Sarkari Damad | सरकारी दामाद

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आगरा जल विभाग के रिटायर्ड क्लर्क राजेन्द्र मिश्रा जी को चाहिए अपनी छोटी बेटी के लिए मनचाहा- सरकारी दामाद! प्राइवेट नौकरी करने वालों से इन्हें उतना ही परहेज़ है जितना कि किसी वेजिटेरीअन को अंडे से, लेकिन राजेन्द्र मिश्रा जी को ये नहीं पता कि उनके ही बगीचे में बगावत का बबूल जगह बना रहा है। देखना ये है कि ये फ़ैमिली ड्रामा एक पिता की जिद के साथ खत्म होगा या बेटी की प्रेम कहानी के साथ! क्या वाकई मिल पाएगा इतने कॉमपिटीशन में राजेन्द्र जी को उनका सरकारी दामाद?
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Chapter 22 - धीरज और कौशिक

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