अमूमन प्रतिभा रात में भी धीरज से मैसेज चैट ही करती थी लेकिन कल रात उसने उसे फ़ोन मिला लिया क्योंकि उसे लगा धीरज उसके पापा के बर्ताव के बाद अपसेट होगा। उसने धीरज को मना भी लिया और फिर दोनों अपने फ्यूचर के सपनों में खो गए। वो धीरज की बातों में इतना ज़्यादा डूब गई कि उसे ये एहसास ही नहीं हुआ कि उसके पापा दरवाज़े पर खड़े उसकी बातें सुन रहे थे। हालांकि प्रतिभा इतना धीरे बात कर रही थी कि वो क्या बोल रही है ये तो राजेंद्र नहीं जान पाए लेकिन इस बात से श्योर हो गए कि वो पक्का किसी से बात कर रही है। इतनी रात में अपनी बेटी को फ़ोन पर किसी से बात करते देख राजेंद्र के होश उड़ गए। उन्हें लगने लगा कि उनकी दूसरी बेटी ने भी उनका मान तोड़ दिया। जिसे वो इतनी संस्कारी समझते थे वो रात के एक बजे किसी लड़के से बात कर रही थी।

अगर राजेंद्र थोड़ा लिहाज़ भूल जाते तो वो रात को ही उसके कमरे की लाइट जला कर उसे रंगे हाथों पकड़ लेते लेकिन उन्हें ये करना सही नहीं लगा। बेटी को हाथ से निकलता देख सारी रात उनकी आँखों में नींद नहीं उतरी। सुबह प्रतिभा की आँख तब खुली जब राजेंद्र ने उसके दरवाज़े पर ज़ोर ज़ोर से नॉक करना शुरू किया। प्रतिभा हड़बड़ाई हुई उठी, उसने टाइम देखा तो अभी सिर्फ़ 6 ही बजे थे। पापा इतनी जल्दी उसे कभी नहीं उठाते थे। वो नींद भरी आँखें लिए बाहर आई। पापा ने पूछा नींद आ रही है? प्रतिभा ने कहा क्या उन्होंने यही पूछने के लिए उसे इतनी सुबह जगा दिया? राजेंद्र ने कहा हाँ जब देर रात फ़ोन पर बातें हों तब 6 बजे तो रात ही लगेगी।

फ़ोन का नाम सुनते ही प्रतिभा का दिल धक्क से रह गया। उसे लगा जैसे अचानक से उसका सिर किसी भारी चीज़ से टकरा गया हो। उसकी आँखों नींद अचानक से ग़ायब हो गई। राजेंद्र ने पूछा कौन है वो लड़का जिससे वो बात कर रही थी? प्रतिभा ये सोच कर डर गई थी कि उसकी चोरी पकड़ी गई है। उसमें इतनी हिम्मत नहीं थी कि रंगे हाथों पकड़े जाने के बाद भी वो झूठ बोल सके। उसने सोचा वो माफी माँग कर पापा को सब सच बता देती है लेकिन तभी उसे बचाने दादी आ गई। दादी ने राजेंद्र से कहा कि अगर कोई किसी से बात कर रहा हो तो ये ज़रूरी है कि सामने वाला लड़का ही हो। दादी ने कहा कि वो एक बार प्रतिभा से पूछ तो ले कि किसका फ़ोन था। राजेंद्र ने कहा उसे पूरा यक़ीन है कि वो किसी लड़के से ही बात कर रही थी।

दादी ने उनपर दहला मारते हुए पूछा कि क्या उसने सुना कि वो क्या बातें कर रही थी? राजेंद्र इस सवाल से थोड़ा सा सहम गए क्योंकि उन्होंने प्रतिभा की बातें नहीं बल्कि सिर्फ़ फुसफुसाहट सुनी थी। उन्होंने कहा कि उससे क्या मतलब है, उन्होंने उसके फुसफुसाने की आवाज़ सुनी, जो लोग तभी निकालते हैं जब वो किसी से छुप कर बात कर रहे हों और अगर प्रतिभा किसी लड़की से बात कर रही होती तो ऐसे छुप कर क्यों करती। बात तो राजेंद्र की सही थी लेकिन दादी उसे सही साबित होने दे तब ना। ये जानने के बाद कि राजेंद्र ख़ुद श्योर नहीं कि प्रतिभा किससे बात कर रही थी, प्रतिभा में भी हिम्मत आ गई। दादी ने कहा कि इतना सब ड्रामा करने और बच्ची पर इल्ज़ाम लगाने से अच्छा है कि वो उसका फ़ोन चेक कर ले। दादी ने ऐसा इसलिए कहा था क्योंकि उन्हें पता था प्रतिभा ने धीरज का नंबर ज्योति के नाम से सेव कर रखा है।

