दादी की चाल कामयाब हो गई थी, वो प्रतिभा को उस लड़के के साथ अकेले नहीं जाने देना चाहती थी। उन्होंने दिमाग़ लगा कर उन दोनों के साथ जाने का जुगाड़ लगा लिया था। इधर सौरव को प्रतिभा पसंद थी और उसने मन बना लिया था कि आज वो उसे इंप्रेस करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगा। जिस तरह से रात दादी ने उसे बेटा कहा था उसे लग रहा था कि वो दादी को इंप्रेस कर चुका है लेकिन उस बेचारे को क्या पता था ये तो उनकी चाल थी।
राजेंद्र भूपेंद्र और उमा अपनी कार से घूमने निकले थे जबकि सौरव ने कहा था कि वो पब्लिक ट्रांसपोर्ट से जाएँगे क्योंकि जिधर वो जा रहे हैं उधर काफ़ी ट्रैफ़िक होगा। असल में सौरव जानता था कि जब वो ड्राइव करेगा तो उसे प्रतिभा से बात करने का मौक़ा नहीं मिलेगा लेकिन पब्लिक ट्रांसपोर्ट में वो उसके साथ बैठ सकता था। उससे बातें कर सकता था। उसने सोचा था कि वो दादी को इधर उधर बैठा देगा और ख़ुद प्रतिभा के साथ बातें करता हुआ जाएगा। इससे उन दोनों के बीच जानपहचान बढ़ेगी। यही सोच कर उसने ऑटो बुक किया। पहले प्रतिभा बैठी उसके बगल में सौरव बैठ गया। जिसे देख प्रतिभा को बहुत गुस्सा आया लेकिन वो क्या ही बोल सकती थी। इधर दादी अंदर नहीं बैठ रही थीं। सौरव ने पूछा वो क्यों नहीं बैठ रहीं? दादी बोलीं, ‘’मुझे साइड की सीट पर बैठने में डर लगता है। एक बार मैं चलते ऑटो से गिर गई थी। सबने मिलकर ऑटो वाले को बहुत मारा था। मुझसे ज़्यादा चोट तो उस बेचारे को आई थी। मैं नहीं चाहती मेरी वजह से किसी ग़रीब को फिर से मार पड़े, इसीलिए मैं साइड वाली सीट पर नहीं बैठती।
दादी की कहानी सुन कर सबसे पहले ऑटो वाला डरा, उसने सौरव से कहा कि वो ऐसा रिस्क नहीं ले सकता, वो उन्हें बीच में बैठा लें। सौरव को ना चाहते हुए भी साइड में बैठना पड़ा। दादी ने प्रतिभा को देख आँख मारी और प्रतिभा इस ट्रिप में पहली बार मुस्कुरायी। जैसे तैसे वो लोग हवा महल पहुंचे। वहां सौरव प्रतिभा के साथ फ़ोटो क्लिक कराना चाहता था। उसने एक बंदे को अपना फ़ोन दे कर उन दोनों की फ़ोटो क्लिक करने के लिए कहा। वो जैसे ही फ़ोटो क्लिक करने वाला था वैसे ही दादी फ़ोटो में आ गई। उन्होंने कहा शायद सौरव बेटा उन्हें बुलाना भूल गया इसीलिए वो ख़ुद आ गई। सौरव को चिढ़ हो रही थी लेकिन वो बेचारा करे तो करे क्या। इसके बाद दादी ने उसे उनकी और प्रतिभा की फ़ोटोज़ लेने को कहा। सौरव जो भी फ़ोटो क्लिक करता दादी कहती कि ये अच्छी नहीं आ रही। इसमें वो बहुत बूढ़ी दिख रही हैं। सौरव वैसे तो अच्छी फ़ोटोज़ क्लिक करता था लेकिन उसे ये टेक्निक नहीं पता थी कि एक अस्सी साल की बुड्ढी की जवान दिखने वाली तस्वीर कैसे ली जाती है। क़रीब एक घंटे तक दादी ने सौरव को ऐसे ही घुमाया।
इसके बाद वो दूसरी जगह घूमने गए। दादी कुछ खा रही थीं सौरव को लगा ये प्रतिभा से बात करने का अच्छा मौक़ा है। वो प्रतिभा के पास जाकर बैठ गया। वो जैसे ही बात शुरू करने लगा उसने देखा दादी भी उनके पीछे वहीं आ गई हैं। वो जहाँ जहाँ जा रहे थे दादी उनके पीछे ही थी और कहीं वो ज़्यादा पीछे रह जाती तो चिल्ला कर कहने लगतीं, सौरव बेटा दादी को भूल गया। फिर सौरव को शर्मिंदा हो कर उनके साथ साथ चलना पड़ता। वो तीनों फोर्ट घूम रहे थे तभी प्रतिभा को धीरज का फ़ोन आने लगा। वो भले उससे नाराज़ थी लेकिन अभी उसे उसकी सख़्त ज़रूरत थी। वो दादी और सौरव से थोड़ा दूर चली गई।
