सौरव प्रतिभा को इंप्रेस करने के लिए उसे घुमाने ले गया था लेकिन दादी ने उसके ऐसे कान भरे कि उसने तो प्रतिभा से शादी करने से ही मना कर दिया। इधर राजेंद्र उसके मम्मी पापा के साथ घूमते हुए दोनों की शादी की प्लानिंग कर रहे थे। उसके मम्मी पापा को भी पूरा यकीन हो गया था कि अब ये रिश्ता कहीं नहीं जाने वाला लेकिन जैसे ही वो घर पहुंचे, सौरव उनका लॉन में बैठा इंतज़ार कर रहा था। उसने कहा कि उसे अभी निकलना है आगरा के लिए। राजेंद्र हैरान रह गए कि आख़िर ऐसा क्या हो गया जो सौरव जाने के लिए बोल रहा है जबकि तय तो ये हुआ था कि वो दो तीन दिन यहाँ रुकेंगे। सौरव के मम्मी पापा भी हैरान थे क्योंकि कल रात ही तो सौरव ने शर्माते हुए उन्हें बताया था कि उसे प्रतिभा पहली ही नज़र में पसंद आ गई थी।

उसके पापा ने उसे साइड में ले जा कर पूछा कि वो ये अचानक से चलने की ज़िद क्यों करने लगा? सौरव ने कहा कि उसे ये शादी नहीं करनी। ये सुन कर सब हैरान थे। उसके पापा ने पूछा कि उसने तो कहा था उसे प्रतिभा पसंद है फिर वो ऐसा क्यों कह रहा है। सौरव के पास इसका कोई जवाब नहीं था क्योंकि दादी ने उसे इमोशनली ब्लैकमेल कर के ये वादा लिया था कि वो किसी से नहीं कहेगा कि उनके बीच में क्या बात हुई है। सौरव ने अपने पापा से कहा कि प्रतिभा से मिलने के बाद पता चला कि वो उसके स्टैंडर की नहीं है। उसे ऐसी लड़की चाहिए जो उसके मॉडर्न दोस्तों के बीच उठ बैठ सके लेकिन प्रतिभा एक घरेलू लड़की है।

उसके पापा ने कहा कि अभी तक तो वो कह रहा था कि उसे घरेलू लड़की चाहिए जो उसके माँ बाप का ख्याल रख सके, तो अब उसका इरादा कैसे बदल गया। उन्होंने सौरव को ये भी याद दिलाया कि उसे और उसके दोस्तों का स्टैंडर्ड वो खूब अच्छे से जानते हैं, उसके सभी दोस्त यहीं लोकल इसी शहर के हैं और वो ख़ुद पोस्ट ऑफ़िस में काम करता है। उसके दोस्तों ने जैसी घरेलू लड़कियों से शादी की है उस हिसाब से प्रतिभा का लेवल बहुत ऊपर है। सौरव अपने पापा की बात सुनकर थोड़ा घबरा गया। उसे कुछ नहीं सुझा तो उसने कह दिया कि जो भी हो उसका इस घर में शादी करने का मन नहीं है और उसके साथ किसी तरह की ज़बरदस्ती नहीं चलेगी। सौरव के पापा के लिए सौरव का ऐसा कहना हैरान कर देने वाली बात थी क्योंकि उसने कभी उन्हें ऐसे जवाब नहीं दिया था।

लेकिन जब सौरव ही इस शादी के लिए साफ़ मना कर रहा था तो वो ज़्यादा फोर्स भी नहीं कर सकते थे। उन्होंने फैसला किया कि वो अभी यहाँ से आगरा के लिए निकलेंगे लेकिन राजेंद्र से कुछ नहीं कहेंगे। घर पहुंचने के बाद वो उन्हें फ़ोन कर देंगे। उन्होंने राजेंद्र से मिलकर कहा कि उन्हें अभी निकलना होगा। राजेंद्र पूछने लगे कि आख़िर बात क्या हुई है, अचानक से जाने का फैसला कैसे कर लिया सौरव ने। भूपेंद्र कुछ नहीं बोले। तब राजेंद्र ने उन्हें कहा कि उन्हें सीधी बात कहना और सुनना पसंद है इसलिए जो भी बात है उन्हें बता दे। राजेंद्र ने वादा किया कि इसका असर उनकी दोस्ती पर नहीं पड़ेगा। तब भूपेंद्र ने नजरें झुकाये हुए कहा कि उन्हें नहीं पता कि हुआ क्या है लेकिन सौरव ने शादी से साफ़ मना कर दिया। वो साफ़ साफ़ कुछ नहीं बता रहा बस कह रहा है कि उसे शादी नहीं करनी। राजेंद्र ने उनसे पूछा कि क्या उसे प्रतिभा पसंद नहीं आई? भूपेंद्र ने जवाब दिया कि प्रतिभा ऐसी लड़की है जो किसी को भी पसंद आ जाएगी। सौरव ने ये भी खुल कर नहीं कहा, बस वो शादी नहीं करना चाहता और इसके लिए वो लोग उसे फोर्स भी नहीं कर सकते।