उन्हें लगा कि वो टाइमिंग देखेंगे और उन्हें यकीन हो जाएगा कि रात को ज्योति की ही कॉल आई थी। उन्होंने प्रतिभा से उसका फ़ोन मांगा। प्रतिभा ने फ़ोन तो दे दिया लेकिन उसकी रूह काँप रही थी डर के मारे। उसे डर था कि कहीं वो उस नंबर पर फ़ोन ना लगा दें। राजेंद्र ने देखा कि उसने रात एक बजे ज्योति को फ़ोन किया है। यहाँ बात खत्म हो जानी चाहिए थी लेकिन जबसे शालू की लव मैरिज हुई थी तब से वो पहले से बहुत ज़्यादा अलर्ट हो गए थे। उन्होंने कहा कि वो पूरी तहक़ीक़ात करेंगे। नाम तो किसी के भी नंबर पर कुछ भी लिखा जा सकता है। आज कल के बच्चे ऐसे ही तो माँ बाप को बेवकूफ बनाते हैं। वो इस नंबर पर कौल करेंगे।

इतना सुनते ही प्रतिभा से पहले दादी के होश उड़े। इस बार बेटे के यॉर्कर ने दादी को क्लीन बोल्ड कर दिया था। उन्हें लगा वो तो अपने ही बिछाए जाल में फ़ंस गई हैं। प्रतिभा तो जैसे बेहोश ही होने वाली थी। उसका एक मन हुआ कि वो पापा को रोक कर उन्हें सब सच बता दे फिर जो होगा देखा जाएगा लेकिन पता नहीं क्यों वो रुक गई। राजेंद्र ने ज्योति का नंबर मिलाया, कुछ देर तक फ़ोन नहीं उठा, ये देख कर प्रतिभा ने राहत की सांस ली। फिर जब उस नंबर पर फ़ोन रिसीव हुआ वो उधर से कोई आवाज़ नहीं आयी राजेंद्र भी इधर से कुछ नहीं बोले। दोनों तरफ़ से कुछ सेकेंड तक कोई आवाज़ नहीं आ रही थी। तभी दादी ने पीछे से कहा, बोल ना राजेंद्र, अब बोलता क्यों नहीं।

राजेंद्र ने दादी को घूर कर देखा तभी सामने से एक लड़की ने हैलो कहा। राजेंद्र लड़की की आवाज़ सुन कर हैरान रह गए। उन्होंने कहा बेटा कौन बोल रही हो। उधर से लड़की ने राजेंद्र को ‘अंकल नमस्ते’ कहते हुए बताया कि वो प्रतिभा की फ्रेंड ज्योति बोल रही है। उसने पूछा कि प्रतिभा के नंबर से वो क्यों कॉल कर रहे हैं? प्रतिभा ठीक तो है। राजेंद्र को तसल्ली हो गई थी कि ये उसकी फ्रेंड ज्योति का ही नंबर है। राजेंद्र ने कहा हाँ वो ठीक है वो अपना फ़ोन घर ही भूल गई थी इसलिए उन्होंने उसे फ़ोन किया था कि अगर वो उसके घर आए तो उसे ये बात बता देना।

इसके बाद फ़ोन काट गया। अब प्रतिभा के पास भड़कने का वैलिड प्वाइंट था। राजेंद्र ने उसे सॉरी कहा लेकिन प्रतिभा नहीं मानी। उसने कहा, ‘’नहीं पापा आप क्यों सॉरी कह रहे हैं। आपकी तो आदत हो गई है ना बात बात पर मुझे जो मन में आये सो कह देने की। पहले लड़के की फैमिली से अचानक मिलवा कर मुझे अपसेट  किया और अब आपको शक भी होने लगा। क्या कह रहे थे आप कि बच्चे ऐसे ही माँ बाप को बेवकूफ बनाते हैं। बस आपका मुझ पर इतना ही यकीन रह गया है?''

इतना कह कर प्रतिभा अपने रूम में चली गई। उसने अपना फ़ोन भी नहीं लिया। राजेंद्र को अपने किए पर पछतावा हो रहा था ये बात उनके चेहरे से साफ़ नज़र आ रही थी। और इधर दादी मन ही मन अपनी पोती की ऑस्कर लेवल एक्टिंग और धीरज की कलाकारी की दिल से तारीफ़ कर रही थीं।

दरअसल, प्रतिभा ने धीरज को शुरुआत से ही कुछ रूल्स समझाये थे, जिनमें एक खास रूल ये था कि वो दिन में उसे कभी कॉल नहीं करेगी, इसलिए अगर उसके नंबर से कोई कॉल आता है तो वो पहले ना बोले और अगर उससे कुछ पूछा जाये तो वो लड़की की आवाज़ में जवाब दे। प्रतिभा को पता था धीरज ग़ज़ब का मिमिक्री आर्टिस्ट है। उसने कई बार प्रतिभा को बेवक़ूफ़ बनाया था। प्रतिभा ने बताया था कि अगर उसे दिन में बात करनी होगी तो वो पहले मैसेज कर के बता दिया करेगी। आज ऐसा ही हुआ। प्रतिभा का कोई मैसेज नहीं गया था धीरज को और सुबह सुबह कॉल भी आ गई थी। धीरज समझ गया था कि ज़रूर कोई पंगा पड़ा है। और वो अलर्ट हो गया। इसके बाद तो जो हुआ उसने राजेंद्र को चौंका ही दिया।