धीरज ने फ़ोन उठाते ही लगातार सॉरी कहना शुरू कर दिया। प्रतिभा को पता था ऐसा ही होगा। धीरज कहने लगा कि वो बस अपने एग्जाम पर फ़ोकस कर रहा है क्योंकि उसे पता है उनके पास एक होने का बस यही एक रास्ता है और उसे इस बात से कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता कि उसे देखने कौन आया है क्योंकि वो जानता है, प्रतिभा को सिर्फ़ धीरज का ही होना है। उसे अपने प्यार पर पूरा यकीन है। कोई चाहे जितना भी ज़ोर लगा ले वो प्रतिभा को धीरज से दूर नहीं कर सकता। उसने कहा कि अगर वो ये सोचने में टाइम बिता देगा कि वो लड़का अभी प्रतिभा के साथ घूम रहा होगा, बातें कर रहा होगा तो वो पढ़ाई कब करेगा। ये सब वो तब करता जब उसे प्रतिभा पर यक़ीन नहीं होता। मगर उसे भगवान से ज़्यादा उसपर यकीन है। प्रतिभा को धीरज की बातें सुन कर रोना आने लगा। उसने कहा कि वो उसके बिना नहीं रह सकती। धीरज ने उसे चुप कराया और उसका मूड ठीक किया। जिसके बाद वो उसे दादी के किससे सुनाने लगी कि कैसे दादी उसे उस लड़के से दूर रख रही है। धीरज दादी के किससे सुन कर ज़ोर ज़ोर से हँसने लगा।
इधर सौरव दादी से पूरी तरह चिढ़ गया था। उसका मन हो रहा था कि वो उन्हें कहीं दूर छोड़ आए। वो पूरी तरह से कबाब में हड्डी बन चुकी थीं। सौरव वाशरूम चला गया था। पीछे से प्रतिभा आ गई। वो दादी के गले लग कर रोने लगी। दादी ने पूछा कि वो रो क्यों रही है तो प्रतिभा ने कहा उसे अभी शादी नहीं करनी। दादी ने उसे कहा कि अभी वो उसकी शादी होने भी नहीं देगी। प्रतिभा ने कहा कि जिस तरह से पापा इस फैमिली से घुल मिल रहे हैं उससे उसे लग रहा है कि वो रिश्ता पक्का कर के ही मानेंगे। दादी ने कहा उनके रहते ऐसा कभी नहीं होगा। वो देखती जाये कि वो क्या करती है। प्रतिभा ने पूछा कि वो कैसे इस रिश्ते को पक्का होने से रोकेगी, यहाँ तो सब माने हुए हैं। ये लड़का भी पूरी तैयारी कर के आया है। दादी ने कहा कि अगर लड़का ही ना कर दे तो कोई क्या कर सकता है। प्रतिभा हैरान हो गई उसने पूछा कि ये कैसे होगा। दादी ने कहा कि वो बस सौरव के वापस आने से पहले यहाँ से चली जाये और उसे कुछ देर उस लड़के के साथ छोड़ दे। प्रतिभा ने वैसा ही किया वो उनसे दूर चली गई और फिर से धीरज से बात करने लगी।
इधर सौरव वाशरूम से लौट आया था। उसने पूछा कि प्रतिभा अभी तक नहीं लौटी। दादी ने कहा उसकी सहेली का फ़ोन होगा, जब भी उसका फ़ोन आता है ये घंटों उससे बात करती रहती। सौरव कुछ नहीं बोला। दादी ने सौरव से कहा कि वो उसे बहुत प्यारा लगता है। नहीं तो इतनी जल्दी किसी से नहीं घुलती मिलती। सौरव ये सुन कर खुश हुआ। दादी ने कहा उसकी इतनी अच्छी जॉब है, वो बाबू है, सब उसे सलाम ठोकते होंगे। उनका एक भतीजा था जो उसी की तरह हैंडसम और स्मार्ट था। उसकी भी ऐसी ही बाबू वाली नौकरी थी। उसे देख कर उन्हें उसी की याद आती है। सौरव ख़ुद की तारीफ़ सुन कर धीरे धीरे ये भूल रहा था कि वो दादी से चिढ़ा हुआ था।
उसने पूछा कि अब उनका भतीजा कहाँ है। दादी ने सैड फ़ेस बनाते हुए कहा वो अब इस दुनिया में नहीं है। सौरव ने सॉरी कहते हुए पूछा कि उनकी डेथ कैसे हुए। तब दादी अपने भतीजे की कहानी बताते हुए बोली, ‘’ग़लत लड़की से शादी करना उसे भारी पड़ गया। बेटा जोड़ियां भगवान बनाता है लेकिन जब इंसान अपनी गलती से दो ग़लत लोगों की शादी करा देता है तो सब गड़बड़ हो जाती है। ज़िंदगी जीते जी नर्क हो जाती है। अब मेरे भतीजे की ही बात बताती हूँ। बिल्कुल तेरे जैसा ही सुंदर सुशील