काफी सारी पैकिंग करनी है । ऑफिस की चाबियाँ अपने पास रखना।
अगले दिन पम्मी आंटी अपने हस्बैंड के साथ एयरपोर्ट पर पहुंच चुकी थीं। इंडियन पेरेंट्स की आदत होती है कि अगर ट्रेन दोपहर एक बजे की हो तो सुबह 5 बजे ही उठकर तैयारी शुरू कर देते हैं । और कलेश पूरे परिवार के साथ 2 घंटे पहले ही रेलवे स्टेशन पहुंच जाते हैं । अब यहां तो सवाल इंटरनेशनल फ्लाइट का था इसलिए पम्मी आंटी एक्साइटमेंट में 5 घंटे पहले ही एयरपोर्ट पर हाज़िर हो गयी थी।
अब फ्लाइट ने उड़ान भर ली थी और पम्मी आंटी को केस की ज़रा सी भी परवाह नहीं थी । वो तो बस बादलों के खुबसूरत व्यू को एन्जॉय कर रहीं थी । केस की टेंशन तो पम्मी आंटी के साथ बैठे उनके हस्बैंड को हो रही थी ।
फाइनली पम्मी आंटी की फ्लाइट सिंगापुर में लैंड हो चुकी थी उन्हें रिसीव करने प्रदीप मेहरा ख़ुद आए थे । प्रदीप ने अपने घर में ही उनके रहने का इंतज़ाम किया था । प्रदीप के घर में वो और उसकी पत्नी के साथ उनका इकलौता बेटा अमन रहता था। दोपहर हो चुकी थी और प्रदीप के घर पर लंच करने के बाद पम्मी आंटी ने केस के बारे में बात करते हुए पूछा।
पम्मी - प्रदीप जी, आप तो बोल रहे थे कि आपका बेटा शरीफ है , फिर वो इस केस में कैसे फंस गया।
प्रदीप जो की एक 45 साल के आदमी थे , उन्होंने पम्मी की बात का जवाब देते हुए कहा - अब क्या बताऊं पम्मी जी ! एक क्लब में मेरे बेटे ने किसी लड़की की तारीफ़ कर दी , बस इसी बात पर लड़की ने कंप्लेंट कर दी है । मेरे बेटे को जेल हो सकती है।
पम्मी - लो करलो बात ! एक तो यहां की लड़कियों का समझ नहीं आता। उस लड़की से कहो कि अगर तारीफ पसंद नहीं आयी तो अमन को बोलकर एक बार मज़ाक उड़वा देते हैं ।
बताओ पहली लड़की है जिसे अपनी ही तारीफ पसंद नहीं आई।
प्रदीप, की चिंता पर पम्मी की कॉमेडी का भी कोई असर नहीं हुआ उसने कहा - अरे ,पम्मी जी यहां का कल्चर अलग है । फ़िलहाल मेरा बेटा पुलिस कस्टडी में है । आप उस लड़की को कैसे भी करके केस वापस लेने के लिए मना लीजिये।
पम्मी - वो तो हो जाएगा लेकिन पहले मुझे आपके बेटे से भी इस केस के बारे में बात करनी होगी।
अमन पर केस करने वाली लड़की भी इंडियन ही थी । पम्मी आंटी को अभी भी शक़ था कि प्रदीप जी ज़रूर कुछ छिपा रहे हैं । इसलिए वो अमन से बात करके केस को अच्छे से समझना चाहती थी ।
अब प्रदीप की कार में बैठकर पम्मी आंटी और उनके हस्बैंड मनोहर पुलिस हेडक्वार्टर की तरफ जा रहे थे । फ्रंट सीट पर प्रदीप और उनकी पत्नी गीतांजलि बैठी थी । और पिछली सीट पर पम्मी आंटी और उनके हस्बैंड मनोहर बैठे हुए थे। रास्ते में सुंदर-सुंदर बिल्डिंग्स देखकर पम्मी आंटी ने एक्साइटेड होते हुए अपने हस्बैंड से कहा।
पम्मी - ओ जी देखो कितनी सुंदर और बड़ी-बड़ी बिल्डिंग्स हैं । हाय सिंगापुर कितना सुंदर है ।
पम्मी आंटी बीच-बीच में भूल जा रहीं थी कि वो एक गंभीर केस सुलझाने आयी हुई हैं। मनोहर जी ने कोहनी मारते हुए पम्मी आंटी से धीमी आवाज़ में कहा।
मनोहर - ओ पम्मी तू यहां घूमने नहीं आई है , उनका बेटा जेल में है और तू बिल्डिंग्स की बात कर रही है । कुछ देर चुप करके नहीं बैठ सकती।
पम्मी आंटी ने भी सिचुएशन को सम्भालते हुए बात पलट दी और अपनी आवाज़ में गंभीरता लाते हुए कहने लगीं ।
पम्मी - ओ जी, मेरे कहने का मतलब यह था कि, इतना सुंदर देश है लेकिन फिर भी अच्छा नहीं लग रहा क्योंकि जब अपना कोई मुसीबत में हो तो कैसे कुछ अच्छा लग सकता है ।
प्रदीप और गीतांजलि अपने बेटे अमन को लेकर टेंशन में थे । मनोहर जो तो पम्मी आंटी की एक्सकइटमेंट देखकर टेंशन में थे । पम्मी आंटी के चेहरे से लग ही नहीं रहा था कि, उनको इस केस की फ़िक्र है । प्रदीप ने पम्मी आंटी के बारे में बहुत सुन रखा था उसकी आख़िरी उम्मीद पम्मी आंटी ही थी ।
फाइनली ये सब पुलिस हेडक्वार्टर पहुंच गए थे । पम्मी आंटी ने अमन के साथ वहां मुलाकात की । उसका हाल चाल पूछने के बाद पम्मी आंटी ने केस के बारे में पूछते हुए कहा।
पम्मी - अमन तू लगता तो शरीफ सा है , फिर ये लड़की कैसे छेड़ दी तूने ?