राजेंद्र के पास इससे आगे पूछने के लिए कुछ भी नहीं था। आधे घंटे में सौरव और उसकी फैमिली अपनी कार में जयपुर से आगरा के लिए निकल पड़े। राजेंद्र ने उन्हें ये भी कहा कि रात हो रही है, वो कल सुबह निकल जाएं लेकिन सौरव नहीं माना। राजेंद्र पर दो दो दुख के पहाड़ टूटे थे। एक तो उन्हें सरकारी दामाद मिलते मिलते रह गया था दूसरा इनकी खातिरदारी में उनका मोटा पैसा खर्च हो गया था। हालांकि भूपेंद्र ने जाते हुए राजेंद्र से कहा था कि वो इस हाउस के रेंट में शेयर देना चाहता है लेकिन राजेंद्र ने दोस्ती का वास्ता देकर उसे मना कर दिया।

इधर सौरव की गाड़ी जाती देख प्रतिभा ख़ुशी के मारे उछल रही थी। लेकिन दादी चुपचाप थी। प्रतिभा ने उन्हें गले लगाते हुए कितनी बार थैंक्यू कहा। वो फिर भी नहीं बोली तो प्रतिभा ने पूछ लिया कि उन्होंने इतना बड़ा काम कर दिया है फिर भी वो ऐसे चुप क्यों हैं। दादी ने कहा वो उसकी बेवक़ूफ़ी देख कर दुखी हैं इसलिए चुप हैं और उसकी यही बेवक़ूफ़ी उनका भांडा फोड़ेगी। प्रतिभा ने हैरानी से पूछा कि उसने ऐसा क्या किया है। दादी बोली, ‘’जिस लड़की का अभी अभी रिश्ता टूटा हो वो भला ऐसे खुश होगी? यही ख़ुशी अगर तेरे बाप ने देख ली तो तुरंत समझ जाएगा कि ये सब मेरा किया हुआ है। तेरे पास मौक़ा है। तू उसे ऐसे इमोशनल कर कि उसे ख़ुद के किए पर पछतावा होने लगे और फिर उससे प्रोमिस माँग कि वो तेरे लिए ऐसे अचानक रिश्ते नहीं ढूँढेगा और तुझे ,किसी फैमिली से ऐसे बिना बताये नहीं मिलवायेगा। तू उसे कह कि वो कोई घर का सामान नहीं जो किसी के भी सामने रख दी जाये और सामने वाले मना कर के चले जाएं।''

प्रतिभा ने कहा वो भला अपने पापा से ऐसा कैसे कह सकती है? दादी ने कहा अगर प्रतिभा ने ऐसा नहीं किया तो राजेंद्र फिर से उन दोनों पर भड़केगा। प्रतिभा मान गई। लेकिन उसे रोना नहीं आ रहा था। उसने कहा कि वो रोए कैसे? तभी दादी ने उसे एक थप्पड़ मारा और कहा कि अब उसे अच्छे से रोना आएगा। प्रतिभा मुँह सुजाये दादी को घूरती रही।

इधर राजेंद्र को पूरा यकीन था कि दादी ने ही कोई रायता फैलाया होगा जिससे सौरव ने शादी से मना कर दिया। वो गुस्से से भरे हुए दादी के रूम में आए लेकिन यहाँ जो चल रहा था उसे देख वो अपना गुस्सा भूल गए। उन्होंने देखा कि प्रतिभा दादी से लिपटी हुई रो रही है। राजेंद्र ने पूछा कि वो क्यों रो रही है। दादी ने गुस्से में कहा कि जिस लड़की का रिश्ता टूटा हो वो क्या ख़ुशी मनाएगी। राजेंद्र अब गुस्सा होने की बजाये शर्मिंदा होने लगे। उन्होंने प्रतिभा को चुप कराने की कोशिश की लेकिन प्रतिभा रोती रही। दादी ने उसे धीरे से चिमटी काट कर कुछ बोलने का इशारा किया। जिस पर प्रतिभा कहने लगी, ‘’पापा मैंने कभी आपकी बात नहीं टाली। सब आपसे लड़ते हैं लेकिन मैं कभी आपको कुछ नहीं कहती। मैंने आपसे कभी नहीं कहा कि मेरा अभी 2 साल शादी करने का मन नहीं है। मुझे अभी पढ़ना है क्योंकि मैं जानती हूँ आपको टेंशन रहती है। लेकिन मैं कोई सामान नहीं हूँ जिसे बार बार लोगों के सामने पेश किया जाये और वो मुझे इग्नोर कर के चले जाएं। मेरा भी दिल है जो इन बातों से दुखता है। मुझे तो लगा था इस लड़के से मेरी शादी होगी लेकिन वो भी मुझे रिजेक्ट कर के चला गया। आपको जहाँ मेरी शादी करनी है करते रहिएगा लेकिन मुझे प्रोमिस करिए कि अब आप मुझे इस तरह अचानक से इन चीज़ों में इन्वॉल्व नहीं करेंगे। कितना बुरा लगता है जब कोई आपको नकार कर चला जाये। वादा कीजिए पापा आप दोबारा इस तरह से किसी लड़के और उसकी फैमिली को मुझसे मिलवाने नहीं लायेंगे।''