लड़का था। सरकारी नौकरी, अच्छी ठाठ बाठ लेकिन शादी ग़लत लड़की से हो गई। घर में सारा दिन कलेश करती रहती थी। इधर की बात उधर, उधर की बात इधर यही सब चलता रहता था। मेरे भतीजे को इतना तंग कर दिया कि उसे फांसी लगानी पड़ी। जानते ही हो लड़की सही हो तो घर को स्वर्ग कर देती है और ग़लत हो तो ज़िंदगी तबाह कर देती है। तुम मुझे अपने लगे इसीलिए कह रही हूँ वरना अपनी पोतियों की बुराई करते हुए मेरी जीभ ना कट जाये। बड़ी ने तो अपनी मर्जी से शादी कर ली। जिसके पल्ले गई वो भुगते, उसमें हमारी तो कोई गलती नहीं निकलेगी। लेकिन अपने इस फूल से बच्चे की शादी अगर मैंने अपनी इस छोटी पोती से होने दी तो समझो ज़िंदगी भर ख़ुद को माफ नहीं कर पाऊँगी।''
उनकी बातें सुन कर सौरव अंदर तक हिल गया। उसने पूछा कि ऐसी क्या दिक्कत है प्रतिभा में जो वो ऐसा कह रही हैं? दादी ने कहा कि दिक्कत कोई नहीं है बस वो बहुत तेज और थोड़ी लड़की है। उसका बस चले तो अभी के अभी वो उस पर हाथ उठा दे। उसके लिए सौरव जैसा शरीफ लड़का सही नहीं रहेगा। सौरव तो कोई ऐसी लड़की डिजर्व करता है जो उसकी पोस्ट के बराबर हो, जो उसका पूरा ख्याल रखे लेकिन यहाँ तो उसकी पोती के अपने फैशन नहीं ख़त्म होते। उसका क्या ख्याल रखेगी। उसे तो ऐसी लड़की चाहिए जो उसकी बात माने, उसके मम्मी पापा का ध्यान रखे। मगर ये तो अपनी दादी और पापा को नहीं छोड़ती तो सोचो उसके मम्मी पापा के साथ कैसा बर्ताव करेगी। दादी ने फिर से कहा कि वो उसे अपना लगा इसलिए ये सब कह रही हैं नहीं तो अपनी पोती के बारे में ग़लत कौन बोलता है।
ये सब सुन कर सौरव के हाथ पैर काँपने लगे। उसने कहा कि अब उन्हें घर चलना चाहिए। दादी ने कहा इतनी भी क्या जल्दी है वो प्रतिभा से थोड़ी बात कर ले। सौरव ने कहा नहीं अब उसे कोई बात नहीं करनी उसने उसके बारे में बहुत कुछ जान लिया है। दादी ने उसे कहा कि वो उसे अपना मानती है और उसे यकीन है कि वो किसी से ये नहीं कहेगा कि उसे प्रतिभा के बारे में उन्होंने बताया है। दादी ने बनावटी आँसुओं के साथ कहा कि अगर प्रतिभा और उसके पापा को पता चला कि उन्होंने उसे सच बताया है तो वो उसे घर से निकाल देंगे। सौरव उन्हें रोता देख इमोशनल हो गया। उसने प्रोमिस किया कि वो किसी से कुछ नहीं कहेगा।
तब तक प्रतिभा भी आ गई। सौरव के चेहरे का उड़ा हुआ रंग देख वो समझ गई कि दादी का जादू चल चुका है। उसने सौरव से कहा क्या वो कहीं अकेले घूमने चलें? सौरव ने कहा नहीं उसे अब घर जाना है। कल वापस आगरा भी लौटना है। प्रतिभा ने उसके मज़े लेने के लिए उसे बहुत रोका लेकिन वो नहीं रुका। जिसके बाद तीनों वापस उस किराए वाले घर आ गए।
उनके पहुंचने के लगभग दो घंटे बाद राजेंद्र और उसके मम्मी पापा लौटे। सौरव उनका बेसब्री से इंतज़ार कर रहा था। वो बाहर लॉन में ही बैठा था। उसे देख राजेंद्र ने पूछा कि उनका दिन कैसा रहा? सौरव ने कहा कि दिन अच्छा था लेकिन उन्हें अभी के अभी वापस आगरा जाना होगा, उसे कल ज़रूरी काम है। सौरव के मम्मी पापा भी ये सुन कर हैरान थे। उसके पापा उसे अकेले में ले गए और कहने लगे कि उन्होंने तय किया था वो रिश्ता पक्का कर के वापस जाएँगे फिर अचानक उसे क्या हो गया। सौरव ने कहा ‘उसे शादी नहीं करनी।’
सौरव प्रतिभा से शादी ना करने की क्या वजह बताएगा? क्या फिर से मिश्रा परिवार में बड़ा कलेश होने वाला है?
जानने के लिए पढ़िए कहानी का अगला भाग।
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