अमन ने घबराते हुए कहा - अरे मैंने कुछ नहीं किया पम्मी मैम , वो तो क्लब पहली बार गया था तो दोस्तों ने ज़बरदस्ती पीला दी और बस उसी वक्त ये घटना हो गयी।
पम्मी - बेटा इतिहास गवाह है , पैग लगाने के बाद क्लेश करने वाले अक्सर यही कहते हैं , “ मैं पीता नहीं हूं दोस्तों ने पीला दी थी “ । अरे पीने को अगर ज़हर देंगे तो क्या वो भी पी लेगा।
अमन ने अपनी याददाश्त पर जोर दल और कुछ सोचते हुए कहा - सॉरी! मैडम मुझे तो अच्छे से याद भी नहीं कि उस वक्त हुआ क्या था और मैंने क्या बोला था ।
पम्मी - चल कोई ना तू ये बता कि तेरे साथ और कौन-कौन से दोस्त थे ।
अमन ने पम्मी आंटी को बताया कि उसके साथ उस रात 4 दोस्त और भी थे। उनके नाम थे सुरेश , विनय , साहिल और रिआंग चुंग ।अमन के सभी दोस्त इंडियन ओरिजन के थे बस एक दोस्त चाइना से था । पम्मी आंटी के अंदर का जासूस बाहर आ गया था । अब वो इस केस की जड़ तक पहुंचना चाहती थीं । अमन से बात करने के बाद पम्मी आंटी , मनोहर और अमन के मॉम डैड घर वापस आ गए थे । रात हो चुकी थी और सब डिनर कर रहे थे। पम्मी आंटी के दिमाग में बहुत कुछ चल रहा था , और उन्हें अमन के दोस्तों पर शक़ हो रहा था । पम्मी आंटी ने प्रदीप मेहरा से कहा।
पम्मी - प्रदीप जी ,एक बात बोलूं ! मुझे दाल में कुछ काला लग रहा है।
प्रदीप को पम्मी की बात समझ में नहीं आई, उसने कहा - अरे नहीं नहीं पम्मी जी, वो अरहर की दाल में लहसुन का तड़का डाला है ना । वो काला काला सा लहसुन ही है।
पम्मी - हाय रब्बा मैं क्या करूं इनका ! ओ जी मैंने इस केस के लिए मुहावरा बोला है , इस दाल की बात नहीं की है।
प्रदीप ने हिचकिचाते हुए कहा - ओह सॉरी सॉरी पम्मी जी बेटे की टेंशन में समझ ही नहीं लगती कि क्या बोलना है । हांजी बताइये आपको क्या लगता है इस केस के बारे में।
पम्मी - जी मुझे अमन के दोस्तों पर शक़ हो रहा है । आप मुझे कल इनके दोस्तों से मिलवाना। बाकी काम मैं ख़ुद कर लुंगी।
पम्मी आंटी ने अब केस की कमान अपने हाथ में ले ली थी । अमन के केस में आगे क्या होने वाला है ? अब सिंगापुर में पम्मी आंटी क्या हलचल करने वाली है ? क्या केस सॉल्व होगा , या फिर पम्मी आंटी सिंगापुर घूम कर वापस आ जाएंगी ? आगे क्या होगा यह जानने के लिए पढ़ते रहिए।
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