राजेंद्र सोच में पड़ गए कि जबतक कोई लड़की नहीं देखेगा तबतक पसंद कैसे करेगा? लेकिन अभी ये सब सोचने का टाइम नहीं था, उनकी बेटी लगातार रो रही थी और उन्हें उसे चुप कराना था। उनका बिल्कुल मन नहीं था ऐसा वादा करने का लेकिन प्रतिभा का दिल रखने के लिए उन्हें वादा करना पड़ा। वैसे तो उन्हें भी इस बात का बुरा लग रहा था कि कोई दो टके का लड़का उनकी फूल सी बच्ची को बिना किसी वजह के ठुकरा कर चला गया था लेकिन वो भला अपनी गलती कैसे मानते। उनके लिए तो हर वो काम परफ़ेट था जो वो ख़ुद करते थे। हालांकि प्रतिभा के इस ड्रामे में राजेंद्र पूरी तरह से भूल गए थे कि वो दादी पर गुस्सा थे। अब उन्हें लग रहा था कि ये सारी गलती उस सौरव की होगी।

उनके वादा करने के बाद प्रतिभा ने रोना बंद किया और कहा कि उस सौरव के चक्कर में उनके जयपुर ट्रिप का भी सत्यानाश हो गया। राजेंद्र ने अपनी बेटी को खुश करने के लिए कहा कि वो इस ट्रिप को बर्बाद नहीं होने देंगे। कल वो फिर से जयपुर घूमने चलेंगे। प्रतीभा अब खुश हो गई। शादी की टेंशन के साथ वो अच्छे से घूम भी नहीं पायी थी। लेकिन अगले दिन उन्होंने खूब इंजॉय किया। उन्होंने पूरा जयपुर घूमा। दादी भी अब पूरे एंजॉय मोड में आ गई थीं। उन्हें हर आधे घंटे पर भूख लग रही थी और जो कुछ भी खाने के लिए दिख रहा था वो सब खा रही थी। राजेंद्र ने उन्हें कई बार ये कहते हुए रोका कि उनकी तबीयत ख़राब हो जाएगी। दादी ने ये कहते हुए हर बार उनकी बात टाल दी कि वो अपनी टेंशन ले उन्हें कुछ नहीं होने वाला क्योंकि वो अभी जवान हैं।

इसी मस्ती के साथ जयपुर का ट्रिप खत्म हो गया। अगले दिन पूरी मिश्रा फैमिली हँसती गाती आगर के लिए निकल पड़ी। प्रतिभा जाते हुए जितनी सैड थी आते हुए वो उतनी ही मस्ती में झूम रही थी। उसने धीरज को सारी अपडेट दी थी। हालांकि धीरज का एग्जाम था इसलिए वो ज़्यादा बात नहीं कर पाया था। वो अपनी तैयारी में ही लगा हुआ था। लंबी ड्राइव के बाद मिश्रा फैमिली अपने घर पहुँच गई थी।

प्रतिभा आते ही अपने घर और किचन की सफ़ाई में जुट गई। इधर उधर का खाने की वजह से दादी का पेट ख़राब हो गया था इसलिए वो आते ही वाशरूम की तरफ़ भागीं। राजेंद्र ने taunt करते हुए कहा कि लगता है जवान लोगों की तबीयत ख़राब हो गई। जिसके बदले में उन्हें अपनी माँ से चार बातें सुननी पड़ी थीं।

इसके बाद राजेंद्र बाहर लगा लेटर बॉक्स चेक करने चले गए। उन्होंने देखा कि लेटर बॉक्स में तीन चार लेटर पड़े हुए हैं। वो उन्हें अंदर ले आए और खोल खोल कर पढ़ने लगे। उनमें दो लेटर तो ख़ास कुछ काम के नहीं थे लेकिन आख़िरी वाले पर उनकी नजरें जम गईं। उस लेटर को पूरा पढ़ने तक राजेंद्र की आँखों के आगे बेहोशी सी छाने लगी थी और जैसे ही वो लेटर खत्म हुआ राजेंद्र बेहोश हो कर धड़ाम से ज़मीन पर गिर पड़े। उनके गिरने की आवाज़ सुन प्रतिभा किचन से दौड़ी आई और उन्हें बेहोश देख चिल्ला पड़ी।

आख़िर राजेंद्र ने ऐसा क्या पढ़ लिया जो वो बेहोश हो गए? क्या मिश्रा परिवार पर कोई बड़ी मुसीबत आने वाली है? 

जानने के लिए पढ़िए कहानी का अगला भाग।

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