आज तो राघव ने उसके दिल पर हथौड़ा ही मार दिया...ऐसे बिना बताए, बिना किसी कारण चला गया, और अब जब मुझे उसकी कोई जरूरत नहीं रह गई तब वापस आ गया। इन लड़कों को हम जैसी लड़कियों के साथ ऐसा करने में मजा क्‍यों आता है? इसे लगता है कि इतना झूठ बोलने के बाद, ऐसी धोखेबाजी करने के बाद क्‍या मैं इसे स्‍वीकार कर लूंगी?

जरूर उस नैना से इसका कोई पंगा हो गया होगा, वह तो पहली मुलाकात मे हीं मुझे नकचढ़ी सी लग रही थी। कितनी घमंडी थी, उससे प्‍यार नहीं मिला होगा तो मेरे बारे में पता कर लिया और सोचा होगा कि चलो इमोशनल ब्‍लैकमेल कर के फिर से अपने जाल में फंसाता हूं। पर इस बार में किसी झांसे में नहीं आने वाली.…

बेल लगातार बज रही थी..…

मीरा झुंझला उठी, ‘’ये राघव ऐसे नहीं मानेगा…इसे बताना पड़ेगा कि मीरा मल्‍होत्रा क्‍या चीज है और क्‍या कर सकती है?

मीरा ने फोन उठाया और सौ नंबर डायल कर दिया.....’हैलो पुलिस स्‍टेशन, एक लड़का मुझे बहुत देर से परेशान कर रहा है, मेरे मना करने के बाद भी मेरे घर के बाहर खड़ा होकर लगातार बेल बजा रहा है, वो आज दोपहर को मेरे शोरूम में भी आया था तब से मेरे पीछे पड़ा है।‘’ 

‘’मैम आप अपने घर का पूरा एड्रेस दीजिए।‘’

मीरा ने अपना पूरा एड्रेस दिया। उधर से आवाज आई, मैम आप डोर मत खोलिएगा हम बस दस मिनट के अंदर अंदर वहां पहुंच जाएंगे। 

अगले दस मिनट के अंदर पुलिस की गाड़ी की आवाज सुनाई दी, मीरा को लग रहा था कि कहीं सायरन की आवाज सुनकर राघव भाग न जाए, पर राघव तो पागलों जैसे उसके घर के सामने खड़ा था, ऐसा लग रहा था मीरा के घर की डोरबेल ही खराब कर देगा। 

कुछ ही मिनटों में राघव के हाथ में हथकड़ी थी, मीरा की आंखो में आंसू थे, ऐसा भी कुछ करना पड़ेगा उसने सपने में भी नहीं सोचा था। 

राघव के हाथ में हथकड़ियां लगाई जा रही थी पर उसके चेहरे पर कोई भाव नही थे, ऐसा लग रहा था जैसे राघव पहले से ही इन सबके लिए तैयार था, वह अपने आप को छुड़ाने की कोशिश नहीं कर रहा था, कोई सफाई नहीं दे रहा था। बस चुपचाप फ्लैट के सामने खड़ी मीरा को देख रहा था। 

उसकी आंखो में अफसोस था, बेबसी थी, एक मौन निवेदन था वह बस एक बार मीरा से बात करना चाहता था। पर मीरा को समझ में आ गया था कि राघव ने अब एक नया मुखौटा ओढ़ लिया है, हर बार मुझे वह बेवकूफ नहीं बना सकता। 

हथकड़ी बांधते हुए इंस्‍पेक्‍टर साहब ने राघव को सिर से लेकर पांव तक देखकर कहा, ‘’दिखने से तो पढ़ लिखे और अच्‍छे घर के लगते हो, फिर यह छिछोरों वाली हरकत तुम्‍हें शोभा नहीं देती, हाथ में इतनी मंहगी घड़ी, गले में सोने की चेन, ब्रांडेड कपड़े और शूज पहनकर यह सब काम करना अच्‍छा लगता है।‘’

राघव कुछ नहीं बोला। पुलिस की गाड़ी सोसाइटी में आई है यह खबर चंद सेकेंड में ही पूरी बिल्‍डिंग में फैल गई। लोग एक दूसरे से ही पूछने लगे- किसके यहां आई है, किस लिए आई है, किसको पकड़ा है पुलिस ने? 

