लड़का लड़की की बचपन की दोस्ती अक्सर जवानी का पहला प्यार बनने को उतावली होती है। अगर मौक़ा मिल जाये तो कोई इस मौके को छोड़ना क्यों चाहेगा। कौशिक प्रतिभा को तबसे पसंद करता था जब उसे प्यार का मतलब भी नहीं पता था। बस वो दोस्ती के लिहाज़ से उसे कभी अपने दिल की बात नहीं कह पाया था। मगर अभी उसके पास मौक़ा था। दरअसल, राजेंद्र ने प्रतिभा के लिए जो सरकारी लड़के वाला इश्तेहार दिया था उसकी खबर कौशिक तक भी पहुँच गई थी। वो ख़ासकर के प्रतिभा के लिए ही लखनऊ से आगरा आया था। उसने राजेंद्र जी की वो ख़ुशी भी नोटिस की थी जो उनके चेहरे पर तब आई जब उसने बताया कि वो सरकारी जॉब में है।
हालांकि कौशिक समझदारी से चाल चल रहा था। वो पहले सोचता था कि एक दिन वो प्रतिभा के घर जा कर उसके पापा से उसका हाथ माँगेगा लेकिन उसे फिर याद आता था कि प्रतिभा के पापा उससे कितना चिढ़ते थे। उसे डर लगा रहता था कि कहीं वो शादी से इनकार ना कर दें। लेकिन जब उसे पता चला कि ख़ुद राजेंद्र जी ही उसके लिए सरकारी लड़का खोज रहे हैं तो उसने ये सारा प्लान बनाया। अब वो चाहता था कि राजेंद्र ख़ुद उससे रिश्ते की बात कहें और वो हाँ कह कर एक तरह से उन पर एहसान जताए। इसीलिए तो वो कल उनके घर नहीं गया। उसे पता था राजेंद्र उसे बहाने से ज़रूर बुलायेंगे। वो अपना नंबर भी उन्हें दे आया था।
इधर घर में टेंशन का माहौल बना हुआ था। उस दिन कौशिक के जाने के बाद प्रतिभा दादी से बता रही थी कि कौशिक से मिलकर उसे ख़ुशी हुई। बहुत टाइम बाद उसने अपने दोस्त को देखा था। इस पर दादी ने कहा कि वो पहली बार किसी लड़की को अपनी बर्बादी पर खुश होते देख रही है। प्रतिभा दादी की बात नहीं समझी जिसके बाद दादी ने उसे बताया कि उसके पापा ने जब सुना कौशिक की सरकारी जॉब है तो अब वो उसी से उसकी शादी कराने का मन बना रहे हैं। दादी ने बताया कि वो एक आध दिन में ही कौशिक से बात करने वाले हैं। ये सुनते ही प्रतिभा दंग रह गई। उसने कौशिक को कभी भी दोस्त से ज़्यादा और कुछ नहीं समझा था। उससे शादी के बारे में वो सपने में भी नहीं सोच सकती थी।
उसे यकीन था कि वो अगर कौशिक से इस शादी को लेकर मना करने के लिए कहे तो वो मना कर देगा। उसे लग रहा था कौशिक के दिल में भी उसके लिए ऐसा वैसा कुछ नहीं होगा। उसने कौशिक से इस बारे में बात करने का मन बना लिया था लेकिन वो उसे कॉल करती इससे पहले ही उसका मैसेज आ गया। उसने लिखा था कि उसके पापा ने उसे कल घर पर बुलाया है और वो जानता है कि वो किस बारे में बात करने वाले हैं। इसके बाद उसने हार्ट का इमोजी बनाया था। ये देखते ही प्रतिभा का वहम टूट गया। वो समझ गई कि कौशिक भी उससे शादी करना चाहता है। उसने तुरंत मैसेज कर धीरज को सारी बात बतायी।
प्रतिभा ने धीरज को पहले से ही कौशिक के बारे में बताया हुआ था। धीरज उससे कभी मिला तो नहीं था लेकिन उसे उसके नाम से ही नफ़रत थी। इसकी वजह थी उसका प्रतिभा का क्लोज़ फ्रेंड होना। प्रतिभा जब जब उसकी और अपनी बचपन की यादें धीरज के साथ शेयर करती तब तब धीरज चिढ़ जाता। वो अक्सर कहता था कि कौशिक पक्का उसे पसंद करता है लेकिन प्रतिभा ही बार बार इस बात से इनकार करती थी। आज धीरज को जब पता चला कि वो उसके घर आ रहा है और उसके पापा उससे प्रतिभा की शादी की बात करेंगे तो वो उसे taunt मारते हुए कहने लगा कि वो तो उसे सिर्फ़ दोस्त मानता था ना। प्रतिभा ने उसे कहा कि वो उसे ताने मारने बंद करे और इस मुसीबत से निकालने का कोई रास्ता निकाले। धीरज ने कहा कि वो फ़िक्र ना करे उसके रहते हुए कोई भी लड़का उसके आसपास भी नहीं आ सकता। प्रतिभा को उसकी बातों में कौंफिडेंस नज़र आया, जिसके बाद उसकी टेंशन कुछ हद तक कम हुई थी।
