Hey Parth! | हे पार्थ! | Author - Joshi Sachin Gopalbhai

23

Chapters

2.8K

Reads

कभी कभी हमें ऐसा कुछ मिल जाता है, जो हमने सपने में भी नहीं सोचा होता। एक यंग आर्कियोलॉजिस्ट, पार्थ सैनी को मिलती है कृष्ण की डायरी। जिसके जादुई अक्षर, उसे ज़िंदगी की उलझनों को सुलझाने का रास्ता दिखाते हैं। मगर कोई है जिसे हासिल करनी है यह डायरी और बदलनी है दुनिया की किस्मत। क्या पार्थ बचा पाएगा दुनिया को एक अनजान दुश्मन से?
Read More

1

Chapter 1: एक डायरी

261 5 months ago

2

Chapter 2: ​जादुई शब्द

122 5 months ago

3

Chapter 3: डायरी की सीख

121 5 months ago

4

Chapter 4: एक अनोखा सपना

74 5 months ago

5

Chapter 5: अननोन नंबर से मेसेज

73 5 months ago

6

Chapter 6: रागिनी की प्रॉब्लम हुई सॉल्व

68 5 months ago

7

Chapter 7: मथुरा की बारिश

46 5 months ago

8

Chapter 8: प्रकाश की छानबीन

40 5 months ago

9

Chapter 9: कुरुक्षेत्र में वापसी

36 5 months ago

10

Chapter 10: एक अजीब गाँव

46 5 months ago

11

Chapter 11: पुजारी ने बताया सच

42 5 months ago

12

Chapter 12: राधा को पहुंची ठेस

41 5 months ago

13

Chapter 13: कृष्ण की अधूरी बात

61 5 months ago

14

Chapter 14: रागिनी फंसी मुसीबत में

39 5 months ago

15

Chapter 15: बूढ़ा आदमी सब जानता है

41 5 months ago

16

Chapter 16: गहरा सदमा

45 5 months ago

17

Chapter 17: बच गया यश

43 5 months ago

18

Chapter 18: कृष्ण की खोई हुई वस्तु

38 5 months ago

19

Chapter 19: गोवर्धन पर्वत

43 5 months ago

20

Chapter 20: मोर पंख

68 5 months ago

21

Chapter 21 -  मेले में बच्चा ​

1 1 week ago

22

Chapter 22 - बर्बादी की शुरुआत 

1 1 week ago

23

Chapter 23 - देवी का प्रकोप 

1 1 week ago

Be the first to review “”

Your Rating
Write A review

No reviews available for this novel.