‘’बताओ जरा अपनी सोसाइटी में भी पुलिस आ गई, गार्ड भी कैसे कैसे लोगों को अंदर आने देते हैं?"                                                               

वही एक बुजूर्ग राघव के पास आकर उसे घूरते हुए बोले, ‘’तुम्‍हारे जैसे लोगों के कारण लड़कियां सुरक्षित नहीं है, कहीं अकेले रहकर काम नहीं कर सकती हैं, बाहर आ जा नहीं सकती हैं। पता नहीं तुम्‍हारे मां बाप तुम्‍हें क्‍या संस्‍कार देते हैं।‘’ 

राघव को पुलिस नीचे ले जाने लगी तो एक लेडी पुलिस ने मीरा से आकर कहा, ‘’मैम आपको भी मेरे साथ चलना होगा, आपका बयान दर्ज होगा।‘’ 

मीरा राज़ी हो गई, साथ में उसे यह भी चिंता खाए जा रही थी कि कहीं यह बात उसकी बाॅस लीडर और टीम तक न पहुंच जाए। 

निहारिका मैम तो मीरा को तुरंत मुंबई से बंगलौर वाली कम्‍पनी में ज्‍वाइन करने के लिए बोल देंगी और अगर मां पापा को पता चला तो वे तो तुंरत नौकरी छोड़कर वापस आने के लिए बोल देंगे। 

…..नहीं यह बात किसी को पता नहीं चलना चाहिए, यह तो अच्‍छा था उसने बिल्‍डिंग के लोगों से बहुत ज्‍यादा जान पहचान नहीं बना रखी थी, वरना शायद बात फैल जाती, मुझे जल्‍दी से पुलिस स्‍टेशन जाकर वापस आना होगा। 

 

पुलिस स्‍टेशन में भी राघव सुन होकर बैठा था, उसकी नजरें अगर कहीं जा रही थी तो केवल मीरा पर....

इंस्‍पेक्‍टर ने राघव के चेहरे को डंडे से ऊपर कर के कहा, ‘’बहुत ही ढीट लौंडा हैं, पुलिस के सामने लड़की को ताड़ रहा है, बेटा अगर मेरा दिमाग घूम गया ना तो अंदर उल्‍टा लटकाकर ऐसी ऐसी जगह मारूंगा कि पूरी आशिकी निकल जाएगी।‘’

 राघव के बारे में पूरी जानकारी लेने के बाद सबइंस्‍पेक्‍टर अतुल गर्ग ने कहा, ‘इस आदमी का कोई क्रीमिनल रिकार्ड तो नहीं है, रिपोर्ट में लिख दो कि यह दोपहर को एक शोरूम में गया वहां काम करने वाली एक लड़की पर बुरी नजर डाली और उसका पीछा करते हुए उसके घर तक जा पहुंचा।‘ 

‘’इस पर कौन सी धारा लगाएं सर?" सिपाही दीपेंद्र ने सबइंस्‍पेक्‍टर अतुल गर्ग से पूछा। 

‘’कोई धारा लगाने की जरूरत नहीं है।‘’ मुंबई के जाने माने एडवोकेट अर्जुन नाडेकर ने पुलिस स्‍टेशन में घुसते हुए कहा। 

फिर उन्‍होने इंस्‍पेक्‍टर अतुल गर्ग को घूरते हुए कहा, ‘’यह कोई इतना बड़ा क्राइम नहीं है! 

इंस्‍पेक्‍टर अतुल गर्ग की कई मौको पर एडवोकेट अर्जुन से खटपट हो चुकी थी, अतुल अपराधियों को पकड़ते तो अर्जुन उन्‍हें जमानत दिलवा देते या बाइज्‍जत बरी करवा देते थे। 

अर्जुन को देखकर पहले तो अतुल ने बुरा सा मुंह बनाया और फिर कहा, ‘’आप मेरे काम में दखलदांजी देना कब बंद करेंगे, आपको उन्‍हीं क्रीमिनल को क्‍यों छुड़ाना रहता है जिन्‍हें मैं पकड़ता हूं, यहां और भी पुलिस स्‍टेशन हैं, वहां भी कैदी हैं, दूसरी जगह भी आपकी जरूरत है।‘’

‘’क्‍योंकि जिन्‍हें आप पकड़ते हैं वे आलरेडी मेरे क्‍लाइंट हैं, और राघव कोई बड़ा दोषी नहीं है जैसा मेरा कोई क्‍लांइट दोषी नहीं होता है, ये रहे राघव के जमानत के कागज हम राघव को लेने आए हैं।‘’ अर्जुन ने एक फाइल से कुछ कागज निकालकर अतुल के सामने रखते हुए कहा। 

‘’क्‍या बात है वकील साहब, जितनी तेजी से आप एक्‍शन लेते हैं, उतनी तेजी से अगर पूरे देश के नागरिक अपना काम इसी स्‍पीड से करें तो देश को नंबर वन बनने से कोई नहीं रोक सकता है।‘’ 

