Canvas Ke Uss Paar | कैन्वस के उस पार | | Author: Monika Patidar

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एक बिज़नेसमैन, पेंटर नीना को, अपनी स्वर्गीय पत्नी वसुंधरा की तस्वीर बनाने के लिए एक जादुई पेंट देता है। वह पेंट नीना को अपनी काली शक्तियों के जाल में फंसा लेता है। बदले की आग में जल रही वसुंधरा की आत्मा, कैनवस के रंगों के साथ ज़िंदा होने लगती है। क्या वसुंधरा की आत्मा को, नीना दिला पाएगी इंसाफ़ या उसकी भी आत्मा हो जाएगी कैनवस में क़ैद?
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Chapter 1: एक पेंटिंग बनवाना है

157 1 year ago

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Chapter 2: लकड़ी का डब्बा

74 1 year ago

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Chapter 3: चौधरी बागान बाड़ी

72 1 year ago

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Chapter 4: अतीत की गूंज

54 1 year ago

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Chapter 5: कल की परछाई आज पर

50 1 year ago

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Chapter 6: मोहे रंग दे

57 1 year ago

7

Chapter 7: हाथों के दाग़ छुपाऊँ कैसे

56 1 year ago

8

Chapter 8: पीछे मत मुड़ना

48 1 year ago

9

Chapter 9: आँखें होतीं हैं दिल की ज़ुबान

52 1 year ago

10

Chapter 10: सरगोशियाँ

51 1 year ago

11

Chapter 11: है जुनून

73 1 year ago

12

Chapter 12: एकांत चाहिए

48 1 year ago

13

Chapter 13: सपना या हक़ीक़त

50 1 year ago

14

Chapter 14: सत्य या मिथ्या

50 1 year ago

15

Chapter 15: डांट से डर नहीं लगता साहब

52 1 year ago

16

Chapter 16: सच का नक़ाब

59 1 year ago

17

Chapter 17: पलायन

79 1 year ago

18

Chapter 18: आएगा आनेवाला

51 1 year ago

19

Chapter 19: आत्मा की अनुपस्थिति

58 1 year ago

20

Chapter 20: बंधे हाथ

48 308 days ago

21

Chapter 21 : कहीं अब न जा

25 307 days ago

22

Chapter 22 : मेरी आवाज़ ही मेरी पहचान है

1 306 days ago

23

Chapter 23 : प्यासी रहने दो

1 305 days ago

24

Chapter 24: लुका-छुपी बहुत हुई

1 304 days ago

25

Chapter 25 : मुझे ख़त्म करो

1 303 days ago

26

Chapter 26: स्टुडियो में वापसी

1 302 days ago

27

Episode 27: बोउदी बिना जिया जाये ना

1 301 days ago

28

Chapter 28: तुझे सब का पता, मेरी माँ

1 300 days ago

29

Chapter 29 : ये लाल रंग कब मुझे छोड़ेगा

1 299 days ago

30

Chapter 30: असली मामला

1 298 days ago

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