अभी राजेंद्र को अफ़सोस हो रहा था कि उन्होंने प्रतिभा पर क्यों शक किया। वो यही अफ़सोस लिए नहाने चले गए। प्रतिभा ने अपना फ़ोन लिया और धीरज को मैसेज कर के शाबाशी देते हुए उसे सारी बात बता दी। वो उसे मैसेज ही कर रही थी कि तभी राजेंद्र के ज़ोर से चिल्लाने की आवाज़ आई। प्रतिभा बाहर की तरफ़ दौड़ी, उसने देखा कि उसके पापा ज़मीन पर पड़े दर्द से चिल्ला रहे थे। दरअसल जब वो नहा कर वाशरूम से निकल रहे थे तब उनका पैर फिसल गया था। ये कोई मामूली गिरना नहीं था, उनके चिल्लाने से ही लग रहा था कि उन्हें गहरी चोट लगी थी। प्रतिभा को समझ नहीं आ रहा था कि वो क्या करे। उसने घबरा कर धीरज को मैसेज कर के जल्दी घर आने के लिए कहा।

धीरज दो मिनट में घर पहुँच गया, उसने देखा दादी और प्रतिभा घबराए हुए हैं और राजेंद्र ज़मीन पर पड़े हैं। धीरज देखते समझ जाता है कि चोट उनके पैर में लगी है। वो जल्दी बाहर जा कर एक ऑटो लेकर आता है और ऑटो वाले की मदद से उन्हें ऑटो में बिठाता है। प्रतिभा भी उसके साथ ऑटो में बैठ गई। दोनों राजेंद्र जी को हॉस्पिटल ले गए। शालू और राजन को भी खबर लग गई थी। वो दोनों भी हॉस्पिटल पहुँच जाते हैं। राजेंद्र दर्द से तड़प रहे थे लेकिन इसके बावजूद उनका पूरा ध्यान धीरज पर ही था। वो तो उनकी हालत सही नहीं थी नहीं तो वो ये भी पूछ लेते कि उसे कैसे पता चला कि वो गिर गया है और वो बिल्कुल टाइम पर उसे बचाने कैसे आ गया? क्या वो उनके घर पर दूरबीन से नज़र रखता है? हालांकि राजेंद्र ये सब बोल नहीं पाये।

हॉस्पिटल में डॉक्टर राजेंद्र का इलाज कर रहे थे और उसकी नज़र धीरज पर थी। जैसे ही धीरज प्रतिभा के क़रीब होता वो ज़ोर से चिल्ला कर सबका ध्यान अपनी तरफ़ खींचते। कई बार तो डॉक्टर नहीं समझ पाए कि आख़िर ऐसे क्यों चिल्ला रहे हैं। जब उनसे बर्दाश्त नहीं हुआ तो उन्होंने उस दर्द की हालात में ही धीरज से कहा कि वो अब घर जाये, अपनी पढ़ाई का नुक़सान ना करे, या फिर उसे सच में फ़र्क़ नहीं पड़ता पढ़ाई से? धीरज ये देखकर हैरान था कि वो अभी अभी जिस बंदे को हॉस्पिटल ले कर आया था वो उससे इस हालत में भी ऐसे रुडली बात कर रहा था। फिर भी धीरज ने कहा कि वो उन्हें घर छोड़ देगा, अपनी पढ़ाई वो रात में मैनेज कर लेगा।

राजेंद्र ने कहा उस पर इतना एहसान करने की ज़रूरत नहीं है। उसका दामाद राजन उसे घर छोड़ देगा। ये सुन कर एक तरफ़ जहाँ धीरज का मूड ख़राब हो गया था वहीं राजन का मन ख़ुशी से उछलने को कर रहा था। आज पहली बार उसके ससुर ने उसे अपना दामाद कहते हुए कोई काम कहा था। उसका बस चलता तो आज वो उनके लिए हेलीकॉप्टर तक मँगवा देता। प्रतिभा को भी पापा का धीरज को ऐसे भगाना बिल्कुल अच्छा नहीं लगा। लेकिन उसके हाथ बाँधे थे। धीरज मुँह लटकाए हॉस्पिटल से लौट आया। शालू ने प्रतिभा से पूछा कि यही वो लड़का है ना जिसके पीछे पापा हाथ दो कर पड़े रहते थे? ये अपने घर कैसे पहुंच गया? प्रतिभा थोड़ा घबरायी फिर उसने ख़ुद को संभालते हुए कहा कि उसे नहीं पता शायद उसने पापा के चिल्लाने की आवाज़ सुनी हो। शालू और सवाल पूछती लेकिन तभी डॉक्टर ने रिपोर्ट देख एक नया बम फोड़ दिया।

आख़िर डॉक्टर ने ऐसा क्या बताया जिससे सब परेशान हो गए? क्या धीरज अब कभी प्रतिभा के घर नहीं जा पाएगा? 

जानने के लिए पढ़िए कहानी का अगला भाग।

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