‘’मैं बेकार के पचड़े में पड़ने नहीं आया हूं, आप मेरे क्‍लांइट की हथकड़ियां खोलिए, इसने कोई क्राइम नहीं किया है।‘’ 

‘’कमाल की बात करते हैं आप, दिन दहाड़े दुकान में घुसकर लड़की को घूरा और फिर उसके घर जाकर उसका दरवाजा पीटकर परेशान किया। क्‍या यह क्राइम नहीं है, तो आपके शब्‍दों में यह अच्‍छा काम है।‘’  

‘’हरगिज नहीं, सच तो यह है कि ये दोनो लव बर्ड हैं, इस लड़की का नाम मीरा मल्‍होत्रा है, और यह राघव मेरा क्‍लाइंट एक दूसरे से बहुत प्‍यार करते हैं।"

‘’मैडम, क्‍या यह सच है? अतुल ने बड़े ही आश्‍चर्य से मीरा की ओर देखते हुए कहा।" 

मीरा अर्जुन पर बिफर उठी, ‘’झूठ बोल रहे हैं आप, मैं तो इस लड़के को जानती भी नहीं हूं, फिर वह राघव की ओर दहकती नजरों से देखकर मन ही मन बोली, ‘’आखिर तुम मुझसे चाहते क्‍या हो राघव, क्‍यों मेरे पास्‍ट का तमाशा बना रहे हो?‘’ 

‘’मेरे पास प्रूफ है कि ये आज के नहीं बहुत पहले से एक दूसरे को जानते हैं।‘’  एडवोकेट अर्जुन ने कहा और अपने साथ लाए टैब में फोटो दिखाने लगे। 

‘’यह देखिए ये…करीब छ: साल पुरानी फोटो कुतुबमीनार के पास ये दोनों बैठकर आइसक्रीम खा रहे हैं, ये लाल किले के पास की फोटो देखिए। 

और यह देखिए….इंडिया गेट के पास कैसे चिपककर खड़े हैं, और सबसे बड़ा प्रूफ इनकी इंगेजमेंट की फोटो....देखिए जरा कैसे एक दूसरे को रिंग पहना रहे हैं, और कैसे राघव अपने घुटने के बल बैठकर इस लड़की के हाथ चूम रहा है। 

यह देखिए, दिल का निशान बनाए दोनों एक साथ कितने खुश लग रहे हैं, ये सारी फोटोज असली हैं, आप चाहे तो इन फोटो को चेक भी करवा सकते हैं।  

इंस्‍पेक्‍टर अतुल उन फोटो को देखते और फिर मीरा और राघव के चेहरे का मिलान करते, उनके चेहरे से लग रहा था कि वे अर्जुन की बात से एकदम सहमत थे। अर्जुन की बातें सुनकर मीरा को जितनी तकलीफ हो रही थी उतना ही आश्‍चर्य और नाराजगी राघव से भी हो रही थी। 

राघव ने मन ही मन कहा, ‘’पहली बात तो मैंने अर्जुन को अपने जमानत के लिए कान्‍टेक्‍ट किया ही नहीं और मेरी पर्सनल फोटो को इतने गलत तरीके से इस्‍तेमाल करने वाले ये कौन होते हैं?"

मीरा का दिल अब राघव के लिए पूरी तरह नफरत से भर उठा था, न जाने कितने मुखौटे लगाकर यह आदमी घूमता है।

लेडी इंस्‍पेक्‍टर दीप्‍ति ने मीरा से कुछ कड़े स्‍वर में कहा, ‘’तुमने हम पुलिस वालों को क्‍या समझ रखा है, अब छोटे मोटे प्‍यार के झगड़े भी हम सुलझांएंगे।‘’ 

राघव की हथकड़ी को खोलते हुए अतुल ने मीरा से कहा, ‘’मैडम यह पहली गलती है, अगली बार इतनी जरा सी बात के लिए हमें फोन किया तो पुलिस से फ्राड करने के जुर्म में मैं आपको जेल में बंद कर दूंगा।‘’ 

मीरा, राघव के पास आई….जी में आया थप्‍पड़ लगाकर पूछे की तुम कितना गिर सकते हो। तुम्‍हें तो मैं सबक सिखाकर रहूंगी। वहीं टेबल पर रखे एक पेपर पर राघव के घर का एड्रेस लिखा था, मीरा ने उसे ध्‍यान से देखकर याद कर लिया। 

मीरा पैर पटकते हुए बाहर निकलने लगी कि उसे अर्जुन की आवाज सुनाई दी...वह राघव से कह रहा था, यह सब क्‍यों किया तुमने? तुम्‍हें पता है ना तुम्‍हारे ऊपर एक बच्‍चे की जिम्‍मेदारी है, उस बच्‍चे के लिए तुमने अपना सबकुछ छोड़ दिया, पांच साल का एक बच्‍चा है तुम्‍हारा…अब जाओ उसके पास...कबीर तुम्‍हारा इंतजार कर रहा है। 