आज कौशिक उसके घर आने वाला था और धीरज ने उसे रास्ते से हटाने का मस्त प्लान बनाया था। उसने सोचा था कि वो आज उसी टाइम पर प्रतिभा के घर जाएगा जब कौशिक वहाँ आया होगा। वो राजेंद्र के सामने ये साबित करेगा कि कौशिक प्रतिभा के लिए सही लड़का नहीं है। उसे पता था ये काम बहुत मुश्किल है लेकिन वो प्रतिभा के लिए किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार था।
जैसे ही कौशिक प्रतिभा के घर पहुचा वैसे ही उसने धीरज को फ़ोन कर के बता दिया। कौशिक ने नोटिस किया कि प्रतिभा उसे देखकर कुछ ख़ास खुश नहीं हुई। इसके बाद वो राजेंद्र से जा कर मिला। वो उसे देख कर बहुत खुश हुए। उन्होंने उसे अपने पास बैठने को कहा। कौशिक वहाँ बैठ तो गया लेकिन उसे वहाँ बहुत गन्दी स्मेल आ रही थी। हालांकि वहाँ बैठना उसकी मजबूरी थी। राजेंद्र ने कुछ इधर उधर की बातें करने के बाद उससे प्रतिभा के रिश्ते की बात करनी चाही लेकिन उन्होंने जैसे ही इसकी शुरुआत की वैसे ही धीरज आ गया। वो तो वैसे भी उसे देख चिढ़ जाते थे लेकिन इस समय तो उनका मन कर रहा था कि वो उस पर चिल्ला दें। वही था जो उनकी सेवा कर रहा था, इस लिहाज़ से वो अपना गुस्सा पी गए। राजेंद्र ने बेमन से कौशिक से धीरज का इंट्रोडक्शन करवाया। दोनों ने एक दूसरे से हाथ मिलाया। धीरज ने सोशल मीडिया की मदद से उसके बारे में कुछ बातें पता की थीं। धीरज ने पहले उसकी जॉब के बारे में पूछा। उसने बताया कि वो बिजली विभाग में एक ऑफ़िसर पोस्ट पर है। धीरज ने कहा फिर तो उसने बहुत मेहनत से जॉब पायी होगी। कौशिक ने जवाब दिया कि चार साल तो उसने सचमें बहुत मेहनत की लेकिन वो पास नहीं हो पाया। लेकिन फिर पांचवें साल किस्मत ने उसका साथ दिया और उसका सलेक्शन हो गया।
धीरज ने कहा कि ऐसी नौकरियाँ किस्मत से नहीं बल्कि मेहनत से मिलती हैं। उसने मेहनत की होगी तभी वो क्लियर कर पाया। कौशिक ने हँसते हुए कहा कि वो सिर्फ़ पढ़ाई कर के कभी पास नहीं हो सकता था। सबको पता है कि उसका दिमाग़ इतना तेज नहीं है। ये किस्मत का ही कोई खेल था जो उसे नौकरी मिल गई। राजेंद्र जी के लिए सरकारी नौकरी इसलिए इमोपोर्टेंट थी क्योंकि एक तो वो सिक्योर होती है और दूसरा सरकारी नौकरी करने वाले अपने कायदे क़ानून के बहुत पक्के होते हैं, क्योंकि उन्होंने इस नौकरी को पाने के लिए मेहनत की होती है। लेकिन यहाँ तो कौशिक मेहनत से ज़्यादा किस्मत पर भरोसा कर रहा था। राजेंद्र को भी उसका ऐसे कहना खटका लेकिन सरकारी नौकरी का नशा इतनी जल्दी नहीं उतरने वाला था।
कौशिक बताने लगा कि उसकी कितनी ठाठ है। उसे सरकार की तरफ़ से ही क्वाटर और गाड़ी मिली है। वो ऑफ़िस में भी कुछ ख़ास काम नहीं करता। उसके पूरे मज़े हैं। उसने कहा कि उसकी दोस्ती बड़े बड़े लोगों से है क्योंकि वो उनके काम आता है। जिसके बदले में वो उसे किसी तरह की कमी नहीं रहने देते। अपनी तारीफ़ करते हुए कौशिक अनजाने में ये बता रहा था कि वो रिश्वत लेता है। धीरज ने उसे टोकते हुए कहा कि लेकिन ऐसी नौकरी में तो किसी को फ़ेवर करना और बदले में गिफ्ट्स लेना सही नहीं है। अगर किसी दिन वो पकड़ा गया तो मुसीबत में फंस सकता है। कौशिक ने कहा लखनऊ में कोई ऐसा पैदा नहीं हुआ जो उसे हाथ लगा दे। उसका उठना बैठना हर तरह के लोगों के साथ है। उसके ऐसे दोस्त भी हैं जो उसके एक इशारे पर किसी को भी ग़ायब करवा सकते हैं।
