Rishton Ka Karz (रिश्तों का क़र्ज़)

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सुहानी की ज़िंदगी एक पल में बदल जाती है जब उसे एक ऐसी शादी में धकेल दिया जाता है, जो सिर्फ़ एक बिजनेस डील है। आरव, एक सख्त और रहस्यमयी बिजनेसमैन, इस रिश्ते को महज़ एक समझौता मानता है। लेकिन जब दबे हुए राज़ और बीते कल के दुश्मनों का सामना करना पड़ता है, तो यह कहानी सिर्फ़ एक समझौते तक सीमित नहीं रहती। हर पन्ने के साथ रहस्य और साज़िश की गहराइयाँ खुलती जाती हैं, और आप इस रोमांचक सफ़र में खुद को पूरी तरह डूबा हुआ पाएंगे। क्या प्यार इन बिखरे हुए रिश्तों को जोड़ पाएगा, या फिर बदले की आग सब कुछ राख कर देगी? अगर आपको रोमांस, सस्पेंस और दिल दहला देने वाले ट्विस्ट पसंद हैं, तो यह कहानी आपके लिए ही है!
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Chapter 1 - अनचाहा बंधन

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Chapter 2 - सौदा या तक़दीर?

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Chapter 4 - सुहानी की परीक्षा

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Chapter 5 - झूठा सच!

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Chapter 6 - संन्दुक का राज़

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Chapter 7 - सच की झलक, रिश्तों की दरार

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Chapter 9 - धुंआ और सच

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Chapter 10 - ग़ुलामी जज़्बात

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Chapter 11 - दिल का कोना

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Chapter 13 - रास्ते जुदा हैं, मंज़िल एक

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Chapter 14 - टूटते भ्रम, उभरता सच

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Chapter 15 - बगावत

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Chapter 16 - अपने पराये...

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Chapter 18 - दिल के रिश्ते, धोखे की दीवारें

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Chapter 19 - साज़िशों का घेरा!

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Chapter 20 - राज़ की तलाश

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Chapter 21 - सच की दस्तक, रिश्तों की क़ैद

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22

Chapter 22: तहख़ाने का सच

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