मीरा के पैर ठिठक गए…राघव का बच्‍चा...राघव एक बच्‍चे का बाप बन चुका है....क्‍या वही बच्‍चा जो शोरूम में आया था, पर उसका नाम तो रेयांश था, लेकिन मैं इतनी परेशान क्‍यों हो रही हूं, जब शादीशुदा है तो बाप बनना कौन सी बड़ी बात है.…मैं इस राघव को कड़ा सबक जरूर सिखाऊंगी। 

मीरा का किसी काम में मन नहीं लग रहा था…सालों बाद उसकी जिंदगी में फिर से उथल-पुथल मच गई थी, वह भी राघव के कारण जो अब बिना बात के वापस आ गया और फिर से मेरी लाइफ में घुसने की कोशिश कर रहा है, वह मुझसे अनजान बने रहने की कोशिश क्‍यों नहीं कर रहा जैसे दोपहर में शोरूम में कर रहा था। 

पिंकी का दो बार फोन आ चुका था, पर उसने गोलमोल सी बातें कर के फोन रख दिया.…दो तीन पड़ोसी जो कभी नहीं मिलते थे मीरा के घर आकर पुलिस स्‍टेशन में क्‍या हुआ इसकी जानकारी लेने लगे। ऊपर से निहारिका मैडम ने कुछ नए डिजाइन भेजे थे, उन्‍हें जल्‍दी से जल्‍दी फाइनल करना था।

मीरा को पता था राघव फिर से आएगा...पता नहीं उसका अगला कदम क्‍या होगा?

जब वह मुंबई के बड़े और नामी एडवोकेट को हायर कर के आधे घंटे में ही जमानत पर रिहा हो सकता है तो बहुत कुछ कर सकता है। वह बहरूपिया है, न जाने कितने किरदार, कितने शेड, कितने रंग लेकर घूम रहा है। 

“अगर उसने मुझे कमजोर समझा है तो यह उसकी बहुत बड़ी गलती है, कल तुम्‍हें मैं ऐसा सबक सिखाऊंगी कि मुझे याद कर के ही कांप उठोगे, कल हमारी आखिरी मुलाकात होगी।”

 

एकदम सुबह मीरा राघव के घर पहुंच गई, जैसा सोचा था कि वह किसी शानदार बंगले या बडे़ से अपार्टमेंट में होगा पर यह तो एक साधारण सा फ्लैट लग रहा था। 

मुंबई के कांदीवली के घने इलाके में बसा घर....राघव जैसे अमीर लोगों को अंधेरी, बांद्रा, जूहू बीच जैसे मंहगी जगह में होना चाहिए था। कहीं राघव ने गलत एड्रेस तो नहीं लिखवा दिया था?

क्‍या पता यह भी इसका एक दिखावा हो?

मीरा ने बेल बजाई!

डोर राघव ने ही खोला...मीरा सामान्‍य थी लेकिन गुस्‍से से भरी थी, राघव हैरान था लेकिन सुखद आश्‍चर्य  में भी था। 

‘’तुम्‍हें यहां का पता किसने दिया?‘’ राघव सोच रहा था कि इंस्‍पेक्‍टर अतुल ही बता सकते हैं। 

मीरा, राघव पर फट पड़ी..."अब तुम इस हद तक गिर चुके हो कि मुझे पाने के लिए हमारे फोटो का इस्‍तेमाल कर रहे हो?"

राघव समझ गया कि मीरा कल जो कुछ पुलिस स्‍टेशन में हुआ उसके बारे में बात कर रही है। 

‘’नहीं मीरा, मुझे नहीं पता कि वो फोटो उन लोगों के हाथ कैसे लगी...मैंने उन्‍हें संभालकर रखा था, संभालकर नहीं रखा था...सही समय आने पर कैसे यूज करना है इसलिए रखा था।‘’

एक मीठी आवाज ने मीरा को झकझोर दिया.…"डैडी कौन है ये?’’ 

एक पांच साल का प्‍यारा सा बच्‍चा मीरा को मासूम निगाहों से देख रहा था।

 

कौन है यह बच्‍चा जो राघव को अपना डैडी कह रहा है? 

राघव और मीरा की पुरानी फोटो एडवोकेट अर्जुन के पास कैसे पहुंची? 

क्‍या राघव वाकई सच बोल रहा है या उसने अपने चेहरे पर कोई मुखौटा लगा रखा है? 

जानने के लिए पढ़ते रहिए… 'बहरूपिया मोहब्बत'!
 

 

 

 

 

 

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