कौशिक ने ये भी बता दिया था कि उसकी दोस्ती गुंडे बदमाशों से भी है। राजेंद्र उन दोनों की बात सुन रहे थे। कौशिक को अहसास हुआ कि ये लड़का जो अभी तैयारी ही कर रहा है उसका कुछ ज़्यादा ही सर खा रहा है। उसे इस बात की भी जल्दी थी कि राजेंद्र जल्दी से उससे प्रतिभा के रिश्ते की बात करें। धीरज ने कुछ सवाल और किए जिससे कौशिक फ्रस्टेट हो गया। उसने झल्लाते हुए कहा कि एक तो राजेंद्र के बिस्तर से आ रही बदबू उसे परेशान कर रही है उपर से उसके सवाल नहीं खत्म हो रहे। वो जब कुछ बन जाएगा तब उससे आ कर बात करे। कौशिक ने उसे वहाँ से जाने के लिए कहा। धीरज का मन हुआ एक पंच मार कर उसका मुँह तोड़ दे लेकिन वो चुप रहा।
राजेंद्र ने भी धीरज को जाने से नहीं रोका। वो कुर्सी से उठ ही रहा था कि राजेंद्र ने कौशिक से कहा कि वो प्लीज़ उसे वाशरूम तक ले जाये, उसे टॉयलेट यूज़ करना है। कौशिक ये सुनते ही मुँह बना लिया और बोला कि वो उसे माफ करें लेकिन वो ये नहीं कर सकता। उसे हाईजीन इशू है, अगर उसने उन्हें छुआ भी तो उसे तुरंत नहाना पड़ जाएगा। इतना सुनते ही धीरज आगे आया और बोला कि वो उन्हें ले जाएगा। कौशिक उसे देखता रह गया। धीरज राजेंद्र को वॉशरूम ले गया।
वापस आने के बाद राजेंद्र ने धीरज को बैठने के लिए कहा। ये देख कौशिक को गुस्सा आ गया उसने राजेंद्र से कहा कि उन्होंने उसे कुछ बात करने के लिए बुलाया था ना। राजेंद्र ने कहा…
राजेंद्र(नार्मल)- हाँ बात तो करनी थी और बात ये थी कि आज के बाद मेरी बेटी के आसपास भी दिखे या उसे फ़ोन करने की कोशिश की तो फिर मैं वो करूँगा जो तूने कभी सोचा भी नहीं होगा। अपनी मेहनत पर तुझे भरोसा नहीं है, रिश्वत तू लेता है, गुंडे बदमाशों से तेरी दोस्ती है, कोई ऐसा ग़लत काम बचा है जो तू नहीं करता?
कौशिक ने कहा वो सरकारी नौकरी करता है यही सबसे बड़ी बात है और उन्हें भी तो सरकारी दामाद चाहिए। वो जानता है कि उन्होंने उसे प्रतिभा से उसके रिश्ते की बात करने के लिए बुलाया है और वो इस रिश्ते को मंजूर कर उन पर एहसान करेगा। राजेंद्र गुस्से में चिल्लाए और बोले कि अगर वो एक मिनट में यहाँ से नहीं गया तो ये सामने बैठा लड़का उसकी टांगें तोड़ देगा। इतना सुनते ही धीरज चौड़ में आ गया। वो उठा और उसे घूरने लगा। धीरज के सामने कौशिक फिसड्डी था उसे पता था अगर दोनों लड़े तो उसकी खैर नहीं होगी। वो वहाँ से चला गया।
दादी बाहर से सब देख सुन रही थी। उसने जाते हुए कौशिक से कहा कि वो अगर उन्हें दोबारा दिखा तो इस छड़ी से उसे खूब मारेंगी। इसके बाद वो अंदर आईं और राजेंद्र का माथा चूमते हुए बोलीं, ये उसकी ज़िंदगी का सबसे बेहतरीन काम था। राजेंद्र ने कहा कि उसे सरकारी दामाद ज़रूर चाहिए लेकिन ऐसा नहीं जिसे ग़लत और सही में फ़र्क़ ही ना पता हो। धीरज और प्रतिभा अपनी जीत पर मन ही मन बहुत खुश थे।
क्या धीरज राजेंद्र के दिल में जगह बना पायेगा? क्या राजेंद्र अब सरकारी दामाद खोजने की ज़िद छोड़ देंगे?
जानने के लिए पढ़िए कहानी का अगला भाग।
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